Thursday, 31 December 2020
लंगर के पिज्जे तो तुम्हें दिख गये,दिसम्बर की ठंड तुम्हें दिखी नहीं।ढूंढने में लग गये तुम देशद्रोही,इन किसानों में रिटायर फौजी तुम्हें दिखे नहीं।इन्हीं के बेटे लड़ रहे हैं सरहद पर,इनके किये उपकार तुम्हें दिखे नहीं।तन-मन समर्पित है इनका इस मिट्टी को,भला क्यूँ ये किसान भाई तुम्हें दिखे नहीं।फ़ंडिंग किसने की ये तुम पूछते हो,लॉक डाउन में किये दान तुम्हें दिखे नहीं।भगत सिंह को भी टेररिस्ट कहा गया था कभी,इन सरकारों के झूठे बयान तुम्हें दिखे नही।मसाज करती कुछ मशीनें तो तुम्हें दिख गईं,पैरों के जख्म तुम्हें दिखे नहीं।लंगर के काजू-बादाम तो तुम्हें दिख गये,इन बुजुर्ग किसानों के बलिदान तुम्हें दिखे नहीं।आजाओ बचा लो पूँजीपत्तियो से देश को,ऐसा ना हो कि फ़िर कभी किसान दिखे नहीं।किसान एकता जिंदाबाद👍 #supportfarmers
जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला,कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..कुछ ख्वाइशें दिल में रह जाती हैं..कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..कुछ छोड़ कर चले गये..कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में ..कुछ मुझसे बहुत खफा हैं..कुछ मुझसे बहुत खुश हैं..कुछ मुझे मिल के भूल गये..कुछ मुझे आज भी याद करते हैं..कुछ शायद अनजान हैं..कुछ बहुत परेशान हैं..कुछ को मेरा इंतजार हैं ..कुछ का मुझे इंतजार है..कुछ सही हैकुछ गलत भी है.कोई गलती तो माफ कीजिये औरकुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये।Happy New Year Friends
Wednesday, 30 December 2020
Tuesday, 29 December 2020
आने वाले नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँस्वागत दिल से मै करूं ऐ दिसंबर! तुम जाते जाते अच्छा कर जाना। संग ले जाना इन कड़वी यादों को, सौगात खुशियों की तुम दे जाना! ऐसा साल न आये जीवन मे कभी, इंसानों को जिसने अलग किया,यादें ही रह गई दिलों मे, जिसने अपनों को खो दिया। जल्द से जल्द बीते ये अंतिम महीना, नये वर्ष की करनी हमको तैयारी, करें प्रार्थना ईश्वर से हमसब मिलकर, फिर न आये ऐसी बीमारी!!
#beti ...एक हृदयस्पर्शी कहानी.....!एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया जन्म होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा गयी।मनहूस पर बाप ने कुछ नही कहा अपनी बेटी को, बेटी का पालन पोषण शुरू किया, खेत में काम करता और बेटी को भी खेत ले जाता, काम भी करता और भाग कर बेटी को भी संभालता।रिश्तेदारों ने बहुत समझाया के दूसरा विवाह कर लो पर बाप ने किसी की नही सुनी और पूरा ध्यान बेटी की और रखा। बेटी बड़ी हुयी स्कूल गयी फिर कॉलेज।हर क्लास में फर्स्ट आयी बाप बहुत खुश होता लोग बधाइयाँ देते।बेटी अपने बाप के साथ खेत में काम करवाती, फसल अच्छी होने लगी, रिश्तेदार ये सब देख कर चिढ़ गए। जो उसको मनहूस कहते थे वो सब चिढ़ने लग गए।लड़की एक दिन अच्छा पढ़ लिख कर पुलिस में SP बन गयी।एक दिन किसी मंत्री ने उसको सम्मानित करने का फैसला लिया और समागम का बंदोबस्त करने के आदेश दिए। समागम उनके ही गाँव में रखा गया।मंत्री ने समागम में लोगों को समझाया के बेटा बेटी में फर्क नही करना चाहिए, बेटी भी वो सब कर सकती है जो बेटा कर सकता है।भाषण के बाद मंत्री ने लड़की को स्टेज पर बुलाया और कुछ कहने को कहा। लड़की ने माइक पकड़ा और कहा-मैं आज जो भी हूं अपने बाबुल (पिता) की वजह से हूं जो लोगों के ताने सह कर भी मुझे यहाँ तक ले आये। मेरे पालन पोषण के लिए दिन रात एक कर दिया।मैंने माँ नहीं देखी और न ही कभी पिता से कहा के माँ कैसी थी, क्योंकि अगर मैं पूंछती तो बाप को लगता के शायद मेरे पालन पोषण में कोई कमी रह गयी।मेरे लिये मेरे पिता से बढ़ कर कुछ नही बाप सामने लोगों में बैठ कर आंसू बहा रहा था बेटी की भी बोलते बोलते आँखे भर आयी।उसने मंत्री से पिता को स्टेज पर बुलाने की अनुमति ली। बाप स्टेज पर आया और बेटी को गले लगाकर बोला -रोती क्यों है बेटी, तू तो मेरा शेर पुत्तर है, तू ही कमजोर पड़ गया तो मेरा क्या होगा, मैंने तुझको सारी उम्र हँसते देखना है।बाप बेटी का प्यार देखकर सब की आँखें नम हो गयी। मंत्री ने बेटी के गले में सोने का मेडल डाला। लड़की ने मैडल उतार कर बाप के गले में डाल दिया।मंत्री ने कहा- ये क्या किया, तो लड़की बोली- मैडल को उसकी सही जगह पहुँचा दिया। और कहा इसके असली हकदार मेरे पिता जी हैं।समागम में तालियाँ बज उठी...!!यह उन लोगों के लिए सबक है जो बेटियों को चार दीवारी में रखना पसंद करते हैं, पर ये फूल बाहर खिलेंगे अगर आप पानी लगाकर इन फूलों की देखभाल करोगे
Monday, 28 December 2020
Sunday, 27 December 2020
👏🏼👏🏼 *बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये।* *बेटा परेशान था।* *बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, सत्तर की उम्र में सठिया गए हैं..?**पिता कमजोर और बीमार हैं....* *जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा।... पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था।**अब पिता की एक चारपाई बरामदे में भी आ गई थी।* *हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता।* *अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते ।* *कुछ देर लान में टहलते लान में नाती - पोतों से खेलते, बातें करते,* *हंसते , बोलते और मुस्कुराते ।* *कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें भी लाने की फरमाईश भी करते ।* *खुद खाते , बहू - बेटे और बच्चों को भी खिलाते ....**धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था।**दादा ! मेरी बाल फेंको। गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी,* *तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...:**अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो।**पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं....अंशुल भोलेपन से बोला।**क्या... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा ?* *पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं।* *लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी।* *जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है।* *शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है।**पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था.....* *बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं**से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है....।**बुज़ुर्गों का सम्मान करें ।* *यह हमारी धरोहर है ...!**यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !* _*लेख को पढ़ने के उपरांत अन्य समूहों में साझा अवश्य करें...!!**और अपने बुजुर्गों का खयाल हर हाल में अवश्य रखें...।*नमस्ते जी🙏🙏🙏🙏🔥🔥
Saturday, 26 December 2020
हम जब गुस्सा करते है, इससे हमारी ही सेहत खराब होती है। हमारे दिमाग की सोचने-समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है और शरीर में रक्त का बहाव भी तीव्र हो जाता है ,जिससे blood-pressure भी बढ़ जाता है, और दिमाग पर भी बोझ इतना अधिक हो जाता है कि हमारे शरीर की नाड़ियो पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और इससे लकवा भी हो सकता है।
Friday, 25 December 2020
Thursday, 24 December 2020
🙏Dedicated to all females ❤️❤️मुझे भी एक रविवार चाहिए, साल में बस एक दो बार ही चाहिए, खो रही हूँ अपने ही भीतर कहीं मैं, ख़ुद के साथ घण्टे दो चार चाहिए, मुझे भी एक रविवार चाहिए...सरपट दौड़ती रोज़ की सुबह नहीं, एक दिन मीठी सी भोर चाहिए, रसोई की चिंता यूँ तो कभी जाती नहीं, पर एक दिन मुझे भी अवकाश चाहिए, मुझे भी एक रविवार चाहिए...ना कपड़े, ना बर्तन, ना झाड़ू, ना कटका, ना बच्चों का होमवर्क, ना पानी का मटका, एक दिन इनकी न हो कोई फ़िक्र मुझे, एक प्याली गर्म चाय, बिस्तर पर चाहिए, मुझे भी एक रविवार चाहिए...सब बैठें हों जब साथ, मैं किचन में न रहूँ, वो बातें, वो ठहाके, जो छूट गए थे कभी, वो सब एक दिन के लिए लौटा दो मुझे, आधी हँसी नहीं, बेफ़िक्र मुस्कान चाहिए, मुझे भी एक रविवार चाहिए...घर के हर कोने में बसती है जान मेरी, मुझे प्यारी बहुत, है ये दुनिया मेरी, शिकायत नहीं है ये, है ख़्वाहिश मेरी, एक दिन मुझे भी थोड़ा आराम चाहिए, मुझे भी एक रविवार चाहिए...💔 🙏
Wednesday, 23 December 2020
न बीजेपी की कब्र खुद रही है न कांग्रेस की ,",कब्र खुद चुकी है लोकतंत्र की,"असल में यह लड़ाई बिलो की वापसी की नहीं है, ये लड़ाई उस राजनीतिक व्यवस्था से है जो लोकतंत्र को बंधक बना चुकी है ,लोकतंत्र की अलग परिभाषा गढ़ी जा चुकी है ,जिसके समर्थन में सियारो की फोज खड़ी हैं जो हर किसी का शिकार करने के लिए आमादा है एक रंगा सियार दिल्ली से हुक्की हूं चिल्लाता है बस उसकी फोज गला फाड़कर नकल करना शुरू कर देती है ,चाहे किसी पार्टी की सत्ता रही हो प्रश्न पार्टियों का नहीं है,न ही ये पार्टी का खड़ा किया हुआ आंदोलन है ,नहीं तो कब का खत्म हो चुका होता , जो पार्टी आज समर्थन कर रही है वहीं कल बिल के विरोध में थी और आज जो पार्टी विरोध कर रही है वहीं कल समर्थन में थी ,सवाल उस दृष्टिकोण का है कि सत्ता में बैठकर सत्ताधीश जनता को किस दृष्टि से देखता है ,कैसे ऐसा कोई बिल संसद में पारित हो सकता है जिसके लिए न्यायालय में जाने तक की मनाही है ।कैसे ऐसा कोई बिल संसद में व्यापार के नाम पर पारित हो सकता है जिसके केंद्र में कृषि हो जबकि कृषि संबंधित कानून राज्य का विषय है ।कैसे राज्य सभा में बिना किसी बहस के ,बिना वोट किए कानून पारित किया जा सकता है ।कैसे विरोध की आवाज को कोरॉना के नाम पर दबाया जा रहा है ,कैसे Corona के नाम पर संसद बंद कर दी गई जबकि इसी Corona समय में ही ये तीनों बिल पास किए गए ।क्या किसी देश का प्रधानमंत्री ये बोल सकता है कि उसके देश की जनता गुमराह हो गई है ।कैसे संभव है कि गाड़ी के नीचे कुत्ते के पिल्ले के आ जाने पर दर्द दिखाने वाले देश के प्रधानमंत्री के मुंह से शहीद किसानो की लिए एक शब्द भी नहीं निकले ।कैसे ऐसा कोई बिल देश की संसद में पास हो सकता है जो ये घोषणा करता है कि अनाज, चावल, प्याज आज से आवश्यक वस्तु नहीं रही ।एक ऐसे समय में जब देश में विपक्ष न के बराबर है,सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने की कोई हिम्मत नहीं कर पा रहा है लोकतंत्र के सारे स्तंभ गिरा दिए गए हो लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी किसान ने उठाई है आज विपक्ष की भूमिका में किसान आकर खड़ा हो गया है ,इस आक्रोश को जितना जल्द समझेंगे उतना अच्छा होगा नहीं तो ये किसान आंदोलन इतिहास लिखने जा रहा है , ये लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है, किसानो के साथ खड़े हो जाइए नही तो कल जो होगा उसके जिम्मेदार केवल और केवल आप होंगे फैसला आपका लेना है क्योंकि देश आपका है
This is a holiday season but it doesn’t feel like one. With increasing covid cases, lockdown and the current farmers protest in India.farmers are struggling for their rights and are on the roads in freezing cold weather. My heart bleeds when I think of the people who have lost their lives during the protest. These are the people who deserve a voice and They are on the roads during the pandemic risking their lives because they know the new laws and bill will ruin the “future of their children”. 3 bills were passed in India that in their current form will result in more hardship for farmers. As such, the issue of farmer suicides in India has been grave. If these bills remain, it will become challenging for farmers to sustain. We must support and create awareness about the protest during present times. On an average one dead body of the farmer reaches Punjab everyday from the borders of Delhi. The farmers are vehemently protecting their land from industrialists and we need to support them. I believe, they need more than just prayers to win this fight. They need financial support and since they are not getting enough media coverage it’s crucial that we spread the word and create awareness. Please donate generously and share the pictures of the protest on social media. Please stand with the farmers ! Stand with humanity ! #standwithfarmerschallenge #SupportFarmersProtest #TractorToTwitterPhoto credit - Param Shiv 23 dec 2020.
This summary should also further explain all the Valid reasons behind the protest.1. Bill does not allow the farmer to approach the court. If there is a dispute, SDM will decide. If the decision is not acceptable, then the farmer must approach the Joint Secretary of central govt.a. Imagine a 2-acre farmer putting a fight with Corporations with legal departments in front of SDM OR traveling to Delhi to approach Joint Secretary2. Buyer will draw a contract and if a farmer cannot meet the agreement, then SDM can impose a fine of up to 5 lacs.a. Imagine farmer reading/negotiating Airtel or Jio contracts.b. How many of us were successful in getting these service providers a promised speed?c. Chips maker had a contract with potato farmers in Punjab, and later it rejected potatoes on the ground that potatoes are not of the same shape or size. Remember, potatoes grow in soil and are not manufactured in the cast.3. Bill waives tax (Punjab 8.5 and Haryana 6%) collected by Mandi boards from private buyers.a. This removes competition for private players from Mandi boards.b. This revenue is collected from central agencies to build rural area infrastructure. Who will now fill that tax hole?4. Bill does not guarantee MSP or mentions ita. Allows private players to buy farm produce at a lower price5. BILL removes essential commodity acta. Allow hoardings and raise prices for food items.6. Bill supporters claim that it removes the middleman (Arthiya).a. But Bill introduces now bigger sharks removing small fish.b. Arthiya works on a 1-2% service feec. He facilitates purchase from buyer bases on service fee like any other dealership or service provider.d. There is no mark up in the purchase price7. The crop being a 6-month cycle, Arthiya is like atm to farmers providing credit for 6 months cycle for inputs purchases.a. Now, with Arthiya being removed, who will provide creditb. Where does the farmer go for money to buy farm inputs and his daily needsc. Bill or Government has not created an alternative for this8. Why protests are limited to Punjab and Haryanaa. Farming is a state subject. States like Bihar had removed APMC in 2006, leaving only private players.b. Punjab and Haryana have developed a Mandi system over the years where any produce brought into Mandis cannot be purchased below MSP.c. Crops like Rice are sold in states like Bihar at a price below the MSP.d. Farmers from neighboring states sell their produce at MSP in Punjab or Haryana as these states have better Mandi system which offers MSPe. On ground Haryana BJP govt has stopped farmers from other states to sell their crops in Haryana which itself is stand opposite to Central Govts new Bills#CopiedandReposted#kisanektazindabaad#isupportfarmers#SupportFarmersProtest#kisaanektazindabad#tractor2twitter#supportkisaan#supportfarmers
*प्रेरणा दायक प्रसंग*💐🌷🌹*एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- "मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।"* *यह सुनकर मंत्री को बहुत दु:ख हुआ। लेकिन जब तक वह राजा से कोई कारण पूछता, तब तक राजा आगे बढ़ गया।**अगले दिन मंत्री उस दुकानदार से मिलने के लिए एक साधारण नागरिक के वेष में उसकी दुकान पर पहुँचा। उसने दुकानदार से ऐसे ही पूछ लिया कि उसका व्यापार कैसा चल रहा है? दुकानदार चंदन की लकड़ी बेचता था। उसने बहुत दुखी होकर बताया कि मुश्किल से ही उसे कोई ग्राहक मिलता है। लोग उसकी दुकान पर आते हैं, चंदन को सूँघते हैं और चले जाते हैं। वे चंदन कि गुणवत्ता की प्रशंसा भी करते हैं, पर ख़रीदते कुछ नहीं। अब उसकी आशा केवल इस बात पर टिकी है कि राजा जल्दी ही मर जाए। उसकी अन्त्येष्टि के लिए बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी खरीदी जाएगी। वह आसपास अकेला चंदन की लकड़ी का दुकानदार था, इसलिए उसे पक्का विश्वास था कि राजा के मरने पर उसके दिन बदलेंगे।* *अब मंत्री की समझ में आ गया कि राजा उसकी दुकान के सामने क्यों रुका था और क्यों दुकानदार को मार डालने की इच्छा व्यक्त की थी। शायद दुकानदार के नकारात्मक विचारों की तरंगों ने राजा पर वैसा प्रभाव डाला था, जिसने उसके बदले में दुकानदार के प्रति अपने अन्दर उसी तरह के नकारात्मक विचारों का अनुभव किया था।* *बुद्धिमान मंत्री ने इस विषय पर कुछ क्षण तक विचार किया। फिर उसने अपनी पहचान और पिछले दिन की घटना बताये बिना कुछ चन्दन की लकड़ी ख़रीदने की इच्छा व्यक्त की। दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने चंदन को अच्छी तरह कागज में लपेटकर मंत्री को दे दिया।* *जब मंत्री महल में लौटा तो वह सीधा दरबार में गया जहाँ राजा बैठा हुआ था और सूचना दी कि चंदन की लकड़ी के दुकानदार ने उसे एक भेंट भेजी है। राजा को आश्चर्य हुआ। जब उसने बंडल को खोला तो उसमें सुनहरे रंग के श्रेष्ठ चंदन की लकड़ी और उसकी सुगंध को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रसन्न होकर उसने चंदन के व्यापारी के लिए कुछ सोने के सिक्के भिजवा दिये। राजा को यह सोचकर अपने हृदय में बहुत खेद हुआ कि उसे दुकानदार को मारने का अवांछित विचार आया था।**जब दुकानदार को राजा से सोने के सिक्के प्राप्त हुए, तो वह भी आश्चर्यचकित हो गया। वह राजा के गुण गाने लगा जिसने सोने के सिक्के भेजकर उसे ग़रीबी के अभिशाप से बचा लिया था। कुछ समय बाद उसे अपने उन कलुषित विचारों की याद आयी जो वह राजा के प्रति सोचा करता था। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे नकारात्मक विचार करने पर बहुत पश्चात्ताप हुआ।* *यदि हम दूसरे व्यक्तियों के प्रति अच्छे और दयालु विचार रखेंगे, तो वे सकारात्मक विचार हमारे पास अनुकूल रूप में ही लौटेंगे। लेकिन यदि हम बुरे विचारों को पालेंगे, तो वे विचार हमारे पास उसी रूप में लौटेंगे।* *"कर्म क्या है?"* *"हमारे शब्द, हमारे कार्य, हमारी भावनायें, हमारी गतिविधियाँ.।"* *हमारे सोच विचारों से ही हमारे कर्म बनते हैं।* 💐💐💐 💐
Tuesday, 22 December 2020
हाथ मे छड़ीपकडा हुआ हलबुआई का वक्तजी मे हलचल ।फटा कुर्तानङ्गे पाँवजेठ की धूपनसीब न छांव ।जोत बृषभभूखे प्यासेटपकती लारहॉपति सांसे ।सूखी रोटीछाछ या सागनिहारता मौसमअपना भाग ।गोबर की खुश्बूपसीने के स्नानसमय की बुआईबुद्धिमता की पहचान ।लहलाती फसलसीना तानसंम्पन कृषकगाँव की शान ।अतिवृष्टि या सूखाकंही मरे न भूखानोत्तंक मंडी भावफिर भी गहरा लगाव ।कंही निराई,कंही कटाईकभी सिंचाई,गोबर ढुलाईकिंटो पर करो दवाईवनचरों से अलग लड़ाई ।सर का साफाअलग पहचानसच्चाई,ईमानदारीकिसान महान । #supportkisaan
Monday, 21 December 2020
इतना आसान कहाँ था गृहिणी होना😊चलती कलम छोड़ झाडू घसीटनादूध की मलाई खाना छोड़मक्खन के लिये बचत करनादुपट्टे से उम्र के सम्बंध जोड़नाकभी साड़ी में घसीटनाकभी चुनरी खीसकने से संभालनाकिताबें छोड़गृहस्थी पढ़नाएक एक फुल्का गोल सेंकनासहेलियाँ छोड़दीवारों से बात करनाचुप रहनामस्तियाँ भुलाबड़ी होने का ढोंग करनाझुमकियों से कानों का बोझ मरनाघूंघट में खुद को गुनहगार समझनापीला रंग उड़ा कर*तुम्हारी पसंद पहननाहाथ की घड़ी उतारखनकती चूडियाँ पहननापायलों का पैरों में चुभनाकपड़ों के साथ सपने निचौड़धूप में सुखानारोज सुबह जल्दी उठनाअपनी फिक्र छोड़सबकी सुननामैथ के सवाल करते करतेअचानक दूध के हिसाब करनाइतना आसान कहाँ था गृहिणी होना ।।😊*सभी महिलाओं को समर्पित*💐💃💃
Sunday, 20 December 2020
Saturday, 19 December 2020
10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मुमानी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बापअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।
* कर्म - भोग * पूर्व जन्मों के कर्मों से ही हमें इस जन्म में माता - पिता , भाई - बहन , पति - पत्नि , प्रेमी - प्रेमिका , मित्र - शत्रु , सगे - सम्बन्धी इत्यादि संसार के जितने भी रिश्ते नाते हैं , सब मिलते हैं । क्योंकि इन सबको हमें या तो कुछ देना होता है या इनसे कुछ लेना होता है । * सन्तान के रुप में कौन आता है ?* वेसे ही सन्तान के रुप में हमारा कोई पूर्वजन्म का 'सम्बन्धी' ही आकर जन्म लेता है । जिसे शास्त्रों में चार प्रकार से बताया गया है -- * ऋणानुबन्ध :-* पूर्व जन्म का कोई ऐसा जीव जिससे आपने ऋण लिया हो या उसका किसी भी प्रकार से धन नष्ट किया हो , वह आपके घर में सन्तान बनकर जन्म लेगा और आपका धन बीमारी में या व्यर्थ के कार्यों में तब तक नष्ट करेगा , जब तक उसका हिसाब पूरा ना हो जाये । *शत्रु पुत्र :-* पूर्व जन्म का कोई दुश्मन आपसे बदला लेने के लिये आपके घर में सन्तान बनकर आयेगा और बड़ा होने पर माता - पिता से मारपीट , झगड़ा या उन्हें सारी जिन्दगी किसी भी प्रकार से सताता ही रहेगा । हमेशा कड़वा बोलकर उनकी बेइज्जती करेगा व उन्हें दुःखी रखकर खुश होगा । * उदासीन पुत्र :-* इस प्रकार की सन्तान ना तो माता - पिता की सेवा करती है और ना ही कोई सुख देती है । बस , उनको उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ देती है । विवाह होने पर यह माता - पिता से अलग हो जाते हैं । * सेवक पुत्र :-* पूर्व जन्म में यदि आपने किसी की खूब सेवा की है तो वह अपनी की हुई सेवा का ऋण उतारने के लिए आपका पुत्र या पुत्री बनकर आता है और आपकी सेवा करता है । जो बोया है , वही तो काटोगे । अपने माँ - बाप की सेवा की है तो ही आपकी औलाद बुढ़ापे में आपकी सेवा करेगी , वर्ना कोई पानी पिलाने वाला भी पास नहीं होगा । आप यह ना समझें कि यह सब बातें केवल मनुष्य पर ही लागू होती हैं । इन चार प्रकार में कोई सा भी जीव आ सकता है । जैसे आपने किसी गाय कि निःस्वार्थ भाव से सेवा की है तो वह भी पुत्र या पुत्री बनकर आ सकती है । यदि आपने गाय को स्वार्थ वश पालकर उसको दूध देना बन्द करने के पश्चात घर से निकाल दिया तो वह ऋणानुबन्ध पुत्र या पुत्री बनकर जन्म लेगी । यदि आपने किसी निरपराध जीव को सताया है तो वह आपके जीवन में शत्रु बनकर आयेगा और आपसे बदला लेगा । इसलिये जीवन में कभी किसी का बुरा ना करें । क्योंकि प्रकृति का नियम है कि आप जो भी करोगे , उसे वह आपको इस जन्म में या अगले जन्म में सौ गुना वापिस करके देगी । यदि आपने किसी को एक रुपया दिया है तो समझो आपके खाते में सौ रुपये जमा हो गये हैं । यदि आपने किसी का एक रुपया छीना है तो समझो आपकी जमा राशि से सौ रुपये निकल गये । ज़रा सोचिये , "आप कौन सा धन साथ लेकर आये थे और कितना साथ लेकर जाओगे ? जो चले गये , वो कितना सोना - चाँदी साथ ले गये ? मरने पर जो सोना - चाँदी , धन - दौलत बैंक में पड़ा रह गया , समझो वो व्यर्थ ही कमाया । औलाद अगर अच्छी और लायक है तो उसके लिए कुछ भी छोड़कर जाने की जरुरत नहीं है , खुद ही खा - कमा लेगी और औलाद अगर बिगड़ी या नालायक है तो उसके लिए जितना मर्ज़ी धन छोड़कर जाओ , वह चंद दिनों में सब बरबाद करके ही चैन लेगी ।" मैं , मेरा , तेरा और सारा धन यहीं का यहीं धरा रह जायेगा , कुछ भी साथ नहीं जायेगा । साथ यदि कुछ जायेगा भी तो सिर्फ *नेकियाँ* ही साथ जायेंगी । इसलिए जितना हो सके *नेकी* करो *सतकर्म* करो । *📙 श्रीमद्भभगवतगीता।*
Friday, 18 December 2020
Thursday, 17 December 2020
बचपन मे जब भी कोई पूछता था,कितने भाई बहिन है,जोडने लगते थे हम सभी ,,,जल्दी जल्दी,,नन्ही नन्ही उंगलियों पे,,उंगलियाँ खत्म हो जाती,जोड़ नही क्योकिकज़िन क्या होता है ,,,पता ही नही था।माँ ने कहाये तेरे बडे भाई है ये छोटी बहन,,बस ,,हो गए हम ढेर सारे,गर्मी की छुट्टियाँ,कब आती,कब बीत जातीपता ही नही था।जब भूख लगे ,जिस घर के बाहर खेलते उसी मे घुस जाते ,वे अपने ना थे ,पता ही ना था।चाची,ताई,मासी,बुआ,ना जाने कितने अपने लोग ,कितने प्यारे रिश्ते,,एक ही टोकरी मे सजे अलग अलग फूलों की भाँति ,उतना ही अपना पन ,,उतनी ही डाँट,,परायापन क्या होता है पता ही ना था।बड़े हुए तब सुने ,,,अपने परायों के किस्से,,पर मन,वो तो रंग चुका था ,,प्यार और अपनेपन के उन रंगो मे ,जो कभी नही छूटता ,बंध चुका था उन रिश्तों की अदृश्य डोरियों मे ,जो कभी नही टूटता ।लगभग तीन चार दशको बाद ,आज,जब जीने चलेफिरसे उन पलों को ,तो इतना सुखद अहसास,,आज भी सभी,मेरे जैसे ही ,खड़े है उसी मोड पर ,एक दूसरे का इंतजार करते ,उन यादो को मुट्ठियों मे थामे खोलते उडाते से,,रंग-बिरंगी यादो की तितलियाँ,,और उन्हे पकडते हम सभी उल्लास और आन्नद से भरे हुए,सच है ,बचपन वापस तो नही लौटता ,,पर जिया जा सकता है ,उन यादों को,फिर से एकबार।ये भी सच है,,, संजोये जा सकता है,फिर से एकबारउन रिश्तों को जो पीछे छूटे से जान पडते है ,,पर कभी नही टूटे ,,,दिल के करीब जो थे।"गुज़र गया आज का दिन भी यूँ ही बेवजह,न मुझे फुर्सत मिली न तुझे खयाल आया"🌞🌞🌞🙏🙏🙏🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🙏🙏जब किसी में गुण दिखाई दे तो मन को " कैमरा " बना लीजिए और जब किसी में " अवगुण " दिखाई दे तो " मन " को "आईना " बना लीजिए......!!🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ह्रदय स्पर्श करने वाली कविता....जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा। कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो, कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा । कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो, कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा । कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो, कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा । कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने तो कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा। कहीं होगी खुशामदें चेहरे पर तो, कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा। तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा। रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श तू, अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा ।
पोस्ट_अच्छे_से_पढ़ो 😃💐🙏🙏आजकल जहां देखो लड़के लडकिया भाग कर शादी कर रहे हैं। और ऐसे नीच कर्म करना बहादुरी समझते है मुझे एक बात बताओ जब तुम्हारी औकात ही नहीं है घरवालों का सामना करने की या उन्हें सच बताने की तो प्यार ही क्यू करते हो??मा बाप अपनी पूरी ज़िंदगी तुम्हारे लिए जीते मरते हैं जो चाहते हो लाते है। इसीलिए की तुम बड़े होकर उन्हें धोका देकर भाग जाओ? ये प्यार नही यह एक हवस और गंदी मानसिकता है जो दो घर की इज्जत नर्क बन जाती है प्रेम शब्द को हवस का नाम ऐसे ही गिरे हुए लोग दिये है जो आज के समय में सच्चे प्रेम का भी कोई भरोसा और इज्जत नही करता हैकल की आई लड़की और लड़के को तुम धोका नहीं दे सकते इतना महान तुम्हारा प्यार है जो माता पिता से भी बढ कर?? लेकिन जो तुम्हारे सहारे जीते हैं और जो तुम्हारे लिए जीते है उनको धोका दे सकते हो। वाहआजकल लड़के लडकिया पैदा बाद में होते हैं और प्यार पहले हो जाता हैं। एक बात बताओ क्या माँ बाप से ज्यादा प्यार तुम्हे कोई दे सकता हैं। माँ बाप अपने लिए बाद में पहलेतुम्हारी ख़्वाहिशों को पूरा करते हैं और बदले में मांगते ही क्या हैं तुमसे ???मां बाप का सर ऊँचा करने की जहग तुम उनको शर्मसार करते हो समाज के सामने।कहा जाओगे भाग कर और कब तक भागोगे। ???तुम्हारे लिए माँ बाप से जरूरी कल के आये लोग हैं। अरे कुछ तो शर्म करो कि समाज में मुंह दिखाने लायक रह सको खुद तो निकल के कुते कुतिया जैसा जिंदगी जी लेते हो और माता पिता कि जिंदगी समाज के सामने हमेशा के लिए झुका देते हो क्या यही है तुम्हारे प्यार कि औकात??मुझे नहीं पता मेरी पोस्ट से किस किसको बुरा लगेगा लेकिन प्यार करना है तो हिम्मत रखो भागना कायरो का काम है।और अगर मा बाप ना माने तो तुम क्या अपनी एक खुशी उनको नहीं दे सकते जो पूरी ज़िंदगी तुम्हारे लिए जीते हैं।बुरा_लगे_तो_माफ_करना
Wednesday, 16 December 2020
वो भी एक मां है #सासयों सास को बदनाम ना करोबहुत बड़ा दिल रखती हैजीवन की जमा पूंजी सब दे देती हैसौप देती जो कभी उसका थाजिस घर की मालकिन थी वोथाल सजा ,तेरे हाथों के निशानतेरी आरती उतारघर की चाबी भी सौप देती अपना सब देकर नजर तो रखेंगीतुझे आजमाने के लिए तेरी परीक्षा भी तो लेगीअपनी मालकियत के कुछ अनुभव भी तुम्हे देंगीकभी तुमसे रूठ जाएं तोप्यार से मना लेनाये अनमोल रिश्ता हैप्यार से सजा लेनाकितना बड़ा दिल होगाजो अपना जिगर का टुकड़ातुम्हे सौप देती हैबदले में बस कभी कभी उसकी टोह लेती हैसास तेरे सुहाग की दुआ करती हैउसके लिए खुद दुख सहती हैहां कभी सुना देती हैथोड़ा बडबडा भी लेती हैपर सर दर्द में चाय भी बना के देती हैतेरे बेटा होने पे वो भी नाच लेती हैकभी कभी तो तेरे बच्चौ संगवो भी बचपन जी लेती हैउसका भी दिल होता हैवो जताती नहींकभी बताती नहींचुपके से तेरे लिए वो दुआ करती हैतेरी गृहस्थी से एक वो ही हैजो कभी जलती नही🙏🙏
Tuesday, 15 December 2020
🙏🏻जैसे फोन से परेशान होकर साइलेंट पर रखा जाता है तो क्या फ़ोन या मैसेज नहीं आते ?आते हैं पर उनकी आवाज आप तक नहीं आती , इसी तरह यह शरीर भी एक यन्त्र है इसमें मन एक फ़ोन की तरह है इसमें अनन्त विचार, लहरें,मन में खट-पट होती रहती है क्या हमें मन को साइलेंट पर रखना आता है? कठिन है पर असम्भव नहीं, जैसे फोन पर मैसेज आते रहते हैं इसी तरह मन में विचार तो आयेंगे पर इन विचारों को साक्षी की तरह देखने की कला आनी चाहिए,तब ये आयेंगे तो सही, पर साइलेंट रहेंगे,पर यह कला " सतगुरु जी " के अलावा कोई नहीं सिखा सकता🙏🏻
Monday, 14 December 2020
Sunday, 13 December 2020
औरत बिक जाती हैप्यार के दो बोल सेपति के कह देने भर सेआज खाने में मजा आ गयाबच्चे जब कहते हैमां मुझे समझती हैवो दुगने उत्साह से जुट जाती हैउनकी पसंद को खोज लाती हैसास जब कहती हैमेरी बहू औरो सी नहींवो अपनी मां को उस दिन भूल जाती हैसास से दिल का रिश्ता निभाती हैसच में औरत बहुत सस्ते में बिक जाती हैप्यार के दो बोल को तरस जाती हैबस खोजती है अपने सम्मान कोकभी पति की आंखो मेंकभी बच्चो के सपनो मेंओर कभी रिश्तों ओर अपनो मेंवो सब को देख खुश हो लेती हैबिना विटामिन खाए जी लेती हैसब को मुस्कराया देख खुश हो लेती हैउनके खिले चेहरे में खुद को संजो लेती हैऔरत को देह से अलग जान पाओगेतो सही मायनों में उसके प्यार को पाओगेवो खुद को मिटा कर भी खुश होती हैदर्द झेलकर भी जिंदगी देती हैकाश उसके मोल को समझ पाओउसके पास जा कभी प्यार से बतलाओउसके कहे को हल्के में ना उड़ाओउसे भी अपनी तरह काबिल बताओ
Saturday, 12 December 2020
10 लाख का दहेज़5 लाख का खानाघड़ी पहनायीअंगूठी पहनाईमंडे का खानाफिर सब सुसरालियो को कपड़े देना ।बारात को खिलाना फिर बारात को जाते हुए भी साथ में खाना भेजनाबेटी हो गई कोई सज़ा हो गई।और यह सब जब से शुरू होता है जबसे बातचीत यानी रिश्ता लगता हैफिर कभी नन्द आ रही है, जेठानी आ रही हैकभी चाची सास आ रही है मुमानी सास आ रही है टोलीया बनाबना के आते हैं और बेटी की मां चेहरे पे हलकी सी मुस्कराहट लिए सबको आला से आला खाना पेश करती है सबका अच्छी तरह से वेलकमकरती है फिर जाते टाइम सब लोगो को 500-500 रूपे भी दिए जातेहै फिर मंगनी हो रही है बियाह ठहर रहा है फिर बारात के आदमी तयहो रहे है 500 लाए या 800बाप का एक एक बाल कर्ज में डूब जाता है और बाप जब घर आता हैशाम को तो बेटी सर दबाने बैठ जाती है कि मेरे बाप का बाल बाल मेरीवजह से कर्ज में डूबा हैभगवान के वास्ते इन गंदे रस्म रिवाजों को खत्म कर दो ताकि हर बाप, कर्ज में डूबा ना हो वअपनी बेटी को इज़्ज़त से विदा कर सके।बदलाव एक कोशिश#####
Friday, 11 December 2020
ज़फरनामा फिर से गढ़ा जा रहा है। अनपढ़ औरंगज़ेब से कहाँ पढ़ा जा रहा है।उसे ऊंची आवाज़ मैं सुनाना भी पड़ेगा। और मतलब समझाना भी पड़ेगा। ये हिन्द की ज़मीं है। ना पहले थी। ना ज़ुल्म की अब कमी है। वक़्त हर ज़ालिम का सिमटता चला जायेगा। ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ेगा तो मिटता चला जायेगा। खून फिर खून है बहेगा तो रुकता चला जायेगा।
Thursday, 10 December 2020
Wednesday, 9 December 2020
सिखों से सीखोकोई बस नहीं जली , ना उठा कहीं धुआं है, ऐसा लगा ही नहीं, कि आंदोलन हुआ है ।किसी की दुकान नहीं टूटी , नुकसान भी किसी को नहीं हुआ है, सर पर सवार खून नहीं है, मां बेटीयों को किसी ने नहीं छुआ है।लोग सड़कों पर तो पहले भी देखे हैं, पर ऐसा मंज़र कभी न हुआ है, यूं ही मिसाल नहीं देते लोग इनकी, यूंही नहीं वो गुरु का सिख हुआ है,जहां माएँ बना रही लंगर , भाई कर रहे दुआ हैं, ऐसा लगा ही नहीं, कि आंदोलन हुआ है ।
Monday, 7 December 2020
किसान नहीं ,तो अन्न नहीं यह लड़ाई किसी मज़हब की नहीं है ।यह लड़ाई है हकूमत के साथ अपने हक़ को मांगने की।सारे भारत के किसान इकट्ठे एक जुट हो कर अपना हक़ मांग रहे हैं गवर्नमेंट से । आज किसानों की बारी है कल को किसी और की बारी आ सकती है .! कृपया कानून समझने की कोशिश करें और सबसे निवेदन है की किसानों का साथ दीजिये ! धन्यवाद 🙏beautiful life skl
Sunday, 6 December 2020
💙💙💙💙वाहेगुरूजी 💙💙💙💙✍️जिस दिन हमारी मौत होती है, हमारा पैसा बैंक में ही रहा जाता है।जब हम जिंदा होते हैं तो हमें लगता है कि हमारे पास खर्च करने को पया॔प्त धन नहीं है।जब हम चले जाते है तब भी बहुत सा धन बिना खर्च हुये बच जाता है।एक चीनी बादशाह की मौत हुई। वो अपनी विधवा के लिये बैंक में 1.9 मिलियन डालर छोड़ कर गया। विधवा ने जवान नौकर से शादी कर ली। उस नौकर ने कहा -"मैं हमेशा सोचता था कि मैं अपने मालिक के लिये काम करता हूँ अब समझ आया कि वो हमेशा मेरे लिये काम करता था।"सीख 👇ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अर्जन कि बजाय अधिक जिया जाय। अच्छे व स्वस्थ शरीर के लिये प्रयास करिये।मँहगे फ़ोन के 70% फंक्शन अनोपयोगी रहते है।मँहगी कार की 70% गति का उपयोग नहीं हो पाता।आलीशान मकानो का 70% हिस्सा खाली रहता है।पूरी अलमारी के 70% कपड़े पड़े रहते हैं।पूरी जिंदगी की कमाई का 70% दूसरो के उपयोग के लिये छूट जाता है।70% गुणो का उपयोग नहीं हो पातातो 30% का पूर्ण उपयोग कैसे हो :-स्वस्थ होने पर भी निरंतर चैक अप करायें।प्यासे न होने पर भी अधिक पानी पियें।जब भी संभव हो, अपना अहं त्यागें ।शक्तिशाली होने पर भी सरल रहे ।धनी न होने पर भी परिपूण॔ रहें।बेहतर जीवन जीयें !काबू में रखें - प्रार्थना के वक़्त अपने दिल को !काबू में रखें - खाना खाते समय पेट को !काबू में रखें - किसी के घर जाएं तो आँखों को !काबू में रखें - महफ़िल मे जाएं तो ज़बान को !काबू में रखें - पराया धन देखें तो लालच को !भूल जाएं - अपनी नेकियों को, भूल जाएं - दूसरों की गलतियों को, भूल जाएं - अतीत के कड़वे संस्मरणों को, छोड दें - दूसरों को नीचा दिखाना !छोड दें - दूसरों की सफलता से जलना !छोड दें - दूसरों के धन की चाह रखना !छोड दें - दूसरों की चुगली करना !छोड दें - दूसरों की सफलता पर दुखी होना ! यदि आपके फ्रिज में खाना है, बदन पर कपड़े हैं, घर के ऊपर छत है और सोने के लिये जगह है,तो दुनिया के 75% लोगों से ज्यादा धनी हैं ! यदि आपके पर्स में पैसे हैं और आप कुछ बदलाव के लिये कही भी जा सकते हैं जहाँ आप जाना चाहते हैंतो आप दुनिया के 18% धनी लोगों में शामिल हैं ! यदि आप आज पूर्णतः स्वस्थ होकर जीवित हैंतो आप उन लाखों लोगों की तुलना में खुशनसीब हैं जो इस हफ्ते जी भी न पायें !जीवन के मायने दुःखों की शिकायत करने में नहीं हैंबल्कि हमारे निर्माता को धन्यवाद करने के अन्य हजारों कारणों में है !यदि आप मैसेज को वाकइ पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैंतो आप उन करोड़ों लोगों में खुशनसीब हैं जो देख नहीं सकते और पढ़ नहीं सकते !अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होने की बजाय आपको खुश होना चाहिए ! एक खूबसूरत सोच अगर कोई पूछे कि जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ? .... .... तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभु की मेहेरबानी थी। क्या खुबसूरत रिश्ता है मेरे और मेरे भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगती नहीं और कम वो देता नहीं...✍”. !! जीवन के तीन मंत्रआनंद में - वचन मत दीजिये क्रोध में - उत्तर मत दीजिये दुःख में - निर्णय मत लीजिये जीवन मंत्र १) धीरे बोलिये 👉 शांति मिलेगी२) अहम छोड़िये 👉 बड़े बनेंगे३) भक्ति कीजिए 👉 मुक्ति मिलेगी४) विचार कीजिए 👉 ज्ञान मिलेगा५) सेवा कीजिए 👉 शक्ति मिलेगी६) सहन कीजिए 👉 देवत्व मिलेगा७) संतोषी बनिए 👉 सुख मिलेगा "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें। और इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं, तो कोई बैठा न रह सके।" शानदार बात झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह "कचरा" साफ करती है। लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है, तो खुद कचरा हो जाती है। इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें , बिखर कर कचरा न बने !!🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saturday, 5 December 2020
Heat touching wordings ❤❤पंक्तियाँ जो दिल को छू गई ♥️♥️*पीठ में बहुत दर्द था*डाॅक्टर ने कहाअब और मत झुकना अब और अधिक झुकने कीगुंजाइश नहीं रहीझुकते-झुकते तुम्हारी रीढ़ की हड्डी में गैप आ गया है सुनते ही हँसी और रोना एक साथ आ गया...ज़िंदगी में पहली बार किसी के मुँह से सुन रही थीये शब्द "मत झुकना..."बचपन से तो घर के बड़े, बूढ़ों माता-पिताऔर समाज सेयही सुनती आई है,"झुकी रहना..."नारी के झुके रहने से हीबनी रहती है गृहस्थी...नारी के झुके रहने से हीबने रहते हैं संबंधनारी के झुके रहने से हीबना रहता हैप्रेम...प्यार...घर...परिवारझुकती गई,झुकते रही,झुकी रही,भूल ही गई...उसकी कहीं कोई रीढ़ भी है...और ये आज कोई कह रहा है"झुकना मत..."परेशान-सी सोच रही हैकि क्या सच में लगातार झुकने से रीढ़ की हड्डी अपनी जगह सेखिसक जाती है ?और उनमें कहीं गैप,कहीं ख़ालीपन आ जाता है ?सोच रही है...बचपन से आज तकक्या क्या खिसक गयाउसके जीवन सेकहाँ कहाँ ख़ालीपन आ गयाउसके अस्तित्व में कहाँ कहाँ गैप आ गयाउसके अंतरतम में बिना उसके जाने समझे...उसका अल्हड़पनउसके सपनेकहाँ खिसक गयेउसका मनउसकी चाहतकितने ख़ाली हो गयेउसकी इच्छा, अनिच्छा में कितना गैप आ चुकाक्या वास्तव में नारी कीरीढ़ की हड्डी भीहोती है समझ नहीं आ रहा...🙏🙏🙏🙏
मर्द इसे कहते हैं.........🤵किसी ने ...मेरे ऊपर हँसकर कहा बीबी के लिए इतना करेगा तो जोरू का गुलाम बन जायगा .....अगर उसके आगे हर बार झुका तो मर्द के नाम पर दाग लग जायगा जब तुझसे अपनी औरत ही बस में नहीं हो सके तो तू क्या मर्द बन पाएगा .....मैं छोटे शब्दो में छोटा जवाब दे गया .......मैं उसकी गलतियों पर मारकर मर्द ना बन पाउ पर उसको प्यार से समझाकर उसका दोस्त बन जाउंगा ........उसकी खुशी के लिये हर बार झुक जाऊगा तो मर्द नहीं उसका प्यार बन जाउंगा उसकी हर बातो को बड़े प्यार से सुन जाऊ तो मर्द नहीं अपने पन का एहसास उसको हमेशा दिलाऊंगा.......उसके हर दुःख हर तकलीफ में उसके साथ खड़ा हो जाऊगा तो मर्द नहीं उसका पति बन जाउंगा ..... उसके हर एहसास हर जज्बातो को दिल से समझ जाऊ तो उसको हमेशा अपना बनाऊँगा .....मर्द बनू या ना बनू पर उसकी जिंदगी खुशीयो से भर जाये ऐसा उनका हम सफर बन जाउंगा ......,.लक्ष्मी कहते है घर की ओरतो को तो उनको लक्ष्मी अपने घर की बनाऊगा उसका भी हक होगा मुझ पर ऐसा उसको एहसास दिलाऊंगा .......उसको मारकर मैं अपनी लक्ष्मी को कैसे रुसवा कर पाउंगा .....कभी सुना है की भगवान को कोई मारता है तो मैं अपनी लक्ष्मी पर कैसे हाथ उठाऊंगा ....मर्द की मर्दानगी कुत्तो में नहीं शेरो में आजमाई जाती है ....लड़की और औरत पर हाथ उठाकर तो बुजदिली कहलायी जाती हैघर की औरतो को दिल से समझकर तो मर्द की सच्ची शान कहलायी जाती है ...🙏🙏Respect woman 🙏🙏
_चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने__अपनी पत्नी से कहा : हमारे ज़माने में__मोबाइल नहीं थे...__*पत्नी*_ : _पर ठीक 5 बजकर 55 मिनट पर_ _मैं पानी का ग्लास लेकर_ _दरवाज़े पे आती और__आप आ पहुँचते...__*पति*_ : _मैंने तीस साल नौकरी की__पर आज तक मैं ये नहीं समझ__पाया कि__मैं आता इसलिए तुम__पानी लाती थी__या तुम पानी लेकर आती थी_ _इसलिये मैं आता था...__*पत्नी*_ : _हाँ... और याद है..._ _तुम्हारे रिटायर होने से पहले__जब तुम्हें डायबीटीज़ नहीं थी_ _और मैं तुम्हारी मनपसन्द खीर बनाती_ _तब तुम कहते कि__आज दोपहर में ही ख़्याल आया__कि खीर खाने को मिल जाए_ _तो मज़ा आ जाए...__*पति*_ : _हाँ... सच में...__ऑफ़िस से निकलते वक़्त__जो भी सोचता,__घर पर आकर देखता__कि तुमने वही बनाया है...__*पत्नी*_ : _और तुम्हें याद है__जब पहली डिलीवरी के वक़्त__मैं मैके गई थी और__जब दर्द शुरु हुआ__मुझे लगा काश...__तुम मेरे पास होते...__और घंटे भर में तो..._ _जैसे कोई ख़्वाब हो...__तुम मेरे पास थे...__*पति*_ : _हाँ... उस दिन यूँ ही ख़्याल__आया__कि ज़रा देख लूँ तुम्हें...__*पत्नी*_ : _और जब तुम__मेरी आँखों में आँखें डाल कर_ _कविता की दो लाइनें बोलते...__*पति*_ : _हाँ और तुम__शरमा के पलकें झुका देती__और मैं उसे__कविता की 'लाइक' समझता...__*पत्नी*_ : _और हाँ जब दोपहर को चाय_ _बनाते वक़्त__मैं थोड़ा जल गई थी और_ _उसी शाम तुम बर्नोल की ट्यूब_ _अपनी ज़ेब से निकाल कर बोले.._ _इसे अलमारी में रख दो...__*पति*_ : _हाँ... पिछले दिन ही मैंने देखा था_ _कि ट्यूब ख़त्म हो गई है...__पता नहीं कब ज़रूरत पड़ जाए.._ _यही सोच कर मैं ट्यूब ले आया था...__*पत्नी*_ : _तुम कहते ...__आज ऑफ़िस के बाद__तुम वहीं आ जाना_ _सिनेमा देखेंगे और__खाना भी बाहर खा लेंगे...__*पति*_ : _और जब तुम आती तो__जो मैंने सोच रखा हो_ _तुम वही साड़ी पहन कर आती...__फिर नज़दीक जा कर_ _उसका हाथ थाम कर कहा :__हाँ, हमारे ज़माने में__मोबाइल नहीं थे...__पर...__हम दोनों थे!!!__*पत्नी*_ : _आज बेटा और उसकी बहू__साथ तो होते हैं पर...__बातें नहीं व्हाट्सएप होता है...__लगाव नहीं टैग होता है...__केमिस्ट्री नहीं कमेन्ट होता है...__लव नहीं लाइक होता है...__मीठी नोकझोंक नहीं_ _अनफ़्रेन्ड होता है...__उन्हें बच्चे नहीं कैन्डीक्रश सागा,__टैम्पल रन और सबवे सर्फ़र्स चाहिए...__*पति*_ : _छोड़ो ये सब बातें...__हम अब Vibrate Mode पर हैं...__हमारी Battery भी 1 लाइन पे है...__अरे!!! कहाँ चली?__*पत्नी*_ : _चाय बनाने...__*पति*_ : _अरे... मैं कहने ही वाला था__कि चाय बना दो ना...__*पत्नी*_ : _पता है...__मैं अभी भी कवरेज क्षेत्र में हूँ__और मैसेज भी आते हैं...__दोनों हँस पड़े...__*पति*_ : _हाँ, हमारे ज़माने में__मोबाइल नहीं थे..._😊🙏😊🙏😊🙏वाक़ई बहुत कुछ छुट गया और बहुत कुछ छुट जायेगा,,, ,,शायद हम अंतिम पीढ़ी है जिसे प्रेम, स्नेह, अपनेपन ,सदाचार और सम्मान का प्रसाद वर्तमान पीढ़ी को बाटना पड़ेगा ।। जरूरी भी है*_To every lovely couple._*
Friday, 4 December 2020
Thursday, 3 December 2020
बांसुरी के तीन गुण पहला- बांसुरी में गांठ नहीं है, जो संकेत है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो, यानि मन में बदले की भावना मत रखो।दूसरा गुण- बिना बजाये ये बजती नहीं है, मानो ये बता | रही है कि जब तक आवश्यक नही हो, ना बोलें।और तीसरा- जब भी बजती है, मधुर ही बजती है। अर्थात जब भी बोलो... मीठा ही बोलो।
*एक गरीब एक दिन एक सिक्ख के पास अपनी जमीन बेचने गया, बोला सरदार जी मेरी 2 एकड़ जमीन आप रख लो.* *सिक्ख बोला, क्या कीमत है ?* *गरीब बोला, 50 हजार रुपये.**सिक्ख थोड़ी देर सोच कर बोला, वो ही खेत जिसमें ट्यूबवेल लगा है ?* *गरीब: जी. आप मुझे 50 हजार से कुछ कम भी देंगे, तो जमीन आपको दे दूँगा.**सिक्ख ने आँखें बंद कीं, 5 मिनट सोच कर बोला: नहीं, मैं उसकी कीमत 2 लाख रुपये दूँगा.* *गरीब: पर मैं तो 50 हजार मांग रहा हूँ, आप 2 लाख क्यों देना चाहते हैं ?**सिक्ख बोला, तुम जमीन क्यों बेच रहे हो ?**गरीब बोला, बेटी की शादी करना है इसीलिए मज़बूरी में बेचना है. पर आप 2 लाख क्यों दे रहे हैं ?**सिक्ख बोला, मुझे जमीन खरीदनी है, किसी की मजबूरी नहीं. अगर आपकी जमीन की कीमत मुझे मालूम है तो मुझे आपकी मजबूरी का फायदा नहीं उठाना, मेरा वाहेगुरू कभी खुश नहीं होगा.* *ऐसी जमीन या कोई भी साधन, जो किसी की मजबूरियों को देख के खरीदा जाये वो जिंदगी में सुख नहीं देता, आने वाली पीढ़ी मिट जाती है.* *सिक्ख ने कहा: मेरे मित्र, तुम खुशी खुशी, अपनी बेटी की शादी की तैयारी करो, 50 हजार की व्यवस्था हम गांव वाले मिलकर कर लेंगे, तेरी जमीन भी तेरी ही रहेगी.* *मेरे गुरु नानक देव साहिब ने भी अपनी बानी में यही हुक्म दिया है.**गरीब हाथ जोड़कर नीर भरी आँखों के साथ दुआयें देता चला गया।* *ऐसा जीवन हम भी बना सकते हैं.**बस किसी की मजबूरी न खरीदें, किसी के दर्द, मजबूरी को समझ कर, सहयोग करना ही सच्चा तीर्थ है, एक यज्ञ है. सच्चा कर्म और बन्दगी है.* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Wednesday, 2 December 2020
आर जे प्रेजेंट........जीवन जीने की कला........50 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस पोस्ट को सावधानी पूर्वक पढें, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है : अब वो ज़माना नहीं रहा की पिछले जन्म का कर्जा अगले जन्म में चुकाना है आधुनिक युग में सब कुछ हाथों हाथ हैं l ** सु:खमय वृद्धावस्था **---------------------------------1:- 🎪 अपने स्वंय के स्थायी आवास पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का आनंद ले सकें !2 :- 💰अपना बैंक बैलेंस और भौतिक संपति अपने पास रखें, अति प्रेम में पड़कर किसी के नाम करने की ना सोंचे !3 :- अपने बच्चों 👭👬 के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता भी बदल जाती है और कभी-कभी न चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर पाते हैं ! 4 :- उन लोगों को अपने मित्र 🗣👤👥 समूह में शामिल करें जो आपके जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हों, यानी सच्चे हितैषी हों ! .. 🙏🙏5 :- किसी के साथ 🙌 अपनी 🧑🏻 तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई उम्मीद रखें ! 6 :- अपनी संतानों 👫👬के जीवन में दखल अन्दाजी ना करे , उन्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप 🤨 अपने तरीके से जीवन व्यतीत करें ! 7 :- आप अपनी वृद्धावस्था 👩🏫👨🏫 का आधार बनाकर किसी से सेवा करवाने तथा सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें ! 8 :- लोगों की 👩👦🏻👩👵🏻🧓🏿👴🏻 बातें सुनें 👂 लेकिन अपने स्वतंत्र विचारों के आधार पर निर्णय लें !9 :- प्रार्थना करें 🙏लेकिन भीख ना मांगें, यहाँ तक कि भगवान से भी नहीं, अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफी एंव हिम्मत !10 :- अपने स्वास्थ्य 💪👈 का स्वंय ध्यान रखें चिकित्सीय परीक्षण के अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टीक भोजन खाएं और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें ! छोटे कष्टों पर ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी-मोटी शारीरीक 🤷♂ परेशानियां चलती रहतीं हैं !11 :- अपने जीवन को उल्हास पूर्वक 🤓🕵♀😎😍 जीने का प्रयत्न करें, खुद प्रसन्न 🤪 रहें तथा दूसरों को भी प्रसन्न रखें ! 12 :- प्रति वर्ष भ्रमण / छोटी - छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य जाएं, इससे आपके जीने का नज़रिया भी बदलेगा ! 13 :- किसी भी तरह के टकराव 🤫🤔 को टालें एंव तनाव रहित जीवन को जिएं ! 😊14 :- जीवन में स्थायी कुछ भी नहीं रहता , चिंताएं 💁♀🤦🏻♂🙅♀भी नहीं, इस बात का विश्वास करें ! 15 :- अपने सामाजिक दायित्वों, जिम्मेदारियों को अपने रिटायरमेंट तक 🚗🏡💰👩👩👦👦🙋♀🙋♂ पूरा कर लें, याद रखें .. !! जब तक आप अपने लिए जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं .. !! 🙏😊🙏😊🙏😊🙏😊🙏जय जय सीताराम...जय श्री कृष्ण........
Tuesday, 1 December 2020
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