Monday, 21 December 2020

इतना आसान कहाँ था गृहिणी होना😊चलती कलम छोड़ झाडू घसीटनादूध की मलाई खाना छोड़मक्खन के लिये बचत करनादुपट्टे से उम्र के सम्बंध जोड़नाकभी साड़ी में घसीटनाकभी चुनरी खीसकने से संभालनाकिताबें छोड़गृहस्थी पढ़नाएक एक फुल्का गोल सेंकनासहेलियाँ छोड़दीवारों से बात करनाचुप रहनामस्तियाँ भुलाबड़ी होने का ढोंग करनाझुमकियों से कानों का बोझ मरनाघूंघट में खुद को गुनहगार समझनापीला रंग उड़ा कर*तुम्हारी पसंद पहननाहाथ की घड़ी उतारखनकती चूडियाँ पहननापायलों का पैरों में चुभनाकपड़ों के साथ सपने निचौड़धूप में सुखानारोज सुबह जल्दी उठनाअपनी फिक्र छोड़सबकी सुननामैथ के सवाल करते करतेअचानक दूध के हिसाब करनाइतना आसान कहाँ था गृहिणी होना ।।😊*सभी महिलाओं को समर्पित*💐💃💃