*निराश होने की जरूरत नहीं है.....**सब-कुछ" लॉक-डाउन नहीं हुआ* !"सूरज" की किरणें कहाँ लॉक-डाउन हैं !"माँ" का प्यार कहाँ लॉक-डाउन है !"परिवार" का साथ कहाँ लॉक-डाउन है !!"सीखने" की कला कहाँ लॉक-डाउन है !!"पशु-पक्षी" का प्यार कहाँ लॉक-डाउन है !!"उम्मीद" की किरण कहाँ लॉक-डाउन है !!"मानवता" कहाँ लॉक-डाउन है !!"बच्चों" का प्यार कहाँ लॉक-डाउन है !!"फूलों" की सुगंध कहाँ लॉक-डाउन है !!"रसोई" माँ की कहाँ लॉक-डाउन है !!"हँसना" सब का "मुस्कुराना" कहाँ लॉक-डाउन है !!"भगवान" की प्रार्थना कहाँ लॉक-डाउन है !!"अच्छे" और सात्विक विचार कहाँ लॉक डाउन हैं !!वो तो जरा हम "वक्त" के पहिए से "घूमे" जा रहे थे !!तो जरा "थम" कर सोचने का "मौका" मिला है !!ए "इंसान" कमाने की "होड़" में लगा है !जरा कुछ "पल" साँस ले-ले !कुछ "अपनों" को तो कुछ "अपने" लिए भी जी ले !!कोई "परेशानी" अपने साथ बहुत कुछ "अच्छा" भी लाती है !और "बहुत" कुछ "सिखा" कर भी "जाती" है !तो जरा "पल-भर" ठहरो आत्म-चिंतन करो !*और "आने-वाले" सुखद समय की "प्रतीक्षा" और "स्वागत" करो !!**आप सभी सुरक्षित रहें, यही ईश्वर से मंगलकामना है।*