Thursday, 30 September 2021

किसी ने ईश्वर से पूछा आपके सबसे नज़दीक कौन है! ईश्वर ने कहा वो इंसान जिसके पास बदला लेने की शक्ति हो और उसने फिर भी माफ़ कर दिया हो..

मैंने सबसे ज्यादा धोखा अपनी अच्छाई से खाया है, सामने वाले को वैसा ही मान लिया जैसा दिखा, लेकिन बाद में पता चला की यहां लोग रावण से भी ज्यादा चेहरे लिए फिरते हैं..

अनुभव कहता है खामोशियाँ ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं.. जिंदगी गुजर गयी.. सबको खुश करने में.. जो खुश हुए वो अपने नहीं थे, जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए..कितना भी समेट लो.. हाथों से फिसलता ज़रूर है.. ये वक्त है साहब.. बदलता ज़रूर है..

अगर लोगसिर्फ जरूरत पर ही आपको याद करते हैं,तो उन्हेंगलत मत समझिये,क्योंकिआप उनकी जिन्दगी कीवो रोशनी की किरण हैं,जो उन्हें सिर्फ अन्धेरोंमें ही दिखाई देती है।

Wednesday, 29 September 2021

सही प्रशंसा व्यक्ति का हौंसला बढ़ाती है,अधिक प्रशंसा व्यक्ति को लापरवाह बनाती है ।

समय जब पलटता है तो सब कुछ पलट देता है, इसलिए अच्छे समय में घमंड ना करें और बुरे वक्त में सब्र ना छोड़े..

किसी भी व्यक्ति कीसहनशीलताएक खींचे हुए रबड़ की तरह होती है।एक सीमा से ज्यादा खींच जाने पर उसका टूटना तय है।

पलट कर ना बोलने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि जवाब नहीं हैमेरे पास...मगर कई बार रिश्ते को जिताने के लिए खुद का खामोश रहकर हार जाना बेहतर होता है।

बेहतर को छीन कर बेहतरीन देना जानता है, वो ईश्वर है आपका अच्छा बुरा आपसे बेहतर जानता है..

Monday, 27 September 2021

स्त्रियों के लिए सुकून क्या हैजब पति कानों में आकर कहे आज तुम अच्छी लग रही हो वह सुकून है।जब बेटा पेट भर खाना खालेवह सुकून है।जब बेटी कहे आज तुम बैठो खाना मैं पकाती हूं वह सुकून है।जब ससुर कहे आज खाना खाकर मजा आ गया। वह सुकून है।जब सास कहे बस बहुत हुआ अब थोड़ा आराम कर ले वह सकून है।

कंधे पर बैग आज भी है बस फर्क इतना है ,कि पहले किताबें लेकर घूमते थे और आज जिम्मेदारियां लेकर घूमते हैं

अपनी हैसियत पर कभी अभिमान मत करना दोस्तों.....उड़ान ज़मीन से शुरू और ज़मीन पर ही ख़त्म होती है.......

नसीहतवह सच्चाई है, जिसे हम कभी गौर से नहीं सुनते.. और'तारीफवह धोखा है, जिसे हम पूरे ध्यान से सुनते हैं!'

खुद से बहस करोगे तो, सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे; अगर दूसरों से बहस करोगे तो, और नये सवाल खड़े हो जायेंगे।

सोच और नियत अच्छी रखिए... फिर आपके कष्ट प्रभु स्वयं दूर कर देंगे...।

Thursday, 23 September 2021

एक औरत की कमी तब अखरती हैजब वो चली जाती है, ❤️और वापस लौट कर नहीं आतीछत पर लगे जाले व आँगन की धूलहटाने में संकोच आता है।" तुम्हारी ये सफाई " कहने का मौकानहीं मिल पाता !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब कालरों की मैल छुटाने मेंपसीना छूट जाता हैचूडियां साथ में नहीं खनकतीउसका "मेहनतकश" होना याद आता है !!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब घर में देर से आने पररोटियां ठंडी हो जाती है सब्जियों मेंतुम्हारी पसंद का जायका नहीं रहताऔर तुमसे यह कहते नही बनता"मुझे ये पसंद नहीं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब बच्चा रात को ज़ोर से रोता हैआप अनमने से उठ जाते होऔर यह नहीं कह पाते"कितनी लापरवाह हो तुम"!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप रात में अकेले सोते हैंकरवट बदलते रहते हैं बगल मेंपर हाथ धरने पर कुछ नहीं मिलता!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब त्यौहारों के मौसम मेंनयी चीज़ों के लिए कोई नहीं लड़ताऔर तुमसे ये कहते नही बनता"और पैसे नहीं हैं "!!एक औरत की कमी तब अखरती हैजब आप गम के बोझ तले दबे होते हैं ,निपट अकेले रोते हैंऔर आपके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं होताआप किसी से कुछ नहीं कह पातेहाँ, औरत की कमी तब अखरती जरूर है...

10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मामी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बापअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।🙏

किसी के साथ गलत करके अपनी बारी का इंतजार जरुर करना !!

जीवन "गणित" है। सांसें "घटती" हैंअनुभव "जुड़ते" है। अलग अलग "कोष्ठकों" में 'बंद हम 'बुनते रहते हैं "समीकरण" ।लगाते रहते हैं , "गुणा"- "भाग" जबकिअंतिम सत्य "शून्य है.

जितने अच्छे सेआप दूसरों से, दूसरों की स्त्रियों से, दूसरों के माँ-बाप से, दूसरों के बच्चों से बात करते हैं, उतने ही अच्छे से यदि अपनों से बात करने लगें तो घर में ही स्वर्ग उतर आये।

याद रखना, सपने तुम्हारे हैं, तो पूरा भी तुम ही करोगे । न ही हालात तुम्हारे हिसाब से होंगे और न लोग..

Monday, 20 September 2021

कोई भी कारण हो, कोई भी बात हो, चिढ़ो मत - गुस्सा मत करो, जोर से मत बोलो, मन शांत रखो, विचार करो - फिर निर्णय लो, आवाज से आवाज नही मिटती, बल्कि चुप्पी से मिटती है, आप गुस्सा करेंगे तो तकलीफ सिर्फ आपको होगी, दुःख भी आपको ही होगा। मन शांत रखेंगे तो सुख भी आपको ही मिलेगा।

आप किसी के लिए चाहे,अपना वजूद दांव पर लगा दो। वह तब तक आपका हैं,जब तक आप उसके काम के हो। जिस दिन आप उसके काम के नहीं रहोंगे। या कोई गलती कर दोगे, उस दिन वो आपकी सारी #अच्छाईयाँ भूलकर अपनी फितरत दिखा देता हैं।

जिन्दगी ऐसी जिओ कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें’

अगर आप क्रोध के समय थोड़ा सा धैर्य रख लें, तो कम से कम आप सौ दुःख भरे दिनों से बच सकते हैं..।

Sunday, 19 September 2021

किसी के दिल को इतना मत दुखाओ की, उसके अंदर रहने वाला परमात्मा भीदुःखी हो उठे..

अँधेरे में अपनी छाया भी साथ नहीं देती, बुढ़ापे में अपनी काया भी साथ नहीं देती, सारा जीवन दाव पर लगा दिया जिसके लिए अंत समय में वो माया भी साथ नहीं देती.।

जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है, इसलिए स्वयं को अधिक तनावग्रस्त न करे , क्योंकि परिस्थितियां चाहे कितनी भी खराब क्यों न हों लेकिन बदलेंगी जरूर..।

वक़्त कभी एक जैसा नहीं रहता , उन्हें रोना भी पड़ता है जी बेवजह दूसरों को रुलाते हैं..।

Friday, 17 September 2021

मिटाने से मिटते नहीं ये भाग्य के लेख... कर्म अच्छे करता चल... फिर ईश्वर की महिमा देख.।

तरक्की की फसल, हम भी काट लेते, थोडे से तलवे, अगर हम भी चाट लेते....बस मेरे लहजे में, "जी हुजूर" न था, इसके अलावा, मेरा कोई कसूर न था..अगर पल भर को भी, मैं बे-जमीर हो जाता, यकीन मानिए, मै कब का अमीर हो जाता.

बहुत ही सुन्दर वर्णन है.मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....अभिमान मर जाएगा आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....पत्थर दिल पिघल जाएगा दांतों को आराम देकर देखिए...स्वास्थ्य सुधर जाएगा जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए..... क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए... खुशियों का संसार नज़र आएगा.।

जो अपना न हुआ उस पर कभी हक ना जताना और जो समझ ना सके उसे कभी दुःख नाबताना..

Thursday, 16 September 2021

वक्त कभी भी,“सबूत” या “गवाह” नहीं मांगता, वो तो सीधा फैसला सुनाता है।

'ईमानदारी' एक महंगा शौक हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं हैं..

पति के लिए पत्नी से बढ़कर... और पत्नी के लिए पति से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो सकता..! अगर आपस में मशवरा करके जिंदगी के फैसले मिल कर लिए जाएं तो पूरी जिंदगी सकून से गुजरेगी..!!

पति के लिए पत्नी से बढ़कर... और पत्नी के लिए पति से बढ़कर कोई दोस्त नहीं हो सकता..! अगर आपस में मशवरा करके जिंदगी के फैसले मिल कर लिए जाएं तो पूरी जिंदगी सकून से गुजरेगी..!!

क्रोध में भी शब्दों का चुनाव ऐसा होना चाहिए किकल जब गुस्साउतरे तोखुद की नजरों में शर्मिंदा न होना पड़े

कभी कभी कुदरत हमें जान-बूझकर मुश्किल हालातों में डालती है ताकि उन लोगों के चेहरों पर लगे नक़ाब देख सके जिन पर हम आंख बंद कर भरोसा करते है।

Tuesday, 14 September 2021

ताश के पत्तों में इक्का और ज़िंदगी में सिक्का,जब चलता है तो दुनिया सलाम ठोकती है…

जो हद से बढ़ जाए वो सिर्फ बर्बादी ही लाता है..फिर वो चाहे भरोसा" हो या "गुरूर"

जब से लोग बुजुर्गों की इज्जत कम करने लगे हैं तब से लोग दामन में अपने दुआएं कम, और दवाएं ज्यादा भरने लगे हैं....

जब लड़का शादी कर के अपने घरपहुँचा, तो सबने पूछा क्या क्या मिला है दहेज में, कुछ देर तो लड़का चुप रहा, फिर जब उसे अपनी दुल्हन की रोने की आहट हुयी तो उससे रहा नहीं गया, ओ बोला, आज मै दुनिया का अमीर आदमी बन गया, एक बाप ने मुझे अपनी जान से भी प्यारी बेटी दे दी, एक भाई ने अपनी हमजोली दे दी, एक बहन ने अपनी परछाई दे दी, और तो और एक माँ जो दुनिया को सबकुछ दे सकती हैं पर अपनी संतान नहीं ओ माँने अपने आँचल में खेली गुड़िया दे दी, और क्या चाहिए मुझे।

कड़वा सचहम उन्हे ही रुलाते हैं, जो हमारी परवाह करते हैं..( माता / पिता / पत्नी)हम उनके लिए रोते है, जो हमारी परवाह नहीं करते..(औलाद)और हम उनकी परवाह करते हैं, जो हमारे लिए कभी भी नहीं रोयेगें ...! (समाज)

Sunday, 12 September 2021

कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिये क्योंकि किसी बीमार को देख कर स्वयं को बीमार कर लेना, यह समझदारी नहीं मूर्खता है..

कोई कितना भी झूठा या कपटी हो आपके साथ, आप तब भी सच्चे बने रहिये क्योंकि किसी बीमार को देख कर स्वयं को बीमार कर लेना, यह समझदारी नहीं मूर्खता है..

आखिर लोग ऐसे क्यों होते हैं, जब उन्हें अपने मतलब की बात करनी होती है तो वह कितने अच्छे से बात करते हैं। और जब मतलब नहीं होता है तो अंदाज ही बदल लेते हैं..।

परवाह मत करो कि लोग क्या सोचेंगे और क्या कहेंगे। उसी राह चलो जो सीधी और साफ हो।

सांसों का रूक जाना ही मृत्यु नहीं है! वह व्यक्ति भी मरा हुआही है , जिसने गलत को गलत कहने की हिम्मत खो दी है!

नदी जब निकलती है कोई नक्शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है ? बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है। ऐसा नहीं है कि नदी कुछ नहीं करती । उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है। इसीलिए "कर्म" करते रहिये, नवशा तो भगवान पहले ही बना कर बैठे हैं , हमको तो सिर्फ "बहना" ही है |

कभी कभी दिमाग कहता है कि, लोगों के साथ वैसा ही व्यवहार करूँ, जैसा वो हमारे साथ करते हैं। लेकिन फिर दिल कहता है , की अगर हम भी उनके जैसे बन गए , तो उनमें और हम में फर्क क्या रह जाएगा..।

Saturday, 11 September 2021

देना शुरू कर दो तो आना खुद शुरू हो जाएगा, इज्जत भी और दौलत भी..

जिस इंसान की सोच और नियत अच्छी होती है , भगवान उसकी मदद करने किसी न किसी रूप में जरूर आते हैं..।

ज़िन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे.....कोई तोहफा ना मिला आज तक,और आज फूल ही फूल दिये जा रहे थे.......तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये,और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे......दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे......आज पता चला कि मौत कितनी हसीन होती है, कमबख्त हम तो यूँ ही ज़िन्दगी जीये जा रहे थे.....!!

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना तुम लोग , क्योंकि शेर तब भी खतरनाक होता है, जब वो दहाड़ता नहीं.।

Wednesday, 8 September 2021

खुली किताब थे हम... अफसोस कि अनपढ़ के हाथ में थे हम।

भाग्य बारिश का पानी है और.. परिश्रम कुंए का जल....बारिश में नहाना आसान तो है, लेकिन.. रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे नहीं रह सकते...!!इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी चीजें आसानी से मिल जाती हैं, किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते...!!

जिंदगी में कुछ दर्द ऐसे हैं जो जीने नहीं देते ..और कुछ फर्ज ऐसे जो मरने नहीं देते..।

कितना गुस्सा आता है ना उस वक्त जब कोई आपको झूठ बोल रहा हो और आपको सच पता हो..

दिन की शुरुआत में लगता है में है कि ज़िन्दगी में पैसा बहुत ज़रूरी है, लेकिन दिन ढलने पर समझ आता है। कि ज़िन्दगी में शांति अधिक जरूरी है..

खुद के व्यक्तित्व के लिए दो ही बाते महत्वपूर्ण है खुद को तराशो और खुद को तलाशो, तब ही असल में तुम्हारा किरदार निभाने योग्य बनता है।

बेहतर को छीन कर बेहतरीन देना जानता है, वो ईश्वर है आपका अच्छा बुरा आपसे बेहतर जानता है।

*बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये।* *बेटा परेशान था।* *बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, सत्तर की उम्र में सठिया गए हैं..?**पिता कमजोर और बीमार हैं....* *जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा।... पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था।**अब पिता की एक चारपाई बरामदे में भी आ गई थी।* *हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता।* *अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।* *कुछ देर लान में टहलते लान में नाती - पोतों से खेलते, बातें करते,* *हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।* *कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें भी लाने की फरमाईश भी करते ।* *खुद खाते , बहू - बेटे और बच्चों को भी खिलाते ....**धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था।**दादा ! मेरी बाल फेंको। गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,* *तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...😗*अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।**पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं....अंशुल भोलेपन से बोला।**क्या... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?* *पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं।* *लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी।* *जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है।* *शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है।**पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था.....* *बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं**से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है....।**बुज़ुर्गों का सम्मान करें ।* *यह हमारी धरोहर है ...!**यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !* _*लेख को पढ़ने के उपरांत अन्य समूहों में साझा अवश्य करें...!!**और अपने बुजुर्गों का खयाल हर हाल में अवश्य रखें...।*🙏🏼🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏

अच्छे संस्कार.....1. लगातार दो बार से अधिक किसी को कॉल न करें*। यदि वे आपकी *कॉल नहीं उठाते हैं, तो मान लें कि इस वक्त उनके पास कुछ महत्वपूर्ण कार्य है।2. वह धन पहले लौटाएँ जो दूसरे व्यक्ति के याद दिलाने या माँगने से पहले ही लिया हो। *यह आपकी ईमानदारी और चरित्र को दर्शाता है।3. जब कोई आपको लंच / डिनर दे रहा हो तो कभी भी *मेनू पर महंगे पकवान का ऑर्डर न करें।* यदि *संभव हो तो उन्हें ही आपके लिए अपनी पसंद का ऑर्डर* करने के लिए कहें।4. ओह! तो आपने अभी तक शादी नहीं की है'? या अरे! 'क्या आपके बच्चे नहीं हैं’ जैसे अजीबो गरीब सवाल *नहीं पूछें।*'आपने घर क्यों नहीं खरीदा'? या 'आप कार क्यों नहीं खरीदते'? *यह आपकी समस्या नहीं है*।5. अपने *पीछे आने वाले व्यक्ति के लिए हमेशा दरवाजा खोलें*। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की, सीनियर है या जूनियर। आप सार्वजनिक रूप से किसी के भी साथ *अच्छा व्यवहार करें*।6. यदि आप किसी दोस्त के साथ टैक्सी लेते हैं, और वह अभी भुगतान करता है, तो *अगली बार आप भुगतान करने का प्रयास करें*।7. *विभिन्न प्रकार के विचारों का सम्मान करें*। याद रखें कि आपके लिए जो 6 दिख रहा है वो सामने से आने वाले लोगों को 9 दिखाई देगा। 8. लोगों से बात करते समय बीच में कभी *बाधा न डालें*। उन्हें अपनी बात कहने की अनुमति दें। 9. यदि आप किसी को चिढ़ाते हैं, और वे इसका आनंद नहीं लेते हैं, *तो इसे रोकें और फिर कभी ऐसा न करें*। 10. जब कोई आपकी मदद कर रहा हो तो *"धन्यवाद" जरूर कहें।*11. *सार्वजनिक रूप से प्रशंसा करें*! जरूरी हो तभी *निजी तौर पर आलोचना करें*।12. किसी के वजन पर टिप्पणी करने का कभी कोई मतलब नहीं है। *बस कहें, "आप शानदार दिखते हैं*।" 13. जब कोई आपको अपने मोबाईल पर एक फोटो दिखाता है, तो *स्वयं उसके मोबाइल पर बाएं या दाएं स्वाइप न करें*। आपको नहीं पता कि आगे उसका निजी फोटो है।14. यदि कोई सहकर्मी आपको बताता है कि उसे डॉक्टर से मिलना है, तो *यह न पूछें कि किस लिये मिलना है?*, बस कहें "मुझे आशा है कि आप ठीक हैं"। अपनी व्यक्तिगत बीमारी बताने के लिए उन्हें असहज स्थिति में न डालें। 15. अगर *आप अपने से नीचे के लोगों के साथ सम्मान* के साथ व्यवहार करते हैं तो लोग नोटिस करेंगे।16. यदि कोई व्यक्ति आपसे सीधे बात कर रहा है, तो अपने *फोन को देखना अशिष्टता है*;17. जब तक आप से नहीं पूछा जाये तब तक कभी भी *बिन मांगे सलाह न दें*;18. जब किसी से लंबे समय के बाद मिल रहे हो तो, जब तक वे इसके बारे में बात न करें, तब तक उनसे उनकी *उम्र और वेतन न पूछें*।19. अपने *काम से काम रखें* 20. अपने *धूप के चश्मे को हटा दें* जिस समय आप किसी से सड़क पर बात कर रहे हैं। यह सम्मान की निशानी है। *नेत्र संपर्क* आपके भाषण में महत्वपूर्ण है।21. *गरीबों के बीच* में अपने *धन के बारे में* कभी *बात न करें*।22. और अंत में...ऐसी *पोस्ट साझा करें।* जिससे कि आपने जो कुछ सीखा है उससे *दूसरों को भी सीखने में मदद मिले

Tuesday, 7 September 2021

अपने वो नहीं होते जो रोने पर आते हैं... अपने वो होते हैं जो रोने नहीं देते ।

इंसान दो मामलों में बेबस है दुःख बेच नहीं सकता.. सुख खरीद नहीं सकता।

बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये।बेटा परेशान था।बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, अस्सी की उम्र में सठिया गए हैं..?पिता कमजोर और बीमार हैं....जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा।... पिता की इच्छा पू्री करना उसका स्वभाव था।अब पिता की एक चारपाई बरामदे में भी आ गई थी।हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता ।अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।कुछ देर लान में टहलते लान में नाती - पोतों से खेलते, बातें करते,हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें भी लाने की फरमाईश भी करते ।खुद खाते , बहू - बेटे और बच्चों को भी खिलाते ....धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था।दादा ! मेरी बाल फेंको। गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...😗अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।*पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं....अंशुल भोलेपन से बोला।*कया... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं। लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी। जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है।* *शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है।पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था.....*बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं**से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है....।**बुज़ुर्गों का सम्मान करें ।* *यह हमारी धरोहर है ...!**यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !*और अपने बुजुर्गों का खयाल हर हाल में अवश्य रखें...।🙏🏼🙏🏼🙏🙏🙏🙏🙏copied-—-—•—-—•-—-—•—-—•-—-—•—-—•बड़े बुज़ुर्ग पेड़ों के जैसे.. सृष्टि रहे संभाल ..जैसे तुझको पाला था .. वैसे इनको पाल..तू बड़ा ये तुझसे बड़े.. इन पर कभी न चीख..समझ का ये पिटारा.. कुछ सीख सके तो सीख.. -

Sunday, 5 September 2021

विश्वास में वो शक्ति हैजिससे उजड़ी हुई दुनियां में फिर से प्रकाश किया जा सकता है।good morning

दोस्ती और रिश्तेदारी में उतने ही पैसे उधार दो, जितने भूल जाने की ताकत हो, वरना रिश्ता और पैसे दोनो गवाँ दोगे ।

मुझे बुरे लोगों से नहीं, दोगले लोगों से नफरत है.. बुरे आदमी को माफ किया जा सकता है, दोगले आदमी को नहीं..

शाम ढले हर पंछी को घर जाना पड़ता है,कौन ख़ुशी से मरता है मर जाना पड़ता हैं।

शाम ढले हर पंछी को घर जाना पड़ता है,कौन ख़ुशी से मरता है मर जाना पड़ता हैं।

ज़रुरी नहीं कि हर समय जुबां पर भगवान का नाम आये.... वो लम्हा भी भक्ति का होता है जब इंसान इंसान के काम आये।

किसी पर आरोप लगाने से पहले ये देखना चाहिए कि हम स्वयं कितने सही है..

किसी पर आरोप लगाने से पहले ये देखना चाहिए कि हम स्वयं कितने सही है..

अक्षर-अक्षर हमें सिखातेशब्द-शब्द का अर्थ बताते,कभी प्यार से कभी डाँट से, जीवन जीना हमें सिखाते। happy teacher 's day .

Saturday, 4 September 2021

कोई अगर आपके रास्ते में गड्डा खोदे तो परेशान मत होना क्योंकि ये वही लोग है जो आपको छलांग लगाना सिखाएंगे..

जब तक किसी भी बात की पूरी जानकारी ना हो तब तक हमें वहाँ मौन रहना ही उत्तम है । क्योंकि अधूरा सत्य पूर्ण झूठ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है..।

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है पर जो रिश्ते हों उनमें जीवन होना जरूरी है।

शब्द मुफ्त में मिलते हैं, उनके चयन पर निर्भर करता हैकि उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी " "

Friday, 3 September 2021

इतिहास गवाह है खबर हो या कब्रखोदते अपने ही है !

आप किसी का अच्छा करते रहो, करते रहो.. फिर होता यह है कि वह आपको बेवकूफ समझने लग जाता है...।

ये शोहरते, ये मोहोब्बते, ये कामयाबियाँ, सब फिजूल हों गए... जब जीनी चाही हमने जिंदगी, हम सुपुर्दे धूल हों गए.... अब यादें ही बावस्ता रह जाएंगी मेरी... अब हम हर दिल में रहेंगे सबकी नजरो से दूर हो गए....

ये शोहरते, ये मोहोब्बते, ये कामयाबियाँ, सब फिजूल हों गए... जब जीनी चाही हमने जिंदगी, हम सुपुर्दे धूल हों गए.... अब यादें ही बावस्ता रह जाएंगी मेरी... अब हम हर दिल में रहेंगे सबकी नजरो से दूर हो गए....

जिन चार लोगों में बैठकर आप दूसरों की बुराई करते हैं, यकीन मानिए आपके जाते ही वहां पर आपकी बुराई शुरू हो जाएगी..

जिंदगी का सच बस इतना सा हैं..इंसान पल भर में याद बन जाता हैं।

बहुत सी गलतियां हुई जिंदगी में, लेकिन जो गलतियाँ लोगों कोपहचानने में हुई, उनका नुकसान सब से ज़्यादा है..।

Thursday, 2 September 2021

सुबह होते ही फूलों को भी नहीं पता होता है कि मंदिर जाना है या शमशान,इसलिए ज़िंदगी जैसी भी है हँस खेल के जिओ।।।। सुप्रभात ।।।

भरोसाउस पर करो जो तुम्हारी तीन बात समझ सके, मुस्कुराहट के पीछे का दर्द, गुस्से के पीछे का प्यार, चुप रहने के पीछे की वजह।

झूठा आदमीअन्त में अपने सिवायऔर किसी कोधोखा नहीं दे सकता ৷

अगर कठिन समय आए, तो ये सोचिए की अच्छा समय आपके लिए इंतजार कर रहा है ।

सस्ते में लूट लेती है येदुनिया अक्सर उन्हें, जिन्हेंखुद की कीमत का अंदाजानहीं होता।

गिले-शिकवे सिर्फ़ साँस लेने तक ही चलते हैं। बाद में तो सिर्फ़ पछतावे रह जाते हैं।दोनों तरफ़ से निभाया जाये, वही रिश्ता कामयाब होता है साहिब। एक तरफ़ से सेंक कर तो रोटी भी नहीं बनती।

Wednesday, 1 September 2021

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!*एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया। वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं।अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि बैल काफी बूढा हो चूका था अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।। किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी।जैसे ही बैल कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया। सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे तभी किसान ने कुएँ में झाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया..अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह बैल एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उस पर चढ़ जाता था। जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एक सीढी ऊपर चढ़ आता जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह बैल कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया । ध्यान रखे आपके जीवन में भी बहुत तरह से मिट्टी फेंकी जायेगी बहुत तरह की गंदगी आप पर गिरेगी जैसे कि , आपको आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही आपकी आलोचना करेगा कोई आपकी सफलता से ईर्ष्या के कारण आपको बेकार में ही भला बुरा कहेगा कोई आपसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो आपके आदर्शों के विरुद्ध होंगे... ऐसे में आपको हतोत्साहित हो कर कुएँ में ही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हर तरह की गंदगी को गिरा देना है और उससे सीख ले कर उसे सीढ़ी बनाकर बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है। सकारात्मक रहे.. सकारात्मक जिए!इस संसार में.... सबसे बड़ी सम्पत्ति *"बुद्धि "* सबसे अच्छा हथियार *"धैर्य"* सबसे अच्छी सुरक्षा *"विश्वास"* सबसे बढ़िया दवा *"हँसी"* हैऔर आश्चर्य की बात कि *"ये सब निशुल्क हैं "*सोच बदलो जिंदगी बदल जायेगी।(कॉपी)

वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, जो सबक सीखाया जिंदगी ने।

कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती हैं. किंतु तोता दूसरे की भाषा बोलता है, इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है. अपनी भाषा, अपने विचार और "अपने आप" पर विश्वास करें

जिन्होंने आपको कष्ट दिया.. कष्ट तो उन्हें भी मिलेगा, औरयदि आप भाग्यशाली रहे तो ईश्वर आपको यह देखने का अवसर भी देंगे!

शोर मचाने से सुर्खियां नही मिलती जनाब.. कर्म ऐसा करो की ख़ामोशी भी अखबारों में छप जाये..

*सीन_1**सुबह सब्जी मंडी का दृश्य :-काका आलू कैसे दिए।।**(किसान)- 15 ₹ किलो बाऊजी**सही लगाओ*किसान- सही है बाऊजी*बड़ी लूट मचा रखी है 10 के लगाओ।*किसान- नही बाऊजी, नही बैठेगा ।अरे देदो... दो किलो लूंगा*किसान- ठीक है बाउजी लेलो।😢**सीन_2*शाम का वक़्त घर का दृश्य:Hello pizza hut: Yes sir.Please book order, one large capsicum paneer pizza with extra cheez and one garlic bread.Ans: Okay sir.*सीन_3*Knock knock.... Ting tongकौन है ?Pizza delivery boy: Pizza hut, sir.Ohh coming... Thanks.... कितना हुआ ? Ans: 570 Rs. Sir.ये लो 600 and keep the change; बहुत मेहनत करते हो.Ans: Thanks Sir.*सीन_4*कमरे का दृश्य - TV में समाचारदो किसानों ने और आत्महत्या की।*(Pizza खाते हुए) - साला, ये गवर्नमेंट किसानों के बारे में बिल्कुल भी नही सोच रही...बड़े शर्म की बात है !**नाटक_समाप्त 🙄*