Sunday 10 April 2022

जीवन "चाय" बनाने के जैसा है, अपने "अहंकार"को उबाल लीजिए.. अपनी चिंताओं को भाप बनाकर उड़ा दीजिए.. अपने दुखों को घुल जाने दीजिए.. गलतियों को छान लीजिए.. और खुशियों का स्वाद मुस्कुराते हुए लीजिए..!