Wednesday, 8 April 2020

हमें अहसास हो गया कि कुदरत के आगे हम पहले भी जीरो थे, आज भी जीरो हैं ।.*कार है, पैसा है, दुकान है,फैक्ट्री है, सोना है, बहुत सारे नए कपड़े हैं... सब जीरो जैसे हो गए हैं *अपने ही घर मे डरे डरे घूम रहे हैं... पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई अपना प्रिय भी आ जाये, तो अच्छा नहीं लग रहा..कुदरत ने बता दी हमें हमारी औकात...सबका घमंड चूर चूर कर दिया..बहुत लोग घमंड में कहते थे कि, *तुम हमें जानते नही हो!*अब ये कुदरत ने बता दिया है कि, *तुम लोग मुझे जानते नहीं हो..*अभी ये जो ज़िन्दगी है, यही सत्य है..आत्म मंथन करो, सत्य को स्वीकारो..*खुदा की लाठी के आगे हम सब जीरो हैं *।Covid 19 . lockdown effect..