Thursday, 6 May 2021

घाव गहरा था बहुत परदिखता न था, दिल भी बहुत दुखता था पर कोई समझता न था.. बाद में सब कहते तो हैं कि हम से कह सकते थे... पर जब-जब कहना चाहा ,कोई सुनता न था।