Tuesday, 22 December 2020

हाथ मे छड़ीपकडा हुआ हलबुआई का वक्तजी मे हलचल ।फटा कुर्तानङ्गे पाँवजेठ की धूपनसीब न छांव ।जोत बृषभभूखे प्यासेटपकती लारहॉपति सांसे ।सूखी रोटीछाछ या सागनिहारता मौसमअपना भाग ।गोबर की खुश्बूपसीने के स्नानसमय की बुआईबुद्धिमता की पहचान ।लहलाती फसलसीना तानसंम्पन कृषकगाँव की शान ।अतिवृष्टि या सूखाकंही मरे न भूखानोत्तंक मंडी भावफिर भी गहरा लगाव ।कंही निराई,कंही कटाईकभी सिंचाई,गोबर ढुलाईकिंटो पर करो दवाईवनचरों से अलग लड़ाई ।सर का साफाअलग पहचानसच्चाई,ईमानदारीकिसान महान । #supportkisaan