Friday, 30 December 2022
*जिन्दगी का एक और* *वर्ष कम हो चला**कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला**कुछ ख्वाइशें दिल में रह जाती है**कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं*..*कुछ छोड़ कर चले गये**कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में**कुछ मुझसे बहुत खफा हैं**कुछ मुझसे बहुत खुश हैं**कुछ मुझे मिल के भूल गये**कुछ मुझे आज भी याद करते हैं**कुछ शायद अनजान हैं**कुछ बहुत परेशान हैं**कुछ को मेरा इंतजार हैं**कुछ का मुझे इंतजार है**कुछ सही है**कुछ गलत भी है**कोई गलती तो माफ कीजिये और**कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये*💕💕
Thursday, 29 December 2022
*ताहि प्रकाश हमरा भयो*!!*पटना शहर बिखे भव लयो*!!*साहिब_ए_ कमाल**नूर_ए_इलाही**बादशाह दरवेश**सरबंसदानी**अमृत के दाते* *आनंदपुर वासी* *सचखंड वासी**दीन दुनिया के मालिक**साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी के प्रकाश पर्व की आप सभी को लख लख बधाइयां होवे**गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी की किरपा हमेशा बनी रहे*🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Wednesday, 28 December 2022
Dear people,I decided to make 2023 plan for you. Hope you like it.1. What should be your priority?- You, yourself & your growth.2. What should you save?- Save your time that you wasted due to overthinking. And, if you want to think about something too much or for too long. Then make a day in a month, but not every day.3. What should you add?- First is Discipline. Because Discipline is permanent & Motivation is temporary most of the times.Second is Mental Peace. Life is different nowadays so inner peace is important in a time of stress. You can achieve it with exercises, instrumental music, books, etc.4. What should you ignore?- First is Ignore what people are talking negative about you? Life is too short to worry about those who hate you, who are jealous of you, who consider you as opponent. You don't need their validations.Second is Ignore pleasing everyone because even God can't make everyone happy in this world. Do not hesitate to say 'No'. Infact, you should learn to say No.5. What should you stop?- Stop comparing yourself to others, it make you feel bad about yourself & it also affect your confidence level. Focus on your strengths & aim. You are great.6. What should you practice?- Gratitude.Thanks for reading.❤️🙏
Tuesday, 27 December 2022
Sunday, 25 December 2022
परमात्मा के हुक्म में कैसे रहा जाता है, इसकी सबसे अच्छी उदाहरण है माता गुजर कौर जी और छोटे साहिबज़ादे .... दादी माँ साहिबज़ादों को हर पल गुरबाणी याद कराती रही, और समझती रही कि वह जो करता है उसी को भला समझो, और साहिबज़ादों ने भी दादी माँ की शिक्षा को गाँठ बाँध लिया और जो हुआ उसे ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लिया I आइए संगत जी हम भी गुरु साहिब के उपदेश को याद करें, जिसमें गुरु साहिब फरमाते हैं किGurbani In Gumukhi And Hindi - ਜੋ ਕਿਛੁ ਹੋਆ ਸੁ ਤੇਰਾ ਭਾਣਾ ॥ जो किछु होआ सु तेरा भाणा ॥ ਜੋ ਇਵ ਬੂਝੈ ਸੁ ਸਹਜਿ ਸਮਾਣਾ ॥੩॥ जो इव बूझै सु सहजि समाणा ॥३॥श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी फरमातें हैं कि जिस मनुष्य को यह समझ आ जाती है कि जो कुछ हो रहा है, वह प्रभू की रज़ा में हो रहा है, वह मनुष्य सदा अडोल अवस्था में टिका रहता है (उसे कभी कोई शंका व संशय नहीं रहता) वह प्रभू प्रमातमा मे लीन हो जाता है।3।धन धन श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज 1349
Saturday, 24 December 2022
"महत्वपूर्ण कडी.....बेटे बहु के कमरे से आ रही आवाजो से बुजुर्ग मां कि नींद खुल गई......बेटा कह रहा था उसे मुम्बई मे नौकरी मिल गई है मगर हम तीन (मे और तुम और मां ) वहाँ नहीं रह पायेंगे.. कयोकि कमरा छोटा है ओर दोनो जगह का किराया मे दे नही सकता तो कयो ना मां को वृद्ध आश्रम मे छोड़ दे... बुजुर्ग मां भीगी आँखें लिए सोचने लगी.... अभी साल भी नहीं हुआ बेटे कि शादी को ओर बहु ने उसपर अपना रंग चढा दिया.इस बात के जबाब मे बहु कया कहेगी....वो तो खुश ही होगी उसके मन की जो पूरी हो रही है. हे भगवान.....मगर पति की बात सुनकर पत्नी बोली नही मां ओर मैं यही रहेंगे मै पढी लिखी हूं बच्चो को टयुशन पढाकर इतना तो कम लूगी कि मेरा ओर मां का गुजारा हो जाऐ और आपने तो बताया था की मां ने आपको लोगों के घरों में काम करके पढाया था सोचो अगर मां भी आपको किसी अनाथ आश्रम मे छोड़ कर अपना जीवन शुरू करती तो आज आप कहा होते ... और फिर जब आप वहाँ सेटल होकर बडा कमरा ले ले तो हमें भी बुला लेना वैसे भी मां उस वृक्ष के समान होती हे जो सिर्फ छाया ही नही फल भी देता है मां कि आँखों मे आँसू थे उसे भी समझ आ रहा था कि उसे बहु मे एक बहुत अच्छी बेटी मिली है.दोस्तों कहानी का भाव यही है सास बहु का रिश्ता भी मां बेटी का रिश्ता है दोस्तों अगर दोनों तरफ से प्रेम और सम्मान देने की कोशिश हो तो सचमुच ये रिश्ता बेहद प्यारा है जो घरों को परिवार को जोड़ने में महत्वपूर्ण कडी है ..एक सुन्दर और प्ररेणादायक रचना...
ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇ ਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ,ਕਰ ਬਾਲਣ ਇਹਨਾਂ ਹੱਡੀਆਂ ਦਾ ਠਰਿਆਂ ਨੂੰ ਨਿੱਘ ਪਹੁੰਚਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਵੱਸ ਚੱਲਦਾ ਹੋਵੇ ਮੇਰਾ ਤਾਂਇਸ ਹੋਣੀਂ ਨੂੰ ਮੈਂ ਟਾਲ ਦਵਾਂ,ਰੌਣਕ ਜੋ ਸ਼ਹਿਰ ਅਨੰਦਪੁਰ ਦੀਅੱਡ ਹੋਣ ਨਾ ਚਾਰੇ ਲਾਲ ਦਵਾਂ,ਖੜ੍ਹ ਜਾਵਾਂ ਮੂਹਰੇ ਜਾਲਮ ਦੇਨਾ ਦੇਵਾਂ ਛੋਹਣ ਵੀ ਗਰਮ ਹਵਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਜਿੱਥੋਂ ਲੰਘਣਾ ਮੇਰੇ ਪ੍ਰੀਤਮ ਨੇਰਾਹਵਾਂ ਦੀਆਂ ਸੂਲਾਂ ਹੂੰਝ ਦਿਆਂ,ਗਾਰੇ ਵਿੱਚ ਲਿੱਬੜੇ ਚਰਨਾਂ ਨੂੰਮੈਂ ਹੰਝੂਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਪੂੰਝ ਦਿਆਂ,ਦੋ ਘੜੀਆਂ ਉਹਦੇ ਸੌਣ ਲਈਤਨ ਆਪਣਾ ਦੀ ਦਰੀ ਬਣਾਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…ਹਰ ਜੁਲਮ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਲਮ ਨੇਮੁੱਖ ਦੀ ਮੁਸਕਾਨ ਨਹੀਂ ਖੋਹ ਸਕਿਆ,ਹਰ ਹੀਲਾ ਵੈਰੀ ਕਰ ਹਟਿਐਦਸਮੇਸ਼ ਦੁਖੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਿਆ,ਉਹਦੇ ਸਿਰ ਦੀ ਸੋਹਣੀ ਕਲਗੀ ਨੂੰ“ਨਿਰਵੈਰ” ਵੇ ਕਿਵੇਂ ਸਲਾਹਵਾਂ ਮੈਂ,,,ਦਸਮੇਸ਼ ਦੇ ਸੁੱਜਿਆਂ ਪੈਰਾਂ ਤੇਬਣ ਮਲ੍ਹਮ ਕੋਈ ਲੱਗ ਜਾਵਾਂ ਮੈਂ…#gurugobindsingji
Friday, 23 December 2022
बाप बेटी का रिश्ता...🥀❤️🥀*जब तक पिता जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और जिद कर लेती है कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे पिता का घर है। पर जैसे ही पिता इस संसार को छोड़ कर चला जाता है और फिर बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है की सभी आस-पड़ोस और रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है!**बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है,क्योंकि उस दिन उसका पिता ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती है,जो उसे अपने मायके में आकर मिलती थी!**आपने भी महसूस किया होगा कि पिता की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई-भाभी के घर वो जिद नहीं करती है, जैसा अपने पिता के वक्त करती थी,ऐसा नहीं है कि भाई भाभी उसकी इच्छा का मान नहीं रखेंगे बल्कि इसलिए कि अब उसको मन में एक सकुच सी रहती है।इसलिए जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया,जब तक पिता था तब तक सब कुछ उसका था और ये बात वो अच्छी तरह से जानती है!* आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहती हूं कि पिता के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए उसका पिता दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और गरूर होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है!इसलिए ही कहा जाता है कि ----"बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है" 🌹 ❤️"Love_you_dady" ❤️🌹आप जहां भी रहो सदा खुश रहो..🙏😢
Thursday, 22 December 2022
न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने ,अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|मुकद्दमे का कुछ यूं था कि "मेरा 80 साल का बड़ा भाई ,अब बूढ़ा हो चला है ,इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 110 साल की मां की देखभाल कर रहा है |मैं अभी ठीक हूं, इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|मगर कोई टस से मस नहीं हुआ,बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी है या मैं उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो।छोटा भाई कहता कि पिछले 40 साल से अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना कर्तव्य कब पूरा करूँगा।परेशान न्यायाधीश महोदय ने सभी प्रयास कर लिये ,मगर कोई हल नहीं निकला|आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है|मां कुल 30 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी और बड़ी मुश्किल से व्हील चेयर पर आई थी|उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान बराबर हैं| मैं किसी एक के पक्ष में फैसला सुनाकर ,दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती|आप न्यायाधीश हैं , निर्णय करना आपका काम है |जो आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी।आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से सहमत है कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है| ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है।फैसला सुनकर बड़ा भाई जोर जोर से रोने लगा कि इस बुढापे ने मेरे स्वर्ग को मुझसे छीन लिया |अदालत में मौजूद न्यायाधीश समेत सभी रोने लगे।कहने का तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो ,तो इस स्तर का हो|ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो,और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं |यह पाप है।हमें इस मुकदमे से ये सबक लेना ही चाहिए कि माता -पिता का दिल दुखाना नही चाहिए।
Wednesday, 21 December 2022
पत्नी क्या होती है।मुझसे अच्छा कोई नही जान पाएगाएक बार जरूर पड़े।"मै डरता नही उसकी कद्र करता हूँ उसका सम्मान करता हूँ।-" कोई फरक नही पडता कि वो कैसी है पर मुझे सबसे प्यारा रिश्ता उसी का लगता है।"माँ बाप रिश्तेदार नही होते।वो भगवान होते हैं।उनसे रिश्ता नही निभाते उनकी पूजा करते हैं।भाई बहन के रिश्ते जन्मजात होते हैं , दोस्ती का रिश्ता भी मतलब का ही होता है।आपका मेरा रिश्ता भी जरूरत और पैसे का है पर,पत्नी बिना किसी करीबी रिश्ते के होते हुए भी हमेशा के लिये हमारी हो जाती है अपने सारे रिश्ते को पीछे छोडकर।और हमारे हर सुख दुख की सहभागी बन जाती है आखिरी साँसो तक।" पत्नी अकेला रिश्ता नही है, बल्कि वो पूरा रिश्तों की भण्डार है।जब वो हमारी सेवा करती है हमारी देख भाल करती है ,हमसे दुलार करती है तो एक माँ जैसी होती है।जब वो हमे जमाने के उतार चढाव से आगाह करती है,और मैं अपनी सारी कमाई उसके हाथ पर रख देता हूँ क्योकि जानता हूँ वह हर हाल मे मेरे घर का भला करेगी तब पिता जैसी होती है।जब हमारा ख्याल रखती है हमसे लाड़ करती है, हमारी गलती पर डाँटती है, हमारे लिये खरीदारी करती है तब बहन जैसी होती है।जब हमसे नयी नयी फरमाईश करती है, नखरे करती है, रूठती है , अपनी बात मनवाने की जिद करती है तब बेटी जैसी होती है।जब हमसे सलाह करती है मशवरा देती है ,परिवार चलाने के लिये नसीहतें देती है, झगड़े करती है तब एक दोस्त जैसी होती है। जब वह सारे घर का लेन देन , खरीददारी , घर चलाने की जिम्मेदारी उठाती है तो एक मालकिन जैसी होती है।और जब वही सारी दुनिया को यहाँ तक कि अपने बच्चों को भी छोडकर हमारे बाहों मे आती है तब वह पत्नी, प्रेमिका, अर्धांगिनी , हमारी प्राण और आत्मा होती है जो अपना सब कुछ सिर्फ हमपर न्योछावर करती है।"मैं उसकी इज्जत करता हूँ तो क्या गलत करता हूँ!
Tuesday, 20 December 2022
Monday, 19 December 2022
Saturday, 17 December 2022
Friday, 16 December 2022
*कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है* #patipatni #story 💐जीवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई! अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया कीजिए। आपकी सुविधा - असुविधा, आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है। तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है। आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है। चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ। ये ऐसा है और वो ऐसा है। कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हैं। उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है। वरना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा। अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:एक दिन *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही है। पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे।तो मैं जा रही हूँ।जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जीयेंगे ऐसा वचन दिया था पर अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुझको पता नहीं था।मुझे जाने दो।अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ। बहुत दर्द हो रहा है मुझे।लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब मैं कुछ नहीं कर सकती।मुझे जाने दोबेटा और बहू रो रहे हैं देखो। मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। पोता बा बा बा कर रहा है उसे शांत करो, बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है। हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।मुझे जाने दोअभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी बिल्कुल नही रोना।मुझे जाने दोजिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम में डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल लेना।मुझे जाने दोआपने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर व्यवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।मुझे जाने दोआपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मीठा नहीं खाना अन्यथा परेशानी होगी। सुबह उठते ही दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहू पर गुस्सा न करना। अब मैं नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।मुझे जाने दोबेटा और बहू कुछ बोले तोचुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नहीं होना। मुझे जाने दोअपने बेटे के बेटे के साथ खेलना। अपने दोस्तों के साथ समय बिताना। अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके। अगर मेरी याद आये तो चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।मुझे जाने दोमेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नहीं। सब कुछ ध्यान से रखने और याद रखने की आदत डालना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर बहू भूल जाये तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।मुझे जाने दोबुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और धीरे धीरे से चलना।यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा।मुझे जाने दोशाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना। प्यास लगे तभी पानी पी लेना।अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नहीं उसका ध्यान रखना।मुझे जाने दोशादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुझे नहीं मिलेगी।मुझे जाने दोउठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।मुझे जाने दोऔर हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये हैं। मेरी दादी ने सिखाया था। एक - एक रुपया जमा करके कोने में रख दिया। इसमें से पाँच - पाँच लाख बहू और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना अपने लिए।मुझे जाने दोभगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब फिर कभी नहीं मिलेंगे !!मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुझे माफ कर देना। *मुझे जाने दो* *मुझे जाने दो*🙏🙏❣❣
Wednesday, 14 December 2022
बाबा बुडढा जीश्री गुरू नानक देव जी तलवण्डी ग्राम से भाई मरदाना जी को साथ लेकर अपने परिवार को मिलने पक्खो के रँधवे के लिए चल पड़े। रास्ते में एक पड़ाव के समय जब आप कत्थू नँगल ग्राम मे एक वृक्ष के नीचे कीर्तन में व्यस्त थे, तो एक किशोर अवस्था का बालक आपकी मधुर बाणी के आकर्षण से चला आया और काफी समय कीर्तन श्रवण करता रहा,फिर जल्दी से घर लौट गया। घर से कुछ खाद्य पदार्थ तथा दूध लाकर गुरुदेव को भेंट करते हुए कहा, आप, कृपया इनका सेवन करें।उस किशोर की सेवा-भक्ति देखकर गुरुदेव अति प्रसन्न हुए और आशीष देते हुए कहा,चिरँजीव रहो !तथा पूछा– बेटा तुम क्या चाहते हो ?किशोर ने उत्तर दिया– हे गुरुदेव जी ! मुझे मृत्यु से बहुत भय लगता है, मैं इस भय से मुक्त होना चाहता हूँ।इस पर गुरुदेव ने कहा– बेटा तेरी आयु तो खेलने-कूदने की है तुझे यह गम्भीर बातें कहाँ से सूझी हैं ? यह मृत्यु का भय इत्यादि तो बुढ़ापे की कल्पना होती है। वैसे मृत्यु ने आना तो एक न एक दिन अवश्य ही है।यह उत्तर सुनकर किशोर ने फिर कहा– यही तो मैं कह रहा हूँ, मृत्यु का क्या भरोसा न जाने कब आ जाए। इसलिए मैं उससे भयभीत रहता हूँ।उसकी यह बात सुनकर गुरुदेव कहने लगे– बेटा तुमने तो बहुत तीक्ष्ण बुद्धि पाई है। उन सूक्ष्म बातों पर बड़े-बड़े लोग भी अपना ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते, यदि मृत्यु का भय ही प्रत्येक व्यक्ति अपने सामने रखे तो यह अपराध ही क्यों हो ? खैर,तुम्हारा नाम क्या है ?किशोर ने उत्तर में बताया– उसका नाम बूढ़ा है तथा उसका घर इसी गाँव में है।गुरुदेव ने तब कहा– तेरे माता पिता ने तेरा नाम उचित ही रखा है क्योंकि तू तो अल्प आयु में ही बहुत सूझ-बूझ की बूढ़ों जैसी बातें करता है, वैसे यह मृत्यु का भय तुम्हें कब से सताने लगा है ?किशोर, बुढ़ा जी ने कहा– कि एक दिन मेरी माता ने मुझे आग जलाने के लिए कहा मैंने बहुत प्रयत्न किया परन्तु आग नहीं जली। इस पर माता जी ने मुझे बताया कि आग जलाने के लिए पहले छोटी लकड़ियाँ तथा तिनके घास इत्यादि जलाए जाते हैं। तब कहीं बड़ी लकड़ियाँ जलती हैं। बस मैं उसी दिन से इस विचार में हूँ कि जिस प्रकार आग पहले छोटी लकड़ियों को जलाती है ठीक इस प्रकार यदि मृत्यु भी पहले छोटे बच्चों या किशोरों को ले जाए तो क्या होगा ?गुरुदेव ने कहा– बेटा ! तुम भाग्यवान हो जो तुम्हें मृत्यु निकट दिखाई देती है। इसी पैनी दृष्टि के कारण एक दिन तुम बहुत महान बनोगे। यदि तुम चाहो तो हमारे आश्रम में आकर रहो।यह सुनकर बूढ़ा ने प्रसन्न होकर पूछा– हे गुरुदेव जी ! आपका आश्रम कहाँ है ?गुरुदेव ने उसे बताया– उनका आश्रम वहाँ से लगभग 30 कोस की दूरी पर रावी नदी के तट पर निमार्णाधीन है। उन्होंने उसका नाम करतारपुर रखने का निश्चय किया है। अब वे लौटकर उसमें स्थायी रूप से रहने लगेगें तथा वहीं से गुरुमत का प्रचार करेंगे।इस सब जानकारी को प्राप्त करके किशोर, बूढ़ा जी कहने लगा– गुरुदेव ! मैं अपने माता-पिता से आज्ञा लेकर कुछ दिन बाद आपकी सेवा में उपस्थित हो जाऊँगा।गुरुदेव ने तब किशोर से कहा– यदि हमारे पास आना हो तो पहले उसके लिए दृढ़ निश्चय तथा आत्मसमर्पण की भावना पक्की कर लेना और उसके लिए स्वयँ को तैयार करो–जउ तउ प्रेम खेलन का चाउ ।। सिरु धर तली गली मेरी आउ ।।इतु मारगि पैरु धरीजै ।। सिरु दीजै काणि न कीजै ।।
Tuesday, 13 December 2022
Sunday, 11 December 2022
🙏शांति🙏🌹एक समय कि बात है,भगवान विष्णु सभी जीवों को कुछ न कुछ चीजें भेट कर रहे थे।सभी जीव भेट स्वीकार करते और खुशी खुशी अपने निवास स्थान के लिए प्रस्थान करते।जब सब चले गए तो उनकी चरण सेविका श्री लक्ष्मी जी ने भगवान से कहा, "हे नाथ मैंने देखा कि आपने सभी को कुछ न कुछ दिया,अपने पास कुछ नहीं रखा लेकिन एक चीज़ आपने अपने पैरों के नीचे छिपा लिया है।वो चीज़ क्या है?"🌹श्री हरि मंद मंद मुस्कुराते रहे,उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।🌹लक्ष्मी जी ने फिर कहा,"प्रभु हमसे न छुपाएं, मैंने स्वयं अपनी आंखों से देखा है आपने कोई एक चीज़ अपने पैरों के नीचे छिपा रखा है,निवेदन है कृपया इस रहस्य से पर्दा उठाइए।"🌹श्री हरि बोले, "देवी मेरे पैरों के नीचे "शांति" है।शांति मैंने किसी को नहीं दिया,सुख सुविधा तो सभी के पास हो सकता हैं मगर शांति तो किसी दुर्लभ मनुष्य के पास ही होगा।ये मैं सब को नहीं दे सकता।जो मेरी प्राप्ति के लिए तत्पर्य होगा,जिसकी सारी चेष्टाएं मुझ तक पहुंचने कि होगी, उसी को ये मिलेगा"🌹श्री हरि से आज्ञा लेकर शांति कहने लगी," हे जगत माता,श्री हरि ने मुझे अपने पैरों के नीचे नहीं छिपाया बल्कि मैं स्वयं उनके पैरों के नीचे छिप गई।शांति तो सिर्फ़ हरि चरणों के नीचे ही जीव को मिलेगा,अन्यथा कहीं नहीं।"🌹कथा कहती है कि उसी दिन से श्री लक्ष्मी जी ने श्री हरि के चरणों कि सेवा शुरू कर दिया, क्योंकि व्यक्ति सारी सुख सम्पत्ति से सुसज्जित हो मगर उसके पास शांति ही न हो तो उसकी सारी सुख सम्पत्ति व्यर्थ हो जाता है।इसलिए स्वयं सुख समृद्धि कि जननी माता लक्ष्मी भी शांति प्राप्ति हेतु और श्री हरि सेवा के लिए उनके चरणों कि सेवा हमेशा करती रहती है।🌹हम लोग भी बहुत बड़ी गलती करते हैं।हम सुख संपत्ति,धन को ही लक्ष्मी जी की कृपा समझ लेते है।कहते भी है प्रायः संसारी लोग कि फलाने के ऊपर तो लक्ष्मी जी कि बड़ी कृपा है।उसके पास धन है, वैभव है, सम्पत्ति है परंतु वास्तविकता में लक्ष्मी जी कि कृपा उसी पर है जो अपने धन,संपत्ति,वैभव को श्री हरि चरणों कि सेवा में लगाता है ।लक्ष्मी जी कृपा उसी व्यक्ति पर है जो अपने संपत्ति को श्री विष्णु की सेवा में लगाएं वर्ना उसके पास तो ये सब उसके पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों की वजह से मिला है,जैसे ही पुण्य क्षीण वैसे ही संपत्ति का अभाव।🌹🌹जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है मन कि शांति।लाख सुविधाएं हो, जो प्रायः आधुनिक युग में देखा जा रहा, लोगों के पास धन है,सुविधा है,सब भोग है भोगने के लिए लेकिन शांति नहीं है,जिसकी वजह से मनुष्य हमेशा अशांति का अनुभव करता है।तनाव में रहता है,दुखी रहता है।अगर धन संपत्ति ही सुख देता तो कभी कोई व्यक्ति शांति कि अभिलाषा नहीं करता।🌹*🌹इसलिए भगवान की चरण सेवा करे,अपनी संपत्ति का सदुपयोग करे। निस्वार्थ सबका भला करें और परमपिता परमेश्वर के अलावा किसी से कोई उम्मीद ना रखें..!!*🌹 Jai shree Vishnu Dev 🙏जय श्री राम
Saturday, 10 December 2022
भजन सिमरन के फायदे 1 अपने गुरु के लाडले बन जाते हो। 2 जनम मरण से छुटकारा मिल जाता है। 3 किसी को देख कर आप पहचान सकते हो कि वो दोस्त है या दुश्मन। 4 अपनी मौत आने से पहले उसका पता चल जाएगा। 5 आप को देख कर लोग पूछेंगे कि आप का गुरू कौन है?6 आप के साथ आप का परिवार भी तर जायेगा। 7 आप सचखंड के अधिकारी बन जाते हो
Friday, 9 December 2022
Thursday, 8 December 2022
Wednesday, 7 December 2022
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं कुछ काम भी और जरूरी हैं जीवन की उलझ पहेली को पूरा सुलझाना बाकी है जब साँसों को थम जाना है फिर क्या खोना ,क्या पाना है पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है
Tuesday, 6 December 2022
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है रफ़्तार में तेरे चलने से कुछ रूठ गए कुछ छूट गए रूठों को मनाना बाकी है रोतों को हँसाना बाकी है कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं कुछ काम भी और जरूरी हैं जीवन की उलझ पहेली को पूरा सुलझाना बाकी है जब साँसों को थम जाना है फिर क्या खोना ,क्या पाना है पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है
Monday, 5 December 2022
Sunday, 4 December 2022
Friday, 2 December 2022
अमृत वेले की तैयारी (रात्रि का रूटीन)अमृत वेले में उठने के लिए रात्रि सोने का रूटीन भी ठीक करने की जरुरत है.“गुरुमुखों के लिए 4 घंटे की नींद काफी होती है, 6 घंटे वो सोये जो भारी भरकम काम करता हो.”, इन वचनों के हिसाब से 6 घंटे आखिरी सीमा है. बाकी अपने शरीर, परिश्रम और उम्र के हिसाब से हम अपने लिए ठीक समय निर्धारित कर सकते हैं. औसतन, 5 घंटे की नींद पर्याप्त होती है, इससे ज्यादा सोना समय की बर्बादी है. पर अपना नींद का समय धीरे-धीरे अडजस्ट करें.· 5 घंटे के हिसाब से रात्रि 11 बजे सोकर भी 4 बजे उठा जा सकता है, रात्रि सोने से पहले श्री चरणों में प्रार्थना करके सोयें कि “हे कृपानिधान सतगुरु ! हमें अमृत वेले की दात बख्शना”, ये प्रार्थना और 10-15 मिनट का सिमरन करके सोयें. नींद आने तक स्वांसों में नाम चलता रहे. इससे एक बहुत बड़ा फायदा ये होता है कि सारी रात सिमरन चलता ही रहता है. नींद में करवट लेने पर पर भी सिमरन का पता चलता है. यह अपने आप में एक महान उपलब्धि है. क्योंकि नींद मौत की तरह होती है. अगर नींद में सिमरन चल सकता है, तो इस बात की अच्छी सम्भावना है कि आखिरी नींद अर्थात मौत के समय भी सिमरन चलता रहेगा. ये सब धन धन गुरु नानक साहिब महाराज जी कि अनंत कृपा और दया से ही संभव होता है.· नींद आने तक ध्यान भ्रूमध्य (दोनों eyebrows के बीच में) में लगा कर लेटे लेटे सिमरन करते रहें, इससे सिमरन हमारे अवचेतन में उतर जाता है. रात सोने से पहले 15-20 मिनट सिमरन का रूटीन अवश्य बनायें. #gurunanak #waheguruji
Thursday, 1 December 2022
एक ठंडी रात में, एक अरबपति बाहर एक बूढ़े गरीब आदमी से मिला। उसने उससे पूछा, "क्या तुम्हें बाहर ठंड महसूस नहीं हो रही है, और तुमने कोई कोट भी नहीं पहना है?"बूढ़े ने जवाब दिया, "मेरे पास कोट नहीं है लेकिन मुझे इसकी आदत है।" अरबपति ने जवाब दिया, "मेरे लिए रुको। मैं अभी अपने घर जाता हूँ और तुम्हारे लिए एक कोट ले लाऊंगा।"वह बेचारा बहुत खुश हुआ और कहा कि वह उसका इंतजार करेगा। अरबपति अपने घर में घुस गया और वहां व्यस्त हो गया और गरीब आदमी को भूल गया।सुबह उसे उस गरीब बूढ़े व्यक्ति की याद आई और वह उसे खोजने निकला लेकिन ठंड के कारण उसे मृत पाया, लेकिन उसने एक चिट्ठी छोड़ी थी, जिसमे लिखा था कि, "जब मेरे पास कोई गर्म कपड़े नहीं थे, तो मेरे पास ठंड से लड़ने की मानसिक शक्ति थी।लेकिन जब आपने मुझे मेरी मदद करने का वादा किया, तो मैं आपके वादे से जुड़ गया और इसने मेरी मानसिक शक्ति को खत्म कर दिया। "संदेश - अगर आप अपना वादा नहीं निभा सकते तो कुछ भी वादा न करें। यह आप के लिये जरूरी नहीं भी हो सकता है, लेकिन यह किसी और के लिए सब कुछ हो सकता है।#story
Wednesday, 30 November 2022
नौ वर्ष के बेटे के हाथ में था #गुरूतेगबहादुरजी का कटा हुआ सिर ! दृश्य बताता है कि #औरंगज़ेब की मजहबी क्रुरता का प्रतिकार करते हुए हिंदू धर्म कैसे विकट स्थितियों में भी ज़िंदा रखा हिंददी चादर कहलाने वाले धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था इसीलिए उनके बारे में कहा जाता है कि सिर दिया पर सार न दिया #24नवंबर1675 की तारीख गवाह बनी थीहिन्दू के हिन्दू बने रहने की दोपहर का समय और जगह चाँदनीचौक दिल्ली लालकिले के सामने जब मुगलिया हुकूमत की क्रूरता देखने के लिए लोग इकट्ठे हुए पर बिल्कुल शांत बैठे थेलोगो का जमघट और सबकी सांसे अटकी हुई थीशर्त के मुताबिक अगर गुरु तेग बहादुरजी इस्लाम कबूल कर लेते हैं तो फिर सब हिन्दुओं को मुस्लिम बनना होगा बिना किसी जोर जबरदस्ती केऔरंगजेब के लिए भी ये इज्जत का सवाल थासमस्त हिन्दू समाज की भी सांसे अटकी हुई थी क्या होगा? लेकिन गुरुजी अडिग बैठे रहेकिसी का धर्म खतरे में था धर्म का अस्तित्व खतरे में था तो दूसरी तरफ एक धर्म का सब कुछ दांवपे लगा थाहाँ या ना पर सब कुछ निर्भर थाखुद चल के आया था औरगजेब,लालकिले से निकलकर सुनहरी मस्जिद के काजी के पासउसी मस्जिद से कुरान की आयत पढ़ कर यातना देने का फतवा निकलता था वो मस्जिद आज भी है गुरुद्वारा शीशगंज, चांदनी चौक,दिल्ली के पास पूरे इस्लाम के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न थाआखिरकार जब इस्लाम कबूलवाने की जिद्द पर इस्लाम ना कबूलने का हौसला अडिग रहा तो जल्लाद की तलवार चली और प्रकाश अपने स्त्रोत में लीन हो गयाये भारत के इतिहास का एक ऐसा मोड़ था जिसने पुरे हिंदुस्तान का भविष्य बदलने से रोक दियाहिंदुस्तान में हिन्दुओं के अस्तित्व में रहने का दिन सिर्फ एक हाँ होती तो यह देश हिन्दुस्तान नहीं होता गुरु तेगबहादुरजी जिन्होंने #हिन्द_की_चादर बनकर सनातन सभ्यता और जीवन दर्शन की रक्षा की उनका अदम्य साहस भारतवर्ष कभी नही भूल सकताकभी एकांत में बैठकर सोचिएगा अगर #गुरुतेगबहादुरजी अपना बलिदान न देते तो करोड़ों सालों के चिंतन से उत्पन्न आपकी ये सभ्यता कराह रही होती#24नवम्बर का यह इतिहास सभी को पता होना चाहिए इतिहास के वो पृष्ठ जो पढ़ाए नहीं गये #गुरूतेगबहादुरजी के बलिदानदिवस पर कोटि कोटि नमन सतनाम श्री वाहेगुरू बोलिये#दग्रेटसनातनी
Tuesday, 29 November 2022
Friday, 25 November 2022
औरतें सिर्फ शक्ल और ज़िस्मसे ही खूबसूरत नहीं होतीं,बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,क्योंकि प्यार में ठुकराने के बाद भी,किसी मर्द पर तेज़ाब नहीं फेंकती ! उनकी वज़ह से कोई पुरुष दहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता !वो इसलिए भी खूबरसूरत होती हैं,क्योंकि उनकी वजह से लड़कों को रास्ता नही बदलना पड़ता,वो राह चलते लड़को पर अभद्र टिप्पड़ियां नही करती!वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,क्योंकि देर से घर आने वालेपति पर शक नही करती,बल्कि फ़िक्र करती है! वो छोटी छोटी बातों पर नाराज़ नही होती, सामान नही पटकती, हाथ नही उठाती,बल्कि पार्टनर को समझाने की,भरपूर कोशिश करती हैं !वो तकलीफ़ सह कर भी रिश्ते इसलिए निभा जाती हैं,क्योंकि वो अपने माँ बाप का दिल नही तोड़ना चाहती ! वो हालात से समझौता इसलिए भी कर जाती हैं, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की फ़िक्र होती है ! वो रिश्तों में जीना चाहती हैं ! रिश्ते निभाना चाहती हैं ! रिश्तों को अपनाना चाहती हैं!दिलों को जीतना चाहती हैं ! प्यार पाना चाहती हैं ! प्यार देना चाहती हैं !हमसफ़र, हमकदम बनाना चाहती हैं।इसलिए औरतेंसिर्फ शक्ल और ज़िस्मसे ही खूबसूरत नहीं होती ,वो एक सुंदर मन होती हैं,जिसे देखने के लिए चाहिएएक सुंदर नज़र । 🙏🙏Author: Unknown
MIDDLE CLASSकिसने लिखा है पता नहीं.....पर लिखने वाले ने बहुत ही गज़ब का लिखा है.....बहुत ही बारीकी से observations किये हैं.....एक एक बात सोलह आना सच लिखी है......👌 "मिडिल-क्लास" का होना भी किसी वरदान से कम नहीं है. कभी बोरियत नहीं होती. जिंदगी भर कुछ ना कुछ आफत लगी ही रहती है, न इन्हें तैमूर जैसा बचपन नसीब होता है न अनूप जलोटा जैसा बुढ़ापा, फिर भी अपने आप में उलझते हुए व्यस्त रहते हैं.★ मिडिल क्लास होने का भी अपना फायदा है. चाहे BMW का भाव बढ़े या AUDI का या फिर नया i phone लाँच हो जाये, कोई फर्क नहीं पड़ता.★ मिडिल क्लास लोगों की आधी जिंदगी तो ... झड़ते हुए बाल और बढ़ते हुए पेट को रोकने में ही चली जाती है. मिडिल क्लास लोगों की आधी ज़िन्दगी तो "बहुत महँगा है" बोलने में ही निकल जाती है. इनकी "भूख" भी ... होटल के रेट्स पर डिपेंड करती है. दरअसल महंगे होटलों की मेन्यू-बुक में मिडिल क्लास इंसान 'फूड-आइटम्स' नहीं बल्कि अपनी "औकात" ढूंढ रहा होता है.★ इनके जीवन में कोई वैलेंटाइन नहीं होता. "जिम्मेदारियाँ" जिंदगी भर परछाईं की तरह पीछे लगी रहती हैं. मध्यम वर्गीय दूल्हा-दुल्हन भी मंच पर ऐसे बैठे रहते हैं मानो जैसे किसी भारी सदमे में हों. अमीर शादी के बाद चलता बनते हैं , और मिडिल क्लास लोगों की शादी के बाद टेन्ट बर्तन वाले पीछे पड़ जाते हैं. मिडिल क्लास बंदे को पर्सनल बेड और रूम भी शादी के बाद ही अलाॅट हो पाता है. एक सच्चा मिडिल क्लास आदमी गीजर बंद करके तब तक नहाता रहता है जब तक कि नल से ठंडा पानी आना शुरू ना हो जाए. रूम ठंडा होते ही AC बंद करने वाला मिडिल क्लास आदमी चंदा देने के वक्त नास्तिक हो जाता है, और प्रसाद खाने के वक्त आस्तिक.★ दरअसल मिडिल-क्लास तो चौराहे पर लगी घण्टी के समान है, जिसे लूली-लगंड़ी, अंधी-बहरी, अल्पमत-पूर्णमत हर प्रकार की सरकार पूरा दम से बजाती है.★ मिडिल क्लास को आज तक बजट में वही मिला है, जो अक्सर हम 🔔 मंदिर में बजाते हैं. 🔔 फिर भी हिम्मत करके मिडिल क्लास आदमी पैसा बचाने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन बचा कुछ भी नहीं पाता.★ हकीकत में मिडिल मैन की हालत पंगत के बीच बैठे हुए उस आदमी की तरह होती है जिसके पास पूड़ी-सब्जी चाहे इधर से आये, चाहे उधर से उस तक आते-आते खत्म हो जाती है.★ मिडिल क्लास के सपने भी लिमिटेड होते हैं. "टंकी भर गई है, मोटर बंद करना है" गैस पर दूध उबल गया है, चावल जल गया है, इसी टाईप के सपने आते हैं. दिल में अनगिनत सपने लिए बस चलता ही जाता है ... चलता ही जाता है. और चला जाता है।*ये मिडिल क्लास आदमी***🙂🙂🙂🙏🙏🌹💐🙏
Thursday, 24 November 2022
Wednesday, 23 November 2022
Tuesday, 22 November 2022
Monday, 21 November 2022
*कड़वी सच्चाई*:---अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....? 😎तो सुनो- बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और रूपया मांगकर भी लांग ड्राइव पर ले जाते हो ❓लेकिन पत्नी के आते ही अमीर हो जाने पर भी उससे बारिश होने पर चाय पकौड़ी बनवाना ही याद आता है..... 😎थकी- हारी पत्नी नहीं कह देती है तो तुम्हारे अहम को इतनी चोट लगती है कि सुबह तक मुंह फुलाए घूमते हो.......😎लेकिन प्रेमिका के आगे 365 दिन भी गिड़गिड़ाने पर कुछ़ हासिल नहीं हो तो भी संस्कार समझकर उस पर और प्यार लुटाते हो और मान- मुनव्वल शुरू कर देते हो😃प्रेमिका को पार्क, रैस्टोरेंट,रिसोर्ट...सुंदर से सुंदर और खर्चीली जगह ले जाते हो.....😎लेकिन पत्नी के आते ही उसे मुंडन,जनेऊ,विवाह,पूजा- पाठ,बीमार की सेवा,श्रद्धांजलि सभा में ... सारी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए ले जाते हो... 😎प्रेमिका को सर से पांव तक घूरते रहने में आंखें नहीं थकती और हर इंच और हर मौके के लिए शायराना अंदाज रहता है.....😃लेकिन पत्नी के लिए शिकायत - कितना देर लगाती हो तैयार होने में...... 😎प्रेमिका का फ़ोन चौबीस घ॔टे में चौबीस बार भी आए तो वो "प्यार" लगता है.......😃लेकिन पत्नी का दिन में दो बार फ़ोन इन्क्वायरी लगने लगता है.... 😎अपने भले अपने मां- बाप की सेवा नहीं किए होंगे लेकिन पत्नी से यही उम्मीद होती है कि वो चौबीस घंटे उसके पूरे परिवार के सेवा में गुजरे..., 😎कड़वा है पर सच है.!!🙏🙏🙏#beautifullife Hindisuvichar
Sunday, 20 November 2022
Friday, 18 November 2022
#जिंदगी बेहोश-बेहोश चलती है। तुम नशे-नशे में चलते हो। तुम कहां जा रहे हो, यह बहुत साफ नहीं; क्यों जा रहे हो, यह भी बहुत साफ नहीं 🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥एक संध्या ऐसा हुआ कि मुल्ला नसरुद्दीन और उसके दो मित्र भागे ट्रेन पकड़ने को। नसरुद्दीन चूक गया; पैर फिसला, गिर गया। दो चढ़ गए। स्टेशन मास्टर ने आकर उसे उठाया और कहा कि नसरुद्दीन, दुख की बात है कि तुम चूक गए! नसरुद्दीन ने कहा, मेरे लिए दुखी मत हो। वे दो जो चढ़ गए हैं, मुझे पहुंचाने आए थे। मैं तो दूसरी ट्रेन भी पकड़ लूंगा; उनका क्या होगा?तीनों नशे में धुत्त थे। यहां बड़ी हैरानी की बात है, जो चढ़ गया है, जो सफल हो गया है, पक्का मत समझना कि वह कहीं पहुंच जाएगा। जो असफल हो गया, नहीं चढ़ पाया, पक्का मत समझना कि कुछ खो गया है। यहां चढ़ने वाला, न चढ़ने वाला, सफल-असफल, जीत गया, हारा हुआ--सब एक से बेहोश हैं। जिंदगी के आखिर में हिसाब बराबर हो जाता है। सफल-असफल सब बराबर हो जाते हैं। धनी-गरीब सब बराबर हो जाते हैं। मौत तुम्हें बिलकुल साफ कोरी स्लेट की भांति कर देती है। मृत्यु के क्षण में तुम पाओगे कि जिंदगी भर जो दौड़ तुमने की, भागे, पहुंच गए--वह नाव जाने वाली नहीं है; वह किनारे पर ही आ रही है। लेकिन तब बहुत देर हो जाएगी। तब कुछ करते न बनेगा।अभी समय है। अभी कुछ किया जा सकता है। और मौत के पहले जो जाग गया, उसकी फिर कोई मौत नहीं, और जो मौत तक सोया रहा, उसका कोई जीवन नहीं; उसका जीवन एक लंबा स्वप्न है, जो मृत्यु तोड़ देगी। जो जाग गया जीते जी, उसकी फिर कोई मृत्यु नहीं। क्योंकि जो जाग गया, उसने अपने भीतर के स्वभाव को देखा और अनुभव किया कि वह अमृत है।मित्रों, मृत्यु जीवन का शाश्वत् सत्य है...उसका समय भी अनिश्चित है...एक दिन जाना सभी को है...हमें भी व हमारे प्रियजनों को भी...उस अंतिम सत्य को मन मस्तिष्क में रखकर हमेशा श्रेष्ठ कर्म करने का प्रयास करें, दीन-दुखियों व अभावग्रस्त लोगों की सेवा करें।किसी का दिल न दुखायें, संवेदनशील बनें।
Thursday, 17 November 2022
Wednesday, 16 November 2022
Tuesday, 15 November 2022
Sunday, 13 November 2022
Wednesday, 9 November 2022
“हर उस बेटे को समर्पित जो घर से दूर है चाहे वो होस्टल में हो या नोकरी के लिए दूर शहर में..”बेटे भी घर छोड़ जाते हैं...जो तकिये के बिना कहीं…भी सोने से कतराते थे…आकर कोई देखे तो वो…कहीं भी अब सो जाते हैं…खाने में सो नखरे वाले..अब कुछ भी खा लेते हैं…अपने रूम में किसी को…भी नहीं आने देने वाले…अब एक बिस्तर पर सबके…साथ एडजस्ट हो जाते हैं…बेटे भी घर छोड़ जाते हैं...घर को मिस करते हैं लेकिन…कहते हैं ‘बिल्कुल ठीक हूँ’…सौ-सौ ख्वाहिश रखने वाले…अब कहते हैं ‘कुछ नहीं चाहिए’…पैसे कमाने की जरूरत में…वो घर से अजनबी बन जाते हैंलड़के भी घर छोड़ जाते हैं।बना बनाया खाने वाले अब वो खाना खुद बनाते है,माँ-बहन-बीवी का बनाया अब वो कहाँ खा पाते है।कभी थके-हारे भूखे भी सो जाते हैं।लड़के भी घर छोड़ जाते है।मोहल्ले की गलियां, जाने-पहचाने रास्ते,जहाँ दौड़ा करते थे अपनों के वास्ते,,,माँ बाप यार दोस्त सब पीछे छूट जाते हैंतन्हाई में करके याद, लड़के भी आँसू बहाते हैलड़के भी घर छोड़ जाते हैंनई नवेली दुल्हन, जान से प्यारे बहिन- भाई,छोटे-छोटे बच्चे, चाचा-चाची, ताऊ-ताई ,सब छुड़ा देती है साहब, ये रोटी और कमाई।मत पूछो इनका दर्द वो कैसे छुपाते हैं,बेटियाँ ही नही साहब, बेटे घर छोड़ जाते हैं...💔💔मित्रो पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे...💔💔
Tuesday, 8 November 2022
Monday, 7 November 2022
Sunday, 6 November 2022
Saturday, 5 November 2022
Friday, 4 November 2022
Thursday, 3 November 2022
लफ़्ज़ों की बनावट का यहां हर शख़्स दीवाना है नादान सा जहन सादगी से बेगाना है तेरे मुंह पर तेरी मेरे मुंह पर मेरी इसी चतुराई का ज़माना है झूठ से रूबरू सच से अनजाना है स्वार्थपरता की भीड़ में भावनाओं का न ठिकाना है खोज कमियां दूसरों में ख़ुद को माहिर बताना है खोज कमियां दूसरों में ख़ुद को माहिर बताना है✍️✍️ 🌹Roop 🌹
गांठ बांध लीजिए...*🪢 कन्याओं का विवाह 21 से 25 वे वर्ष तक, और लड़कों का विवाह 25 से 29वें वर्ष की आयु तक हर स्थिति में हो जाना चाहिए !**🪢 फ्लैट न लेकर जमीन खरीदो, और उस पर अपना घर बनाओ! वरना आपकी संतानों का भविष्य पिंजरे के पंछी की तरह हो जाएगा**🪢 नयी युवा पीढ़ी को कम से कम तीन संतानों को जन्म देने के लिए प्रेरित करें !**🪢 गांव से नाता जोड़ कर रखें ! और गांव की पैतृक सम्पत्ति, और वहां के लोगों से नाता, जोड़कर रखें !**🪢 अपनी संतानों को अपने धर्म की शिक्षा अवश्य दें, और उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर अवश्य ध्यान दें !**🪢 किसी भी और आतंकवादी प्रवृत्ति के व्यक्ति से सामान लेने-देने, व्यवहार करने से यथासंभव बचें !**🪢 घर में बागवानी करने की आदत डालें,(और यदि पर्याप्त जगह है,तो देशी गाय पालें।* *🔖 होली, दीपावली,विजयादशमी, नवरात्रि, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, राम नवमी, आदि जितने भी त्यौहार आयें, उन्हें आफिस/कार्य से छुट्टी लेकर सपरिवार मनाये।* *🪢 !(हो सके तो पैदल, व परिवार के साथ )*🪢 *प्रात: काल 5-5:30 बजे उठ जाएं, और रात्रि को 10 बजे तक सोने का नियम बनाएं ! सोने से पहले आधा गिलास पानी अवश्य पिये (हार्ट अटैक की संभावना घटती है)**🪢 यदि आपकी कोई एक संतान पढ़ाई में असक्षम है, तो उसको कोई भी हुनर (Skill) वाला ज्ञान जरूर दें !**🪢 आपकी प्रत्येक संतान को कम से कम तीन फोन नंबर स्मरण होने चाहिए, और आपको भी!**🪢 जब भी परिवार व समाज के किसी कार्यक्रम में जाएं, तो अपनी संतानों को भी ले जाएं ! इससे उनका मानसिक विकास सशक्त होगा !**🪢 परिवार के साथ मिल बैठकर भोजन करने का प्रयास करें, और भोजन करते समय मोबाइल फोन और टीवी बंद कर लें !**🪢 अपनी संतानों को बालीवुड की कचरा फिल्मों से बचाएं, और प्रेरणादायक फिल्में दिखाएं !**🪢 जंक फूड और फास्ट फूड से बचें !**🪢 सांयकाल के समय कम से कम 10 मिनट भक्ति संगीत सुने, बजाएं !**🪢 दिखावे के चक्कर में पड़कर, व्यर्थ का खर्चा न करें !**🪢 दो किलोमीटर तक जाना हो, तो पैदल जाएं, या साईकिल का प्रयोग करें !**🪢 अपनी संतानों के मन में किसी भी प्रकार के नशे (गुटखा, तंबाखू, बीड़ी, सिगरेट, दारू...) के विरुद्ध चेतना उत्पन्न करें,तथा उसे विकसित करें !**🪢 सदैव सात्विक भोजन ग्रहण करें, अपने भोजन का ईश्वर को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण करें ! !**🪢 अपने आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगायें, व नित्य प्रति दिन पूजा, दीपदान अवश्य करें !**🪢 अपने घर पर एक हथियार अवश्य रखें, ओर उसे चलाने का निरन्तर हवा में अकेले प्रयास करते रहें, ताकि विपत्ति के समय प्रयोग कर सकें ! जैसे-लाठी,हॉकी,गुप्ती, तलवार,भाला,त्रिशूल व बंदूक/पिस्तौल लाइसेंस के साथ !**🪢 घर में पुत्र का जन्म हो या कन्या का, खुशी बराबरी से मनाएँ ! दोनों जरूरी है ! अगर बेटियाँ नहीं होगी तो परिवार व समाज को आगे बढाने वाली बहुएँ कहाँ से आएगी और बेटे नहीं होंगे तो परिवार समाज व देश की रक्षा कौन करेगा !*
क़िस्मत अच्छी होती है उन लोगों की, जिनको बार-बार उनकी फँसी हुई situation से निकालने के लिए ओर लोग हाथ देते हैं।क़िस्मत सच में ख़राब होती नहीं है, पर लोग खुद ही हाथ ना पकड़ कर ख़राब कर देते हैं। (Taking Decisions at Right time is important) मौक़ा बार-बार मिलता है तो समझो ईश्वर की फिर से कृपा हुई है। ऐसा normal ज़िंदगी में नहीं होता।कुछ पुण्य किए होंगे माता-पिता ने, जिसका फल हमें मिलता है। लेकिन कब तक, आख़िर कब तक माता-पिता के पुण्य काम आएँगे। कभी तो बात अपने कर्मों पर भी आएगी, क्यूँकि माता-पिता के पुण्य हमेशां साथ नहीं रहेंगे। कर्म ही प्रधान है। वही पहले भी देखता है, आज भी देख रहा है और कल का हिसाब भी वही करेगा। याद रखना, हमेशां साथ सिर्फ़ आपका कर्म रहेगा। ना आपकी तकलीफ़, ना आपका आलस, ना आपका अहम॥सिर्फ़ कर्म !!जय हिंद॥
Wednesday, 2 November 2022
Monday, 31 October 2022
READ THIS IT'S BEAUTIFUL The fate of a mother is to wait for her children. You wait for them when you’re pregnant. You wait on them when they get out of school. You wait on for them to get home after a night out. You wait on them when they start their own lives. You wait for them when they get home from work to come home to a nice dinner. You wait for them with love, with anxiety and sometimes with anger that passes immediately when you see them and you can hug them.Make sure your old mom doesn't have to wait any longer. Visit her, love her, hug the one who loved you like no one else ever will. Don't make her wait, she's expecting this from you.Because the membranes get old but the heart of a mother never gets old. Love her as you can. No person will love you like your mother will.Unknown #mom #children
Saturday, 29 October 2022
💐💐एक ही घर की मानसिकता💐💐हम दो भाई बचे थे एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नही हम दोनों भाई कब एक दूसरे से दूर होते गए, एक ही मकान में रहकर भी ज्यादा बातें न करना, विवाद वाली बातों को तूल देना, यही सब चलता था। भैया ऑफिस के लिए जल्दी निकलते और घर भी जल्दी आते थे, जबकि मैं देर से निकलता और देर से लौटता था, इसलिए मेरी गाड़ी हमेशा उनकी गाड़ी के पीछे खड़ी होती थी। हर रोज सुबह गाड़ी हटाने के लिए उनका आवाज देना मुझे हमेशा अखरता, मुझे लगता कि मेरी नींद खराब हो रही है। कभी रात के वक्त उनका ये बोलना नागवार गुजरता कि बच्चों को फर्श पर कूदने से मना करो, नींद में खलल पड़ता है।ऐसे ही गुजरते दिनों के बीच एक बार मैं बालकनी में बैठा था, कि मुझे नीचे से मकान का गेट खुलने की आवाज सुनाई दी, झांककर देखा, तो पाया कि नीचे कॉलोनी के युवाओं की टोली थी जो किसी त्यौहार का चंदा मांगने आई थी। नीचे भैया से चंदा लेकर वो लोग पहली मंजिल पर आने के लिए सीढ़ियाँ चढ़ने लगे, तो भैया बोले," अरे उपर मत जाओ, उपर नीचे एक ही घर है"।युवाओं की टोली तो चली गई पर मेरे दिमाग में भैया कि बात गूँजने लगी, "उपर नीचे एक ही घर है"।मैं शर्मिंदा महसूस करने लगा कि भैया में इतना बड़प्पन हैं, और मैं उनसे बैर रखता हूँ?बात सौ दो सौ रूपयों के चंदे की नहीं बल्कि सोच की थी, और भैया अच्छी सोच में मुझसे कहीं आगे थे।अगले दिन से मैने सुबह जल्दी उठकर गाड़ी बाहर करना शुरू कर दिया, बच्चों को हिदायत दी कि रात जल्दी सोया करें ताकि घर के बड़े चैन से सो सकें, क्योंकि "हमारा घर एक है"।सदैव प्रसन्न रहिये।जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।🙏🙏🙏🙏
Friday, 28 October 2022
Thursday, 27 October 2022
Wednesday, 26 October 2022
Tuesday, 25 October 2022
Monday, 24 October 2022
एक दिया ऐसा भी हो,जो भीतर तलक प्रकाश करे,एक दिया मुर्दा जीवन मेंफिर आकर क़ुछ श्वास भरेएक दिया सादा हो इतना,जैसे सरल साधु का जीवन,एक दिया इतना सुन्दर हो,जैसे देवों का उपवनएक दिया जो भेद मिटाये,क्या तेरा -क्या मेरा है,एक दिया जो याद दिलाये,हर रात के बाद सवेरा हैएक दिया उनकी खातिर हो,जिनके घर में दिया नहीं ,एक दिया उन बेचारों का,जिनको घर ही दिया नहींएक दिया सीमा के रक्षक,अपने वीर जवानों काएक दिया मानवता - रक्षक,चंद बचे इंसानों का !एक दिया विश्वास दे उनको ,जिनकी हिम्मत टूट गयी ,एक दिया उस राह में भी हो ,जो कल पीछे छूट गयीएक दिया जो अंधकार का ,जड़ के साथ विनाश करे ,एक दिया ऐसा भी हो ,जो भीतर तलक प्रकाश करे। ... मेरी ओर से आपको और आपके परिवार को प्रकाशोत्तसव"दीपावली " कीहार्दिक -शुभकामनाएं !!!🙏🙏🙏 *जय सियाराम* 🙏🙏🙏
Sunday, 23 October 2022
Saturday, 22 October 2022
एक औरत को आखिरक्या चाहिए होता है?एक बार जरुर पढ़े ये छोटी सी कहानी: राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए।हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा...यदि तुम एक प्रश्न का जवाब हमें लाकर दे दोगे तो हम तुम्हारा राज्य लौटा देंगे, अन्यथा उम्र कैद के लिए तैयार रहें।प्रश्न है.. एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ?इसके लिए तुम्हारे पास एक महीने का समय है हर्षवर्धन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया..वे जगह जगह जाकर विदुषियों, विद्वानों और तमाम घरेलू स्त्रियों से लेकर नृत्यांगनाओं, वेश्याओं, दासियों और रानियों, साध्वी सब से मिले और जानना चाहा कि एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? किसी ने सोना, किसी ने चाँदी, किसी ने हीरे जवाहरात, किसी ने प्रेम-प्यार, किसी ने बेटा-पति-पिता और परिवार तो किसी ने राजपाट और संन्यास की बातें कीं, मगर हर्षवर्धन को सन्तोष न हुआ।महीना बीतने को आया और हर्षवर्धन को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला..किसी ने सुझाया कि दूर देश में एक जादूगरनी रहती है, उसके पास हर चीज का जवाब होता है शायद उसके पास इस प्रश्न का भी जवाब हो..हर्षवर्धन अपने मित्र सिद्धराज के साथ जादूगरनी के पास गए और अपना प्रश्न दोहराया।जादूगरनी ने हर्षवर्धन के मित्र की ओर देखते हुए कहा.. मैं आपको सही उत्तर बताऊंगी परंतु इसके एवज में आपके मित्र को मुझसे शादी करनी होगी ।जादूगरनी बुढ़िया तो थी ही, बेहद बदसूरत थी, उसके बदबूदार पोपले मुंह से एक सड़ा दाँत झलका जब उसने अपनी कुटिल मुस्कुराहट हर्षवर्धन की ओर फेंकी ।हर्षवर्धन ने अपने मित्र को परेशानी में नहीं डालने की खातिर मना कर दिया, सिद्धराज ने एक बात नहीं सुनी और अपने मित्र के जीवन की खातिर जादूगरनी से विवाह को तैयार हो गयातब जादूगरनी ने उत्तर बताया.."स्त्रियाँ, स्वयं निर्णय लेने में आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं | "यह उत्तर हर्षवर्धन को कुछ जमा, पड़ोसी राज्य के राजा ने भी इसे स्वीकार कर लिया और उसने हर्षवर्धन को उसका राज्य लौटा दियाइधर जादूगरनी से सिद्धराज का विवाह हो गया, जादूगरनी ने मधुरात्रि को अपने पति से कहा..चूंकि तुम्हारा हृदय पवित्र है और अपने मित्र के लिए तुमने कुरबानी दी है अतः मैं चौबीस घंटों में बारह घंटे तो रूपसी के रूप में रहूंगी और बाकी के बारह घंटे अपने सही रूप में, बताओ तुम्हें क्या पसंद है ?सिद्धराज ने कहा.. प्रिये, यह निर्णय तुम्हें ही करना है, मैंने तुम्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया है, और तुम्हारा हर रूप मुझे पसंद है ।जादूगरनी यह सुनते ही रूपसी बन गई, उसने कहा.. चूंकि तुमने निर्णय मुझ पर छोड़ दिया है तो मैं अब हमेशा इसी रूप में रहूंगी, दरअसल मेरा असली रूप ही यही है।बदसूरत बुढ़िया का रूप तो मैंने अपने आसपास से दुनिया के कुटिल लोगों को दूर करने के लिए धरा हुआ था ।अर्थात, सामाजिक व्यवस्था ने औरत को परतंत्र बना दिया है, पर मानसिक रूप से कोई भी महिला परतंत्र नहीं है।इसीलिए जो लोग पत्नी को घर की मालकिन बना देते हैं, वे अक्सर सुखी देखे जाते हैं। आप उसे मालकिन भले ही न बनाएं, पर उसकी ज़िन्दगी के एक हिस्से को मुक्त कर दें। उसे उस हिस्से से जुड़े निर्णय स्वयं लेने दें।
Friday, 21 October 2022
Must readकुछ साल पहले, मेरी एक सहेली ने सिर्फ 50 साल की उम्र पार की थी। लगभग 8 दिनों बाद वह एक बीमारी से पीड़ित हो गई थी ... और उसकी जल्दी ही मृत्यु हो गई।ग्रुप में हमें एक शोक संदेश प्राप्त हुआ कि ... *"दुख की बात है .. वह हमारे साथ नहीं रही " ... RIP* दो महीने बाद मैंने उसके पति को फोन किया। ऐसे ही मुझे लगा कि .. वह बहुत परेशान होगा. क्योंकि ट्रैवल वाला जॉब था। अपनी मृत्यु तक मेरी सहेली सब कुछ देख लेती थी .. घर .. अपने बच्चों की शिक्षा ... वृद्ध ससुराल वालों की देखभाल करना .. उनकी बीमारी .. रिश्तेदारों का प्रबंधन करना .. _ *सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ* _वह कहती रहती थी .. "मेरे घर को मेरे समय की जरूरत है, .. मेरे पति चाय काफ़ी भी नहीं बना पाते, मेरे परिवार को मुझसे हर चीज के लिए जरूरत है, लेकिन कोई भी मेरे द्वारा किए गए प्रयासों की परवाह नहीं करता है और न ही मेरी सराहना करता है। सब मेरी मेहनत को नोर्मल मान के चलते हैं "।मैंने उसके पति को यह जानने के लिए फ़ोन किया कि क्या परिवार को किसी सहारे की जरूरत है. मुझे लगा कि उनके पति बहुत परेशान होंगे .. अचानक से सारी ज़िम्मेदारियों को निभाना है, उम्र बढ़ने के साथ साथ .. माता-पिता, बच्चे, अपनी नौकरी , इस पर अकेलापन उम्र .. कैसे होंगे बेचारे ?फोन कुछ समय के लिए बजा ..नही उठाया ... एक घंटे के बाद उन्होंने वापस कॉल किया.. उसने माफी मांगी कि वह मेरे कॉल का जवाब नहीं दे पाए. क्यूँकि अपने क्लब में एक घंटे के लिए टेनिस खेलना शुरू किया था और दोस्तों से मिलना वग़ैरह भी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका समय ठीक से गुजर जाए। यहां तक कि उन्होंने पुणे में ट्रान्स्फ़र करवा लिया। इसलिए अब ट्रैवल नही करना पड़ता ।"घर पर सब ठीक है?" मैंने पूछा;उन्होंने जवाब दिया, एक रसोइया रख लिया है .. थोड़ा और पेमेंट किया तो वह किराने का सामान और सब्ज़ी फल वग़ैरह भी ला देगा । उन्होंने अपने बूढ़े माता-पिता के लिए *फ़ुल टाइम केयर टेकर* रख ली थी। "ठीक चल रहा है ... बच्चे भी ठीक हैं। जीवन धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है “... उन्होंने कहा।मैं मुश्किल से एक-दो वाक्य बोल पायी और हमारी बात पूरी हो गयी ।मेरी आंखों में आंसू आ गए।मेरी सहेली मेरे ख्यालों में आ रही थी ... उसने अपनी सास की छोटी सी बीमारी के लिए हमारे स्कूल के पुनर्मिलन को छोड़ दिया था। वो अपनी भतीजी की शादी में नही गयी क्योंकि उसको अपने घर में मरम्मत के काम की देखरेख करनी थी।वह कई मजेदार पार्टियों और फिल्मों से चूक गई थी क्योंकि उसके बच्चों की परीक्षा थी और उसे खाना बनाना था, उसे अपने पति की जरूरतों का ख्याल रखना था ...उसने हमेशा कुछ प्रशंसा और कुछ पहचान की तलाश की थी .. जो उसे कभी नहीं मिली।आज मुझे उसका कहने का मन हो रहा है ।।यहाँ कोई भी अपरिहार्य नहीं है।और कोई भी याद नहीं किया जाएगा .. यह सिर्फ हमारे दिमाग का भ्रम है।शायद यह सांत्वना है .. या यूँ कहें की हमारे समझने का तरीक़ा... जब आप दूसरों को खुद से पहले रखते हैं तो वास्तव में आप यह भी दिखा रहे होते हैं की आप पहले नहीं हैं *रियालिटी बाइट्स* : _ उसके मरने के बाद उन्होंने दो और नौकरानियाँ रख ली गईं और घर ठीक चल रहा थाइसलिए मन का यह वहम हटा दो कि मैं अपरिहार्य हूं और मेरे बिना घर नहीं चलेगा ..💟 *सभी महिलाओं को मेरा संदेश:**सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने आप के लिए समय निकालें ..*... *अपने दोस्तों के साथ संपर्क में रहें ... बात करें, हंसें और आनंद लें**अपने शौक़ पूरे करो, अपने जुनून को जियो, अपनी जिंदगी को जियो**कभी कभार वो उन चीजों को करें जो करने में हमें मज़ा आता हैं ...*💙 दूसरों में अपनी ख़ुशी मत देखो, *तुम भी कुछ खुशियों के हकदार हो* क्योंकि अगर तुम खुश नहीं हो तो तुम दूसरों को खुश नहीं कर सकते हर किसी को आपकी ज़रूरत है, लेकिन आपको भी अपनी देखभाल और प्यार की ज़रूरत है।जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा *हम सभी के पास जीने के लिए केवल एक ही जीवन है**ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है ...*💐💐💐
Thursday, 20 October 2022
तेरे आने से आँगन में चिड़ियों सी आवाज़ गूंजती है,जब जब तूं हंसती है बेटीतेरी मुस्कान गूंजती है,वातावरण होता है कुछ ऐसा कि मन नाचने लगता है,चंचल सी बेटी कहां गई घर में हर कोई ताकने लगता है,छुपकर पूरे घर में फिर तूं आँख मिचौली खेला करती है,शाम ढले फिर पापा की अपनेराह तूं देखा करती है,कहां रह गए पापा मेरेमम्मी से पूछा करती है,आहट सुनकर मेरे कदमों की तूं दौड़ी-दौड़ी आती है,पापा-पापा कहकर मुझमे सिमट जाती है,बस इसी पल का इंतज़ार मुझको हर पल रहता है,बहुत खुशकिस्मत हूँ मैं हर कोई यही कहता है !!
Wednesday, 19 October 2022
तेरे आने से आँगन में चिड़ियों सी आवाज़ गूंजती है,जब जब तूं हंसती है बेटीतेरी मुस्कान गूंजती है,वातावरण होता है कुछ ऐसा कि मन नाचने लगता है,चंचल सी बेटी कहां गई घर में हर कोई ताकने लगता है,छुपकर पूरे घर में फिर तूं आँख मिचौली खेला करती है,शाम ढले फिर पापा की अपनेराह तूं देखा करती है,कहां रह गए पापा मेरेमम्मी से पूछा करती है,आहट सुनकर मेरे कदमों की तूं दौड़ी-दौड़ी आती है,पापा-पापा कहकर मुझमे सिमट जाती है,बस इसी पल का इंतज़ार मुझको हर पल रहता है,बहुत खुशकिस्मत हूँ मैं हर कोई यही कहता है !!
***एक सोच जो जिंदगी बदल दे*** हमें अपने दुख, दर्द, मुश्किल, परेशानियों में किसी ना किसी साथ की जरूरत होती है । जिससे हम अपनी व्यथा कह सकें या किसी के कंधे की जरूरत महसूस होती है जिससे उसके कंधे पर सर रखकर हम रो सकें और खुद को हल्का महसूस करा सकें । परंतु यह संभव नहीं कि हमें यह साथ या यह कंधा हमेशा आसानी से मिल सके। तो क्यों ना खुद को ऐसा बनाया जाए कि जिंदगी के दिए दर्द से अकेले ही (आत्मविश्वास और हिम्मत) के साथ लड़ना सीख जाए। यही आत्मविश्वास और हिम्मत जिंदगी को जीतने में हमारी मदद करेगा और इस तरह हमारी जिंदगी खुशनुमा और सरल बन जाएगी। माना कि कहना जितना आसान है करना उतना ही मुश्किल परंतु फिर भी यदि खुद पर काम किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं।खुद से लड़ना और उससे जीतना सबसे पहली और सबसे बड़ी बात है ,उसके बाद तो कुछ भी असंभव नहीं
Tuesday, 18 October 2022
Monday, 17 October 2022
Sunday, 16 October 2022
❤️ खुद को जानो❤आज चाय के साथ पकोड़े खाने का मन हुआ, फिर सोचा घर मे किसी को पसंद ही नही पकोड़े खाना तो अपने लिए क्या बनाऊ.... चाय ली और दो बिस्कुट लेकर बैठ गई.... सुबह से शाम तक का सोचने लगी.... घर मे जो भी बनता है बच्चो या फिर पतिदेव की पसंद का बनता है.... अपनी पसंद का कभी नही बनाया.... खाना मै ही परोसती हूँ.... पर सभी को खिलाने के बाद अगर सलाद खत्म हो जाए तो अपने लिए सलाद दोबारा नहीं काटती....सभी की चीजों का मुझे ही ख्याल रखना है.... पर अपनी ही दवाई भूल जाती हूँ.... रात को सारा काम निपटा कर जैसे ही सोने की तैयारी करो तो आवाज़ आती है एक ग्लास पानी तो दे दो... पर अपने लिए पानी लेने खुद ही उठना पड़ता है..... जब सभी का ख्याल रख सकती हूँ.... तो खुद के लिए कुछ क्यों नही कर सकती....अब इसका जवाब देना तो हम गृहनियों के लिए मुश्किल हीं होगा। रोज़ सब के लिए फलों का प्लेट सजाते सजाते एक-आध टुकड़ा मुँह में डाल ली तो डाल ली.....खुद की प्लेट भी बनाई होगी, याद हीं नहीं... इतनी लीन हुई ये दुनियादारी में, की दुनियाँ ने इनकी रीत हीं बना डाली.......लक्ष्मण रेखा सी खींच डाली.........जकड़ डाला हमने खुद को एक रिवाज में.......इसकी दोषी हम खुद हैं...... वर्ना कहाँ लिखा है... किसने कहा है, कि सब की सेहत का खयाल रखो, लेकिन खुद की नहीं?सजाओ सब की थाली,वही प्यार वाली।पर एक और बढ़ा दो,खुद के नाम की थाली।काटो तरबूज़, डालो अँगूर,अपनी प्लेट भी सजाना ज़रूर।दवाइयाँ देखो है ना सब की,देखो फिर से एक बार,अपनी दवाई भूली तो नहीं इस बार।शाम हुई है,कोई है नहीं पास,फिर भी बनाओ चाय,देखो ना, तुम भी हो ख़ास।कोई कहेगा तब हीं रखोगी,सेहत है तुम्हारी कई बार कहूँ,कब अपने हिस्से की ज़िन्दगी चखोगी।दौड़ते भागते, थोड़ी ठहरा करो,रखो सब का खयाल तुम...और अपने ख़ातिर भी खुशियों का पहरा धरो।😊😊☺️☺️👍👌💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Saturday, 15 October 2022
Thursday, 13 October 2022
*वाह रे पैसा!* *तेरे कितने नाम?*मंदिर मे दिया जाये तो*( चढ़ावा )* स्कुल में *( फ़ीस )*शादी में दो तो*( दहेज )* तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )* आप किसी को देतेहो तो *( कर्ज )* अदालत में *( जुर्माना )*सरकार लेती है तो*( कर )* सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*अपहर्ताओ के लिए*( फिरौती )* होटल में सेवा के लिए *( टिप )*बैंक से उधार लो तो*( ऋण )* श्रमिकों के लिए *( वेतन )* मातहत कर्मियों के लिए*( मजदूरी )* अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*और मुझे दोगे तो*(गिफ्ट)* *मैं पैसा हूँ:!*मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते;मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें। *मैं पैसा हूँ:!*मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है। *मैं पैसा हूँ:!*इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था;मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था। *मैं पैसा हूँ:!*मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोगआपको कितनी इज्जत देते है। *मैं पैसा हूँ:!*मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ!आपके पास नहीं हूँ तो,आपका नहीं हूँ! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ;मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;मगर फिर भी न जाने क्योंसब मेरे पीछे इतना पागल हैं? 🔴एक सच्चाई ये भी है कि.........*बदलता हुआ दौर है साहब ...**पहले "आयु" में बड़े का* *सम्मान होता था...!**अब "आय" में बड़े का* *सम्मान होता है*🙏🙏🙏🙏🙏🙏
#happykarvachouth करवा चौथ की पौराणिक व्रत कथा।बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहां तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी।शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है। चूंकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चांद उदित हो रहा हो।इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चांद को देखती है, उसे अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ जाती है।वह पहला टुकड़ा मुंह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुंह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियां उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से 'यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो' ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूंकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह क र वह चली जाती है।सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अंगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुंह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है।हे श्री गणे श- मां गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
बहुत शानदारलाइन -तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है ... कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.... सुना है तू इस संसार के हर जर्रे में रहता है, फिर ज़मीन पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यों है.... जब रहने वाले दुनिया के हर बन्दे तेरे हैं, फिर कोई दोस्त तो कोई दुश्मन क्यों है.... तू ही लिखता है हर किसी का मुकद्दर, फिर कोई बदनसीब, और कोई मुकद्दर का सिकंदर क्यों है....
Wednesday, 12 October 2022
*वाह रे पैसा!* *तेरे कितने नाम?*मंदिर मे दिया जाये तो*( चढ़ावा )* स्कुल में *( फ़ीस )*शादी में दो तो*( दहेज )* तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )* आप किसी को देतेहो तो *( कर्ज )* अदालत में *( जुर्माना )*सरकार लेती है तो*( कर )* सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*अपहर्ताओ के लिए*( फिरौती )* होटल में सेवा के लिए *( टिप )*बैंक से उधार लो तो*( ऋण )* श्रमिकों के लिए *( वेतन )* मातहत कर्मियों के लिए*( मजदूरी )* अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*और मुझे दोगे तो*(गिफ्ट)* *मैं पैसा हूँ:!*मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते;मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें। *मैं पैसा हूँ:!*मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है। *मैं पैसा हूँ:!*इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था;मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था। *मैं पैसा हूँ:!*मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोगआपको कितनी इज्जत देते है। *मैं पैसा हूँ:!*मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ!आपके पास नहीं हूँ तो,आपका नहीं हूँ! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं। *मैं पैसा हूँ:!*मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ;मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!*मैं सारे फसाद की जड़ हूँ;मगर फिर भी न जाने क्योंसब मेरे पीछे इतना पागल हैं? 🔴एक सच्चाई ये भी है कि.........*बदलता हुआ दौर है साहब ...**पहले "आयु" में बड़े का* *सम्मान होता था...!**अब "आय" में बड़े का* *सम्मान होता है*🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Tuesday, 11 October 2022
Monday, 10 October 2022
Sunday, 9 October 2022
Saturday, 8 October 2022
Friday, 7 October 2022
कहाँ गए वो प्यारे दिन जब...➨ रात को सोने से पहले परिवार के सारे सदस्य घंटो बातें किया करते थे और अब सब हाथ में मोबाइल लिए हुए सो जाते हैं..➨ लाइट जाती थी तब पूरा मोहल्ला बड़ के पेड़ के नीचे बैठ कर एक दुसरे की टांग खीचते थे,अब तो inverters की वजह से घर से ही नहीं निकलते...➨ चूल्हे की आग पर डेगची में गुड़ वाली चाह्(चाय) की महक 10 किल्ले दूर तक जाती थी,आज चाय गैस पर बनती है महक छोडो स्वाद का भी पता नहीं लगता...➨ औरतें घूँघट काढती थी और लडकिया चुन्नी लेती थी,अब कवारियां ढाठा मार के सुल्ताना डाकू बन रही हैंऔर ब्याही हुई सर भी नहीं ढक रही..➨ पहले पूरे दिन हारे पर कढोणी में दूध उबलता था और सीपी से खुरचन तार के खाते थे और उस दूध की दही इतनी स्वाद बनती थी,अब तो गए दूकान पर 15 का दही पाउच ले लिया...➨ कच्ची फूस की छान में पानी मार कर झोपडी में सोने में बहोत मज़ा आता थी बिलकुल ठंडी हो जाती थीअब वैसे ठंडक AC भी नहीं दे रहे..➨ दारु बड़े बूढे पीते थे अब तो 8वीं से ही पीना शुरू कर देते हैं..🍺🍺🍺➨ पहले ज़मीन को माँ समझा जाता थाअब एक जमीन का टुकड़ा जिसे बेच कर कोठी बना लो एक कार ले लो और रोज उस कार में बैठ कर दारु और मुर्गा चलने दो..➨पहले सभी एक दूसरे को राम राम बोलते थे अब हेल्लो हायपहले लड़ाइयां इज़्ज़त और सम्मान के लिए लड़ी जाती थी अब दारु पीकर अपने आप हो जाती हैगाय हमारी COW बन गयी, शर्म हया अब WOW बन गयी, काढ़ा हमारा CHAI बन गया, छोरा बेचारा GUY बन गया, योग हमारा YOGA बन गया, घर का जोगी JOGA बन गया, भोजन 100 रु. PLATE बन गया, ..हमारा भारत GREAT बन गया.. घर की दीवारेँ WALL बन गयी, दुकानेँ SHOPING MALLबन गयीँ, गली मोहल्ला WARD बन गया, ऊपरवाला LORD बन गया, माँ हमारी MOM बन गयी, छोरियाँ ITEM BOMB बन गयीँ, तुलसी की जगह मनी प्लांट ने ले ली..! चाची की जगह आंटी ने ले ली..!पिता जी डेड हो गये..! भाई तो अब ब्रो हो गये..! बेचारी बेहन भी अब सिस हो गयी..! दादी की लोरी तो अब टांय टांय फिस्स हो गयी..!टी वी के सास बहू में भी अब साँप नेवले का रिश्ता है..! पता नहीं एकता कपूर औरत है या फरिश्ता है..!!! जीती जागती माँ बच्चों के लिए ममी हो गयी..! रोटी अब अच्छी कैसे लगे मैग्गी जो यम्मी हो गयी..!गाय का आशियाना अब शहरों की सड़कों पर बचा है..! विदेशी कुत्तों ने लोगों के कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..! बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है..! हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा है..... ☝ 🎯 👀 एक मेसेज भारतीय सभ्यता के नाम.,
कहाँ गए वो प्यारे दिन जब...➨ रात को सोने से पहले परिवार के सारे सदस्य घंटो बातें किया करते थे और अब सब हाथ में मोबाइल लिए हुए सो जाते हैं..➨ लाइट जाती थी तब पूरा मोहल्ला बड़ के पेड़ के नीचे बैठ कर एक दुसरे की टांग खीचते थे,अब तो inverters की वजह से घर से ही नहीं निकलते...➨ चूल्हे की आग पर डेगची में गुड़ वाली चाह्(चाय) की महक 10 किल्ले दूर तक जाती थी,आज चाय गैस पर बनती है महक छोडो स्वाद का भी पता नहीं लगता...➨ औरतें घूँघट काढती थी और लडकिया चुन्नी लेती थी,अब कवारियां ढाठा मार के सुल्ताना डाकू बन रही हैंऔर ब्याही हुई सर भी नहीं ढक रही..➨ पहले पूरे दिन हारे पर कढोणी में दूध उबलता था और सीपी से खुरचन तार के खाते थे और उस दूध की दही इतनी स्वाद बनती थी,अब तो गए दूकान पर 15 का दही पाउच ले लिया...➨ कच्ची फूस की छान में पानी मार कर झोपडी में सोने में बहोत मज़ा आता थी बिलकुल ठंडी हो जाती थीअब वैसे ठंडक AC भी नहीं दे रहे..➨ दारु बड़े बूढे पीते थे अब तो 8वीं से ही पीना शुरू कर देते हैं..🍺🍺🍺➨ पहले ज़मीन को माँ समझा जाता थाअब एक जमीन का टुकड़ा जिसे बेच कर कोठी बना लो एक कार ले लो और रोज उस कार में बैठ कर दारु और मुर्गा चलने दो..➨पहले सभी एक दूसरे को राम राम बोलते थे अब हेल्लो हायपहले लड़ाइयां इज़्ज़त और सम्मान के लिए लड़ी जाती थी अब दारु पीकर अपने आप हो जाती हैगाय हमारी COW बन गयी, शर्म हया अब WOW बन गयी, काढ़ा हमारा CHAI बन गया, छोरा बेचारा GUY बन गया, योग हमारा YOGA बन गया, घर का जोगी JOGA बन गया, भोजन 100 रु. PLATE बन गया, ..हमारा भारत GREAT बन गया.. घर की दीवारेँ WALL बन गयी, दुकानेँ SHOPING MALLबन गयीँ, गली मोहल्ला WARD बन गया, ऊपरवाला LORD बन गया, माँ हमारी MOM बन गयी, छोरियाँ ITEM BOMB बन गयीँ, तुलसी की जगह मनी प्लांट ने ले ली..! चाची की जगह आंटी ने ले ली..!पिता जी डेड हो गये..! भाई तो अब ब्रो हो गये..! बेचारी बेहन भी अब सिस हो गयी..! दादी की लोरी तो अब टांय टांय फिस्स हो गयी..!टी वी के सास बहू में भी अब साँप नेवले का रिश्ता है..! पता नहीं एकता कपूर औरत है या फरिश्ता है..!!! जीती जागती माँ बच्चों के लिए ममी हो गयी..! रोटी अब अच्छी कैसे लगे मैग्गी जो यम्मी हो गयी..!गाय का आशियाना अब शहरों की सड़कों पर बचा है..! विदेशी कुत्तों ने लोगों के कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..! बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है..! हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा है..... ☝ 🎯 👀 एक मेसेज भारतीय सभ्यता के नाम.,
Thursday, 6 October 2022
Wednesday, 5 October 2022
Sunday, 2 October 2022
Saturday, 1 October 2022
पत्नी के अंतिम संस्कार व तेरहवीं के बाद रिटायर्ड पोस्टमैन मनोहर गाँव छोड़कर मुम्बई में अपने पुत्र सुनील के बड़े से मकान में आये हुए हैं। सुनील बहुत मनुहार के बाद यहाँ ला पाया है। यद्यपि वह पहले भी कई बार प्रयास कर चुका था किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!' बस बाबूजी की इच्छा मर जाती। पर इस बार कोई साक्षात अवरोध नहीं था और पत्नी की स्मृतियों में बेटे के स्नेह से अधिक ताकत नहीं थी , इसलिए मनोहर बम्बई आ ही गए हैं।सुनील एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कम्पनी में इंजीनियर है। उसने आलीशान घर व गाड़ी ले रखी है।घर में घुसते ही मनोहर ठिठक कर रुक गए। गुदगुदी मैट पर पैर रखे ही नहीं जा रहे हैं उनके। दरवाजे पर उन्हें रुका देख कर सुनील बोला - "आइये बाबूजी, अंदर आइये।"- "बेटा, मेरे गन्दे पैरों से यह कालीन गन्दी तो नहीं हो जाएगी।"- "बाबूजी, आप उसकी चिंता न करें। आइये यहाँ सोफे पर बैठ जाइए।"सहमें हुए कदमों में चलते हुए मनोहर जैसे ही सोफे पर बैठे तो उनकी चीख निकल गयी - अरे रे! मर गया रे!उनके बैठते ही नरम औऱ गुदगुदा सोफा की गद्दी अन्दर तक धँस गयी थी। इससे मनोहर चिहुँक कर चीख पड़े थे।चाय पीने के बाद सुनील ने मनोहर से कहा - "बाबूजी, आइये आपको घर दिखा दूँ अपना।"- "जरूर बेटा, चलो।"- "बाबू जी, यह है लॉबी जहाँ हम लोग चाय पी रहे थे। यहाँ पर कोई भी अतिथि आता है तो चाय नाश्ता और गपशप होती है। यह डाइनिंग हाल है। यहाँ पर हम लोग खाना खाते हैं। बाबूजी, यह रसोई है और इसी से जुड़ा हुआ यह भण्डार घर है। यहाँ रसोई से सम्बंधित सामग्री रखी जाती हैं। यह बच्चों का कमरा है।"- "तो बच्चे क्या अपने माँ बाप के साथ नहीं रहते?"- बाबूजी, यह शहर है और शहरों में मुंबई है। यहाँ बच्चे को जन्म से ही अकेले सोने की आदत डालनी पड़ती है। माँ तो बस समय समय पर उसे दूध पिला देती है और उसके शेष कार्य आया आकर कर जाती है।"थोड़ा ठहर कर सुनील ने आगे कहा,"बाबूजी यह आपकी बहू और मेरे सोने का कमरा है और इस कोने में यह गेस्ट रूम है। कोई अतिथि आ जाए तो यहीं ठहरता है। यह छोटा सा कमरा पालतू जानवरों के लिए है। कभी कोई कुत्ता आदि पाला गया तो उसके लिए व्यवस्था कर रखी है।"सीढियां चढ़ कर ऊपर पहुँचे सुनील ने लम्बी चौड़ी छत के एक कोने में बने एक टीन की छत वाले कमरे को खोल कर दिखाते हुए कहा - "बाबूजी यह है घर का कबाड़खाना। घर की सब टूटी फूटी और बेकार वस्तुएं यहीं पर एकत्र कर दी जाती हैं। और दीवाली- होली पर इसकी सफाई कर दी जाती है। ऊपर ही एक बाथरूम और टॉइलट भी बना हुआ है।"मनोहर ने देखा कि इसी कबाड़ख़ाने के अंदर एक फोल्डिंग चारपाई पर बिस्तर लगा हुआ है और उसी पर उनका झोला रखा हुआ है। मनोहर ने पलट कर सुनील की तरफ देखा किन्तु वह उन्हें वहां अकेला छोड़ सरपट नीचे जा चुका था। मनोहर उस चारपाई पर बैठकर सोचने लगे कि 'कैसा यह घर है जहाँ पाले जाने वाले जानवरों के लिए अलग कमरे का विधान कर लिया जाता है किंतु बूढ़े माँ बाप के लिए नहीं। इनके लिए तो कबाड़ का कमरा ही उचित आवास मान लिया गया है। नहीं.. अभी मैं कबाड़ नहीं हुआ हूँ। सुनील की माँ की सोच बिल्कुल सही था। मुझे यहाँ नहीं आना चाहिए था।'अगली सुबह जब सुनील मनोहर के लिए चाय लेकर ऊपर गया तो कक्ष को खाली पाया। बाबू जी का झोला भी नहीं था वहाँ। उसने टॉयलेट व बाथरूम भी देख लिये किन्तु बाबूजी वहाँ भी नहीं थे। वह झट से उतर कर नीचे आया तो पाया कि मेन गेट खुला हुआ है। उधर मनोहर टिकट लेकर गाँव वापसी के लिए सबेरे वाली गाड़ी में बैठ चुके थे। उन्होंने कुर्ते की जेब में हाथ डाल कर देखा कि उनके 'अपने घर' की चाभी मौजूद थी। उन्होंने उसे कस कर मुट्ठी में पकड़ लिया। चलती हुई गाड़ी में उनके चेहरे को छू रही हवा उनके इस निर्णय को और मजबूत बना रही थी।स्वस्थ रहें व्यस्त रहें मस्त रहें 🥰
जिंदा बाप को रोटी नहीं. मरने के बाद खीर पूड़ीजीवित बाप से लट्ठम-लठ्ठा, मूवे गंग पहुँचईयाँ ।जब आवै आसौज का महीना, कऊवा बाप बनईयाँ ।।देवास। जब वृद्धो के हाथ पैर थक जाते है तब मां बाप बोझ लगने लगते हैं। यदि मां बाप के पास जमीन या पेन्शन है तो ऐसे मां बाप प्रायः अपने घर में जीवन गुजार लेते हैं। यदि कोई सहारा नहीं है तो बहू बेटा को वही मां बाप बोझ लगते हैं। जिन्होंने तिनका तिनका जोड़कर अपने बेटे बहू के लिये मकान बनाया। बच्चों को पढाया लिखाया खिलाया पिलाया जरूरत पड़ने पर और भी शौक पूरे कराये लेकिन आज जमीन या पॅशन ना होने की स्थिति में मां बाप बोझ वह वृद्धा आश्रम में कहां। सब जगह बन गये हैं। सरकार जो भी बेटे बहूयें जिम्मेदार है ऐसी बात वृद्धावस्था पेन्शन देती है उससे दो नहीं। बहुत जून की चटनी रोटी मिल सकती है पर उस रोटी को पकाने के लिये बात बात में नुक्त चीनी की आदत शरीर में ताकत चाहिए । बीमार पड़ने होती है। पर दवा भी। रोटी पकाने को गैस नयी पीढ़ी के युवाओं पर थोपना भी चाय के लिये दूध भी बहुत सी चाहते हैं। वृद्धों को चाहिए अपना राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली पेंशन पर्याप्त नहीं कही जा सकती। भजन करें सत्संग सुने व बात बात में वृद्धों को घर से निकालने के किस्से नुक्ताचीनी आम हैं पर जो सुख घर में मिलता है। 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जायेगा । वृद्धावस्था में सन्तयों तो पूरे भारतवर्ष में वृद्धावस्था आश्रम है। किसी में भ्रष्टाचार है तो से मामलों में वृद्ध लोग किसी में शिष्टाचार है। देवास स्थित भी जिम्मेदार हैं। कारण वृद्धों की वृद्धावस्था आश्रम की स्थिति अच्छी कही जाती है राजोदा रोड स्थित इस अपने पुराने संस्कारों को वृद्धावस्था आश्रम में 42 वृद्ध हैं तो 28 महिलायें है। पर बुजगों का इस पितृ पक्ष के महीने में अपना दुख है। सबका मानना था कि जीते जी उनकी की आदत छोड़ दें तो सन्ताने खाने को भोजन नहीं देते मरने के बाद श्राद्ध पिण्डदान तर्पण का लोक दिखावा करेंगे। इससे क्या फायदा ।रामपाल जी महाराज का सत्संग व नाम उपदेश संजीवनी का काम करेगा। सन्त रामपाल जी महाराज के नाम उपदेश से पिछली 7 पीढ़ी व अगली 101 पीढ़ी का उद्धार हो जाता है। खुद का आवागमन का चक्र समाप्त होगा व नाम जाप व सत्संग से समय भी कटेगा । सदबुद्धि भी जगेगी। घर में बच्चे सत्संग सुनेगे तो उनमें भी सुधार होगा।
Friday, 30 September 2022
Thursday, 29 September 2022
Wednesday, 28 September 2022
Tuesday, 27 September 2022
Monday, 26 September 2022
Sunday, 25 September 2022
Saturday, 24 September 2022
Friday, 23 September 2022
माता पिता का एक बेटे के नाम छोटा सा पैगाम :1. जिस दिन तुम हमे बूढ़ा देखो तब सब्र करना और हमे समझने की कोशिश करना.2. जब हम कोई बात भूल जाए तो हम पर गुस्सा ना करना और अपना बचपन याद करना.3. जब हम बीमार हो जाए तो वो दिन याद करके हम पर अपने पैसे खर्च करना जब हम तुम्हारी ख्वाहिशे पूरी करने के लिए अपनी ख्वाहिशे कुर्बान करते थे.4. जब हम बूढ़े होकर चल ना पाए तो हमारा सहारा बनना और अपना पहला कदम याद करना.। 5. जब हमारे आँखों मे आँसू देखना तो वह दिन याद करना, जब तुम रोते थे, तो सीने से लगाकर चुप कराते थे ।6. जब हम ठंड से ठिठुर रहें हो तो और गुहार लगा रहें हों, तो बिना कोई देर किये हमारे ऊपर रजाई और कम्बल डालना। वह दिन याद करना जब ठंड के दिनों में पैरों से रजाई नीचे गिरा देते थे और ठंड लगने पर रोते थे, तो अपने कलेजे लगाकर फिर रजाई ओढाते थे ।
Thursday, 22 September 2022
Wednesday, 21 September 2022
Tuesday, 20 September 2022
Monday, 19 September 2022
Sunday, 18 September 2022
*सभी को स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं:* याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें: 1. बीपी: 120/80 2. पल्स: 70 - 100 3. तापमान: 36.8 - 37 4. सांस : 12-16 5. हीमोग्लोबिन: पुरुष -13.50-18 स्त्री- 11.50 - 16 6. कोलेस्ट्रॉल: 130 - 200 7. पोटेशियम: 3.50 - 5 8. सोडियम: 135 - 145 9. ट्राइग्लिसराइड्स: 220 10. शरीर में खून की मात्रा: पीसीवी 30-40% 11. शुगर लेवल: बच्चों के लिए (70-130) वयस्क: 70 - 115 12. आयरन: 8-15 मिलीग्राम 13. श्वेत रक्त कोशिकाएं WBC: 4000 - 11000 14. प्लेटलेट्स: 1,50,000 - 4,00,000 15. लाल रक्त कोशिकाएं RBC: 4.50 - 6 मिलियन. 16. कैल्शियम: 8.6 -10.3 मिलीग्राम/डीएल 17. विटामिन D3: 20 - 50 एनजी/एमएल.18. विटामिन B12: 200 - 900 पीजी/एमएल.*वरिष्ठ यानि 40/ 50/ 60 वर्ष वालों के लिए विशेष टिप्स:**1- पहला सुझाव:* प्यास न लगे या जरूरत न हो तो भी हमेशा पानी पिएं, सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और उनमें से ज्यादातर शरीर में पानी की कमी से होती हैं। 2 लीटर न्यूनतम प्रति दिन.*2- दूसरा सुझाव:* शरीर से अधिक से अधिक काम ले, शरीर को हिलना चाहिए, भले ही केवल पैदल चलकर, या तैराकी या किसी भी प्रकार के खेल से।*3-तीसरा सुझाव:* खाना कम करो...अधिक भोजन की लालसा को छोड़ दें... क्योंकि यह कभी अच्छा नहीं लाता है। अपने आप को वंचित न करें, लेकिन मात्रा कम करें। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आधारित खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग करें। *4- चौथा सुझाव:* जितना हो सके वाहनका प्रयोग तब तक न करें जब तक कि अत्यंत आवश्यक न हो. आप कहीं जाते हैं किराना लेने, किसी से मिलने या किसी काम के लिए अपने पैरों पर चलने की कोशिश करें। लिफ्ट, एस्केलेटर का उपयोग करने के बजाय सीढ़ियां चढ़ें। *5- पांचवां सुझाव* क्रोध छोड़ो, चिंता छोड़ो,चीजों को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करो. विक्षोभ की स्थितियों में स्वयं को शामिल न करें, वे सभी स्वास्थ्य को कम करते हैं और आत्मा के वैभव को छीन लेते हैं। सकारात्मक लोगों से बात करें और उनकी बात सुनें।*6- छठा सुझाव* सबसे पहले पैसे का मोह छोड़ दे अपने आस-पास के लोगो से खूब मिलें जुलें हंसें बोलें!पैसा जीने के लिए बनाया गया था, जीवन पैसे के लिए नहीं।*7-सातवां सुझाव* अपने आप के लिए किसी तरह का अफ़सोस महसूस न करें, न ही किसी ऐसी चीज़ पर जिसे आप हासिल नहीं कर सके, और न ही ऐसी किसी चीज़ पर जिसे आप अपना नहीं सकते। इसे अनदेखा करें और इसे भूल जाएं।*8- आठवां सुझाव* पैसा, पद, प्रतिष्ठा, शक्ति, सुन्दरता, जाति की ठसक और प्रभाव;ये सभी चीजें हैं जो अहंकार से भर देती हैं. विनम्रता वह है जो लोगों को प्यारसे आपके करीब लाती है।*9- नौवां सुझाव* अगर आपके बाल सफेद हो गए हैं, तो इसका मतलब जीवन का अंत नहीं है। यह एक बेहतर जीवन की शुरुआत हो चुकी है। आशावादी बनो, याद के साथ जियो, यात्रा करो, आनंद लो। यादें बनाओ!*10- दसवां सुझाव* अपने से छोटों से भी प्रेम, सहानुभूति ओर अपनेपन से मिलें! कोई व्यंग्यात्मक बात न कहें! चेहरे पर मुस्कुराहट बनाकर रखें ! अतीत में आप चाहे कितने ही बड़े पद पर रहे हों वर्तमान में उसे भूल जाये और सबसे मिलजुलकर रहें!*# स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएं ❤️*
Saturday, 17 September 2022
Friday, 16 September 2022
मदन जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए मदन जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। अब लड़के का बियाह कर देना चाहिए। सुरेश जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, सुरेश भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।उन्होंने अपने रिश्तेदारों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया। पता चला वैसे तो रेट पांच से छः लाख का चल रहा है, पर बेकार बैठे पोस्ट ग्रेजुएटों का रेट तीन से चार लाख का है। रिश्तेदारों ने अशोक औऱ ममता की विवाह का सौदा साढ़े तीन लाख में तय करा दिया। दोनों के शादी का दिन भी मुकर्रर कर दिया गया । दोनों तरफ़ से तैयारी शुरू होने लगी ।लेकिन ऊपरवाले को कुछ औऱ ही मंजूर था । बात तय हुए अभी एक माह भी नही हुआ था कि कमीशन से पत्र आया कि मदन जी के पुत्र अशोक का डिप्टी कलक्टर के पद पर चयन हो गया है।अब पत्र मिलने के बाद मदन जी बमक के फ़ायर हो गए.... साले कामचोर हैं कमीशन वाले...!मदन जी की पत्नी बोली - लड़के की इतनी अच्छी नौकरी लगी है , नाराज क्यों होते हैं जी ?मदन जी- अरे सरकार निकम्मी है, मैं तो कहता हूँ इस देश में क्रांति होकर रहेगी... यही पत्र कुछ दिन पहले नहीं भेज सकते थे क्या , डिप्टी कलेक्टर का 40-50 लाख यूँ ही मिल जाता।पत्नी- तुम्हारी भी अक्ल मारी गई थी, मैं न कहती थी महीने भर रुक जाओ, लेकिन तुम न माने... आनन फानन में होनहार एकलौते हीरे लड़के का सम्बन्ध तय कर दिया... मैं तो कहती हूँ सुरेश जी को पत्र लिखिये , वे समझदार आदमी हैं.....अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा , नुकसान की भरपाई हो जाएगी ।अब पत्नी की बातों को सुनकर मदन जी ने अपने होने वाले समधी सुरेश जी को पत्र लिखना शुरू किया......" प्रिय सुरेश जी, आपको प्रसन्नता होगी कि अशोक का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हो गया है। विवाह के मंगल अवसर पर यह मंगल ही हुआ। इसमें निःसंदेह मेरे पुत्र के मेहनत के साथ साथ आपकी पुत्री के भाग्य का भी योगदान है।आप स्वयं समझदार हैं, नीति व मर्यादा जानते हैं। धर्म पर ही यह पृथ्वी टिकी हुई है। मनुष्य का क्या है, जीता मरता रहता है। पैसा हाथ का मैल है, मनुष्य की प्रतिष्ठा बड़ी चीज है। मनुष्य को कर्तव्य निभाना चाहिए, धर्म नहीं छोड़ना चाहिए और फिर हमें तो कुछ चाहिए नहीं, आप जितना भी देंगे , जो भी देंगे अपनी लड़की को ही देंगे.....मुझें आशा औऱ विश्वास है कि आप मेरा इशारा समझ गए होंगे । "पत्र मिलने के बाद सुरेश जी के परिवार ने उसे बेहद गंभीरता से पढ़ा औऱ गहन विचार विमर्श के बाद मदन जी को उसका जवाब लिखना शुरू किया......" प्रिय मदन बाबू , आपका पत्र मिला, मैं स्वयं ही आपको लिखने वाला था। अशोक की सफलता पर हम सब बेहद खुश हैं औऱ उसकी उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं । वो अब से डिप्टी कलेक्टर हो गया हैं। अशोक चरित्रवान, मेहनती और सुयोग्य लड़का है। वह अवश्य जीवन में तरक्की करेगा।आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि मेरी बेटी ममता का चयन भी आईएएस के लिए हो गया है। अब उसकी ये इच्छा है कि वो अपने अधीनस्थ कर्मचारी से विवाह नहीं करेगी। मुझे यह सम्बन्ध तोड़कर अपार हर्ष हो रहा है.....आपने ख़ुद ही मेरा काम आसान कर दिया "..........!!................बेटी पढाओ......दहेज मिटाओ......!!.........पढेगी बेटी...तभी...तो... बढेगी बेटी...!! 😊😊😊😊😊😊😊😊 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Wednesday, 14 September 2022
Tuesday, 13 September 2022
पाँच कटु सत्य...!!1. बदल जाते हैं, वो लोग वक़्त की तरह जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दे दिया जाए।2. जिस शख्स को अपना ख़ास समझो अक्सर वही शख्स दुःख-दर्द देता हैं ।3. जल्द मिलने वाली चीज़े ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीज़ ज्यादा दिन तक चलती हैं, वो जल्दी नहीं मिलती ।4. दूरियां सिखाती हैं कि नजदीकियाँ क्या होती हैं ।5. पैसे की खनक सत्य को चुप करा देती हैं।
Monday, 12 September 2022
Sunday, 11 September 2022
Saturday, 10 September 2022
सितंबर में हरसिंगार फूलता है सितंबर में पानी बरसता है सितंबर में धूप अच्छी लगती है और छाँव भी सितंबर में प्रेमी घर से भाग जाते हैं सितंबर में वे ब्याह रचाते हैं सितंबर में दिल टूट जाते हैं सितंबर में साथी छूट जाते हैं सितंबर प्रेम में ड़ूब जाने का महीना है आकंठ सितंबर प्रेम में टूट जाने का महीना है सितंबर घर बसाने का महीना है सितंबर में घरों को ढहा दिया जाता है सितंबर पितरों को याद करने का महीना है सितंबर बच्चों को जनने का महीना है सितंबर में मिल जाती है खोई हुई किताबें सितंबर में याद आ जाती हैं भूली हुई बातें।
Friday, 9 September 2022
चार दिन गायब होकर देख लीजिए, लोग आपका नाम भूल जाएंगे । इंसान सारी जिंदगी इस धोखे में रहता है कि वह लोगों के लिए अहम है। लेकिन हकीकत यह होती है कि... आपके होने ना होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता जिसकी जितनी जरूरत होती है, उसकी उतनी ही अहमियत होती है ।। न रुकी वक़्त की गर्दिश,न ज़माना बदला,पेड़ सूखा तो परिंदो ने ठिकाना बदला !
Wednesday, 7 September 2022
Tuesday, 6 September 2022
Monday, 5 September 2022
Friday, 2 September 2022
Thursday, 1 September 2022
Wednesday, 31 August 2022
🌺गणेशजी की कथा🌺 🌺गणेश जी की पूजा के बाद उनकी कथा🌺गणेश जी की कथा को सुनना अत्यंत ही शुभ होता है। एक बार गणेश जी महाराज एक सेठ जी के खेत में से जा रहे थे तो उन्होंने बारह दाने अनाज के तोड़ लिए। फिर गणेश जी के मन में पछतावा हुआ कि मैंने तो सेठ जी के यहां चोरी कर ली । तो गणेश जी सेठ जी के बारह साल की नौकरी करने लग गए। एक दिन सेठानी राख से हाथ धोने लगी तो गणेश जी ने सेठानी का हाथ पकड़ कर मिट्टी से हाथ धुला दिया। सेठानी सेठ जी से बोली कि ऐसा क्या नौकर रखा है नौकर होकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। सेठ जी ने गणेश को बुलाकर पूछा कि तुमने सेठानी का हाथ क्यों पकड़ा। गणेश जी ने बोला कि मैंने तो एक सीख की बात बताई है। राख से हाथ धोने से घर की लक्ष्मी नाराज होकर घर से चली जाती है और मिट्टी से हाथ धोने से आती है। सेठ जी ने सोचा कि गणेश है तो सच्चा । थोड़े दिनों बाद कुंभ का मेला आया। सेठ जी ने कहा गणेश सेठानी को कुंभ के मेले में स्नान कराके ले आओ ।सेठानी किनारे पर बैठकर नहा रही थी तो गणेश जी उनका हाथ पकड़कर आगे डुबकी लगवा लाये। घर आकर सेठानी ने सेठ से कहा कि गणेश ने तो मेरी इज्जत ही नहीं रखी और इतने सारे आदमियों के बीच में मुझे घसीट कर आगे पानी में ले गए। तब सेठ जी ने गणेश जी को पूछा कि ऐसा क्यों किया तो गणेश जी ने कहा कि सेठानी किनारे बैठकर गंदे पानी से नहा रही थी । तो मैं आगे अच्छे पानी में डुबकी लगवाकर ले आया। इससे अगले जन्म में बहुत बड़े राजा और राजपाट मिलेगा। सेठ जी ने सोचा कि गणेश है तो सच्चा। एक दिन घर में पूजा पाठ हो रही थी। हवन हो रहा था। सेठ जी ने गणेश को कहा की जाओ सेठानी को बुलाकर ले आओ ।गणेश सेठानी को बुलाने गया तो सेठानी काली चुनरी ओढ़ कर चलने लगी तो गणेश जी ने काली चुनरी फाड़ दी और कहा कि लाल चुनरी ओढ़ के चलो। सेठानी नाराज होकर सो गई सेठ जी ने आकर पूछा क्या बात है तो सेठ ने बोला कि गणेश ने मेरी चुनरी फाड़ दी। सेठ जी ने गणेश को बुलाकर बहुत डांटा और कहा तुम बहुत बदमाशी करते हो । तो गणेश जी ने कहा पूजा पाठ में काला वस्त्र नहीं पहनते हैं इसलिए मैंने लाल वस्त्र के लिए कहा ।काला वस्त्र पहनने से कोई भी शुभ काम सफल नहीं होता है। फिर सेठजी ने सोचा कि गणेश है तो समझदार । एक दिन सेठजी पूजा करने लगे तो पंडित जी ने बोला की वो गणेश जी की मूर्ति लाना भूल गया। अब क्या करें ? गणेश जी ने बोला कि मेरे को ही मूर्ति बनाकर विराजमान कर लो, आपके सारे काम सफल हो जाएंगे। यह बात सुनकर सेठ जी को भी बहुत गुस्सा आया। वो बोले कि तुम तो अब तक सेठानी से ही मजाक करते थे मेरे से भी करने लग गए । गणेश जी ने कहा मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। मैं सच बात कह रहा हूं। इतने में ही गणेश ने गणेश जी का रूप धारण कर लिया। सेठ और सेठानी ने गणेश जी की पूजा की। पूजा खत्म होते ही गणेश जी अंतर्धान हो गए। सेठ सेठानी को बहुत दुःख हुआ उन्होंने कहा कि हमारे पास तो गणेश जी रहते थे और हमने उनसे इतना काम कराया। गणेश जी ने सपने में आकर सेठ जी को कहा कि आप के खेत में से मैंने बारह अनाज के दाने तोड़ लिए थे। उसी का दोष उतारने के लिए मैंने आपके यहां काम किया था । सेठ जी के करोड़ों की माया हो गई । हे गणेश जी महाराज जैसा सेठजी को दिया वैसा सबको देना। कहते को सुनते को और सारे परिवार को देना। 🌹🙏🌹जय श्री गणेश जी।🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Sunday, 28 August 2022
*Beautiful Punjabi poetry**मंजीया ते बैंदे सी,**कोल कोल रेंदे सी,**सोफे बैड आ गये ने,**दूरियां वधा गये ने,**वेड़े विच रुख सी,* *सांझे दु:ख सुख सी,**छत्ता ते न सोन्दे हुन ,**गलां ना कर पान्दे हुन,**बुआ खुल्ला रेन्दा सी,**राही वी आ बैन्दा सी ।**कौवे वी कुरलान्दे सी*, *परौणे वी घर आन्दे सी,**साईकिल ही कोल सी*, *तां वी मेल जोल सी।**रिश्ते निभान्दे सी,* *रूसदे मनान्दे सी।**पैसा भांवे घट सी,* *पर मत्थे ते न वट सी।**कन्दा कोले कच्चे सी,* *पर रिश्ते सारे सच्चे सी।**शायद कुज पाया है,* *ते बोहता कुज गवाया है।*🙏
Friday, 26 August 2022
जब तक बाप जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और घर में भी ज़िद कर लेती है और कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे बाप का घर है। पर जैसे ही बाप मरता है और बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है कि, सारे रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है।**और वो बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है, क्योंकि उस दिन उसका बाप ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती हैं।**आपने भी महसूस किया होगा कि बाप की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई- भाभी के घर वो जिद नहीं करती जो अपने पापा के वक्त करती थी, जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया क्योंकि जब तक उसका बाप था तब तक सब कुछ उसका था यह बात वो अच्छी तरह से जानती है।* आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहता हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है। बाप बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है 🌹 Love_u_papa 🌹 ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
Thursday, 25 August 2022
नाराजगी जता देना अच्छा है । जिससे रूठो जिस बात पर उसको वो बात बता देना अच्छा है । वजह सुनकर नाराजगी की जो तुम्हें मनाने में जुट जाये, समझ जाओ वो इंसान नेक है , और बिल्कुल सच्चा है । इसलिए मेरे दोस्त कभी मन ही मन मत होना नाराज , क्या पता तुम्हारा हमदम नासमझ हो या दिल से बिल्कुल बच्चा है । इसलिए सबकुछ ख़त्म करने से पहले एक बार नाराजगी बता देना अच्छा है।
Wednesday, 24 August 2022
Tuesday, 23 August 2022
Monday, 22 August 2022
Sunday, 21 August 2022
Saturday, 20 August 2022
Friday, 19 August 2022
Thursday, 18 August 2022
क्या आप जानते हैं कि आपके #अतिंमसंस्कार के बाद आम तौर पर क्या होता है? कुछ ही घंटों में रोने की आवाज पूरी तरह से बंद हो जाएगी। रिश्तेदारों के लिए होटलों से खाना मंगवाने में जुटेगा परिवार..पोते दौड़ते और खेलते रहेंगे।कुछ पुरुष सोने से पहलेआपके बारे में कुछ संवेदनात्मक टिप्पणी करेंगे!कोई रिश्तेदार आपकी बेटी से फोन पर बात करेगा कि आपात स्थिति के कारण वह व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पा रहा है।अगले दिन रात के खाने में, कुछ रिश्तेदार कम हो जाते हैं, और कुछ लोग सब्जी में पर्याप्त नमक नहीं होने की शिकायत करते हैं।भीड़ धीरे धीरे छंटने लगेगी..आने वाले दिनों मेंकुछ कॉल आपके फोन पर बिना यह जाने आ सकती हैं कि आप मर चुके हैं।आपका कार्यालय या दुकान आपकी जगह लेने के लिए किसी को ढूंढने में जल्दबाजी करेगा।दो सप्ताह में आपका बेटा और बेटी अपनी आपातकालीन छुट्टी खत्म होने के बाद काम पर लौट आएंगे।महीने के अंत तक आपका जीवनसाथी भी कोई कॉमेडी शो देख कर हंसने लगेगा।सबका जीवन सामान्य हो जाएगाजिस तरह एक बड़े पेड़ के सूखे पत्ते में और जिसके लिए आप जीते और मरते हैं, उसमें कोई अंतर नहीं है, यह सब इतनी आसानी से, इतनी तेजी से, बिना किसी हलचल के होता है।आपको इस दुनिया में आश्चर्यजनक गति से भुला दिया जाएगा।इस बीच आपकी प्रथम वर्ष पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई जाएगी।पलक झपकते हीसाल बीत गए और तुम्हारे बारे में बात करने वाला कोई नहीं है।एक दिन बस पुरानी तस्वीरों को देखकर आपका कोई करीबी आपको याद कर सकता है,मुझे अभी बताओ...लोग आपको आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैंफिर आप किसके लिए दौड़ रहे हो? और आप किसके लिए चिंतित हैं?अपने जीवन के अधिकांश भाग के लिए 80% आप इस बारे में सोचते हैं कि आपके रिश्तेदार और पड़ोसी आपके बारे में क्या सोचते हैं। क्या आप उन्हें संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं? जो किसी काम का नहीं !*जिंदगी एक बार ही मिलती है, बस इसे जी भर के जी लो*…. हां एक बात और अपनी क्षमता के अनुसार किसी जरुरतमंद की सहायता प्रेम पूर्वक जरूर करना, वह आपको हमेशा याद रखेगा।अहंकार छोड़िये अपने होने का,नेक कर्म करते रहिये,*यही है जिन्दगी।*
Saturday, 13 August 2022
Friday, 12 August 2022
Thursday, 11 August 2022
Wednesday, 10 August 2022
भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है ये,स्नेह सुरक्षा सम्मान से प्रदीप्त है ये,रक्षाबंधन का त्यौहार साथ में रिमझिम फुहार,सावन के मौसम में देखो आई खुशियों की बौछार,भाई की कलाई सजेगी बहन के प्यार से,बहन का चेहरा खिलेगा भाई के उपहार से,कैसा पवित्र रिश्ता है, कैसा निर्मल नाता है,सबसे पावन पर्व ये, सबके मन को भाता है!!Raksha Bandhan Ki Hardik Badhaai
भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है ये,स्नेह सुरक्षा सम्मान से प्रदीप्त है ये,रक्षाबंधन का त्यौहार साथ में रिमझिम फुहार,सावन के मौसम में देखो आई खुशियों की बौछार,भाई की कलाई सजेगी बहन के प्यार से,बहन का चेहरा खिलेगा भाई के उपहार से,कैसा पवित्र रिश्ता है, कैसा निर्मल नाता है,सबसे पावन पर्व ये, सबके मन को भाता है!!Raksha Bandhan Ki Hardik Badhaai
Monday, 8 August 2022
Sunday, 7 August 2022
Saturday, 6 August 2022
Friday, 5 August 2022
Thursday, 4 August 2022
,,,,,,अनपढ माँ,,,,एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के ने 10वीं की परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए ....पिता ने जब मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी पत्नी को कहा ...."सुनो.... आज खीर या मीठा दलिया बना लो ,स्कूल की परीक्षा मे हमारे लाड़ले को 90% अंक मिले है ..मां किचन से दौड़ती हुई आई और बोली....सच.....मुझेभी दिखाइए......मेरे बच्चे की कामयाबी की पर्ची....ये सुनते ही बीच लड़का फटाक से बोला......"क्या पापा.... किसे रिजल्ट दिखा रहे है... क्या वह पढ़-लिख सकती है ?वह तो अनपढ़ है ..."अश्रुपुर्ण आँखों को पल्लू से पोंछती हुई मां चुपचाप दलिया बनाने चली गई....लेकिन ये बात पिता ने सुनी भी और देखी भी...फिर उन्होंने लड़के के कहे हुए वाक्यों में जोड़ा और कहा... "हां बेटा सच कहा तुमने.... बिल्कुल सच... जानता है जब तू गर्भ में था, तो उसे दूध बिल्कुल पसंद नहीं था !तेरी मां ने तुझे स्वस्थ बनाने के लिए हर दिन नौ महीने तक दूध पिया ...क्योंकि तेरी मां तो अनपढ़ थी ना इसलिए ...तुझे सुबह सात बजे स्कूल जाना होता था, इसलिए वह सुबह पांच बजे उठकर तुम्हारा मनपसंद नाश्ता और डिब्बा बनाती थी.....जानता है क्यों ....क्योंकि वो अनपढ़ थी ना इसलिए....जब तुम रात को पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे, तो वह आकर तुम्हारी कॉपी व किताब बस्ते में भरकर, फिर तुम्हारे शरीर पर ओढ़नी से ढँक देती थी और उसके बाद ही सोती थी...जानते हो क्यों ...क्योकि अनपढ़ थी ना इसलिए.. ...बचपन में तुम ज्यादातर समय बीमार रहते थे... तब वो रात- रात भर जागकर सुबह जल्दी उठती थी और काम पर लग जाती थी....जानते हो क्यों ....क्योंकि वो अनपढ़ थी ना इसलिए... तुम्हें, ब्रांडेड कपड़े लाने के लिये मेरे पीछे पड़ती थी, और खुद सालों तक एक ही साड़ी में रही....क्योंकि वो सचमुच अनपढ़ थी ना...बेटा .... पढ़े-लिखे लोग पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं.. लेकिन तेरी मां ने आज तक कभी नहीं देखाक्योंकि अनपढ़ है ना वो इसलिए....वो खाना बनाकर और हमें परोसकर, कभी-कभी खुद खाना भूल जाती थी... इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि तुम्हारी माँ अनपढ़ है..."यह सब सुनकर लड़का रोते रोते, और लिपटकर अपनी मां से बोला.... "मां...मुझे तो कागज पर 90% अंक ही मिले हैं लेकिन आप मेरे जीवन को 100% बनाने वाली पहली शिक्षक हैं! मां....मुझे आज 90% अंक मिले हैं, फिर भी मैं अशिक्षित हूँ और आपके पास पीएचडी के ऊपर की उच्च डिग्री है ,क्योंकि आज मैंने अपनी मां के अंदर छुपे रूप में, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, ड्रेस डिजाइनर, बेस्ट कुक, इन सभी के दर्शन कर लिए... मुझे माफ कर दो मां...मुझे माफ कर दो....."मां ने तुरंत अपने बेटे को उठाकर सीने से लगाते हुए कहा.... "पगले रोते नही है !आज तो खुशी का दिन है !चल हंस ....."और उसने उसे चूम लिया,,❤️🙏दुनिया की सभी माँ को समर्पित🙏❤️#हर_बेटी_मेरी
Wednesday, 3 August 2022
Tuesday, 2 August 2022
Monday, 1 August 2022
Sunday, 31 July 2022
Saturday, 30 July 2022
Friday, 29 July 2022
Thursday, 28 July 2022
Wednesday, 27 July 2022
Tuesday, 26 July 2022
Monday, 25 July 2022
एक बार एक राजा के राज्य में भयंकर महामारी फैल गयी। चारो ओर लोग मरने लगे। राजा ने इसे रोकने के लिये बहुत सारे उपाय करवाये मगर कुछ असर न हुआ और लोग लगातार मरते रहे।दुखी राजा ईश्वर से प्रार्थना करने लगा।तभी अचानक आकाशवाणी हुई।आसमान से आवाज़ आयी कि हे राजा तुम्हारी राजधानी के बीचो बीच जो पुराना सूखा कुंआ है । अगर अमावस्या की रात को राज्य के प्रत्येक घर से एक - एक बाल्टी दूध उस कुएं में डाला जाये तो अगली ही सुबह ये महामारी समाप्त हो जायेगी और लोगों का मरना बन्द हो जायेगा ।राजा ने तुरन्त ही पूरे राज्य में यह घोषणा करवा दी कि महामारी से बचने के लिए अमावस्या की रात को हर घर से कुएं में एक-एक बाल्टी दूध डाला जाना अनिवार्य है। अमावस्या की रात जब लोगों को कुएं में दूध डालना था, ठीक उसी रात राज्य में रहने वाली एक चालाक एवं कंजूस बुढ़िया ने सोचा कि सारे लोग तो कुंए में दूध डालेंगे ही इसलिए अगर मै अकेली एक बाल्टी पानी डाल दूं तो किसी को क्या पता चलेगा। इसी विचार से उस कंजूस बुढ़िया ने रात में चुपचाप एक बाल्टी पानी कुंए में डाल दिया।अगले दिन जब सुबह हुई तो लोग वैसे ही मर रहे थे। कुछभी नहीं बदला था क्योंकि महामारी समाप्त नहीं हुयी थी। राजा ने जब कुंए के पास जाकर इसका कारण जानना चाहा तो उसने देखा कि सारा कंआ पानी से भरा हुआ है । दूध की एक बूंद भी वहां नहीं थी। राजा समझ गया कि इसी कारण से महामारी दूर नहीं हुई और लोग अभी भी मर रहे हैं। दरअसल ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि जो विचार उस बुढ़िया के मन में आया था ,वही विचार पूरे राज्य के लोगों के मन में आ गया और किसी ने भी कुंए में दूध नहीं डाला।...............दोस्तों.... जैसा इस कहानी में हुआ ठीक वैसा ही हमारे जीवन में भी होता है। जब भी कोई ऐसा बड़ा काम आता है जिसमें बहुत सारे लोगों की सहयोगिता की ज़रूरत होती है तो अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों से यह सोच कर पीछे हट जाते हैं कि कोई न कोई तो यह कार्य कर ही देगा और हमारी इसी सोच की वजह से स्थितियां वैसी की वैसी बनी रहती हैं। अगर हम दूसरों की परवाह किये बिना अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने लग जायें तो हर समस्या का समाधान मुमकिन है ।
Sunday, 24 July 2022
Saturday, 23 July 2022
Friday, 22 July 2022
Thursday, 21 July 2022
Tuesday, 19 July 2022
Monday, 18 July 2022
Sunday, 17 July 2022
Saturday, 16 July 2022
Friday, 15 July 2022
Thursday, 14 July 2022
Wednesday, 13 July 2022
Monday, 11 July 2022
*एक बहुत बड़े दानवीर हुए रहीम । उनकी ये एक खास बात थी के जब वो दान देने के लिए हाथ आगे बढ़ाते तो अपनी नज़रें नीचे झुका लेते थे।* *ये बात सभी को अजीब लगती थी कि ये रहीम कैसे दानवीर है*ये दान भी देते है और इन्हें शर्म भी आती है ।ये बात जब कबीर जी तक जब पहुंची तो उनोहने रहीम को चार पंक्तिया लिख कर भेजी जिसमे लिखा था* -*ऐसी देनी देन जु *कित सीखे हो सेन**ज्यों ज्यों कर ऊंचो करें* *त्यों त्यों नीचे नैन ।**इसका मतलब था के रहीम तुम ऐसा दान देना कहाँ से सीखे हो जैसे जैसे तुम्हारे हाथ ऊपर उठते है वैसे वैसे तुम्हारी नज़रें तुम्हारे नैन नीचे क्यू झुक जाते है* ।*रहीम ने इसके बदले मे जो जवाब दिया वो जवाब इतना गजब का था कि जिसने भी सुना वो रहीम का भक्त हो गया इतना प्यारा जवाब आज तक किसी ने किसी को नही दिया । रहीम ने जवाब में लिखा**देंन हार कोई और है* *भेजत जो दिन रैन**लोग भरम हम पर करें* *तासो नीचे नैन ।।* *मतलब देने वाला तो कोई और है वो मालिक है वो परमात्मा है वो दिन रात भेज रहा है । परन्तु लोग ये समझते है के मै दे रहा हु, रहीम दे रहा है, ये विचार कर मुझे शर्म आ जाती है और मेरी आँखे नीचे झुक जाती है*
Tuesday, 5 July 2022
Sunday, 3 July 2022
Saturday, 2 July 2022
Monday, 27 June 2022
मेरी बेटी बड़ी हो गई,साथ मेरे खड़ी हो गई।डांट देती मुझे ऐसे,मेरी वो सहेली हो गई।बीपी शुगर क्यों बड़ाई आपने,क्यों मीठा खाया आपने ।पहन लेती हो कुछ तो भी कपड़े बेतुके ,मैं दिलाऊ तुम्हें कुछ ढंक के।हो जाती हैं नाराज मुझसे,मैं फिर करती हूं बात उससे।कुर्ती पहन रखी इतनी बड़ी,जी लो खुद के लिए दो घड़ी। सफेद बाल क्यों रख रखे?मेंहदी लगाने से क्यों डर रहे । सहज योग, मेडिटेशन क्यों नही करते,अपने आप को पॉजिटिव क्यो नही रखते।मॉर्निंग वाक पर जाओ,अपना मन ध्यान योग पर लगाओ।नेगेटिव विचार मन से हटा दो,अपना मन भक्ति में लगा दो।मेरी हर कमी पुरी हो गई,मेरी बेटी बड़ी हो गई। दुनियां से लड़ेगी मेरे लिए,मेरे कंधे से ऊंची हों गई,मैरी बिटिया मुझसे समझदार हो गई।।Sb Maa or betiyon ko samarpit ❤️😘
Sunday, 26 June 2022
Saturday, 25 June 2022
Friday, 24 June 2022
Thursday, 23 June 2022
Wednesday, 22 June 2022
Monday, 20 June 2022
Sunday, 19 June 2022
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए, जिससे आप जब चाहें कॉल कर सकें, मैसेज कर सकें, सलाह-मशवरा ले सकें, सुख-दुःख बाँट सकें, डांट सकें, लड़ सकें, कंधे पर सिर रख कर रो सकें, खुलकर हँस सकें, घूम सकें, जब चाहें मिल सकें, बेझिझक होकर निःसंकोच सब कुछ उसे बता सकें बिना इस बात की परवाह किये कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोचेगा...? अगर ऐसा दोस्त आपके पास है तो वाकई आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान हैं..हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए, किसी को सुनने का प्रयास करिए, क्योंकि अधिकांश लोग अकेलेपन के अवसाद से ग्रसित हैं, आये दिन आत्महत्याएँ होती हैं, कभी सोचा है क्यों?? क्योंकि इनके पास सुनाने वाले तो बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं...!#काश मेरा भी कोई ऐसा दोस्त होता..!! Radhe radhe radhe radhe radhe ji Jai shree Krishna ❤️❤️💓❤️💓❤️💓❤️
पिता एक उम्मीद है , एक आस है, परिवार की हिम्मत है, एक विश्वास है, बाहर से सख्त अंदर से नर्म हैं। पिता संघर्ष की आंधी में होंसले की दीवार है । परेशानियों से लड़ने की दोधारी तलवार है । बचपन में खुश करने वाला खिलौना है । नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछोना है। सपनों को पूरा करने वाली जान है। इन्हीं से तो मां और बच्चों की पहचान है।
Saturday, 18 June 2022
पिता एक उम्मीद है , एक आस है, परिवार की हिम्मत है, एक विश्वास है, बाहर से सख्त अंदर से नर्म हैं। पिता संघर्ष की आंधी में होंसले की दीवार है । परेशानियों से लड़ने की दोधारी तलवार है । बचपन में खुश करने वाला खिलौना है । नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछोना है। सपनों को पूरा करने वाली जान है। इन्हीं से तो मां और बच्चों की पहचान है।
Friday, 17 June 2022
Thursday, 16 June 2022
Wednesday, 15 June 2022
Monday, 13 June 2022
क्यों रोते हो, मन का ना होने पर ? जो लिखा है वो होकर रहेगा। एक रास्ता बंद करने से पहले भगवान दस रास्ते खोल देते हैं। गर्मी के मौसम में पत्ते सूखने के बाद भी पंछी घोसला नहीं छोड़ते, क्यूंकि वो भी जानते हैं.. फिर से बरसात आएगी और पेड़ पर नए पत्ते आएंगे। जो हुआ उसे भूल कर नई शुरुआत करो.. और याद रखो जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है।
पाँच कटु सत्य...!!1. बदल जाते हैं, वो लोग वक़्त की तरह जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दे दिया जाए।2. जिस शख्स को अपना ख़ास समझो अक्सर वही शख्स दुःख-दर्द देता हैं ।3. जल्द मिलने वाली चीज़े ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीज़ ज्यादा दिन तक चलती हैं, वो जल्दी नहीं मिलती।4. दूरियां सिखाती हैं कि नजदीकियाँ क्या होती हैं।5. पैसे की खनक सत्य को चुप करा देती हैं ।
Sunday, 12 June 2022
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं सपने जले तो क्या किया जाए ...आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं आँख बरसे तो क्या किया जाए...शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...दर्द हो तो गोली (medicine) ले सकते हैं वेदना हो तो क्या किया जाये...
Saturday, 11 June 2022
Friday, 10 June 2022
Thursday, 9 June 2022
Wednesday, 8 June 2022
Tuesday, 7 June 2022
🙏🏼😊 *छोड़ दीजिए* 😊🙏🏼एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए* 🙏🏼बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं जुड़ते तो उन्हें, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, 🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, *🙏 छोड दीजिए। 🙏*मैसेज अच्छा लगे तो ठीक, न लगे तो फारवर्ड करने का विचार, *🙏*छोड़ दीजिये।*🙏
Monday, 6 June 2022
Sunday, 5 June 2022
Saturday, 4 June 2022
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