"#रिश्ते....मम्मी मुझे आपसे बात करनी है आराध्या अपनी मां सुधाजी से फोन पर बोली...हां... हां बोल बेटा ... सुधाजी ने कहामम्मी आपने कहा मेरी शादी करवा दी ये तो ठीक है मगर बाकी सब ...मेरा मतलब देवर ननद सास ससुर सभी मुझे तंग करते है ...वो गीता ( ननद) जब देखो भाभी मुझे आपके जैसे दिखना है लिपस्टिक लगा लूं ...भाभीजी प्लीज मैथ्स मे मेरी मदद करो ना .....और वो देवर (सुमित ) भाभी कालेज का प्रोजेक्ट है बताइए ना कैसे करुं ....भाभीजी एग्जाम मे कैसे क्या पढूं ...उफ्फ परेशान हो गई मै तो ...अब ज्यादा पढी हूं तो क्या उनकी टयुटर बन जाऊं... और मेरे सास ससुर ...बेटा ये बना दो वो बना दो ...मुझे और इनको स्पेस नही देते ...मे कोई नौकरानी हूं क्या ...सुधाजी मुसकुराती बोली -बेटा रिश्ते पानी के जैसे होते है जो रंग डालोगी वैसे बनेंगे .....असल में वो तुमसे स्नेह करते हैं और तुम्हारी काबलियत का सम्मान करते है ...मम्मी आप भी शुरू मत हो जाओ ...कोई उपाय बताओगुस्से मे आराध्या बोली...अच्छा एक काम कर ....कहकर सुधाजी ने कुछ आराध्या को समझाया अगले दिन आराध्या बिस्तर से नही उठी ...पहले सास ससुर आए फिर देवर ननद ...उसने सबसे कहा उसकी तबीयत ठीक नही है ....कुछ ही देर मे ननद और सास रसोई घर मे नाश्ता और लंच बनाने की तैयारियों मे लग गई बिस्तर पर ही उसके लिए नाश्ता चाय हाजिर हो गया देवर उसके सिर पर बाम लगा रहा था वही ससुर ने अपने फैमिली डाक्टर को बुलवाकर आराध्या का चेकअप करवाया और बढिया से बढिया दवाई लिखने को कहा ...साथ ही इतनी देर मे देवर फल फ्रूट और जूस लेकर हाजिर हो गया ....सबकुछ आराध्या भीगी आँखों से देख रही थी उसे अपनी सोच पर शर्मिंदगी हो रही थी ... ...सचमुच मां सच कहती है रिश्ते पानी के जैसे होते है प्यार के रंग डालोगे तो प्यार ही प्यार मिलेगा..उसने निर्णय किया अबसे वो अपने इस परिवार मे हमेशा घुलमिल रहेगी...मेरे दोस्तों...पोस्ट का मतलब बस इतना है की छोटी छोटी नौकझोक को बडा ना बनाए उसमें मिठास के जरिये समझदारी दिखाते हुए बनाए रखिए ...अक्सर बेटी को कुछ वक्त लगता है ससुराल मे एडजस्ट होने मे उसे अच्छे से समझाए नाकि अलग होने की बुद्धि दे ...परिवारिक एकता बेहद जरुरी है दोस्तों...