Sunday, 31 December 2023
Saturday, 30 December 2023
अपनी गृहस्थी को कुछइस तरह बचा लिया करो कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया करोआपसी नाराज़गी को लम्बा चलने ही न दिया करो वो न भी हंसें तो तुम मुस्करा दिया करोरूठ कर बैठे रहने सेघर भला कहाँ चलते हैंकभी उन्होंने गुदगुदा दियाकभी तुम मना लिया करोखाने पीने पे विवादकभी होने ही न दिया करोकभी गरम खा ली कभीबासी से काम चला लिया करोमियां हो या बीबीमहत्व में कोई भी कम नहींकभी खुद डॉन बन गएतो कभी उन्हें बॉस बना दिया करोअपनी गृहस्थी को कुछइस तरह बचा लिया करो..सभी युगलों को समर्पित💐
Friday, 29 December 2023
मैंने इन शब्दों में सहेज ली है अपनी यादे, ढूंढ लिया है अपने आपको ही अनजाने..बना लिए कुछ रिश्ते एहसासों वाले ,निभा लिया हसरतों वाला प्यार इनमें और जाने देना सीखा है इनसे..लिख कर मिटा देती हूं जब कई शब्द कभी,सोचती हूं काश ऐसा सब के साथ कर पाती कभी..सब्र और इम्तेहान बढ़ते ही रहे जीवन में और हम झूठे मुस्कुराने के आदी हो गए..तन्हाई की न कोई बात अब कीजिये,की महफिलों में भी अक्सर तन्हा रहे है हम..साथ हर वक़्त ही जैसे चलता है कोई साया,पर साये से भी धोखा खाये हुए है हम.. अपनी जिंदगी से ही जब इतने मिले सबक ,तो किसी और से क्या ही शिक़ायत करें अब हम....
Sunday, 24 December 2023
Sunday, 17 December 2023
कहना ज़रूरकभी जो आये मन में कोईबात उसे कहना ज़रूर न करना वक्त का इंतज़ार न होना मगरूर..जब पिता का किया कुछ दिल को छू जाये तो जाकर गले उनकेलगना ज़रूरकभी जो आये मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर ..बनाये जब माँ कुछ तुम्हारे मन काकांपते हाथों कोचूम लेना ज़रूरकभी जो आये मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर..जब अस्त व्यस्त होकर बीवीभूलकर खुद को घर संवारती नज़र आयेतो धीरे से उसके कानों में "बहुत खूबसूरत हो"कहना ज़रूर कभी जो आये मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर ..आये जूझकर दुनिया से हमसफर जब भीसुकून भरे कुछ पल साथगुजारना ज़रूरकभी जो आये मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर..बच्चों को लगाकर गले जब तबव्यस्त हूँ पर दूर नहींइक पल भीये बतलाना ज़रूर..कभी जो आये मन मेंकोई बात उसे कहना ज़रूर ..जड़ें कितनी भी गहरी होरिश्तों की सीने में पनपते रहने की खातिरवक्त वेवक्त इज़हार की बौछारकरना ज़रूर..कभी जो आये मन में कोई बात, उसे कहना ज़रूर नहीं भरोसा वक्त का साथ किसी का कब छूट जाये कोई दोस्त न जाने कब रूठ जाये तबादला हो जाये दिल यादुनिया से किसी काउससे पहले दिल की बात पहुँचाना ज़रूर..न करना वक्त का इंतज़ार न होना मगरूर कभी जो आये, मन में कोई बात उसे कहना ज़रूर #rishtey #maabaap #bachche
कई पुरूष चुन लेते हैं...बीमार माता- पिता के बिस्तर के एक कोने में ...सोते- जागते रातें बिताना..भुला देना अपनी नींदें...ऊंघते रात- दिनों के बीच..भूल जाना जीवन की जगमगाहटें..पुरूष बरगद से होते हैं ..कई पुरूष चुन लेते हैं..पिता के कमज़ोर कंधों से...अपने सुकुमार कंधों पर..जिम्मेदारियों की.. चादर ओढ़ लेना,असमय बड़े हो जाना..और दे देनाअपने सपनों को तिलांजलि ..त्याग देना ..अपने हिस्से के सुख..पुरूष मन्नतों वाले धागे से होते हैं ..कई पुरूष चुन लेते हैं, सबकी खुशी के लिए बेवफा होना..समाज की वेदी पर चढ़ा देना अपने इच्छाओं की बलि..स्वीकार कर लेनाअपने लिए, जीवन भर न रोने की सज़ाएं..सच में..पुरूष नीलकंठ होते हैं..#men's
Wednesday, 13 December 2023
एक आदमी को एक नाव पेंट करने के लिए कहा गया। वह अपना पेंट और ब्रश लाया और नाव को चमकीले लाल रंग से रंगना शुरू किया, जैसा कि मालिक ने उससे कहा था।पेंटिंग करते समय, उसने एक छोटा सा छेद देखा और चुपचाप उसकी मरम्मत की।जब उसने पेंटिंग पूरी की, तो उसने अपना पैसा लिया और चला गया।अगले दिन, नाव का मालिक पेंटर के पास आया और उसे एक अच्छा चेक भेंट किया, जो पेंटिंग के भुगतान से कहीं अधिक था।पेंटर को आश्चर्य हुआ और उसने कहा, "आपने मुझे नाव को पेंट करने के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है सर!""लेकिन यह पेंट जॉब के लिए नहीं है। यह नाव में छेद की मरम्मत के लिए है।”"आह! लेकिन यह इतनी छोटी सी सेवा थी... निश्चित रूप से यह मुझे इतनी छोटी सी चीज के लिए इतनी अधिक राशि देने के लायक नहीं है।"“मेरे प्यारे दोस्त, तुम नहीं समझे। आपको बताते हैं क्या हुआ था:“जब मैंने तुमसे नाव को पेंट करने के लिए कहा, तो मैं छेद का उल्लेख करना भूल गया।“जब नाव सूख गई, तो मेरे बच्चे नाव ले गए और मछली पकड़ने की यात्रा पर निकल गए।"वे नहीं जानते थे कि एक छेद था। मैं उस समय घर पर नहीं था।"जब मैं वापस लौटा और देखा कि वे नाव ले गए हैं, तो मैं हताश हो गया क्योंकि मुझे याद आया कि नाव में छेद था।“मेरी राहत और खुशी की कल्पना कीजिए जब मैंने उन्हें मछली पकड़ने से लौटते देखा।“फिर, मैंने नाव की जांच की और पाया कि आपने छेद की मरम्मत की थी!"आप देखते हैं, अब, आपने क्या किया? आपने मेरे बच्चों की जान बचाई! मेरे पास आपके 'छोटे' अच्छे काम का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन, कब या कैसे, मदद करना जारी रखें, बनाए रखें, आँसू पोंछें, ध्यान से सुनें, और ध्यान से सभी 'लीक' की मरम्मत करें। आप कभी नहीं जानते कि कब किसी को हमारी आवश्यकता होती है, या कब परमेश्वर किसी के लिए सहायक और महत्वपूर्ण होने के लिए हमारे लिए एक सुखद आश्चर्य रखता है।आपने कई लोगों के लिए कई 'नाव छेद' की मरम्मत की हो सकती है बिना यह जाने कि आपने कितने लोगों की जान बचाई है। ❤️कुछ अलग करें... आप सबसे अच्छे बनें...आपका दिन मंगलमय हो🌿 #hindistory.
हमारा ये बाज़ार एक क़ब्रिस्तान है.... ऐसी औरतों का जिनकी रुहें मर जाती हैं और जिस्म ज़िंदा रहते हैं.....ये हमारे बालाख़ाने, ये कोठे, हमारे मक़बरे हैं जिनमें हम मुर्दा औरतों के ज़िंदा जनाज़े सजाकर रख दिये जाते हैं....हमारी कब्रे पाटी नहीं जातीं, खुली छोड़ दी जाती हैं ताकि......मैं ऐसी ही खुली हुई क़ब्र की एक बेसब्र लाश हूँ जिसे बार-बार ज़िंदगी बरगला कर भगा ले जाती हैलेकिन अब मैं अपनी इस आवारगी और ज़िंदगी की इस धोखेबाज़ी से बेज़ार हो गई हूँ, ....थक गई हूँ.... मैं डर गई उसकी ज़मीन न जाने कैसी थी ? जहाँ-जहाँ मैं पाँव रखती थी, वो वहीं-वहीं से धँस जाती थी...देख न बिब्बन .....वो पतंग कितनी मिलती-जुलती है मुझसे! मेरी ही तरह कटी हुई!! .....ना मुराद......... कमबख़्त! ...................................................................................................................................मीना कुमारी और अशोक कुमार कमाल अमरोही की ' 𝐏𝐚𝐤𝐞𝐞𝐳𝐚𝐡 - (𝟏𝟗𝟕𝟐) '
Tuesday, 12 December 2023
Saturday, 9 December 2023
पिता कभी नहीं कहते मेरे पास पैसे नहीं हैंमाँ ने कभी नहीं कहामेरी तबीयत ख़राब है मैंने कभी नहीं कहाआज खाने में नमक कम हैशायद सच ना बोलने से दुनिया थोड़ी सुंदर बनी रहती हैकविता कभी किसी से नहीं कहतीपृथ्वी वासनाओं का सुंदर विस्तार हैमन कभी अपने गुण नहीं बताताआत्मा कभी नहीं कहती मोक्ष मन को मिली भिक्षा हैउसकी उपलब्धि नहींफूल कभी नहीं बताते उनके चेहरे पर खिला रंग उनका लहू हैजो तितलियों के काटने से बहा हैकिसान कभी नहीं बताते खेती करना उनकी मजबूरी हैऔर किसी दिन मजबूर होकरछोड़ देंगे खेतीसुंदर इमारतें कभी नहीं बताती उन्होंने पिया है मजदूरों का गाया गीत और कोई मोल नहीं दिया उसकापानी कभी नहीं बताता उसकी नमी पहाड़ों के हृदय से लिया गया उधार है सड़कें कभी नहीं बतातीइन पर चलकर बस हम यात्रा नहीं करतेपृथ्वी भी पहुँचती रहती है कहीं हमारे साथ चल करबहुत दूर आ गई है पृथ्वीअब लौटना चाहती हैमगर लौट नहीं सकती लोग इसे सभ्यता का विकास कहते हैं हमारी देह अनंत यात्राओं का वृत्तान्त हैहमारी आँखें कुआँ हैंजो हमारे पूर्वजों ने पानी की खोज में खोदा थाहमारे आँसू समुद्र मंथन से निकला अमृत हैमगर हमारे पूर्वज अब तक अतृप्तवो तमाम पत्थर जिन्हें हम ठोकर मार कर आगे बढ़ जाते हैंउनके भीतर से निकला है अग्नि का सूत्रवो नहीं बताती अपना दुःख कि दुनिया में कितनी आग हैकितनी कम है रौशनी मगरक्या तुम्हारे आँचल ने तुम्हें कभी बताया हैकितने युद्ध लड़े गएकितने लोग शहीद हुएबाँटे गए कितने देशकपास की सियासत मेंहाँ ! तुम्हारा आँचलएक युद्ध का विराम-चिन्ह हैमैं इसे ओढ़ कर एक अनंत निद्रा में लीन हो जाऊँगा मृत्यु कोई उपलब्धि नहीं हैना कोई प्राप्तिना कोई संदेश है ना उपदेशकोई विशिष्टता नहीं है इसमें मृत्यु एक सूक्ति हैजिसे हम जीते जी न सुनते हैं ना पढ़ते हैंइसीलिए कि दुनिया थोड़ी सुंदर लगती रहे -------------#Hindisuvichar
Thursday, 7 December 2023
ये औरतें भी न!दो मिनट की आरामदायक और बच्चों के पसंद की ज़ायकेदार मैगी को छोड़, किचन में गर्मी में तप कर हरी सब्ज़ियाँ बनाती फिरती हैं।बच्चे मुँह बिचकाकर नाराज़गी दिखलाते हैं सो अलग,फिर भी बाज नहीं आती।! ये औरतें भी न, जब किसी बात पे दिल दुखे ,तो घर मे अकेले में आँसुओं की झड़ी लगा देगी।लेकिन बाहर अपनी सहेलियों के सामने तो ऐसे मुस्कुरायेगी,जैसे उसके जितना सुखी कोई नहीं।! ये औरतें भी न,जब कभी लड़ लेगी पति से,तो सोच लेगी अब मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं।लेकिन शाम में जब घर आने में पति महाशय को देर हो जाये,तो घड़ी पे टक-टकी लगाए रहेगी।और बच्चों से बोलेगी,"फोन कर के पापा से पूछो आये क्यों नहीं अभी तक?"अरे यार! ये औरतें भी न,तिनका तिनका जोड़कर अपने आशियाने को बनाती और सजाती हैं,चलती और ढलती रहती है सबके अनुसार।लेकिन कभी एक कदम भी बढ़ा ले अपने अनुसार,तो "यहाँ ऐसे नहीं चलेगाजाओ अपने घर (मायका)ये सब वहीं करना।"सुन रो रोकर सोचती रहती है,अब मैं इस घर में नहीं रहूँगी।रात भर आँसुओं से तकिया गीला कर,उल्लू की तरह आँखें सूजा लेती हैं।अगले दिन फिर से सुबह उठकरतैयार करने लगती है,बच्चों की टिफिन और सबके के लिए नाश्ता।बदलने लगती है ड्राइंग रूम के कुशन कवर, और फिर से सींचने लगती हैअपने लगाए पौधों को।सच में एकदम पागल है!सोचती कुछ है और करती कुछ! ये औरतें भी न,--#Aurat #औरत #womens #beautifullife
Tuesday, 5 December 2023
NOBODY IS YOUR ENEMY*ANYONE THAT ANNOYS YOU* --is teaching you patience and calmness.*ANYONE THAT ABANDONS YOU* --is teaching you how to stand up on your own feet.*ANYBODY THAT OFFENDS YOU* --is teaching you forgiveness and compassion.*ANYTHING THAT YOU HATE* --is teaching you, unconditional love.*ANYTHING THAT YOU FEAR* --is teaching you the courage to overcome your fears.*ANYTHING YOU CAN'T CONTROL* --is teaching you to let go.*ANY "NO" YOU GET FROM HUMAN* --is teaching you to be independent.*ANY PROBLEM YOU'RE FACING* --is teaching you how to get a solution to problems.*ANY ATTACK YOU GET FROM PEOPLE* --is teaching you the best form of defence.*ANYONE WHO LOOKS DOWN ON YOU* --is teaching you to look up to CREATOR ( *GOD* ). Always look out for the lesson in every situation you face in every phase of life.Be polite, calm, gentle and thankful to God because He will be with you to the end.Life had taught me lessons. I do not see people at my cross road, because humans are not reliable. I only see God as the author and finisher of my faith.*R E F L E C T I O N S**When you live your life without anyone betraying, hurting, disappointing, disgracing or offending you, then it means you never did anything worthy.* *The beauty of life, is that it comes with disappointments and betrayals, from people you least expect.**Unfortunately, some of us spend so much time crying over these betrayals and disappointments, and end up becoming victims of all circumstances.* *Remember One Thing:* *Holding unto anger is like knocking your head on the wall and expecting the other person to feel the pain. You are only hurting yourself.**The fact is that the world is full of annoying, naughty, stupid and ungrateful people, and you will always come across them at one point or another in life. But the best thing to do, is to deal with them with wisdom and maturity.**You can’t get everyone to love you, think like you or behave like you... never.**We must learn to tolerate and overlook certain things, we must try to bury the faults of others and move on with life.* *Anger, Hatred and Intolerance have caused most of the world's problems and solved none.**Life is short, you don't know how much time you have left* *I beseech you to take the pain and forgive that special person you hold grudges against, and iron out your grievances.* *Muster the courage and apologise to that person you have offended.* *Life is not measured by the amount of money, houses or companies you have, but by the positive impact you have made in the lives of others.* REMAIN BLESSED 🙏🏿❤️UgoWire BillyTv#ugowire_billytv
कोई भी आपका दुश्मन नहीं है *जो कोई आपको परेशान करता है*--वह आपको धैर्य और शांति सिखा रहा है। *जो कोई आपको छोड़ देता है*--वह आपको सिखा रहा है कि अपने पैरों पर कैसे खड़ा होना है। *जो कोई आपको ठेस पहुँचाता है*--वह आपको क्षमा और करुणा सिखा रहा है। *जिस चीज से आप नफरत करते हैं* वह आपको बिना शर्त प्यार सिखा रही है। *जिस चीज से आप डरते हैं*--वह आपको अपने डर पर काबू पाने का साहस सिखा रही है। *कुछ भी जिसे आप नियंत्रित नहीं कर सकते*--वह आपको जाने देना सिखा रहा है। *मनुष्य से प्राप्त कोई भी "नहीं" आपको स्वतंत्र होना सिखा रहा है। *आप जिस भी समस्या का सामना कर रहे हैं* - वह आपको सिखा रही है कि समस्याओं का समाधान कैसे प्राप्त करें। *लोगों से आपको मिलने वाला कोई भी हमला*--आपको बचाव का सबसे अच्छा तरीका सिखा रहा है। *जो कोई भी आपकी ओर तुच्छ दृष्टि से देखता है* वह आपको सृष्टिकर्ता ( *भगवान*) की ओर आदर करना सिखा रहा है। जीवन के हर चरण में आपके सामने आने वाली हर स्थिति में हमेशा सबक का ध्यान रखें। विनम्र, शांत, नम्र और ईश्वर के प्रति आभारी रहें क्योंकि वह अंत तक आपके साथ रहेगा। जिंदगी ने मुझे सबक सिखाया था. मैं अपने चौराहे पर लोगों को नहीं देखता, क्योंकि इंसान भरोसेमंद नहीं हैं। मैं ईश्वर को केवल अपने विश्वास के लेखक और समापनकर्ता के रूप में देखता हूं। *आर ई एफ एल ई सी टी आई ओ एन एस* *जब आप अपना जीवन बिना किसी को धोखा दिए, चोट पहुँचाए, निराश किए, अपमानित किए या अपमानित किए जीते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने कभी कुछ भी अच्छा नहीं किया।* *जीवन की सुंदरता यह है कि इसमें उन लोगों से निराशा और विश्वासघात मिलता है, जिनकी आप कम से कम उम्मीद करते हैं।* *दुर्भाग्य से, हममें से कुछ लोग इन विश्वासघातों और निराशाओं पर रोने में इतना समय बिताते हैं, और अंततः सभी परिस्थितियों का शिकार बन जाते हैं।* *एक बात याद रखें:* *क्रोध को दबाए रखना दीवार पर अपना सिर पटकने और दूसरे व्यक्ति से दर्द महसूस करने की उम्मीद करने जैसा है। आप केवल खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं।* *सच तो यह है कि दुनिया परेशान करने वाले, शरारती, मूर्ख और कृतघ्न लोगों से भरी है और जीवन में कभी न कभी आपका उनसे सामना जरूर होगा। लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि उनसे समझदारी और परिपक्वता के साथ निपटें।* *आप ऐसा नहीं कर सकते कि हर कोई आपसे प्यार करे, आपके जैसा सोचे या आपके जैसा व्यवहार करे... कभी नहीं।* *हमें कुछ चीजों को सहन करना और नजरअंदाज करना सीखना चाहिए, हमें दूसरों की गलतियों को दफनाने की कोशिश करनी चाहिए और जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।* *क्रोध, घृणा और असहिष्णुता ने दुनिया की अधिकांश समस्याओं का कारण बना है और किसी का भी समाधान नहीं किया है।* *जीवन छोटा है, आप नहीं जानते कि आपके पास कितना समय बचा है* *मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप कष्ट उठाएं और उस विशेष व्यक्ति को माफ कर दें जिसके प्रति आप द्वेष रखते हैं, और अपनी शिकायतों को दूर करें।* *हिम्मत जुटाएं और उस व्यक्ति से माफी मांगें जिससे आपने ठेस पहुंचाई है।* *जीवन को आपके पास मौजूद धन, मकान या कंपनियों की मात्रा से नहीं मापा जाता है, बल्कि दूसरों के जीवन में आपके द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव से मापा जाता है।* धन्य बने रहें 🙏🏿❤️ यूगोवायर बिली टीवी #beautifullife #,hindimotivation
20 Biggest Lessons that People Rarely Teach. 1. Make yourself necessary and you will always be needed.2. Nobody will ever remember you for being average. It takes a great deal of courage and anger to get out of average.3. A man’s greatest weapon is a strong woman.4. If you are currently in pain, you should rejoice because it is building you to become a better person tomorrow.5. Train yourself to see the best in every situation, even in calamity. 6. Be careful what you tell people. A friend today could be an enemy tomorrow.7. Don’t worry about how things are going to work out. Just believe that they will work well and put in your best effort. 8. If someone stays by your side through your worst times, they are the ones who deserve to be with you through your best times.9. You are more defined by what comes out of your mouth than what goes in it.10. The journey of your success will always begin with the small step of taking a chance.11. Don't allow the voice of your fears to be louder than the other voices in your head.12. You never really lose until you stop trying.13. Defeat isn't bitter if you're smart enough not to swallow it.14. The word impossible contains its opposite: "I'm possible."15. Preparation is a stepping stone to success.16. You are constantly creating your own reality.17. You can become bitter or better as a result of your circumstances.18. Those who seldom make mistakes seldom stumble upon new innovation.19. It's in losing yourself that you find yourself.20. When you're facing the right direction, all you need to do is keep walking. #beautifullife #motivation
Friday, 1 December 2023
Wednesday, 29 November 2023
Wednesday, 22 November 2023
----- वृद्धाश्रम -----" मेरे दो दोस्त क्या आ गए, तुमसे चाय बनाना न हो पाया।"" बाबूजी, दूध खत्म हो गया था तो लाने चली गयी थी। लेकर आयी तो आपके दोस्त चले गए थे।""झूठ और केवल झूठ! मेरा एक छोटा सा काम करने में तुम लोगों की नानी मर जाती है। दो महीने से कह रहा हूँ कि थोड़ा काशी ले चलो लेकिन नहीं! मेरे पेंशन पर पूरा हक है लेकिन मेरा ख्याल रखना नहीं हो पाता है इनसे। इससे अच्छा तो मैं वृद्धाश्रम चला जाता।"" क्या कहा आपने! जितना आपका पेंशन आता है, उससे कम खर्चा है क्या आप पर। दुनिया भर की रिश्तेदारी और उस पर से बीमारी का खर्चा! सबेरे शाम कीच कीच। मैं तो तंग आ गयी हुँ।""क्या कहा, मैं कीच कीच करता हुँ। अभी समान पैक करता हूँ। अब इस घर में एक दिन भी नहीं रहूँगा।""हाँ, हाँ! चले जाइये। कौन रोकता है। कुछ तो शांति मिलेगी। आने दीजिये इनको। अब बहुत हो गया।"पति के आने के साथ ही, "इस घर में या तो आपके पूज्य पिताजी रहेंगे या मैं।""अरे,बात क्या हुई? लोग क्या कहेंगे?""कुछ नहीं,अगर उनको इस घर से नहीं निकाला तो मैं अभी गैस सिलिंडर में आग लगा लूंगी।"बेटा नम आंखों से अपने बाप को वहाँ छोड़ने जा रहा था जहाँ जाने की कल्पना कोई बाप नहीं करता है।बाबुजी तो चले गए , साथ में घर की खुशियाँ भी ले गए।घर में श्मशान सा सन्नाटा छा गया था। इस एक हफ्ते न कभी वह खुश हो पाई और न ही पति के चेहरे पर कोई मुस्कान ही दिखा। चार पांच बार हैरी के चिल्लाने की आवाज़ ही थी जो पड़ोसियों को सुनने को मिली थी। अब उसे बाबुजी का गुस्सा भी अमृत ही लग रहा था। अपने आपको संभालने की तमाम कोशिश नाकाम ही साबित हुई। फिर भागी वृद्धाश्रम की ओर। दौड़ती रही तो बस दौड़ती ही रही। वहाँ पहुंच कर जब बाबुजी को देखा तो लोक लाज भूलकर ऐसे गले लगी जैसे बचपन में मेले में बिछड़ने के बाद मिलने पर अपने बाप के गले लगी थी।"माफी के काबिल तो मैं नहीं बाबूजी, पर माफ कर दीजिए।""बेटी, मुझे भी माफ कर दो। दोस्तों के अनुभव सुन सुनकर मैं भी पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो गया था।" ----- मृणाल आशुतोष
मैंने सुना है, एक आदमी था, उसका जहांज डूब गया। वह बड़ा आर्किटेक्ट था। वह एक जंगली टापू पर लग गया। वहॉ कोई भी न था। यहूदी था वह आर्किटेक्ट। वर्षों बीत गये। कुछ काम तो था नहीं वहां। लकड़ियां खूब उपलब्ध थीं, पत्थर के खूब ढेर लगे थे—तो उसने कई मकान बना डाले। बैठे—बैठे करता क्या? वही कला जानता था। सड़क बना ली।कोई बीस वर्ष बाद कोई जहाज किनारे लगा.। उस आदमी को देख कर उन्होंने कहा कि तुम आ जाओ, हम तुम्हें ले चलें वापिस। उसने कहा, इसके पहले कि आप मुझे ले चलें, मैं सभी को निमंत्रित करता हूं कि मैंने जो बीस वर्षों में बनाया उसे देख तो लें! उसे देखने फिर कभी कोई नहीं आयेगा। वे सब देखने गये।वे बड़े चकित हुए। उसने एक मंदिर बनाया—सिनागॉग। उसने कहा कि यह मंदिर है जिसमें मैं रोज प्रार्थना करता हूं। और सामने एक मंदिर और था। तो उन यात्रियों ने पूछा कि यह तो ठीक है; तुम अकेले ही हो इस द्वीप पर; तुमने एक मंदिर बनाया; पूजा करते हो। यह दूसरा मंदिर क्या है? उसने कहा : 'यह वह मंदिर है जिसमें मैं नहीं जाता।’अब अकेला मंदिर जिसमें हम जाते हैं, उसमें तो कुछ मजा ही नहीं। मस्जिद भी तो चाहिए न, जिसमें तुम नहीं जाते! गिरजा भी तो चाहिए, जिसमें तुम नहीं जाते! उसने वह मंदिर भी बना लिया है, जिसमें नहीं जाता है! काम पूरा कर लिया है। जाने के लिए भी मंदिर बना लिया है; न जाने के लिए भी मंदिर बना लिया है।न जाने के लिए मंदिर! लगेगा व्यर्थ तुमने श्रम किया, लेकिन तुम अपने मन में तलाश करना। तुम वे भी योजनाएं करते हो जो तुम्हें करना है, तुम उनकी भी योजनाएं करते हो जो तुम्हें नहीं करना है। तुम नहीं करने की भी योजना करते हो। तुम उन चीजों से भी जुड़े हो जो तुम्हारे पास हैं। तुम उनसे भी जुड़े हो जो तुम्हारे पास नहीं हैं। दूसरे के पास हैं जो चीजें, उनसे भी तुम जुड़े हो। पड़ोसी के गैरेज में जो कार रखी है उससे भी तुम जुड़े हो। उससे तुम्हारा कुछ लेना—देना नहीं है; उससे भी तुम जुड़े हो। उससे भी तुमने नाता बना लिया है।#osho
Monday, 20 November 2023
10 SIGNS THAT YOU ARE TOO EMOTIONAL1. You just can't say 'no' to anyone without feeling guilty. You care too much and love too much.2. You cry when you're alone but you don't tell anyone because you're afraid of what people would think of you.3. You're quick to think that everyone is a friend. You do things for every temporary person in your life .4. You're extra- nice with people. You treat everyone with kindness and expect the same.5. You don't know when a person is taking advantage of you because you can't do it to others.6. You can't intentionally hurt people because of how soft hearted you are.7. You can't express your emotions without breaking down.8. You're so sensitive that you can notice the slightest changes in people's behavior towards you- the way they talk to you, the way they act towards you - but you don't Do anything about it.9. You feel too deeply for people, you always put yourself in people's shoes and try to be there for everyone, Literally, Every single time.10. You're the problem fixer. You can't afford to lose people , but in the end, you're still left alone. Just like always...Please Be guided accordingly.
Thursday, 16 November 2023
🪔🪔🪔🪔🪔*दिवाली जा रही है!**अगले साल आने के लिए !!**जाते जाते दे रही है!**कुछ संदेश निभाने के लिए !!*🪔*दिवाली कहती हैं कि* *मेरे जाने के बाद भी* *चंद दीपक जला के रखना!*🪔*एक दीपक आस का!*🪔*एक दीपक विश्वास का!*🪔*एक दीपक प्रेम का!*🪔*एक दीपक शांति का!*🪔*एक दीपक मुस्कुराहट का!*🪔*एक दीपक अपनों के साथ का!*🪔*एक दीपक स्वास्थ का!*🪔*एक दीपक भाईचारे का!*🪔*एक दीपक बड़ों के आशीर्वाद का!*🪔*एक दीपक छोटों के दुलार का!*🪔*एक दीपक निस्वार्थ सेवा का!**और इन ग्यारह दीपकों के साथ बिताना आप अगले ग्यारह महीने !!* *मैं फिर अगले साल आ जाऊंगी !**फिर से एक दूसरे के साथ मिल कर* *आप मेरे नए दीपक जला लेना !!* 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
Friday, 10 November 2023
Monday, 6 November 2023
क्या होता है दुनिया छोड़कर जाना ! संग सोफे पर बैठकर रिमोट के लिए लड़ने वाले काउसी कमरे की दीवार पर एकमुस्कुराती तस्वीर में कैद हो जाना....क्या होता है दुनिया छोड़कर जाना !आँगन ,दर , दहलीज़ सब पहले से हर समान है जस का तस सिर्फ एक चेहरे की मौजूदगी कासदा के लिए कम हो आना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना !कैलेंडर के पन्ने पलटते जाते तारीखें अनन्त के सफर पर ।वक्त के पहिये घूमने के बावजूदजिंदगी का ठहर जाना ।क्या होता है किसी का जाना !दुनिया भर के हँसी-ठठो में एक खिलखिलाहट का कम हो जाना ।सर से तकिया छीनने वाले कोबाँस पर लिटा सफ़ेद चादर ओढ़ाना ।इतना ही है किसी का छोड़कर जाना !आदतन उनको पुकारने परजवाब में अटूट सन्नाटा पाना ।हिदायतों के साथ देते थे जोउन सामानों का लावारिस गर्द खाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना ...भरम सा बना रहता जैसेकही घूमने गए शाम लौट आएंगे ।हर त्यौहार, हर मौके परछाती पर पड़े पत्थर का वज़न बढ़ जाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जाना...भीड़ में जो हुए है तन्हा कदम पैमाना नही तौले जो वो खालीपन ।रैक में पड़ी चप्पल का रखा रह जाना परसी एक थाली का कम हो जाना ।क्या होता है किसी का छोड़कर जानाक्या होता है किसी का छोड़कर जाना(शेयर करने अनुमति की आवश्यकता नही है ।)Madhu- writer at film writer's association Mumbai
Saturday, 28 October 2023
Thursday, 26 October 2023
Wednesday, 18 October 2023
Tuesday, 17 October 2023
Sunday, 15 October 2023
Saturday, 14 October 2023
अक्सर कहा जाता है कि मायका माँ के साथ ही खत्म हो जाता है !सच कहूं तो ससुराल भी सास के साथ ही खत्म हो जाता है !रह जाती हैं बस यादें ...उनकी उस न्यौछावर की जो तुमपर वार कर दी थी मिसरानी को !उनकी उस हिदायत की, जो तुम्हारी मुट्ठियों मेंचावल भरकर थाली में डालने की रस्म के दौरान कान में फुसफुसाते हुए दी थी कि यूंही अन्नपूर्णा बन कर रहना हमेशा !उनकी उस 'सदा सौभाग्यवती रहो!' वाले आशीष की जो तुम्हें अपने गठजोड़ संग उनके चरण स्पर्श करते ही मिली थी!उनके अपनेपन की उस आहट की जो पहली रसोई की रस्म निभाते कान में फुसफुसाकर कही थी 'सब मैंने बना दिया है,बस तुम खीर में शक्कर डाल देना । रस्म पूरी हो जाएगी !'उनकी उस चेतावनी की जो हर त्यौहार से पहले मिल जाया करती थी, 'अरी सुन कल सुहाग का त्यौहार है , मेहंदी लगा लियो !'उनकी उस दूरदृष्टि की, जो तुम्हारी अधूरी ख्वाहिशों के मलाल को सांत्वना देते दिखती कि' सबर रक्खा करैं , देर-सबेर सब कुछ मिला करै !'उनके उस बहाने की ,जो तुम्हारे मायके जाने के नाम से तैयार हो जाता कि 'पता नहीं क्यों रात से जी घबड़ा रा !'उनके उस उलाहने की, जो तुम्हारे बच्चों संग सख्ती के दौरान सुनाया जाता,'हमने तो कभी न मारे बालक !'उनकी उस आखिरी हिदायत की,'मेरे बाद ननद, देवरानी, जेठानी संग मिल के रहियो !'उनके उस इमानदार कुबूलनामे की, जो उनके अंतिम लम्हों में उनकी याददाश्त खोने के बावजूद भी,बड़बड़ाते सुना कि 'बहुत मेहनत करै , न दिन देखै न रात , बहुत करा इसने सबका !'उनकी उस धमकी की जो कभी कभार ठिठोली करते मिलती , 'मैं कहीं न जाऊं , मरकर भी यहीं रहूंगी इसी घर में, तेरे सिर पे, हुकुम चलाने को !'मैंने तो सच माने रखा उस ठिठोली वाली धमकी को,तुम्हारे जाने के बाद भी !तो क्यों नहीं याद दिलाई कल मेहंदी लगाने की ?आज सुहाग का त्यौहार था और मैं भूल गई मेहंदी लगाना !*मालूम नहीं सास-बहु के इस पेचीदा रिश्ते की समझ हमें देर से क्यों आती है ?#SaaS #bahu
Friday, 13 October 2023
Wednesday, 4 October 2023
Tuesday, 3 October 2023
Monday, 2 October 2023
ਚੀਕੋ ਪੁਕਾਰਮਨ ਦੇ ਆਰ ਪਾਰਖੁਦਾਈ ਵਜੂਦ ਦੇ ਅੰਦਰਮਨ ਦੇ ਵਜੂਦ ਨੂੰ ਬਣਾਵੇ ਖੰਡਰਰੁਕੇ ਰੁਕੇ ਜਜ਼ਬਾਤਬੀਤਦੇ ਨਾ ਬਿਤਾਏਔਖੇ ਔਖੇ ਲਮਹਾਤਜਜ਼ਬੇ ਜੋ ਜਜ਼ਬ ਨਾ ਹੁੰਦੇ ਜਜ਼ਬਾਤ ਜੋ ਨਸ਼ਰ ਨਾ ਹੁੰਦੇ ਘੁਟੇ ਹੀ ਰਹਿੰਦੇ ਜੋ ਧੁਰ ਅੰਦਰਕਤਲੋਗਾਰਤ ਕਰਦੇ ਅੰਦਰੋਂ ਅੰਦਰ ਬੋਲ ਦੱਸ ਕੇ ਜੋ ਜਾਏ ਨਾ ਦੱਸਣਚੀਰ ਚੀਰ ਜਾਂਦੇ ਦੱਬੇ ਘੁੱਟੇ ਅਰਮਾਨਮਨ ਆਇਆ ਨਾ ਫਲਿਆ ਜਜ਼ਬਾਤਧੀਆਂ ਤੇ ਹੀ ਐਸਾ ਲਮਹਾ ਕਿਉਂ ਆ ਪੈਂਦਾ ਇੱਜ਼ਤ ਇੱਜ਼ਤ ਕਹਿ ਸਮਾਜ ਚਿੜਾਉਂਦਾਮਾਰ ਕੇ ਮਨ ਨੂੰ ਧੀਆਂ ਬਾਹਰੋਂ ਮੁਸਕਾਣਅੰਦਰ ਜ਼ਖਮ ਤੇ ਬਾਹਰੋਂ ਗੁਣਗਾਨਦਿਓ ਮੌਕੇ ਧੀਆਂ ਨੂੰ ਵੀ ਅਸਮਾਨੀ ਉੱਡਣ ਦੇਖੰਭ ਨਾ ਰੱਖੋ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇਵੀਆਂ ਦੇ ਕੁਤਰ ਕੇਦਿਓ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਰਮਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਉਡਾਣਰੱਬ ਦੀ ਦਿੱਤੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਏਹ ਵੀ ਮਾਣ ਕੇ ਜਾਣਰੱਬ ਦੀ ਦਿੱਤੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਏਹ ਵੀ ਮਾਣ ਕੇ ਜਾਣ#beautifullife #punjabistatus #dhee #Betiya
Saturday, 30 September 2023
Friday, 29 September 2023
#श्राद्धक्योंपितृपक्ष के सोलह दिन! ये दिन अपने पुरखों के प्रति कृतज्ञ होने के दिन है। ये नतमस्तक वंशावलियों के आभारी होने के दिन है, परंतु ये सतही भावनाओं में बहने के दिन नहीं है! ये प्रार्थनाओं के दिन है।अक्सर लोगों के मन में प्रश्न उठते है -* यदि पुनर्जन्म है, तो आत्मा ने तो दूसरा शरीर ले लिया — तो श्राद्ध क्यों?* यदि वह सदा आत्मा ही रहती है तो पुनर्जन्म की अवधारणा क्या ग़लत है?इस गुत्थी को सुलझाने के लिए संस्कारों की अवधारणा को समझना ज़रूरी है। आत्मा जब शरीर छोड़ती है और दूसरा शरीर धारण करती है (पुनर्जन्म) तो वह इस जन्म के अर्जित संस्कारों को अपने साथ ले जाती है।ये संस्कार और कुछ नहीं बस वे “गहरी भावनाएँ” है जिन्हें उसने इस जन्म में बहुत शिद्दत से जीया होता है। जैसे किसी के प्रति अति मोह, किसी के प्रति गहरा क्रोध, कोई ग्लानि, कोई क्षोभ, कुछ भी...कुछ भी ऐसा जिसने उस व्यक्ति के मन पर बहुत-बहुत गहरा प्रभाव डाला हो। वे क़िस्से और उनकी स्मृतियाँ शरीर के साथ यहीं छूट जाते है पर वे “प्रभाव” (impressions) संस्कार बन कर साथ चले जाते है — आगे के जन्मों में।अपने पितृजनों को इस जन्म के उन राग-द्वेष प्रभावों से मुक्त हो सकने की प्रार्थनाओं के दिन है ये !श्राद्ध करने से क्या होगा ??* श्राद्ध विदा ले चुकी आत्मा की शांति के लिए होता है।* आत्मा की शांति यानी उस आत्मा को यह संदेश देना के तुम्हारे वंशज तुम्हारे कृतज्ञ है,* कि तुम्हारे वंशज तुम्हारे अधूरे छूटे दायित्वों को सम्हाल लेंगे।मंत्रोच्चार और अन्य विधि विधान इसलिए के उस आत्मा को इन उद्वेलित करने वालों भावों (जो उसने इस जन्म में अर्जित किए) से मुक्त होने में सहायता मिल सके।विदा ले चुकी आत्माओं तक हमारी तीव्र भावनाओं की तरंगे पहुँचती है इसीलिए कहा जाता है के जो चला गया उसके लिए अपशब्द नहीं कहने चाहिये क्योंकि हमारा प्रेम उस आत्मा (जहाँ भी वह है) को सबल बनाने में सहयोग करता है और घृणा उसे कमज़ोर बनाती है, उनकी याद में पीड़ा प्रेषित करना उन्हें विचलित करता है। किसी भी शरीर और युग में हों — है तो हम सभी आत्माएँ ही ! बतौर आत्मा एक दूजे को सबल बना कर ही कर्मचक्र से मुक्ति सम्भव है।इसलिये, जन्म और जीवन देने वाले पितृजनों की आगे की यात्रा के लिए, कृतज्ञ वंशजों के तौर पर यह हमारा कर्तव्य भी है और धर्म भी।#beautifullife #hindisuvichar
Wednesday, 27 September 2023
Tuesday, 26 September 2023
Saturday, 23 September 2023
घर पर पूजा-पाठ करने का क्या है सही विधि!!!!!!!कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले या फिर किसी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए सभी लोग अक्सर घर में पूजा पाठ करवाते हैं, ताकि उन्हें अपने लक्ष्य में सफलता मिल सके। अपनी मनोकामना जल्दी पूरी हो सके, इसके लिए घर में पूजा-पाठ और मांगलिक उत्सव करने का सही तरीका इस प्रकार हैं :- और उसके लिए पूजा-पाठ करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए..*घर में पूजा-पाठ का सही स्थान क्या हो..??*:-घर में हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही मंदिर का स्थान रखें।-घर का मंदिर हमेशा लकड़ी का बना होना चाहिए।-घर के मंदिर के आसपास कोई गंदगी न हो। उसे हमेशा साफ-सुथरा ही रखें।*||**घर के मंदिर का मुख्य रंग क्या हो..??*:-मंदिर का सही रंग हल्का पीला या नारंगी होना चाहिए।-घर के मंदिर में हमेशा हल्की पीली लाइट का प्रयोग करना चाहिए।-मंदिर में गहरे नीले रंग का प्रयोग नहीं करें।*||**घर के मंदिर में क्या-क्या रखना चाहिए..??*:-घर के मंदिर में हलके पीले रंग का या लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।-भगवान गणपति और महालक्ष्मी का स्वरूप रखें।-अपने इष्ट और अपने कुल गुरु का चित्र अवश्य रखें।-एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें।*||**घर का मंदिर बनाते समय क्या-क्या सावधानी बरते..??*:-घर का मंदिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में न बनाएं।-मंदिर के आसपास कोई गंदगी न हो।-मंदिर शौचालय के पास बिल्कुल न बनाएं।-मंदिर के आसपास जूते-चप्पल कभी भी न रखें।*||**कौन-सी दिशा में बैठकर भजन कीर्तन जाप किया जाए..??*:-हमेशा भजन कीर्तन पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके किया जाए तो सर्वोत्तम रहता है। अन्य किसी दिशा में किया गया भजन कीर्तन मन में उत्साह नहीं ला पाता।-भजन कीर्तन करने से पहले भगवान मंगल मूर्ति के चित्र को हमेशा स्थापित करें उसके बाद ही भजन कीर्तन शुरू करें।-जिस देवी-देवता का भजन किया जा रहा है उसके चित्र के सामने गाय के घी का दीपक और धूप अवश्य जलाएं व जल का पात्र भी रखें।*||**भजन कीर्तन में बरतें ये सावधानियां..*:-भजन कीर्तन करते समय इधर-उधर की बातों में ध्यान न दें।-हमेशा शुद्ध और साफ वस्त्र पहनकर ही भजन कीर्तन करें।-भजन कीर्तन में शुद्ध मिठाई और साफ-सुथरे फलों का प्रयोग करें।-हमेशा भजन कीर्तन में गाय के घी का दीपक और कलावे की बाती का प्रयोग करें।*||**घर में पूजा पाठ और जाप का पूरा फल पाने के लिए करें उपाय..*:-घर में पूजा-पाठ करते समय श्वेत गुलाबी या हल्के पीले वस्त्र पहनकर ही पूजा करें।-हमेशा लाल या पीले आसन पर बैठकर ही मंत्र जाप करें।-जाप हमेशा लाल चंदन की माला या रुद्राक्ष की माला से करें।-जाप शुरू करने से पहले भगवान गणपति व गुरु और अपने इष्ट का ध्यान करना चाहिए। उसके बाद ही जाप शुरू करें।*||**सभी तरह की परेशानियों को दूर करने के उपाय..*:-घर में अकारण कलह रहती हो तो प्रतिदिन सुबह गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।-घर में यदि कोई बीमार रहता हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं।-घर में धन की कमी हो तो श्री नारायण भगवान को पीले पुष्प चढ़ाएं।-घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकने के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों की बंदनवार लगाएं..!! जय श्री राम
… ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ ✧ ज़िन्दगी का फ़लसफा ✧ ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ एक संत ने अपने दो भक्तों को बुलाया और कहा ~ आपको यहाँ से पचास मील दूर जाना है. एक भक्त को एक बोरी ... खाने के सामान से भर कर दी, और कहा ~ जो भी लायक मिले, उसे देते जाना. दूसरे को ख़ाली बोरी दी, उससे कहा ~ रास्ते में उसे जो भी अच्छी वस्तु मिले, उसे बोरी में भर कर ले अाए. दोनों निकल पड़े.🕴 जिसके कंधे पर सामान था, वो धीरे चल पा रहा था.🕴 ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से जा रहा था. दूसरे को थोड़ी दूर पर … एक सोने की ईंट मिली. उसने उसे बोरी में डाल लिया. थोड़ी ही दूर चला, कि ... फिर एक ईंट मिली. उसने उसे भी उठा लिया. जैसे-जैसे वो चलता गया … उसे सोना मिलता गया, और वो ... बोरी में भरता गया. धीरे-धीरे बोरी का वज़न बढ़ता गया. उसका चलना मुश्किल हो गया. साँस भी फूलने लग गई. एक-एक क़दम चलना मुश्किल होता गया. <<<<<<<>>>>>>> पहला भक्त जैसे-जैसे चलता गया, रास्ते में जो भी मिला, उसे बोरी से खाने का कुछ समान देता गया. धीरे-धीरे बोरी का वज़न कम होता गया, और उसका चलना आसान होता गया. ~ जो बाँटता गया ~ उसका मंज़िल तक पहुँचना आसान होता गया. ~ जो इकट्ठा करता रहा ~ वो रास्ते में ही दम तोड़ गया.👉 दिल से सोचना --> हमने जीवन में क्या बाँटा, और ... क्या इकट्ठा किया ? हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे ? 📍 जिन्दगी का कड़वा सच 📍 60 साल की उम्र के बाद आपसे कोई यह नहीं पूछेगा, कि आपका बैंक बैलेन्स कितना है, या आपके पास कितनी गाड़ियाँ हैं ? 👇 दो ही प्रश्न पूछे जायेंगे 👇 ~~~~~~~~~~~~ 1. आप का स्वास्थ्य कैसा है ? ❗ और ❗ 2. आप के बच्चे क्या करते हैं ? 🔘 🌀 🔘 मेरा ये मैसेज पढ़कर, वो मित्र, जो ... समय ही नहीं कटता, क्या करें ? 👆🏽 ये बहाना बनाकर 👆🏽 ~ पैसे के लिए ~ भाग-दौड़ करते रहते हैं, उनकी सोच में कुछ बदलाव आ पाए, तो ... मेरा ये प्रयास सफल होगा. ~ यही विनती है ~ #beautifullife #hindisuvichar #jindagi
Friday, 22 September 2023
अमिताभ बच्चन कहते हैं ... "अपने करियर के चरम पर, मैं एक बार हवाई जहाज से यात्रा कर रहा था। मेरे बगल वाली सीट पे एक साधारण से सज्जन व्यक्ति बैठे थे, जिसने एक साधारण शर्ट और पैंट पहन रखी थी। वह मध्यम वर्ग का लग रहा था, और बेहद शिक्षित दिख रहा था।अन्य यात्री मुझे पहचान रहे थे कि मैं कौन हूँ, लेकिन यह सज्जन मेरी उपस्थिति के प्रति अंजान लग रहे थे ... वह अपना पेपर पढ़ रहे थे, खिड़की से बाहर देख रहे थे, और जब चाय परोसी गई, तो उन्होंने इसे चुपचाप पी लिया ।उसके साथ बातचीत करने की कोशिश में मैं उन्हें देख मुस्कुराया। वह आदमी मेरी ओर देख विनम्रता से मुस्कुराया और 'हैलो' कहा।हमारी बातचीत शुरू हुई और मैंने सिनेमा और फिल्मों के विषय को उठाया और पूछा, 'क्या आप फिल्में देखते हैं?'आदमी ने जवाब दिया, 'ओह, बहुत कम। मैंने कई साल पहले एक फिल्म देखा था। 'मैंने उल्लेख किया कि मैंने फिल्म उद्योग में काम किया है।आदमी ने जवाब दिया .. "ओह, यह अच्छा है। आप क्या करते हैं?"मैंने जवाब दिया, 'मैं एक अभिनेता हूं'आदमी ने सिर हिलाया, 'ओह, यह अद्भुत है!' तो यह बात हैं ...जब हम उतरे, तो मैंने हाथ मिलाते हुए कहा, "आपके साथ यात्रा करना अच्छा था। वैसे, मेरा नाम अमिताभ बच्चन है!"उस आदमी ने हाथ मिलाते हुए मुस्कुराया, "थैंक्यू ... आपसे मिलकर अच्छा लगा..मैं जे आर डी टाटा (टाटा का चेयरमैन) हूं!"मैंने उस दिन सीखा कि आप चाहे कितने भी बड़े हो।हमेशा आप से कोई !! बड़ा !! होता है।नम्र बनो, इसमें कुछ भी खर्च नहीं है।
Thursday, 21 September 2023
🌿Fear of change can prevent us from creating space for something better.🌿Deep down you know when it’s time to let go.🌿Oprah says, “Difficulties come when you don’t pay attention to life’s whispers.Life always whispers to you first, but if you ignore the whisper, sooner or later you’ll get a roar.” 🦁(You need to hang out with people who fit your future, not your history. Hang out with people who inspire you to level up.-unknown)
#death मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा हैतू फना नही होगा ये तेरा ख्याल झूठा हैसॉस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगेंचाचा मामा पापा मम्मी सब छूट जायेंगेंतेरे सारे रिश्ते वाले वक्त का चालान देंगेंछीन कर तेरी दौलत दो गज कफन देंगेंजिनको अपना कहता है कब ये तेरे साथी हैकब्र है तेरी मंजिल और ये सब बाराती हैलाके कब्र में तुझको बिना बिस्तर के डालेंगेंअपने हाथो से ही तेरे मुँह पर मिट्टी डालेंगेंतेरी सारी उल्फत को खाक में मिला देंगेंतेरे चाहने वाले कल तुझे भुला देंगेंइसलिए कहता हूँ खूब सोच ले दिल मेंक्यो फँसाये बैठा है अवि जान अपनी मुश्किल मेंकर गुनाहो से तौबा तू इंसान आके बात संभल जाएजान का क्या भरोसा न जाने कब निकल जाएमुट्ठी बंद करके आने वाले हाथ पसारे जायेगाधन दौलत जागीर से बोल तू क्या पायेगाचढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा।
#Aurat . वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं,तू ही बता क्या करूं के चैन की जिंदगी जी सकूं।।साडी पहनती हूं तो तुझे मेरी कमर दिखती हैचलती हूं तो मेरी लचक पर अंगुली उठती है।।दुप्पटे को क्या शरीर पर नाप के लगाउ मै।कैसे अपने शरीर की संरचना को तुमसे छुपाउ मैं ।।पीठ दिख जाए तो वो भी काम निशानी है।क्या क्या छुपाउ तुमसे तुम्हारी तो मेरे झूमके को देख के बहकती जवानी है।।घाघरा चोली पहनू तो सीने पर तुम्हारी नजर टिकती है,पीछे से देखो तो मेरे back पर तेरी आंखे सटती है ।।केश खोल के रखू तो वो भी बेहयाई है।क्या करे तेरी निगाहों मे समायी काम परछाई है।।हाथो को कगंन से ढक लूं चेहरे पर घुंघट का परदा रखलूंकिसी की जागिर हूं दिखाने के लिए अपनी मांग भरलूं।।पर तुम्हे क्या परवाह मैं किसकी बेटी किसकी पत्नी किसकी बहन हूं।तुम्हारे लिए तो बस तुम्हारी वासना को मिलने वाला चयन हूं।।सिर से पांव के नख तक को छुपालूंगी तो भी कुछ नहीं बदलेगा,तेरी वासना का भूजंग तो नया बहाना बनकर के हमें डस लेगा।। सोच बदलो ...❤...
Wednesday, 20 September 2023
90 का #दूरदर्शन और हम :1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना2."#रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना3."#जंगल-बुक"देखने के लिए जिन दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका घर पर आना4."#चंद्रकांता"की कास्टिंग से ले कर अंत तक देखना5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते तक सोचना6.शनिवार और रविवार की शाम को #फिल्मों का इंतजार करना7.किसी नेता के मरने पर कोई #सीरियल ना आए तो उस नेता को और गालियाँ देना8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने निकल जाना9."#मूक-#बधिर"समाचार में टीवी एंकर के इशारों की नक़ल करना10.कभी हवा से #ऐन्टेना घूम जाये तो छत पर जा कर ठीक करनाबचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं आता, दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता।जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना #घडी देखे,अब घडी में वो समय वो वार नहीं आता।बचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं आता...।।।वो #साईकिल अब भी मुझे बहुत याद आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ कर खुश हो जाया करता था। अब कार में भी वो आराम नहीं आता...।।।#जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी है गुथियाँ, उसके घर के सामने से गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता...।।।वो '#मोगली' वो '#अंकल Scrooz', '#ये जो है जिंदगी' '#सुरभि' '#रंगोली' और '#चित्रहार' अब नहीं आता...।।।#रामायण, #महाभारत, #चाणक्य का वो चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।वो #एक रुपये किराए की साईकिल लेके, दोस्तों के साथ गलियों में रेस लगाना!अब हर वार 'सोमवार' हैकाम, ऑफिस, बॉस, बीवी, बच्चे;बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की बात का इज़हार नहीं हो पाता।बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।बचपन वाला वो '#रविवार' अब नही आता...।।।🙂🙏
Saturday, 16 September 2023
90 का #दूरदर्शन और हम :1.सन्डे को सुबह-2 नहा-धो कर टीवी के सामने बैठ जाना2."#रंगोली"में शुरू में पुराने फिर नए गानों का इंतज़ार करना3."#जंगल-बुक"देखने के लिए जिन दोस्तों के पास टीवी नहीं था उनका घर पर आना4."#चंद्रकांता"की कास्टिंग से ले कर अंत तक देखना5.हर बार सस्पेंस बना कर छोड़ना चंद्रकांता में और हमारा अगले हफ्ते तक सोचना6.शनिवार और रविवार की शाम को #फिल्मों का इंतजार करना7.किसी नेता के मरने पर कोई #सीरियल ना आए तो उस नेता को और गालियाँ देना8.सचिन के आउट होते ही टीवी बंद कर के खुद बैट-बॉल ले कर खेलने निकल जाना9."#मूक-#बधिर"समाचार में टीवी एंकर के इशारों की नक़ल करना10.कभी हवा से #ऐन्टेना घूम जाये तो छत पर जा कर ठीक करनाबचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं आता, दोस्त पर अब वो प्यार नहीं आता।जब वो कहता था तो निकल पड़ते थे बिना #घडी देखे,अब घडी में वो समय वो वार नहीं आता।बचपन वाला वो '#रविवार' अब नहीं आता...।।।वो #साईकिल अब भी मुझे बहुत याद आती है, जिसपे मैं उसके पीछे बैठ कर खुश हो जाया करता था। अब कार में भी वो आराम नहीं आता...।।।#जीवन की राहों में कुछ ऐसी उलझी है गुथियाँ, उसके घर के सामने से गुजर कर भी मिलना नहीं हो पाता...।।।वो '#मोगली' वो '#अंकल Scrooz', '#ये जो है जिंदगी' '#सुरभि' '#रंगोली' और '#चित्रहार' अब नहीं आता...।।।#रामायण, #महाभारत, #चाणक्य का वो चाव अब नहीं आता, बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।वो #एक रुपये किराए की साईकिल लेके, दोस्तों के साथ गलियों में रेस लगाना!अब हर वार 'सोमवार' हैकाम, ऑफिस, बॉस, बीवी, बच्चे;बस ये जिंदगी है। दोस्त से दिल की बात का इज़हार नहीं हो पाता।बचपन वाला वो 'रविवार' अब नहीं आता...।।।बचपन वाला वो '#रविवार' अब नही आता...।।।🙂🙏
Friday, 15 September 2023
Tuesday, 12 September 2023
Monday, 11 September 2023
Saturday, 9 September 2023
Wednesday, 6 September 2023
Monday, 4 September 2023
Sunday, 3 September 2023
Friday, 1 September 2023
Thursday, 31 August 2023
क्या आप जानते हैं कि आपके अंतिम संस्कार के बाद आम तौर पर क्या होता है?कुछ ही घंटों में रोने की आवाज पूरी तरह से बंद हो जाएगी। आपका परिवार रिश्तेदारों के लिए होटलों/हलवाइयों से खाना मंगवाने में जुट जायेगा।पोते-पोती दौड़ते और खेलते रहेंगे। कोई ज्यादा शरारती पोता/पोती खाने की किसी विशेष वस्तु के लिए ज़िद करके मचल जाएगा और उसको हर हाल में लेकर रहेगा।कुछ भद्र पुरुष सोने से पहले आपके बारे में कुछ संवेदनात्मक टिप्पणी करेंगे। कोई रिश्तेदार आपकी बेटी से फोन पर बात करेगा कि आपात स्थिति के कारण वह व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पा रहा है।अगले दिन रात के खाने में, कुछ रिश्तेदार कम हो जाते हैं, और कुछ लोग सब्जी में पर्याप्त नमक नहीं होने की शिकायत करते हैं।भीड़ धीरे धीरे छंटने लगेगी..आने वाले दिनों में कुछ कॉल आपके फोन पर बिना यह जाने आ सकती हैं कि आप मर चुके हैं।आपका कार्यालय या दुकान आपकी जगह लेने के लिए किसी को ढूंढने में जल्दबाजी करेंगे।दो सप्ताह में आपका बेटा और बेटी अपनी आपातकालीन छुट्टी खत्म होने के बाद काम पर लौट आएंगे।महीने के अंत तक आपका जीवनसाथी भी कोई कॉमेडी शो देख कर हंसने लगेगा। सबका जीवन सामान्य हो जाएगाजिस तरह एक बड़े पेड़ के सूखे पत्ते में और जिसके लिए आप जीते और मरते हैं, उसमें कोई अंतर नहीं है, यह सब इतनी आसानी से, इतनी तेजी से, बिना किसी हलचल के होता है। आपको इस दुनिया में आश्चर्यजनक गति से भुला दिया जाएगा। इस बीच आपकी प्रथम वर्ष पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई जाएगी। पलक झपकते ही साल बीत गए और तुम्हारे बारे में बात करने वाला कोई नहीं है।एक दिन बस पुरानी तस्वीरों को देखकर आपका कोई करीबी आपको याद कर सकता है,मुझे अभी बताओ...लोग आपको आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैं। फिर आप किसके लिए दौड़ रहे हो? और आप किसके लिए चिंतित हैं?अपने जीवन के अधिकांश भाग के लिए 80% आप इस बारे में सोचते हैं कि आपके रिश्तेदार और पड़ोसी आपके बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप उन्हें संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं? जो किसी काम का नहीं !जिंदगी एक बार ही मिलती है, बस इसे जी भर के जी लो...…. हां एक बात और अपनी क्षमता के अनुसार किसी जरुरतमंद की सहायता प्रेमपूर्वक जरूर करना, वह आपको हमेशा याद रखेगा।अहंकार छोड़िये अपने होने का, अपने बड़े होने का, अपने प्रसिद्ध होने का,अपने सेलिब्रिटी होने का,अपने अमीर होने का..........अपने अधिकारित्व के पायजामे से बाहर निकलिये।नेक कर्म करते रहिये,यही है जिन्दगी। 🙏Hindi Motivational Quotes #,Beautifullife #hindistory #death
Wednesday, 30 August 2023
Tuesday, 29 August 2023
Monday, 28 August 2023
Sunday, 27 August 2023
Friday, 25 August 2023
Thursday, 24 August 2023
Wednesday, 23 August 2023
मैंने सुना है, अरस्तु एक दिन सागर के किनारे टहलने गया और उसने देखा एक पागल आदमी—पागल ही होगा, अन्यथा ऐसा काम क्यों करता—एक गड्डा खोद लिया है रेत में और एक चम्मच लिए हुए है; दौड़कर जाता है, सागर से चम्मच भरता है, आकर गडुए में डालता है, फिर भागता है, फिर चम्मच भरता है, फिर गडुए में डालता है।अरस्तु घूमता रहा, घूमता रहा, फिर उसकी जिज्ञासा बढ़ी, फिर उसे अपने को रोकना संभव नहीं हुआ—सज्जन आदमी था, एकदम से किसी के काम में बाधा नहीं डालना चाहता था, किसी से पूछना भी तो ठीक नहीं, अपरिचित आदमी से, यह भी तो एक तरह का दूसरे की सीमा का अतिक्रमण है।मगर फिर बात बहुत बढ़ गई, उसकी भागदौड़, इतनी जिज्ञासा भर गई कि यह मामला क्या है, यह कर क्या रहा है, पूछा कि मेरे भाई, करते क्या हो?उसने कहा, क्या करता हूं;सागर को उलीच कर रहूंगा! इस गड्डे में न भर दिया तो मेरा नाम नहीं! अरस्तु ने कहा कि मैं तो कोई बीच मे आने वाला नहीं हूं मैं कौन हूं;जो बीच में कुछ कहूं;लेकिन यह बात बड़े पागलपन की है यह चम्मच से तू इतना बड़ा विराट सागर खाली कर लेगा!जन्म—जन्म लग जाएंगे फिर भी न होगा, सदियां बीत जाएंगी फिर भी न होगा! और इस छोटे से गडुए में भर लेगा? और वह आदमी खिलखिलाकर हंसने लगा, और उसने कहा कि तुम क्या सोचते हो, तुम कुछ अन्य कर रहे हो, तुम कुछ भिन्न कर रहे हो?तुम इस छोटी सी खोपड़ी में परमात्मा को समाना चाहते हो? अरस्तू बड़ा विचारक था। तुम इस छोटी सी खोपड़ी में अगर परमात्मा को समा लोगे, तो मेरा यह गड्डा तुम्हारी खोपड़ी से बड़ा है और सागर परमात्मा से छोटा है; पागल कौन है?अरस्तू ने इस घटना का उल्लेख किया है और उसने लिखा है कि उस दिन मुझे पता चला कि पागल मैं ही हूं। उस पागल ने मुझ पर बड़ी कृपा की। वह कौन आदमी रहा होगा? वह आदमी जरूर एक पहुंचा हुआ फकीर रहा होगा, समाधिस्थ रहा होगा, वह सिर्फ अरस्तू को जगाने के लिए, अरस्तू को चेताने के लिए उस उपक्रम को किया था।नहीं, तुम्हारी चाह तो छोटी है—चाय की चम्मच—इस चाह से तुम समाधि को नहीं पा सकोगे। चाह को जाने दो। और फिर जल्दीबाजी मचा रहे हो! जल्दबाजी मे तो चम्मच में थोड़ा—बहुत पानी आया, वह भी गिर जाएगा—अगर ज्यादा भागदौड़ की तो, और ज्यादा जल्दबाजी की। तुमने देखा न, कभी कभी जल्दबाजी में यह हो जाता है, ऊपर की बटन नीचे लग जाती है, नीचे की बटन ऊपर लग जाती है;सूटकेस में सामान रखना था वह बाहर ही रहा जाता है, सूटकेस बंद कर दिया, फिर उसको खोला तो चाबी नहीं चलती, कि चाबी अटक जाती है। तुमने जल्दबाजी में देखा, स्टेशन पहुंच गए और टिकट घर ही रह गई। और बड़ी जल्दी की!जितनी जल्दबाजी करते हो, उतने ही अशांत हो जाते हो। जितने अशांत हो जाते हो, उतनी संभावना कम है समाधि की। शांत हो रहो। और शांत होने की कला है अचाह से भर जाना। चाहो ही मत, मांगो ही मत; कहो कि जो जब होना है, होगा, हम प्रतीक्षा करेंगे। जल्दी भी क्या है? समय अनंत है। #story #kahani
Tuesday, 22 August 2023
Saturday, 19 August 2023
पिता कभी नहीं कहते मेरे पास पैसे नहीं हैंमाँ ने कभी नहीं कहामेरी तबियत खराब है मैंने कभी नहीं कहाआज खाने में नमक कम हैशायद सच ना बोलने से दुनिया थोड़ी सुंदर बनी रहती हैकविता कभी किसी से नहीं कहतीपृथ्वी वासनाओं का सुंदर विस्तार हैमन कभी अपने गुण नहीं बताताआत्मा कभी नहीं कहती मोक्ष मन को मिली भिक्षा हैउसकी उपलब्धि नहींफूल कभी नहीं बताते उनके चेहरे पर खिला रंग उनका लहू हैजो तितलियों के काटने से बहा हैकिसान कभी नहीं बताते खेती करना उनकी मज़बूरी हैऔर किसी दिन मज़बूर होकरछोड़ देंगे खेतीसुंदर इमारतें कभी नहीं बताती उन्होंने पीया है मजदूरों का गाया गीत और कोई मोल नहीं दिया उसकापानी कभी नहीं बताता उसकी नमी पहाड़ों के हृदय से लिया गया उधार है सड़कें कभी नहीं बतातीइन पर चलकर बस हम यात्रा नहीं करतेपृथ्वी भी पहुँचती रहती है कहीं हमारे साथ चल करबहुत दूर आ गई है पृथ्वीअब लौटना चाहती हैमगर लौट नहीं सकती लोग इसे सभ्यता का विकास कहते हैं हमारी देह अनंत यात्राओं का वृतांत हैहमारी आंखें कुआं हैंजो हमारे पूर्वजों ने पानी की खोज में खोदा थाहमारे आंसूसमुद्र मंथन से निकला अमृत हैमगर हमारे पूर्वज अब तक अतृप्तवो तमाम पत्थर जिन्हें हम ठोकर मार कर आगे बढ़ जाते हैंउनके भीतर से निकला है अग्नि का सूत्रवो नहीं बताती अपना दुःख कि दुनिया में कितनी आग हैकितनी कम है रौशनी मगरक्या तुम्हारे आंचल ने तुम्हें कभी बताया हैकितने युद्ध लड़े गएकितने लोग शहीद हुएबांटे गए कितने देशकपास की सियासत मेंहां ! तुम्हारा आंचलएक युद्ध का विराम चिन्ह हैमैं इसे ओढ़ कर एक अनंत निद्रा में लीन हो जाऊंगामृत्यु कोई उपलब्धि नहीं हैना कोई प्राप्तिना कोई संदेश है ना उपदेशकोई विशिष्टता नहीं है इसमें मृत्यु एक सूक्ति हैजिसे हम जीते जी न सुनते हैं ना पढ़ते हैंइसीलिए कि दुनिया थोड़ी सुंदर लगती रहे -
Thursday, 17 August 2023
*दही की जमावट*एक लड़की अपनी माँ के साथ पुलिस मे अपने पति एवं ससुराल वालो के खिलाफ शिकायत करने जाती है !वहां की अफसर लड़की से पुछते है ..."क्या तुम्हारा पति मारता हैं ?क्या वो तुमसे अपने माँ बाप से कुछ मांग के लाने को कहता है ?क्या वो तुम्हे खाने पहनने को नहीं देता ?क्या तुम्हारे ससुराल वाले कुछ कहते है ?क्या वो तेरा ख्याल नहीं रखता ?"इन सब सवालो का जवाब लड़की ने नही में दिया !इस पर लड़की की माँ बोली की मेरी बेटी बहुत परेशान है ! वो इसे टौरचेर करते है !अफसर समझ गयी !उसने लड़की की माँ से पुछा बहन जी क्या आप घर में दही ज़माती हो ?लड़की की माँ नें कहा ..हाँ !अफसर : तो जब दही ज़माती हो तो बार बार दही को ऊंगली मार कर जांचती हो ?लड़की की माँ : जी अगर बार बार ऊंगली मार के जाचुंगी तो दही कहां से जमेगा ?वो तो खराब हो जायगाअफसर : "तो बहिन जी इस बात को समझिए शादी से पहले लड़की दूध थी ! अब उस को ज़म कर दही बनना है ! आप बार बार ऊंगली मारगी तो वह ससुराल में बसेगी कैसे ?आपकी लड़की ससुराल में परेशान नहीं है ! आप की उसकी घर में दखलांदाजी ही उसके परेशानी का कारण है ! उसे उसके ससुराल में ऐडजस्ट होने की शिक्षा दीजिए ना की गलत कर के अपने घर को खराब करने की !"#beti #maa
Wednesday, 16 August 2023
Tuesday, 15 August 2023
Monday, 14 August 2023
Sunday, 13 August 2023
Saturday, 12 August 2023
बड़ा भाई... *वो दोनों सड़क पर एक दूसरे से लड़ते लड़ते जा रहे थे। तभी बड़ा भाई बड़े होने के गुरूर के कारण तना तना, आगे आगे बिना परवाह किये तेजी से चलने लगा वो खाली हाथ था..*जबकि छोटे भाई की कमर पर एक भारी बैग टंगा था जिसे लिये लिये वह रोता चिल्लाता चल रहा था। बीच बीच में चिल्ला कर भाई को रोते हुए स्वर में पुकारता - ओ भाई.....रुक जा ना ...मुझसे चला नहीं जा रहा ....भाई*पर बड़ा सब बातों से बेखबर मस्त हाथी की तरह चलता ही जा रहा था**बडे़ भाई की उमर होगी कोई लगभग सात आठ साल की और छोटा मुश्किल से पांच साल का होगा बहुत देर तक सड़क पर यही क्रम चलता रहा.. *तभी वहां एक चौराहा आया जहां अच्छी खासी भीड़ और ट्रैफिक भी था। आड़ी तिरछी बाइक ,स्कूटर, स्कूटी, कार, टैम्पो और पैदल लोगों की आवाजाही और भीड़..*तभी बड़े वाला वहां पर रुक कर छोटे का इन्तजार करने लगा। छोटा गिरता पड़ता, रोता चिल्लाता भाई के पास पहुंचा और जोर से बैग फैंक दो चार हाथ भाई के जोर जोर से मारे। वह क्रोध , पीड़ा और भाई की उपेक्षा से छटपटा रहा था.*लेकिन बड़े भाई ने इस सब के बाद भी कोई खास प्रतिक्रिया ना दी बस उसने पास में पड़ा हुआ बैग कन्धे पर लटकाया और भाई को पीठ पर बैठाने के लिए नीचे बैठ गया। छोटा सब गुस्सा भूल गालों पर बहते आँसुओं को आस्तीन से पोंछ कर बडे़ भाई की कमर पर चढ गया...**बड़े भाई ने दोनों तरफ सावधानी से ट्रैफिक का जायजा ले कर सड़क पार की। सड़क पार कराने के लिए बड़े भाई ने जितनी जिम्मेदारी से छोटे को बैग समेत अपनी कमर पर लादा था सड़क पार करके फिर से बैग समेत छोटे भाई को उतार दिया और फिर अपने उसी मस्त अन्दाज में चल पड़ा।*छोटे भाई ने जैसे तैसे लड़खड़ाते हुए पुन: बैग को उठाया और गिरता पड़ता भाई के पीछे पीछे चल दिया। पर अब वह रोया चिल्लाया नहीं था ....**क्योंकि वह अब समझ चुका था उसका बड़ा भाई उसे मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए छोटी छोटी परेशानियों से उसे अकेले तो कठिन परिस्थितियों में उसकी ढाल बनकर खड़ा है...!!*#जीवन में बड़ी कामयाबी पाने के लिए #आत्मनिर्भर होकर अपनी #ज़िम्मेदारी निभाने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।*
Monday, 7 August 2023
हमेशा याद रखें कि अगर कोई दरवाज़ा बंद है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके पीछे जो था वह आपके लिए नहीं था। गुरुजी ने आपके जीवन के लिए कुछ और सुंदर योजना बनाई है। निराश मत होइए क्योंकि हम सभी उनके बच्चे हैं और उनकी अनंत आंखें बेहतर ढंग से देख सकती हैं कि आगे क्या होने वाला है,जो कि हम नहीं जानते और हमारे भविष्य के लिए वास्तव में क्या आवश्यक है। उन सभी चीजों के लिए जिन्हें खोने पर आप पछताते हैं, भविष्य में आपको खुशी मिलेगी जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे और पाएंगे कि उन्हें खोना ही अच्छा था और आप प्राप्त सभी उत्तम चीजों के लिए गुरुजी को धन्यवाद देंगे🙇♂️𝐁𝐞𝐚𝐧𝐭 𝐒𝐡𝐮𝐤𝐫𝐚𝐧𝐚 𝐆𝐮𝐫𝐮ji ♥️𝐁𝐥𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠𝐬 𝐀𝐥𝐰𝐚𝐲𝐬 𝐆𝐮𝐫𝐮ji ♥️🙏🏻💞 Jai Guru Ji 💞🙏🏻
Sunday, 6 August 2023
Saturday, 5 August 2023
Thursday, 3 August 2023
#Galti #beautifullife #hindiquotes #motivation🕊🕊🕊🕊🕊स्कूल टीचर ने बोर्ड पर लिखा:9×1= 9 9×2 =18 9×3 =27 9×4 =36 9×5 =45 9×6 =54 9×7 =63 9×8 =72 9×9 =81 9×10=89 लिखने के बाद बच्चों को देखा तो बच्चे शिक्षक पर हंस रहे थे, क्योंकि आखिरी लाइन गलत थी।फिर शिक्षक ने कहा:"मैंने आखिरी लाइन किसी उद्देश्य से गलत लिखी हैक्यूंकि मैं तुम सभी को कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण सिखाना चाहती हूँ ।दुनिया तुम्हारे साथ ऐसा ही व्यवहार करेगी..!तुम देख सकते हो कि मैंने ऊपर 9 बार सही लिखा है पर किसी ने भी मेरी तारीफ नहीं की..??और मेरी सिर्फ एक ही गलती पर तुम लोग हंसे और मुझे गलत भी कहा "!! गलत को गलत कहना सही बात है मगर...!!ये एक नसीहत है...दुनिया कभी भी आपके लाख अच्छे कार्यों को एप्रीशिएट (appreciate) नहीं करेगी, परन्तु आपके द्वारा की गई एक गलती की आलोचना (criticize) जरूर करेगी।ये एक कड़वा सच है!!!इसिलिए सत्मार्ग पर चलते हुए खुश रहें,मस्त रहें ये गुनगुनाते हुए -- "कुछ तो लोग कहेंगे...लोगों का काम है कहना...😃"दूसरी बात लोग क्या कहेंगे ये भी यदि हम हीं सोचने लगे तो फिर वो क्या करेंगे 🤣साभार 🙏🙏
Wednesday, 2 August 2023
#Bachpan #oldtimememories #puranajamana #beautifullife ❤❤हमारा भी एक जमाना था...हमें खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल, बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था।🤪 पास/ फैल यानि नापास यही हमको मालूम था... परसेंटेज % से हमारा कभी संबंध ही नहीं रहा।😛 ट्यूशन लगाई है ऐसा बताने में भी शर्म आती थी क्योंकि हमको ढपोर शंख समझा जा सकता था।🤣किताबों में पीपल के पत्ते, विद्या के पत्ते, मोर पंख रखकर हम होशियार हो सकते हैं, ऐसी हमारी धारणाएं थी।☺️ कपड़े की थैली में बस्तों में और बाद में एल्यूमीनियम की पेटियों में किताब, कॉपियां बेहतरीन तरीके से जमा कर रखने में हमें महारत हासिल थी।😁 हर साल जब नई क्लास का बस्ता जमाते थे उसके पहले किताब कापी के ऊपर रद्दी पेपर की जिल्द चढ़ाते थे और यह काम लगभग एक वार्षिक उत्सव या त्योहार की तरह होता था। 🤗 साल खत्म होने के बाद किताबें बेचना और अगले साल की पुरानी किताबें खरीदने में हमें किसी प्रकार की शर्म नहीं होती थी क्योंकि तब हर साल न किताब बदलती थी और न ही पाठ्यक्रम।🤪 हमारे माताजी/ पिताजी को हमारी पढ़ाई का बोझ है ऐसा कभी लगा ही नहीं। 😞 किसी दोस्त के साइकिल के अगले डंडे पर और दूसरे दोस्त को पीछे कैरियर पर बिठाकर गली-गली में घूमना हमारी दिनचर्या थी।इस तरह हम ना जाने कितना घूमे होंगे।🥸😎 स्कूल में मास्टर जी के हाथ से मार खाना,पैर के अंगूठे पकड़ कर खड़े रहना,और कान लाल होने तक मरोड़े जाते वक्त हमारा ईगो कभी आड़े नहीं आता था सही बोले तो ईगो क्या होता है यह हमें मालूम ही नहीं था।🧐😝घर और स्कूल में मार खाना भी हमारे दैनिक जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया थी।मारने वाला और मार खाने वाला दोनों ही खुश रहते थे। मार खाने वाला इसलिए क्योंकि कल से आज कम पिटे हैं और मारने वाला है इसलिए कि आज फिर हाथ धो लिए😀......😜बिना चप्पल जूते के और किसी भी गेंद के साथ लकड़ी के पटियों से कहीं पर भी नंगे पैर क्रिकेट खेलने में क्या सुख था वह हमको ही पता है।😁 हमने पॉकेट मनी कभी भी मांगी ही नहीं और पिताजी ने भी दी नहीं.....इसलिए हमारी आवश्यकता भी छोटी छोटी सी ही थीं। साल में कभी-कभार एक आद बार मैले में जलेबी खाने को मिल जाती थी तो बहुत होता था उसमें भी हम बहुत खुश हो लेते थे।छोटी मोटी जरूरतें तो घर में ही कोई भी पूरी कर देता था क्योंकि परिवार संयुक्त होते थे।दिवाली में लिए गये पटाखों की लड़ को छुट्टा करके एक एक पटाखा फोड़ते रहने में हमको कभी अपमान नहीं लगा।😁 हम....हमारे मां बाप को कभी बता ही नहीं पाए कि हम आपको कितना प्रेम करते हैं क्योंकि हमको आई लव यू कहना ही नहीं आता था।😌आज हम दुनिया के असंख्य धक्के और टाॅन्ट खाते हुए और संघर्ष करती हुई दुनिया का एक हिस्सा है किसी को जो चाहिए था वह मिला और किसी को कुछ मिला कि नहीं क्या पतास्कूल की डबल ट्रिपल सीट पर घूमने वाले हम और स्कूल के बाहर उस हाफ पेंट मैं रहकर गोली टाॅफी बेचने वाले की दुकान पर दोस्तों द्वारा खिलाए पिलाए जाने की कृपा हमें याद है।वह दोस्त कहां खो गए वह बेर वाली कहां खो गई....वह चूरन बेचने वाला कहां खो गया...पता नहीं।😇 हम दुनिया में कहीं भी रहे पर यह सत्य है कि हम वास्तविक दुनिया में बड़े हुए हैं हमारा वास्तविकता से सामना वास्तव में ही हुआ है।🙃 कपड़ों में सिलवटें ना पड़ने देना और रिश्तों में औपचारिकता का पालन करना हमें जमा ही नहीं......सुबह का खाना और रात का खाना इसके सिवा टिफिन क्या था हमें अच्छे से मालूम ही नहीं...हम अपने नसीब को दोष नहीं देते जो जी रहे हैं वह आनंद से जी रहे हैं और यही सोचते हैं और यही सोच हमें जीने में मदद कर रही है जो जीवन हमने जिया उसकी वर्तमान से तुलना हो ही नहीं सकती।😌 हम अच्छे थे या बुरे थे नहीं मालूम पर हमारा भी एक जमाना था। वो बचपन हर गम से बेगाना था।☺😊
🙏जीवन यापन 🙏- पत्नी ने कहा - आज धोने के लिए ज्यादा कपड़े मत निकालना…पति- क्यों??उसने कहा..- अपनी काम वाली बाई दो दिन नहीं आएगी…पति- क्यों??पत्नी- गणपति के लिए अपने नाती से मिलने बेटी के यहाँ जा रही है, बोली थी…पति- ठीक है, अधिक कपड़े नहीं निकालता…पत्नी- और हाँ!!! गणपति के लिए पाँच सौ रूपए दे दूँ उसे? त्यौहार का बोनस..पति- क्यों? अभी दिवाली आ ही रही है, तब दे देंगे…पत्नी- अरे नहीं बाबा!! गरीब है बेचारी, बेटी-नाती के यहाँ जा रही है, तो उसे भी अच्छा लगेगा… और इस महँगाई के दौर में उसकी पगार से त्यौहार कैसे मनाएगी बेचारी!!पति- तुम भी ना… जरूरत से ज्यादा ही भावुक हो जाती हो…पत्नी- अरे नहीं… चिंता मत करो… मैं आज का पिज्जा खाने का कार्यक्रम रद्द कर देती हूँ… खामख्वाहपाँच सौ रूपए उड़ जाएँगे, बासी पाव के उन आठ टुकड़ों के पीछे…पति- वा, वा… क्या कहने!! हमारे मुँह से पिज्जा छीनकर बाई की थाली में??तीन दिन बाद… पोंछा लगाती हुई कामवाली बाई से पति ने पूछा...पति- क्या बाई?, कैसी रही छुट्टी?बाई- बहुत बढ़िया हुई साहब… दीदी ने पाँच सौ रूपए दिए थे ना.. त्यौहार का बोनस..पति- तो जा आई बेटी के यहाँ…मिल ली अपने नाती से…?बाई- हाँ साब… मजा आया, दो दिन में 500 रूपए खर्च कर दिए…पति- अच्छा!! मतलब क्या किया 500 रूपए का??बाई- नाती के लिए 150 रूपए का शर्ट, 40 रूपए की गुड़िया, बेटी को 50 रूपए के पेढे लिए, 50 रूपए के पेढे मंदिर में प्रसाद चढ़ाया, 60 रूपए किराए के लग गए.. 25 रूपए की चूड़ियाँ बेटी के लिए और जमाई के लिए 50 रूपए का बेल्ट लिया अच्छा सा… बचे हुए 75 रूपए नाती को दे दिए कॉपी-पेन्सिल खरीदने के लिए… झाड़ू-पोंछा करते हुए पूरा हिसाब उसकी ज़बान पर रटा हुआ था…पति- 500 रूपए में इतना कुछ???वह आश्चर्य से मन ही मन विचार करने लगा...उसकी आँखों के सामने आठ टुकड़े किया हुआ बड़ा सा पिज्ज़ा घूमने लगा, एक-एक टुकड़ा उसके दिमाग में हथौड़ा मारने लगा… अपने एक पिज्जा के खर्च की तुलना वह कामवाली बाई के त्यौहारी खर्च से करने लगा… पहला टुकड़ा बच्चे की ड्रेस का, दूसरा टुकड़ा पेढे का, तीसरा टुकड़ा मंदिर का प्रसाद, चौथा किराए का, पाँचवाँ गुड़िया का, छठवां टुकड़ा चूडियों का, सातवाँ जमाई के बेल्ट का और आठवाँ टुकड़ा बच्चे की कॉपी-पेन्सिल का..आज तक उसने हमेशा पिज्जा की एक ही बाजू देखी थी, कभी पलटाकर नहीं देखा था कि पिज्जा पीछे से कैसा दिखता है…लेकिन आज कामवाली बाई ने उसे पिज्जा की दूसरी बाजू दिखा दी थी… पिज्जा के आठ टुकड़े उसे जीवन का अर्थ समझा गए थे…“जीवन के लिए खर्च” या“खर्च के लिए जीवन” कानवीन अर्थ एक झटके में उसे समझ आ गया….#story #hindi #kahan #hindistorytelling
80 साल की उस बूढ़ी माँ का वजन लगभग 40 किलो होगा !आज जब तबियत बिगड़ने पर वो डॉक्टर को दिखाने गयी , तो डॉक्टर ने कहा ' माताजी आप अपने स्वाथ्य का ख्याल रखिये ! आप का वजन जरूरत से ज्यादा कम है ।*आप खाने में जूस, सलाद , दूध , फल , घी , मेवा और हेल्थी फ़ूड लीजियें ... नहीं तो आपकी सेहत दिनों दिन गिरती जायेगी और हालत नाजुक हो जायेंगे। '*उसने भारी मन से डॉक्टर की बात को सुना और बाहर निकल कर सोचने लगी, इतनी महंगाई में ये सब कहाँ से आएगा......?*और पिछले पचास सालों में, फ्रूट, घी, मेवा घर में लाया कौन है....?*बहुत ही मामूली पेंसन से जो थोड़ा बहुत पैसा मिलता है उससे घर के जरुरी सामान तो पति ले आतें है, लेकिन फल, जूस, हरी सब्जी, ये सबपति ने कभी ला कर नहीं दिया, और खुदभी कभी ये सब खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकी....क्यूंकि जब भी मन करता कुछ खाने का, खाली पर्स हमेशा मुंह चिढाने लगता.*नागपुर जैसे शहर में ... मामूली सी नौकरी में और जिंदगी की गहमागहमी में सारी जमा पूंजी, पति का PF , घर की सारी अमानत ,संपदा, गहने जेवर सब एक बेटे और दो बेटियों की परवरिश , पढाई लिखाई शादी में में सब कुछ खत्म हो गया...*दूर दिल्ली में रह रहा बेटा एक बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर और मोटी तनख्वाह उठा रहा वो भी तो खर्चे के नाम पर सिर्फ पांच सौ रुपये देता है...वो भी महीने के..... बेटियों से अपने दुःख माँ ने सदा छुपाये है..उन्हें कभी अपने गमों में शामिल नहीं किया...आखिर ससुराल वाले क्या सोचेंगे.....?अब बेटे के भेजे इन पांच सौं रुपये में बूढ़े माँ बाप तन ढके या मन की करें ....*उसने सोचा चलो एक बार बेटे को डॉक्टर की रिपोर्ट बता दी जाए..*🌷👏🏻उसने बेटे को फ़ोन किया और कहा - बेटा डॉक्टर ने बताया है की विटामिन, खून की की कमी , कमजोरी से चक्कर आये थे....इसी लिए खाने में सलाद,जूस, फ्रूट, दूध , फल , आदि लेना शुरू करो !!*बेटा - "माँ आप को जो खाना है खाओ , डॉक्टर की बात ना मानों.... !!"*माँ ने कहा – बेटा, थोड़े पैसे अगर भेज देता तो ठीक रहता..... !!बेटा - " माँ इस माह मेरा बहुत खर्चा हो रहा है, *कल ही तुम्हारी पोती को मैंने फिटनेस जिम* ज्वाईन कराया है, तुझे तो पता ही है, वो कितनी मोटी हो रही है,*इसी लिए जिम ज्वाईन कराया है...**उसके महीने के सात हजार रुपये लगेंगे...*जिसमें उसका वजन, चार किलो हर माह कम कराया जाएगा..... और कम से कम पांच माह तो उसे भेजना ही होगा....... *पैंतीस हजार का ये**खर्चा बैठे बिठाये आ गया....अब जरुरी भी तो है ये खर्चा...!!*आखिर दो तीन साल में इसकी शादी करनी है और आज कल मोटी लड़कियां, पसंद कोई करता नहीं.....!!"*माँ ने कहा - " हाँ बेटा ये यतो जरुरी था.....* कोई बात नहीं, वैसे भी डॉक्टर लोग तो ऐसे ही कुछ भी कहतें रहते है.....चक्कर तो गर्मी की वजह से आ गयें होंगे, वरना इतने सालों में तो कभी ऐसा नहीं हुआ.....खाना तो हमेशा यही खा रही हूँ मैं...!"*बेटा - "हाँ माँ.....अच्छा माँ अभी मैं फोन रखता हूँ ....बेटी के लिए डाइट चार्ट ले जाना है और कुछ जूस, फ्रूट और डायट फ़ूड भी ....आप अपना ख्याल रखना !!"*फोन कट गया....और फोन में पैसे भी तो डलवाने है जिससे अपने बेटे से समय समय पर बातचीत करके उसका हाल चाल जान सके माँ ने एक गिलास पानी पिया... और साड़ी पर फाॅल लगाने में लग गयी.... एक साड़ी में फाॅल लगाने के माँ को पचास रुपये मिलेंगे....इन रुपयों से माँ फोन रिचार्ज करवा लेगी*माँ के पास आज साड़ी में फोल लगाने के तीन आर्डर है...माँ ने मन ही मन ऊपर वाले से प्रार्थना की उसके बेटे को सदा खुश रखे....#BeautifulLife #story #kahani kahani
Monday, 31 July 2023
#happyrakhi #bhai #bhein #भाई का आग्रह*नहीं रही माँ! तो मत संशय में आ जाना तुममाँ सा लाड़ करूँगा बहना मैके आना तुमस्वागत करती तख्ती जैसा जड़ा मिलूंगा मैंफूलों जैसा तुम्हें राह में पड़ा मिलूंगा मैंमुख्य द्वार पर बैठी माँ ज्यूं रस्ता तकती थीलगा टकटकी उसी द्वार पर खड़ा मिलूंगा मैंजैसे माँ से मिली,मुझे यूं गले लगाना तुममाँ सा लाड़ करूँगा बहना मैके आना तुमसिर्फ अकेली! या फिर बच्चों को लाओगी तुमराखी के कितने दिन पहले आ जाओगी तुमकितने दिन अब और बचे हैं हर दिन पूछूंगामाँ के जैसा ही बैचेन मुझे पाओगी तुमकौन गाँव तक पहुँची करके फोन बताना तुममाँ सा लाड़ करूँगा बहना मैके आना तुमतुम्हें लगाने को बिटिया ने मेहंदी घोली हैबेटे ने कुछ उम्मीदों की सूची खोली हैसाड़ी मनपसंद खरीदूंगी खुद बहनों कीमुझे तुम्हारी भाभी कल ही ऐसा बोली हैदुनिया की बातों में मन को मत उलझाना तुममाँ सा लाड़ करूँगा बहना मैके आना तुमएक इमारत है, ईंटें हैं, केवल गारा हैइसको घर कर देता पावन प्यार हमारा हैदौलत के झूठे चिथड़ों में नहीं लपेटा हैमात-पिता ने सदा प्रेम से हमें सँवारा हैनेह तिलक जीवन भर मेरे भाल लगाना तुममाँ सा लाड़ करूँगा बहना मैके आना तुम । #sister #brother.
Friday, 28 July 2023
ये औरतें भी न!दो मिनट की आरामदायक और बच्चों के पसंद की ज़ायकेदार मैगी को छोड़, किचन में गर्मी में तप कर हरी सब्ज़ियाँ बनाती फिरती हैं।बच्चे मुँह बिचकाकर नाराज़गी दिखलाते हैं सो अलग,फिर भी बाज नहीं आती।! ये औरतें भी न, जब किसी बात पे दिल दुखे ,तो घर मे अकेले में आँसुओं की झड़ी लगा देगी।लेकिन बाहर अपनी सहेलियों के सामने तो ऐसे मुस्कुरायेगी,जैसे उसके जितना सुखी कोई नहीं।! ये औरतें भी न,जब कभी लड़ लेगी पति से,तो सोच लेगी अब मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं।लेकिन शाम में जब घर आने में पति महाशय को देर हो जाये,तो घड़ी पे टक-टकी लगाए रहेगी।और बच्चों से बोलेगी,"फोन कर के पापा से पूछो आये क्यों नहीं अभी तक?"अरे यार! ये औरतें भी न,तिनका तिनका जोड़कर अपने आशियाने को बनाती और सजाती हैं,चलती और ढलती रहती है सबके अनुसार।लेकिन कभी एक कदम भी बढ़ा ले अपने अनुसार,तो "यहाँ ऐसे नहीं चलेगाजाओ अपने घर (मायका)ये सब वहीं करना।"सुन रो रोकर सोचती रहती है,अब मैं इस घर में नहीं रहूँगी।रात भर आँसुओं से तकिया गीला कर,उल्लू की तरह आँखें सूजा लेती हैं।अगले दिन फिर से सुबह उठकरतैयार करने लगती है,बच्चों की टिफिन और सबके के लिए नाश्ता।बदलने लगती है ड्राइंग रूम के कुशन कवर, और फिर से सींचने लगती हैअपने लगाए पौधों को।सच में एकदम पागल है!सोचती कुछ है और करती कुछ! ये औरतें भी न,--#Aurat #औरत #womens
Wednesday, 26 July 2023
#maut #death. क्या आप जानते हैं कि आपके अंतिम संस्कार के बाद आम तौर पर क्या होता है?कुछ ही घंटों में रोने की आवाज पूरी तरह से बंद हो जाएगी।रिश्तेदारों के लिए होटलों से खाना मंगवाने में जुटेगा परिवार..पोते दौड़ते और खेलते रहेंगे।कुछ पुरुष सोने से पहलेआपके बारे में कुछ संवेदनात्मक टिप्पणी करेंगे!कोई रिश्तेदार आपकी बेटी से फोन पर बात करेगा कि आपात स्थिति के कारण वह व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पा रहा है।अगले दिन रात के खाने में, कुछ रिश्तेदार कम हो जाते हैं, और कुछ लोग सब्जी में पर्याप्त नमक नहीं होने की शिकायत करते हैं।भीड़ धीरे धीरे छंटने लगेगी..आने वाले दिनों मेंकुछ कॉल आपके फोन पर बिना यह जाने आ सकती हैं कि आप मर चुके हैं।आपका कार्यालय या दुकान आपकी जगह लेने के लिए किसी को ढूंढने में जल्दबाजी करेगा।दो सप्ताह में आपका बेटा और बेटी अपनी आपातकालीन छुट्टी खत्म होने के बाद काम पर लौट आएंगे।महीने के अंत तक आपका जीवनसाथी भी कोई कॉमेडी शो देख कर हंसने लगेगा।सबका जीवन सामान्य हो जाएगाजिस तरह एक बड़े पेड़ के सूखे पत्ते में और जिसके लिए आप जीते और मरते हैं, उसमें कोई अंतर नहीं है, यह सब इतनी आसानी से, इतनी तेजी से, बिना किसी हलचल के होता है।आपको इस दुनिया में आश्चर्यजनक गति से भुला दिया जाएगा।इस बीच आपकी प्रथम वर्ष पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई जाएगी।पलक झपकते हीसाल बीत गए और तुम्हारे बारे में बात करने वाला कोई नहीं है।एक दिन बस पुरानी तस्वीरों को देखकर आपका कोई करीबी आपको याद कर सकता है,मुझे अभी बताओ...लोग आपको आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैंफिर आप किसके लिए दौड़ रहे हो? और आप किसके लिए चिंतित हैं?अपने जीवन के अधिकांश भाग के लिए 80% आप इस बारे में सोचते हैं कि आपके रिश्तेदार और पड़ोसी आपके बारे में क्या सोचते हैं। क्या आप उन्हें संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं? जो किसी काम का नहीं !जिंदगी एक बार ही मिलती है, बस इसे जी भर के जी लो…. हां एक बात और अपनी क्षमता के अनुसार किसी जरुरतमंद की सहायता प्रेम पूर्वक जरूर करना, वह आपको हमेशा याद रखेगा।अहंकार छोड़िये अपने होने का,नेक कर्म करते रहिये,यही है जिन्दगी।🙏
Tuesday, 25 July 2023
Monday, 24 July 2023
.. ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ खुशी के कुछ पल अपने लिए भी निकालो ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ बारिश पड़े, तो भागिए नहीं, ☞ छत मत खोजिये ☜ ☔ ... छाते ... ☔ कभी-कभार बंद भी रखिये. किस बात का डर है ? भीग जायेंगे ना ..!! तो क्या हुआ .... पिघलेंगे नहीं. फिर से सूख जायेंगे. ★ तेजाब नहीं बरस रहा है. ★ आपकी 799 वाली टी-शर्ट भी सूख जायेगी , ब्राँड भी उसका ... Levis से Lebis नहीं हो जायेगा. मोबाइल पॉलीथिन में रख लीजिये. सड़क साफ़ है ... कोई नहीं आएगा. उस स्ट्रीट लैम्प की पीली रौशनी में ... डिस्को करती बूँदों को देखिये. थोड़ा धीरे चलिए .... 🚶🚶 जल्दी पहुँच कर भी ... क्या बदल जाना है ?🌈 बारिश बदलाव है. मौसम का, मन का कल्पनाओं का और ... लाइफ के गियर का. दिमाग से दिल की तरफ. सब धुल रहा है ... प्रकृति सब कुछ धो रही है. फिर आप क्यूँ ... उसी मनहूसियत की ★ चीकट लपेटे घूम रहे हैं. ★ याद कीजिये .... वो कागज़ की नाव, कॉलेज/कोचिंग में भीगे सिर आए वो लड़की, लड़के, बारिश में जबरदस्ती नाचने को खींच कर ले गये दोस्त. सब चलते-चलते याद कीजिये. दुहराना आसान नहीं होता, दुहराना चाहिए भी नहीं. लेकिन ... सहेजा तो जा ही सकता है. ताकि ऐसी किसी बारिश में चलते-चलते सोच कर मुस्कुराया भी जा सके.🎯 ज़ुकाम से मत डरिये ☞ दवा से सही हो जायेगा. ☜ बारिश से डरेंगे तो फिर आपका ज़ुकाम ~ महंगा वाला शावर भी ... ठीक नहीं कर पायेगा. और वैसे भी ... 🚿 मैंने शावर में लोगों को 🚿 सिर्फ़ रोते सुना है, मुस्कुराते नहीं. क्योंकि ... उनका गाना भी ... ★ रोने से कम नहीं होता है. ★ 💦 😭 😭 💦 बारिश आई है ... थोड़ा चल लीजिये. थोड़ा भीग लीजिये, खुद से मिल लीजिये. थोड़ा मुस्कुरा भी लीजिये. ❗ क्योंकि ❗ बारिश चन्द दिनों के लिये आई है, जैसे सावन में बिटिया घर आई हो. चली जायेगी वापस ..... फिर न रोइयेगा, कि ... अब कब आयेगी ? ~ बारिश हो रही है ~ ... उसके सहारे कुछ पल ... अपने लिये भी जी लेने की कोशिश कर लीजिये. #barish #rain
धीमे धीमे कहता क्या है शोर मचाये हाकिम ऊँचा सुनता है शोर मचागूंगों में रह कर गूंगा हो जाएगातू तो शोर मचा सकता है शोर मचाख़ामोशी बद- शगुनी लेकर आती हैशोर बड़ा अच्छा होता है शोर मचाबोल नहीं सकते हैं जो सब मुर्दा हैंतू बतला दे तू ज़िंदा है शोर मचाज़ेहन तो बोलेगा चुप रहना बेहतर हैतू वो कर जो दिल कहता है शोर मचादस्तक से जब हक़ का दरवाज़ा न खुलेशोर मचाने से खुलता है शोर मचा~ वरुण आनंद { पोस्टर ~ Anjali Nikhra #Kavita
Sunday, 23 July 2023
अभी तो उसे वक्त ने इजाजत दी हैअभी तो जिम्मेदारियाँ कंधे से हटीं हैंअभी तो सुकून मिला हैअभी तो लंबी साँस ली हैअभी तो खुद को जी भर निहारा हैअभी तो खुद की तरफ मुडी हैअभी तो उमंगों को बक्से से निकाला हैअभी तो सीले सपनों को धूप लगी हैअभी तो हिम्मत की हैअभी तो मन की सुनी हैअभी तो हर डर से बाहर निकली हैअभी तो खुशी मिली हैअभी तो बेपरवाही का हाथ पकडा हैअभी तो होंठों पे हँसी खिली हैअभी तो काँपते हाथों खुद को सजाया हैअभी तो खुद से प्रीत लगी है !और तुमने बिना सोचे समझेबिना जाने पहचानेउसकी तरफ फिकरा उछाल दियाकि 'बूढी घोडी लाल लगाम' !सुनो.....कभी उसकी जिन्दगी गुजारकर देखो न !!!~ अज्ञात #oldage #women #lady #housewife Dedicated to all respected mothers.. Salute 🙏🙏❤️❤️❤❤❤
Wednesday, 19 July 2023
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए, जिससे आप जब चाहें कॉल कर सकें, मैसेज कर सकें, सलाह-मशवरा ले सकें, सुख-दुःख बाँट सकें, डांट सकें, लड़ सकें, कंधे पर सिर रख कर रो सकें, खुलकर हँस सकें, घूम सकें, जब चाहें मिल सकें, बेझिझक होकर निःसंकोच सब कुछ उसे बता सकें बिना इस बात की परवाह किये कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोचेगा...? अगर ऐसा दोस्त आपके पास है तो वाकई आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान हैं..हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए, किसी को सुनने का प्रयास करिए, क्योंकि अधिकांश लोग अकेलेपन के अवसाद से ग्रसित हैं, आये दिन आत्महत्याएँ होती हैं, कभी सोचा है क्यों?? क्योंकि इनके पास सुनाने वाले तो बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं...!#beautifullife ♥️♥️
Monday, 17 July 2023
Sunday, 16 July 2023
📯📯📯📯📯📯📯📯🌹♥ *तपश्चर्या* ♥🌹📯📯📯📯📯📯📯📯 कौन सी चीज तुम्हें रुलाती है, वही तुम्हारा मोह है. कौन सी चीज के खो जाने से तुम अभाव अनुभव करते हों, वही तुम्हारा मोह है..सोचना.. कौन सी चीज खो जाए कि तुम एकदम दीन-हीन हो जाओगे वह तुम्हारे मोह का बिंदु है. और इसके पहले कि वह खोए, तुम उस पर से अपनी पकड़ छोड़ना क्योंकि वह खोएगी.. इस संसार में कोई भी चीज स्थिर नहीं है न मित्रता, न प्रेम. कोई भी चीज स्थिर नहीं है. यहां सब बदलता हुआ है.संसार का स्वभाव प्रतिक्षण परिवर्तन है.. यह एक बहाव है, नदी की तरह बह रहा है. यहां कुछ भी ठहरा हुआ नहीं. तुम लाख उपाय करो, तो भी कुछ ठहरा हुआ नहीं हो सकता. तुम्हारे उपाय के कारण ही तुम परेशान हो. जो सदा चल रहा है, उसको तुम ठहराना चाहते हो; जो बह रहा है, उसे तुम रोकना चाहते हो, जमाना चाहते हो. वह जमनेवाला नहीं है. वह उसका स्वभाव नहीं है..परिवर्तन संसार है और वहां तुम चाहते हो कि कुछ स्थायी सहारा मिल जाये, वह नहीं मिलता. इसलिए तुम प्रतिपल दुखी हो. हर क्षण तुम्हारे सहारे खो जाते हैं..एक बात खोजने की चेष्टा करना कि कौन सी चीजें हैं जो खो जायें तो तुम दुखी होओगे.. इसके पहले कि वे खोये, तुम अपनी पकड़ हटाना शुरू कर देना. यह मोह-जय का उपाय है.. पीड़ा होगी; लेकिन यह पीड़ा झेलने जैसी है; यह तपश्चर्या है.🌹♥🙏🏻♥🌹 #osho
︵︷︵︷︵︷︵︷︵ 🌹🌹 श्रम की गरिमा 🌹🌹 ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸ भाग्य और कर्म धरती पर सैर कर रहे थे. घूमते-घूमते उनकी नजर एक भिखारी पर पड़ी. भाग्य के मन में दया उपजी, और उसने अपनी उंगली से उतारकर सोने की अंगूठी उसे दे दी. अंगूठी बेचकर भिखारी ने कुछ दिन सुख से बिताए. अगली बार ... जब कर्म और भाग्य दोबारा उधर से गुजरे, तो भिखारी को फिर भीख माँगते देखा. इस बार भाग्य ने अपने गले से सोने का हार उतारकर उसे दे दिया. भिखारी के और थोड़े दिन सुख से बीत गए. कर्म और भाग्य तीसरी बार आए, तो उन्होंने भिखारी को ... फिर भीख माँगते देखा. भाग्य को बड़ा क्रोध आया.बोला ~ कितना भी भला कर लो, यह दरिद्र का दरिद्र ही रहेगा. लेकिन ... इस बार ... कर्म के मन में दया आ गई. वह भिखारी से बोला ~ हट्टे-कट्टे हो, तुम कोई काम क्यों नहीं करते ? भीख माँगकर ... कब तक गुजारा चलेगा ? भिखारी बोला ~ काम-धंधे के लिए पास में कुछ पैसे भी तो हों. कर्म ने कहा ~ मैं तुम्हें एक ठेली फल देता हूँ. तुम इन्हें बेच कर धंधा करो. भिखारी खुश हो गया. बहुत दिनों के बाद जब कर्म और भाग्य घूमते-घूमते फिर उस नगर में आए, तो उन्होंने खूब ढूँढा, लेकिन ... वह भिखारी कहीं दिखाई नहीं दिया. अंत में जब वे मुख्य बाजार से गुजरे, तो देखा ~ भिखारी तो अब फलों का बड़ा व्यापारी बन चुका था. भाग्य उसे देखता रह गया. कर्म ने मुस्कराते हुए कहा ~ देखा ! तुमने इसे भीख में सोना दिया, और मैंने इसे श्रम की गरिमा से परिचित कराया. सोना पाकर .. तो यह निठल्ला बना रहा, ❗ लेकिन ❗ श्रम का महत्व समझते ही काम में मन लगाकर फलों का बड़ा व्यापारी बन गया. भाग्य उसकी बात का मर्म समझ गया. 👁️🗨️ हमेशा याद रखियेगा 👁️🗨️ जीवन के हर कदम पर हमारी सोच, हमारे विचार हमारे कर्म ही हमारा भाग्य लिखते हैं. ~ मुसीबतें ~ रुई से भरे थैले की तरह होती हैं. देखते रहेंगे, तो बहुत भारी दिखेगी. और उठा लेंगे, तो ... एकदम हल्की हो जायेंगी.🙏💐 #beautifullife #Hindisuvichar
📯📯📯📯📯📯📯📯🌹♥ *तपश्चर्या* ♥🌹📯📯📯📯📯📯📯📯 कौन सी चीज तुम्हें रुलाती है, वही तुम्हारा मोह है. कौन सी चीज के खो जाने से तुम अभाव अनुभव करते हों, वही तुम्हारा मोह है..सोचना.. कौन सी चीज खो जाए कि तुम एकदम दीन-हीन हो जाओगे वह तुम्हारे मोह का बिंदु है. और इसके पहले कि वह खोए, तुम उस पर से अपनी पकड़ छोड़ना क्योंकि वह खोएगी.. इस संसार में कोई भी चीज स्थिर नहीं है न मित्रता, न प्रेम. कोई भी चीज स्थिर नहीं है. यहां सब बदलता हुआ है.संसार का स्वभाव प्रतिक्षण परिवर्तन है.. यह एक बहाव है, नदी की तरह बह रहा है. यहां कुछ भी ठहरा हुआ नहीं. तुम लाख उपाय करो, तो भी कुछ ठहरा हुआ नहीं हो सकता. तुम्हारे उपाय के कारण ही तुम परेशान हो. जो सदा चल रहा है, उसको तुम ठहराना चाहते हो; जो बह रहा है, उसे तुम रोकना चाहते हो, जमाना चाहते हो. वह जमनेवाला नहीं है. वह उसका स्वभाव नहीं है..परिवर्तन संसार है और वहां तुम चाहते हो कि कुछ स्थायी सहारा मिल जाये, वह नहीं मिलता. इसलिए तुम प्रतिपल दुखी हो. हर क्षण तुम्हारे सहारे खो जाते हैं..एक बात खोजने की चेष्टा करना कि कौन सी चीजें हैं जो खो जायें तो तुम दुखी होओगे.. इसके पहले कि वे खोये, तुम अपनी पकड़ हटाना शुरू कर देना. यह मोह-जय का उपाय है.. पीड़ा होगी; लेकिन यह पीड़ा झेलने जैसी है; यह तपश्चर्या है.🌹♥🙏🏻♥🌹 #osho
Saturday, 15 July 2023
.😢 💠 😢 गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है. जीवन के उल्लास बेच कर, खरीदी हमने तन्हाई है. बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है. संतोष बेच, तृष्णा खरीदी, देखो कितनी महंगाई है.बीघा बेच 'स्कवायर फीट' खरीदा, ये कैसी सौदाई है.संयुक्त परिवार के वट वृक्ष से टूटी, ये पीढ़ी मुरझाई है. रिश्तों में है भरी चालाकी, हर बात में दिखती चतुराई है.कहीं गुम हो गई मिठास, जीवन से, हर जगह कड़वाहट भर आई है.रस्सी की बुनी खाट बेच दी, मैट्रेस ने जगह बनाई है.अचार, मुरब्बे को धकेल कर, शो केस में सजी दवाई है. माटी की सोंधी महक बेच कर, रुम स्प्रे की खुशबू पाई है. मिट्टी का चूल्हा तोड़ दिया, आज गैस पर बेस्वाद सी खीर बनाई है. पाँच पैसे का लेमन चूस बेचा, तब कैडबरी हमने पाई है. बेच दिया भोलापन अपना, फिर मक्कारी पाई है. सैलून में अब बाल कट रहे, कहाँ घूमता घर-घर नाई है. अम्मा के संग, गप्प मारने क्या कोई आती चाची-ताई है.मलाई बरफ के गोले बिक गये, तब कोक की बोतल आई है. मिट्टी के कितने घड़े बिक गये, तब फ्रिज में ठंढक आई है. खपरैल बेचकर फॉल्स सीलिंग खरीदा, हमने अपनी नींद उड़ाई है. बरकत के कई दीप बुझा कर, रौशनी बल्बों में आई है.गोबर से लिपे फर्श बेच दिये, तब टाईल्स में चमक आई है. देहरी से गौ माता बेची, फिर संग लेटे कुत्ते ने पूँछ हिलाई है. बेच दिये संस्कार सभी, और खरीदी हमने बेहयाई है. ब्लड प्रेशर, शुगर ने तो अब, हर घर में ली अंगड़ाई है. दादी-नानी की कहानियाँ हुईं झूठी, वेब सीरीज ने जगह बनाई है. बहुत तनाव है जीवन में, ये कह कर मम्मी ने दो पैग लगाई है. खोखले हुए हैं रिश्ते सारे, नहीं बची उनमें सच्चाई है. चमक रहे हैं बदन सभी के, दिल पे जमी गहरी काई है. गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है. जीवन के उल्लास बेच कर, खरीदी हमने तन्हाई है.🙏💠🙏.#puranajamana #nayajamana #oldtime
Thursday, 13 July 2023
Wednesday, 12 July 2023
#takecareofyourself in #oldage 👨🏫👩🏫 सभी *वरिष्ठ नागरिक* (55 से ऊपर की उम्र के) कृपया अवश्य पढ़ें, हो सकता है आपके लिए फायदेमंद हो .. *आप जानते हैं कि मन चाहे कितना ही जोशीला हो पर साठ की उम्र पार होने पर यदि आप अपनेआप को फुर्तीला और ताकतवर समझते हों तो यह गलत है। वास्तव में ढलती उम्र के साथ शरीर उतना ताकतवर और फुर्तीला नहीं रह जाता।*आपका शरीर ढलान पर होता है, जिससे ‘हड्डियां व जोड़ कमजोर होते हैं, पर *कभी-कभी मन भ्रम बनाए रखता है कि ‘ये काम तो मैं चुटकी में कर लूँगा’।* पर बहुत जल्दी सच्चाई सामने आ जाती है मगर एक नुकसान के साथ।सीनियर सिटिजन होने पर जिन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, ऐसी कुछ टिप्स दे रहा हूं। -- *धोखा तभी होता है जब मन सोचता है कि ‘कर लूंगा’ और शरीर करने से ‘चूक’ जाता है। परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति!*ये क्षति फ्रैक्चर से लेकर ‘हेड इंज्यूरी’ तक हो सकती है। यानी कभी-कभी जानलेवा भी हो जाती है।-- *इसलिए जिन्हें भी हमेशा हड़बड़ी में काम करने की आदत हो, बेहतर होगा कि वे अपनी आदतें बदल डालें।**भ्रम न पालें, सावधानी बरतें क्योंकि अब आप पहले की तरह फुर्तीले नहीं रहे।*छोटी सी चूक कभी बड़े नुक़सान का कारण बन जाती है।-- *सुबह नींद खुलते ही तुरंत बिस्तर छोड़ खड़े न हों, क्योंकि आँखें तो खुल जाती हैं मगर शरीर व नसों का रक्त प्रवाह पूर्ण चेतन्य अवस्था में नहीं हो पाता ।*अतः पहले बिस्तर पर कुछ मिनट बैठे रहें और पूरी तरह चैतन्य हो लें। कोशिश करें कि बैठे-बैठे ही स्लीपर/चप्पलें पैर में डाल लें और खड़े होने पर मेज या किसी सहारे को पकड़कर ही खड़े हों। अक्सर यही समय होता है डगमगाकर गिर जाने का।-- गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं बाथरुम/वॉशरुम या टॉयलेट में ही होती हैं। आप चाहे अकेले हों, पति/पत्नी के साथ या संयुक्त परिवार में रहते हों लेकिन बाथरुम में अकेले ही होते हैं।-- *यदि आप घर में अकेले रहते हों, तो और अधिक सावधानी बरतें क्योंकि गिरने पर यदि उठ न सके तो दरवाजा तोड़कर ही आप तक सहायता पहुँच सकेगी, वह भी तब जब आप पड़ोसी तक समय से सूचना पहुँचाने में सफल हो सकेंगे।*— *याद रखें बाथरुम में भी मोबाइल साथ हो ताकि वक्त जरुरत काम आ सके।*-- देशी शौचालय के बजाय हमेशा यूरोपियन कमोड वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें। यदि न हो तो समय रहते बदलवा लें, इसकी तो जरुरत पड़नी ही है, अभी नहीं तो कुछ समय बाद।संभव हो तो कमोड के पास एक हैंडिल लगवा लें। कमजोरी की स्थिति में इसे पकड़ कर उठने के लिए ये जरूरी हो जाता है।बाजार में प्लास्टिक के वेक्यूम हैंडिल भी मिलते हैं, जो टॉइल जैसी चिकनी सतह पर चिपक जाते हैं, पर *इन्हें हर बार इस्तेमाल से पहले खींचकर जरूर जांच-परख लें।*-- *हमेशा आवश्यक ऊँचे स्टूल पर बैठकर ही नहायें।*बाथरुम के फर्श पर रबर की मैट जरूर बिछाकर रखें ताकि आप फिसलन से बच सकें।-- *गीले हाथों से टाइल्स लगी दीवार का सहारा कभी न लें, हाथ फिसलते ही आप ‘डिस-बैलेंस’ होकर गिर सकते हैं।*-- बाथरुम के ठीक बाहर सूती मैट भी रखें जो गीले तलवों से पानी सोख ले। कुछ सेकेण्ड उस पर खड़े रहें फिर फर्श पर पैर रखें वो भी सावधानी से। -- *अंडरगारमेंट हों या कपड़े, अपने चेंजरूम या बेडरूम में ही पहनें। अंडरवियर, पाजामा या पैंट खडे़-खडे़ कभी नहीं पहनें।*हमेशा दीवार का सहारा लेकर या बैठकर ही उनके पायचों में पैर डालें, फिर खड़े होकर पहनें, वर्ना दुर्घटना घट सकती है।*कभी-कभी स्मार्टनेस की बड़ी कीमत चुकानी पड़ जाती है।*-- अपनी दैनिक जरुरत की चीजों को नियत जगह पर ही रखने की आदत डाल लें, जिससे उन्हें आसानी से उठाया या तलाशा जा सके।*भूलने की आदत हो, तो आवश्यक चीजों की लिस्ट मेज या दीवार पर लगा लें, घर से निकलते समय एक निगाह उस पर डाल लें, आसानी रहेगी।*-- जो दवाएं रोजाना लेनी हों, उनको प्लास्टिक के प्लॉनर में रखें जिससे जुड़ी हुई डिब्बियों में हफ्ते भर की दवाएँ दिन-वार के साथ रखी जाती हैं।*अक्सर भ्रम हो जाता है कि दवाएं ले ली हैं या भूल गये।प्लॉनर में से दवा खाने में चूक नहीं होगी।*-- *सीढ़ियों से चढ़ते उतरते समय, सक्षम होने पर भी, हमेशा रेलिंग का सहारा लें, खासकर ऑटोमैटिक सीढ़ियों पर।*ध्यान रहे अब आपका शरीर आपके मन का *ओबिडियेंट सरवेन्ट* नहीं रहा।— बढ़ती आयु में कोई भी ऐसा कार्य जो आप सदैव करते रहे हैं, उसको बन्द नहीं करना चाहिए। कम से कम अपने से सम्बन्धित अपने कार्य स्वयं ही करें।— *नित्य प्रातःकाल घर से बाहर निकलने, पार्क में जाने की आदत न छोड़ें, छोटी मोटी एक्सरसाइज भी करते रहें। नहीं तो आप योग व व्यायाम से दूर होते जाएंगे और शरीर के अंगों की सक्रियता और लचीला पन कम होता जाएगा। हर मौसम में कुछ योग-प्राणायाम अवश्य करते रहें।*— *घर में या बाहर हुकुम चलाने की आदत छोड़ दें। अपना पानी, भोजन, दवाई इत्यादि स्वयं लें जिससे शरीर में सक्रियता बनी रहे।*बहुत आवश्यक होने पर ही दूसरों की सहायता लेनी चाहिए। — *घर में छोटे बच्चे हों तो उनके साथ अधिक समय बिताएं, लेकिन उनको अधिक टोका-टाकी न करें। उनको प्यार से सिखायें।*-- *ध्यान रखें कि अब आपको सब के साथ एडजस्ट करना है न कि सब को आपसे।*-- इस एडजस्ट होने के लिए चाहे, बड़ा परिवार हो, छोटा परिवार हो या कि पत्नी/पति हो, मित्र हो, पड़ोसी या समाज।*एक मूल मंत्र सदैव उपयोग करें।* 1. *नोन* अर्थात नमक। भोजन के प्रति स्वाद पर नियंत्रण रखें। 2. *मौन* कम से कम एवं आवश्यकता पर ही बोलें। 3. *कौन* (मसलन कौन आया कौन गया, कौन कहां है, कौन क्या कर रहा है) अपनी दखलंदाजी कम कर दें। *नोन, मौन, कौन* के मूल मंत्र को जीवन में उतारते ही *वृद्धावस्था* प्रभु का वरदान बन जाएगी जिसको बहुत कम लोग ही उपभोग कर पाते हैं। *कितने भाग्यशाली हैं आप, इसको समझें।**कृपया इस संदेश को अपने घर, रिश्तेदारों, आसपड़ोस के वरिष्ठ सदस्यों को भी अवश्य प्रेषित करें।* *🙏🏻धन्यवाद!🙏🏻* #beautifullife #hindiquotes
Sunday, 9 July 2023
Saturday, 8 July 2023
Monday, 3 July 2023
Friday, 30 June 2023
Thursday, 29 June 2023
Wednesday, 28 June 2023
Monday, 26 June 2023
... ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ ✧ ★ उसने चाहा था ★ ✧ ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ वह बालक से बड़ा हो रहा था, तो औरों के साथ बहुत कुछ ऐसा होते देखता जा रहा था, जो उसे स्वयं के साथ होते देखना कभी पसंद नहीं होता. इसलिए उसने चाहा था, कि वह युवा से बूढ़ा कभी न हो, लेकिन ... उम्र के साथ 👉 वह बूढ़ा हो गया था. उसने चाहा था, कि ~ वह कभी किसी के आश्रित न हो, लेकिन ... बीमार और कमजोर होने पर बिस्तर पर पड़, अपने परिवार जनों के आश्रित हो गया था.🎯 उसने चाहा था, कि ~ उसके उपचार पर .. ज्यादा खर्च नहीं करना पड़े, उसके बेटे-बहुयें, बेटी-दामाद को उसके लिए परेशान नहीं होना पड़े, किन्तु .. आखिरी के कुछ महीनों में नरम-गरम हालत के चलते उसके उपचार पर पाँच लाख रूपये का खर्च आया था. सभी परिजन उसकी सेवा सुश्रुषा एवं उपचार पर व्यय से तंग आ गए थे.🎯 उसने चाहा था, कि ~ जब अंतिम घड़ी आये, उसे पीड़ा ज्यादा न हो, किंतु कई महीनों बिस्तर पर रहकर उसने बहुत कष्ट सहे थे. अंतिम श्वाँस लेते वक़्त ... वह दुनिया से गुजरने का कोई मलाल नहीं करे, मगर ऐसी खराब हालत में भी उसे देहत्याग करने में भय हो रहा था.🎯 उसने चाहा था, कि ~ अंतिम समय उसके मलद्वार नाक, मुँह साफ़ रहें, मगर यह भी नहीं हुआ था. सभी जगह से रक्त गंदगी बाहर आई थी.🎯 उसने चाहा था, कि ~ जब उसकी अंत्येष्टि हो, तो उसके जाने पर दुःखी होने वाले लोग ही अंत्येष्टि में शामिल हों, मगर यह तक नहीं हो पाया था. चार-पाँच सौ की ऐसी भीड़ इकट्ठी हो गई थी, जो अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की मजबूरी में थी. अधिकांश लोग .. राजनीति, सिनेमा और व्यापारिक चर्चा में लीन रहे थे. कुछ तो पान-गुटका, सिगरेट का सेवन करते हुए हँसी ठिठोली कर रहे थे. •┈┈✤┈┈• 🔘 •┈┈✤┈┈┈• कुछ भी तो नहीं लग रहा था, जो उसके चाहे अनुसार हुआ था, लेकिन उसका तो देहावसान हो चुका था. ❗ वह इस हेतु ❗ पश्चाताप करने के लिए भी नहीं बचा था, कि व्यर्थ वह अपने रूप पर आत्ममुग्ध रहता था. बेकार अपनी शिक्षा, ज्ञान और अर्थ अर्जन से स्वयं में गर्व बोध करता था. भ्राँति में जीता था, कि ... पत्नी, बच्चे, उसके नाते-रिश्तेदार और उसके मित्र सच्चे और उसे बेहद प्यार करने वाले हैं. जीवन में पाले हुये अपनी हैसियत और शक्ति का घमंड उसका श्रेष्ठता-बोध सभी तो मिथ्या सिध्द हुआ था.🎯 दुखद आश्चर्य यह था, कि ~ उसकी ऐसी परिणीति से भी कोई कुछ समझने को तैयार नहीं था. #oldage #budapa
Saturday, 24 June 2023
#karma हमेशा सोच समझकर काम करें।जब कर्ण के रथ का पहिया जमीन में फंस गया तो वह रथ से उतरकर उसे ठीक करने लगा। वह उस समय बिना हथियार के थे...भगवान कृष्ण ने तुरंत अर्जुन को बाण से कर्ण को मारने का आदेश दिया।अर्जुन ने भगवान के आदेश को मान कर कर्ण को निशाना बनाया और एक के बाद एक बाण चलाए। जो कर्ण को बुरी तरह चुभता हुआ निकल गया और कर्ण जमीन पर गिर पड़े।कर्ण, जो अपनी मृत्यु से पहले जमीन पर गिर गया था, उसने भगवान कृष्ण से पूछा,"क्या यह तुम हो, भगवान? क्या आप दयालु हैं? क्या यह आपका न्यायसंगत निर्णय है! एक बिना हथियार के व्यक्ति को मारने का आदेश? सच्चिदानंदमय भगवान श्रीकृष्ण मुस्कुराए और उत्तर दिया, "अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु भी चक्रव्यूह में निहत्था हो गया था, जब उन सभी ने मिलकर उसे बेरहमी से मार डाला था, आप भी उसमें थे। तब कर्ण तुम्हारा ज्ञान कहाँ था? यह कर्मों का प्रतिफल है. यह मेरा न्याय है।" सोच समझकर काम करें। अगर आज आप किसी को चोट पहुँचाते हैं, उनका तिरस्कार करते हैं, किसी की कमजोरी का फायदा उठाते हैं। भविष्य में वही कर्म आपकी प्रतीक्षा कर रहा होगा और शायद वह स्वयं आपको प्रतिफल देगा। जय श्रीराम!! 🚩
*पता-ही-नहीं-चला*.liअरे सखियो कब 30+, 40+, 50+ के हो गये पता ही नहीं चला। कैसे कटा 21 से 31,41, 51 तक का सफ़र पता ही नहीं चला क्या पाया क्या खोया क्यों खोया पता ही नहीं चला बीता बचपन गई जवानी कब आया बुढ़ापा पता ही नहीं चला कल बेटी थे आज सास हो गये पता ही नहीं चला कब मम्मी से नानी बन गये पता ही नहीं चला कोई कहता सठिया गयी कोई कहता छा गयीं क्या सच है पता ही नहीं चला पहले माँ बाप की चली फिर पतिदेव की चली अपनी कब चली पता ही नहीं चला पति महोदय कहते अब तो समझ जाओ क्या समझूँ क्या न समझूँ न जाने क्यों पता ही नहीं चला दिल कहता जवान हूं मैं उम्र कहती नादान हुं मैं इसी चक्कर में कब घुटनें घिस गये पता ही नहीं चला झड गये बाल लटक गये गाल लग गया चश्मा कब बदलीं यह सूरत पता ही नहीं चला मैं ही बदली या बदली मेरी सखियां या समय भी बदला कितनी छूट गयीं कितनी रह गयीं सहेलियां पता ही नहीं चला कल तक अठखेलियाँ करते थे सखियों के साथ आज सीनियर सिटिज़न हो गये पता ही नहीं चला अभी तो जीना सीखा है कब समझ आई पता ही नहीं चला आदर सम्मान प्रेम और प्यार वाह वाह करती कब आई ज़िन्दगी पता ही नहीं चला बहु जमाईं नाते पोते ख़ुशियाँ लाये ख़ुशियाँ आई कब मुस्कुराई उदास ज़िन्दगी पता ही नहीं चला जी भर के जी लो प्यारी सखियो फिर न कहना *पता ही नहीं चला*🙏🌷🌷#beautifullife #Hindisuvichar #story
Friday, 23 June 2023
Thursday, 22 June 2023
"सुकून की दौलत ....सवारियो के इंतजार मे आटो स्टैण्ड पर अपने आटो में बैठा मोहन.. बाजू के आटो में बैठे दीनू चाचा से बातें कर रहा था... कया बात है मोहन... आज तो तेरे चेहरे पर एक अलग ही मुसकान है....अरे चाचा.... आपको पता है कल रात मैंने एक मन के सुकून का काम किया.....मुझे सुकून की दौलत मिली...दीनू चाचा-कया...सुकून की दौलत... अरे हमें भी तो पता चले ...हमारे छोटे ने कया सुकून भरा काम किया .....और उसे कैसे सुकुन की दौलत मिली...क्या किसी बडे मंत्रीजी को आटो में बैठाकर शहर में घुमाया या किसी फिल्मी एक्टर को अपने आटो में बैठाया........अरे....नहीं चाचा...मैंने लोभ, लालच और बेईमानी को हराकर, ईमानदारी का परचम लहराया, एक गरीब और मजबूर परिवार को होनेवाले बहुत बड़े नुकसान से बचाया...दीनू चाचा - क्या कह रहा है छोटे....ऐसा क्या किया तूने...तो मोहन बोला..चाचा कल रात मैं रोज की तरह लगभग ग्यारह बजे सवारियो का इंतजार कर रहा था कि एक महिला और एक 12-13 साल का लड़का, जिनके पास दो-तीन झोले, चादर, कंबल, एक पानी की केन, स्टोव आदि बहुत सा सामान था, बस से उतरकर सीधे मेरे पास आये और बोले, भैया सिटी हास्पिटल चलोगे...मैंने बोला हां चलो, उन्होंने आटो में फटाफट अपना सामान रखा और खुद भी बैठ गये हम लोग 15-20 मिनिट में सिटी हास्पिटल पहुंच गये वे दोनों आटो से उतरे और जल्दी-जल्दी अपना सामान उठाया और सीधे हास्पिटल के अंदर चले गये। और मैं भी आटो लेकर बारह बजे वाली बस की सवारियों के लिये वापस बस स्टैण्ड आ गया...स्टैण्ड पर आटो खड़ा कर, सोचा पीछे की सीट पर थोड़ा लेट जाता हूं, पीछे गया तो देखा सीट के पीछे एक नीले रंग की पन्नी में कुछ बंधा हुआ पड़ा है, खोलकर देखा तो उसमें पांच-पांच सौ के नोटों की दो गड्डियां थी... साठ सत्तर हजार से कम नहीं रहे होंगे...एकपल को तो मुझे लगा, यार आज तो लॉटरी लग गयी है शाम से सवारियों ले जा रहा हूं कोई पूछने भी नहीं आया मन में आया कि इन पैसों को मैं ही रख लेता हूं, फिर थोड़ी देर सोच-विचार किया तो मुझे लगा कहीं ये पैसे अभी हास्पिटल जानेवाली महिला और उसके साथवाले लड़के के तो नही.. यही सोचकर मैंने, तुरंत आटो स्टार्ट किया और सिटी हास्पिटल चला गया और वहां उस महिला और लड़के को ढूंढने लगा, तो देखा वे दोनों वहीं बाहर ही शेड के नीचे बैठे फूट-फूट कर रो रहे थे...मैंने पूछा तो वह महिला कहने लगी, भैया हम लोग दूर गांव से आये है मेहनत-मजूरी करके जीवन यापन करते है मेरे पति यहां भर्ती हैं, उनके ब्रेन ट्यूमर का आप्रेशन होना है गांव में पैतृक जमीन का आधे एकड़ का टुकड़ा था, उसे बेचकर आप्रेशन के लिये पैसे लाये थे गांव से चले तो पैसे मेरे पास ही इस छोटे झोले में ही रखे थे, पर यहां आकर देखा तो पैसे की पन्नी है ही नहीं समझ ही नहीं आ रहा कि पैसे कहां चले गये... मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं भैया, डॉक्टर कहते हैं कि पति का आप्रेशन नहीं होगा तो उनकी जान का खतरा हैं.....ना जाने पैसे कहां गिर गये कहकर वह लगातार रोये जा रही थी...मैंने बोला आप चिंता मत करो...रामजी की दया से सब ठीक हो जायेगा....अच्छा बताओ पन्नी किस रंग की थी, वह बोली भैया नीले रंग की पन्नी थी और पांच-पांच सौ के नोटों की दो गड्डियां थी पूरे सत्तर हजार रूपये थे भैया....मैंने जेब से पन्नी निकाली और बोला यह लो तुम्हारे पैसे जल्दी-जल्दी में मेरे आटो में सीट के पीछे गिर गये थे...पैसे लेकर उस महिला के जान में जान आई पन्नी खोलकर मुझे दो हजार रूपये देने लगी, बोली यह रख लो भैया... मैंने बोला नहीं-नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं यह आपका पैसा है आप शांति से अपने पति का इलाज कराओ, सब ठीक हो जायेगा... मैं लौटने लगा तो वह महिला मेरे पैर पड़ने लगी मैंने उसे मना किया और वापस आ गया।दीनू चाचा बोले... वाह......छोटे तूने वाकई बहुत अच्छा काम किया बेटा, आज जबकि समाज में कई लोग हजार-पांच सौ के लिये अपना ईमान बेच देते हैं, इतनी बड़ी रकम पाकर भी तूने अपना ईमान डिगने नहीं दिया, बहुत बढ़िया छोटे...बेटा सच्चाई, ईमानदारी और संतोष से बढ़कर कोई दौलत नहीं है ...ईमानदारी की एक नेक पहल किसी का जीवन संवार सकती है और एक बेईमानी किसी का जीवन तबाह कर सकती है बेईमानी से हमें क्षणिक सुख भले मिल जाये, पर उसका अंत हमेशा दुखद ही होता है...छोटे, मुझे तुझ पर गर्व है बेटा...दीनू चाचा के मुंह से ये सुनकर मोहन का चेहरा और भी खिल उठाएक सुंदर रचना...#दीप...🙏🙏🙏
Tuesday, 20 June 2023
एक महिला की आदत थी कि वह हर रोज रात में सोने से पहले अपनी दिन भर की खुशियों को एक काग़ज़ पर लिख लिया करती थीं।एक रात उसने लिखा..."मैं खुश हूं कि मेरा पति पूरी रात ज़ोरदार खर्राटे लेता है क्योंकि वह ज़िंदा है और मेरे पास है ना...भले ही उसकी खर्राटो की आवाज़ मुझें सोने नहीं देते...ये भगवान का शुक्र है"...!"मैं खुश हूं कि मेरा बेटा सुबह सवेरे इस बात पर झगड़ता है कि रात भर मच्छर-खटमल सोने नहीं देते यानी वह रात घर पर गुज़रता है ,आवारागर्दी नहीं करता...इस पर भी भगवान का शुक्र है"...!"मैं खुश हूं कि हर महीना बिजली,गैस, पेट्रोल, पानी वगैरह का अच्छा खासा टैक्स देना पड़ता है ,यानी ये सब चीजें मेरे पास,मेरे इस्तेमाल में हैं ना... अगर यह ना होती तो ज़िन्दगी कितनी मुश्किल होती...? इस पर भी भगवान का शुक्र ".....!"मैं खुश हूं कि दिन ख़त्म होने तक मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है....यानी मेरे अंदर दिनभर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत सिर्फ ऊपरवाले के आशीर्वाद से है"...!"मैं खुश हूं कि हर रोज अपने घर का झाड़ू पोछा करना पड़ता है और दरवाज़े -खिड़कियों को साफ करना पड़ता है शुक्र है मेरे पास घर तो है ना... जिनके पास छत नहीं उनका क्या हाल होता होगा...?इस पर भी भगवान का शुक्र है"...!"मैं खुश हूं कि कभी कभार थोड़ी बीमार हो जाती हूँ यानी कि मैं ज़्यादातर सेहतमंद ही रहती हूं।इसके लिए भी भगवान का शुक्र है"..!"मैं खुश हूं कि हर साल दिवाली पर उपहार देने में पर्स ख़ाली हो जाता है यानी मेरे पास चाहने वाले मेरे अज़ीज़ रिश्तेदार ,दोस्त हैं जिन्हें उपहार दे सकूं...अगर ये ना हों तो ज़िन्दगी कितनी बे रौनक हो...?इस पर भी भगवान का शुक्र है".....!"मैं खुश हूं कि हर रोज अलार्म की आवाज़ पर उठ जाती हूँ यानी मुझे हर रोज़ एक नई सुबह देखना नसीब होती है...ज़ाहिर है ये भी भगवान का ही करम है"...!जीने के इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए अपनी भी और अपने से जुड़े सभी लोगों की ज़िंदगी संतोषपूर्ण बनानी चाहिए.....छोटी-छोटी परेशानियों में खुशियों की तलाश..खुश रहने का अजीब अंदाज़...औऱ हर हाल में खुश रहने की कला ही जीवन है.......!!'दोस्त, कठिन है यहाँ किसी को भी अपनी पीड़ा समझाना...दर्द उठे, तो सूने पथ पर पाँव बढ़ाना, चलते जाना...बस चलते जाना !!' 🚩🙏😊
Monday, 19 June 2023
ना किस्से ना बातेना वादेना ही मुलाकातें कोई याद बाकी नही कोई चाह अब आधी नहीथा एक फरेब वो बसनासमझी में उसको खुदा बना दिया और देखो खुदा बनकरवो मेरी ही किस्मत मिटा गया बस एक उम्मीद ही थीउसे अपना बनाने कीएक रंगीन दुनिया सजाने कीजाने कैसी थी वो रात एक झटके में सब बदल गयाबेरंग हुई मैं रंगों सेखुशियों से नाता टूट गया हर सु अब तिमिर दिखता है कोई नही जो उजाले में मिलता है बदली दुनिया और बदली मैंअब दिल का साथी भी तन्हा मुझको कर गया वो मेरी ही किस्मत मिटा गयाएक झटके में सब बदल गया ।
Sunday, 18 June 2023
एक चूहे ने हीरा निगल लिया तो हीरे के मालिक ने उस चूहे को मारने के लिये एक शिकारी को ठेका दिया। जब शिकारी चूहे को मारने पहुँचा तो वहाँ हजारों चूहे झुंड बनाकर एक दूजे पर चढे हुए थे मगर एक चूहा उन सबसे अलग बेठा था। शिकारी ने सीधा उस चूहे को पकड़ा जिसने डायमन्ड निगला था। अचम्भित डायमन्ड के मालिक ने शिकारी से पूछा, हजारों चूहों में से इसी चूहे ने डायमन्ड निगला यह तुम्हें केसे पता लगा ? शिकारी ने जवाब दिया बहुतही आसान था, जब मूर्ख धनवान बन जाता है तब अपनों से भी मेल-मिलाप छोड़ देता है। #beautifullife #Hindisuvichar
#happyfathersday2023 to all beautiful dads.#beautifullife #hindisuvichar#पितृ_दिवस के अवसर पर नमन हर पिता को उनके त्याग ,बलिदान और अदम्य साहस के लिए जो एक चट्टान की तरह खड़े होते हैं अपने बच्चों को सुरक्षित व सुयोग्य बनाने के लिए। पिता के प्रति असीम आदर भरे दिवस#पितृ_दिवस की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं।❤❤💚💚#fathersday #happyfathersday2023
Friday, 16 June 2023
Tuesday, 13 June 2023
#व्यवहार असली परिचय देता है.. 🥀एक राजा के दरबार मे एक अनजान व्यक्ति नौकरी के लिए प्रस्तुत हुआ।योग्यता पूछी गई, कहा, "बुद्धि का खेल जानता हूँ ।"राजा के पास राजदरबारियों की भरमार थी, उसे खास "घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज" बना लिया।कुछ दिनों बाद राजा ने उस से अपने सब से महंगे और प्रिय घोड़े के बारे में पूछा, उसने कहा, "अच्छी नस्ल का नही है।"राजा को आश्चर्य हुआ, उसने जंगल से घोड़े की जानकारी वालो को बुला कर जांच कराई।उसने बताया, घोड़ा अच्छी नस्ल का नहीं हैं, लेकिन इसके जन्म पर इसकी मां मर गई थी, ये एक गाय का दूध पी कर उसके साथ पला है।राजा ने अपने उसको बुलाया और पूछा तुम को कैसे पता चला के घोड़ा अच्छी नस्ल का नहीं हैं?"उसने कहा "जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सर नीचे करके, जबकि अच्छी नस्ल का घोड़ा घास मुह में लेकर सर उठा लेता हैं।राजा उसकी परख से बहुत खुश हुआ, उसके घर अनाज, घी और अच्छे फल बतौर इनाम भिजवाया। और उसे रानी के महल में तैनात कर दिया।कुछ दिनो बाद, राजा ने उस से रानी के बारे में राय मांगी, उसने कहा, "तौर तरीके तो रानी जैसे हैं लेकिन राजकुमारी नहीं हैं ।"राजा के पैरों तले जमीन निकल गई, तो अपनी सास को बुलाया, मामला उसको बताया, सास ने कहा "सत्य यह है, कि आपके पिता ने मेरे पति से हमारी बेटी के जन्म पर ही रिश्ता मांग लिया था, लेकिन हमारी बेटी 6 माह में ही मर गई थी, तो हम ने आपके राजा से निकट संबंध हमेशा रहे इस लिए किसी और कि बच्ची को अपनी बेटी बना लिया।"राजा ने अपने उस मंत्री से पूछा "तुम को कैसे जानकारी हुई?"उसने कहा, "उसका नौकरों के साथ व्यवहार मूर्खों से भी निम्न हैं। एक कुलीन व्यक्ति का दूसरों से व्यवहार करने का एक तरीका एक शिष्टाचार होता हैं, जो रानी में बिल्कुल नही है।राजा फिर उसकी परख से खुश हुआ और बहुत से अनाज, भेड़ बकरियां बतौर इनाम दीं साथ ही उसे अपने दरबार मे शामिल कर लिया।कुछ समय बीता, मंत्री को बुलाया, अपने बारे में जानकारी चाही।उसने कहा "अभयदान दे तो बताऊं।"राजा ने वचन दिया। उसने कहा, "न तो आप राजा के पुत्र हो न आपका व्यवहार राजाओं वाला है।"राजा को गुस्सा आया, मगर अभयदान दे चुका थे, सीधे अपनी माँ के महल पहुंचा ।माँ ने कहा, "ये सच है, तुम एक ग्वाले के बेटे हो, हमारे पुत्र नहीं था तो हमने तुम्हे उनसे लेकर हम ने पालन पोषण किया।"राजा ने उसको बुलाया और पूछा, बता, "तुझे कैसे पता हुआ ????"उसने कहा "राजा जब किसी को "इनाम " दिया करते हैं, तो हीरे मोती जवाहरात के रूप में देते हैं। लेकिन आप भेड़, बकरियां, खाने पीने की चीजें देते हैं। यह चलन राजा के बेटे का नहीं है, किसी ग्वाले के बेटे का ही हो सकता है।"किसी इंसान के पास कितनी धन दौलत, सुख समृद्धि, प्रतिष्ठा, ज्ञान, बाहुबल हैं ये सब बाहरी चरित्र हैं ।इंसान की असलियत की पहचान उसके व्यवहार, उसकी नीयत से होती है।एक इंसान बहुत आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक और राजनैतिक रूप से बहुत शक्तिशाली होने के उपरांत भी अगर वह छोटी छोटी चीजों के लिए नीयत खराब कर लेता है, इंसाफ और सच की कदर नहीं करता, अपने पर उपकार और विश्वास करने वालों के साथ दगाबाजी कर देता है, या अपने तुच्छ फायदे और स्वार्थ पूर्ति के लिए दूसरे इंसान को बड़ा नुकसान पहुंचाने की लिए तैयार हो जाता है, तो समझ लीजिए, खून में बहुत बड़ी खराबी है। बाकी सब तो पीतल पर चढ़ा हुआ सोने का पानी है।#hindistory #hindikahani
अच्छे लोगों के साथ हमेशा बुरा क्यों होता है? गीता में श्रीकृष्ण ने दिया है अर्जुन को इसका जवाब🥀🥀अच्छे लोगों के साथ हमेशा बुरा क्यों होता है? वहीं जो लोग बुरे कर्म करते हैं और अज्ञान की राह पर होते हैं वो खुशहाल दिखते हैं। श्रीकृष्ण ने इसका जवाब #गीता में दिया है#श्रीकृष्ण ने #अर्जुन को जवाब देते हुए समझाई है ये बातलोगों को उनके कर्मों का फल हमेशा मिलता हैगीता सार: आपने महसूस किया होगा कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं वो परेशान रहते हैं वहीं जो बुरे कर्म करते हैं वो खुशी से रह रहे होते हैं। अच्छे कर्म करने वाले परेशान होते हैं कि आखिर उन्हें इतनी परीक्षा क्यों देनी पड़ रही है जबकि जो अधर्म की राह में हैं वो खुश हैं और जिंदगी का लुत्फ उठा रहे हैं। अगर आपके मन में भी ये सवाल आया है तो आज हम आपको इसका जवाब देंगे, ये जवाब वो है जो भगवत गीता में लिखा है और श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया था। भगवत गीता में वर्णित कथा के अनुसार जब भी अर्जुन के मन में कोई दुविधा होती थी तो वो श्रीकृष्ण के पास पहुंच जाते थे। एक बार की बात है अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण के समीप आकर कहा कि वो दुविधा में हैं और इसका जवाब वो श्रीकृष्ण से चाहते हैं। श्रीकृष्ण ने पूछा कि क्या सवाल है? अर्जुन ने कहा- मुझे ये जानना है कि अच्छे लोगों के साथ हमेशा बुरा ही क्यों होता है? वहीं बुरे लोग खुशहाल दिखते हैं। अर्जुन के मुंह से ऐसी बातें सुनकर श्रीकृष्ण मुस्कुराएं और कहा- मनुष्य जैसा सोचता है और महसूस करता है वैसा कुछ नहीं होता है बल्कि अज्ञानता की वजह से वो सच्चाई नहीं समझ पाता है। अर्जुन उनकी ये बात समझ नहीं पाएं इसके बाद श्रीकृष्ण ने क्या कहा वो जानते हैं।श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा- पार्थ मैं तुम्हें एक कथा सुनाता हूं, उसे सुनकर तुम समझ जाओगे कि हर प्राणी को उसके कर्म के हिसाब से ही फल मिलता है। प्रकृति हर किसी को अपनी राह चुनने का मौका देती है, अब वो मनुष्य की इच्छा पर निर्भर करता है कि उसे धर्म की राह चुननी है या अधर्म की। कथा शुरू करते हुए श्रीकृष्ण ने कहा- एक नगर में दो पुरुष रहा करते थे, एक पुरुष व्यापारी था जिसके जीवन में धर्म की बहुत महत्ता थी, वो पूजा-पाठ में यकीन रखता था, वो हर रोज मंदिर जाता था और दान-धर्म भी करता था और हर रोज भगवान की पूजा करता था। वहीं दूसरा पुरुष बिल्कुल विपरीत था वो हर रोज मंदिर तो जाता था लेकिन पूजा करने नहीं बल्कि मंदिर के बाहर से जूते-चप्पल चुराने। उसे दान और धर्म से कोई लेना-देना नहीं था। समय बीतता गया और एक दिन बहुत जोर की बारिश हो रही थी, इस वजह से मंदिर में पुजारी के अलावा कोई नहीं था। ये बात जब दूसरे पुरुष को पता चली तो उसने कहा कि ये सही मौका है, मंदिर का धन चुराने का। पंडित से नजर बचाकर उसने मंदिर का सारा धन चुरा लिया। उसी समय धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाला व्यक्ति भी मंदिर पहुंचा, दुर्भाग्य से मंदिर के पुजारी ने उसे ही चोर समझ लिया और चिल्लाने लगे। वहां लोग एकत्र हो गए और उसे बहुत मारा। किसी तरह वो बचते बचाते वहां से निकला तो दुर्भाग्य ने उसका साथ वहां भी नहीं छोड़ा, मंदिर के बाहर वो एक गाड़ी से टकरा गया और घायल हो गया। फिर वो व्यापारी लंगड़ाते हुए घर जाने लगा तो रास्ते में उसकी मुलाकात उस पुरुष से हुई जिसने मंदिर से धन चुराया था, उसने कहा- आज तो मेरी किस्मत चमक गई, एक साथ इतना सारा धन मिल गया। ये सब देखकर उसे बहुत बुरा लगा और उसने अपने घर से भगवान की सारी तस्वीरें निकाल दीं। कुछ सालों बाद दोनों की पुरुषों की मृत्यु हो गई। मरने के बाद जब दोनों यमराज की सभा में पहुंचे और भले पुरुष ने दूसरे व्यक्ति को देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया। उसने क्रोधित होकर यमराज से पूछ ही लिया- मैं तो हमेशा अच्छे कर्म करता था, दान में विश्वास रखता था। उसके बदले जीवन भर मुझे अपमान और दर्द ही मिला और इस व्यक्ति को नोटों से भरी पोटली। आखिर ऐसा भेदभाव क्यों? इस पर यमराज ने कहा- पुत्र तुम गलत समझ रहे हो। जिस दिन तुम्हारी गाड़ी से टक्कर हुई थी, वो दिन तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन था। परंतु तुम्हारे अच्छे कर्मों की वजह से तुम्हारी मौत सिर्फ एक छोटी से चोट में बदल गई। तुम इस दुष्ट व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हो, दरअसल इसके भाग्य में राजयोग था, मगर इसके कुकर्मों और अधर्म की वजह से वो सिर्फ एक छोटी सी धन की पोटली में बदल गया।कथा सुनाने के बाद श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं- पार्थ क्या अब तुम्हें तुम्हारे सवाल का जवाब मिल गया? ऐसा सोचना कि भगवान तुम्हारे कर्मों को नजरअंदाज कर रहे हैं, ये बिल्कुल भी सत्य नहीं है। भगवान हमें कब क्या किस रूप में दे रहा है मनुष्य को समझ में नहीं आता है। मगर आप अच्छे कर्म करते रहें तो भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। इसलिए अपने अच्छे कर्मों को बदलना नहीं चाहिए, क्योंकि उसका फल हमें इसी जीवन में मिलता है। इसलिए मनुष्य का फर्ज है कि वो हमेशा अच्छे कर्म करते रहें, क्योंकि श्रीकृष्ण ने गीता में भी बताया है कि किसी के द्वारा किया गया कर्म बेकार नहीं जाता है, चाहे वो अच्छा हो या बुरा। #beautifullife #Hindisuvichar
Saturday, 10 June 2023
Wednesday, 7 June 2023
Sunday, 4 June 2023
"उठो सुबह हो गई चाय नहीं पीनी" "नहीं मैंने सुबह की चाय पीनी छोड़ दी है" "क्यों ""जब तुम थी तो सुबह सुबह मेरे हाथ की बनी चाय पीती थी, हम दोनों खुली छत या बरांडे में चाय की चुस्की लेते थे, परंतु अब नहीं"" मगर क्यों ? ""क्योंकि वो चाय नहीं प्यार का ही एक रूप था, तुम्हारे चले जाने के बाद, अब चाय की प्याली का क्या मतलब ? " "अरे ये क्या तुम बिस्तर झाड़ रहे हो,चादर ठीक कर रहे हो ?" "हां कर रहा हूं ""मेरे होने पर तो नहीं करते थे""तब मैं यह काम तुम्हारा समझता था,एक बेफिक्री थी । अब तुम्हारे सारे काम में खुद ही करता हूं ""बहुत सुधर गए हो, अब क्या करोगे ?"" टहलने जाऊंगा ""वहीं जहां मेरे साथ कभी कभी जाते थे"" हां वही ढूंढता हूं तुम्हें ,लेकिन तुम मिलती ही नहीं, निराश होकर लौट आता हूं ""फिर क्या करते हो ?"थोड़ी देर बाद नहाने चला जाता हूं ""इतनी सुबह सुबह पहले तो तुम 12:00 बजे के बाद नहाते थे तुम्हारे साथ साथ मेरी भी तो देर से नहाने की आदत हो गई थी""हां मगर अब सुबह ही नहा लेता हूं"" क्यों ?""क्योंकि अब जिंदगी के मायने बदल गये हैं "" नहाने के बाद क्या करते हो ?"" पूजा करता हूं भगवान जी और तुम्हारे फोटो के सामने अगरबत्ती जलाता हूं ""मेरे फोटो के सामने"" हां " "किस लिए ?""भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह तुम्हारी आत्मा को शांति प्रदान करें"और हर जन्म में मुझे तुम ही पत्नी के रूप में मिलो. "मेरा इतना ख्याल रखते हो," "इतना प्यार करते हो मुझे"" पहले भी रखता था बस तुम समझती नहीं थी"" मैं भी तो रखती थी तुम ही कहां समझते थे"" हां,कह तो ठीक ही रही हो" "अब क्या करोगे ? "अब योग ,प्राणायाम आदि करूंगा " "मेरे सामने तो नहीं करते थे"" तब मन शांत था, अब मन को शांत करना होता है"" चाय भी नहीं पीई, कुछ खाया भी नहीं है ,नाश्ता नहीं करोगे ?""हां ,10:00 बजे करूंगा""अरे, नाश्ते में ये क्या खा रहे हो?"" जो बना है ""अब फरमाइश नहीं करते"" नही अब बहुत कम, हाँ जब कभी तुम्हारी बनाई डिश की याद आती है तो कभी कभी मांग लेता हूं"" अक्सर क्यों नहीं ?""तुमसे ही तो करता था, क्योंकि तुम पर मेरा एक विशेष अधिकार था इसलिए ,उसमें भी अधिकतर तो तुम बिना कहे ही मेरी पसंद की डिश बना लाती थी"" तो अब कहकर बनवा लिया करो ""जो तुम बनाती थीं वो हर कोई थोड़े ही बना सकता है ? वैसे भी मेरे स्वाद और पसंद तो तुम्हारे साथ चले गए" "अच्छा,अब क्या करोगे ?""अब 2 घंटे मोबाइल चलाऊंगा"तुम्हारे लिए कुछ लिखूंगा"2 घंटे ? ""क्यों ? ऊपर जाने के बाद भी मेरे मोबाइल से तुम्हारा बैर खत्म नहीं हुआ?"" मैं,शुरु शुरु में ही तो टोका करती थी बाद में तो टोकना बंद कर दिया था"" हां बंद तो कर दिया था , लेकिन तुम्हारे मन में मेरा मोबाइल हमेशा सौत ही बना रहा, बस दिखावे के लिए चुप रहती थी" "अच्छा अब लड़ो नहीं, चलो चला लो लिख लो"" तुम तो 2 घण्टे से भी ज्यादा देर तक चलाते रहे "***"हां ,तुम टोकने वाली नहीं थी ना" "अच्छा,अब भी उलाहना ,अब क्या करोगे ?"" अब आंखें थक गई हैं थोड़ी देर आंखों को आराम दूंगा, आंख बंद करके लेटूंगा ।"" अच्छा है आराम कर लो""अरे सोते ही रहोगे 2:30 बज गए तुम्हारा खाने का टाइम तो 12:00 बजे का है उठो खाना खा लो ""अच्छा क्या बना है ?""पता नहीं ""देखता हूं ""यह सब्जी, यह तो तुम्हें बिल्कुल पसन्द नही थी ""लेकिन ,अब पसन्द है "" कैसे ?""क्योंकि जब तुम थी तो मुझे चैलेंज करती थी ना कि मैं ही हूं जो तुम्हारे सारे नखरे बर्दाश्त करती हूं ,मैं चली जाऊंगी तब पता चलेगा "" अब तुम चली गई अपने साथ-साथ मेरे सारे नखरे और तुनक मिजाजी भी ले गई,अब तो मैं तुम्हारे सारे चैलेंज स्वीकार कर चुका हूं" "बहुत बदल गए हो" गलत ,बदल नहीं गया हूं, असल में जो मैं था वह तो तुम साथ ले गई ,अब तो बस शरीर है सांसे चल रही है ,कब तक चलेंगी,पता नहीं ""अरे देखो तुम्हारी कामवाली ने तुम्हारी पसंद का लाफिंग बुद्धा तोड़ दिया"" टूट जाने दो ""अरे,तुम्हें गुस्सा नहीं आया"" नहीं अब मुझे गुस्सा नहीं आता"" क्यों ?"" क्योंकि गुस्सा तो अपनों पर आता है, तुम तोड़ती तो जरूर आता, इस पर कैसा गुस्सा ?"" काश ! तुम मेरे होते हुए भी ऐसे ही होते हैं ?""हां, मैं भी यही सोचता हूं कि मैं तुम्हारे होते हुए ऐसा क्यों नहीं था ? क्यों हमने जिंदगी के कितने ही अमूल्य पल नोकझोंक अपने ईगो में गंवा दिए ?"" मुझे याद करते हो ?"" भूलता ही नहीं,तो याद करने की बात कहां से आ गई, हर समय मेरे चारों ओर जो घूमती रहती हो, "" रात हो गयी है, चलो अब सो जाओ तुम्हारे सोने का समय हो गया है,"" अच्छा ठीक है " "अरे ! सोते-सोते उठ कर कहां जा रहे हो ?""टीवी बंद कर दूँ ,अब तुम तो हो नहीं जो मेरे सोने के बाद बंद कर दोगी ""मैं तो अब चाह कर भी तुम्हारी मदद नहीं कर सकती, तुम्हें छू भी नहीं सकती । चलो, दूर से ही थपकी देकर सुला देती हूँ " "चलो सुला दो, अब सो ही जाता हूं ...."अगर इस कहानी का एक भी शब्द आपके मन को छुआ है अगर आंखे थोड़ी भी नम हुई हैं,तो अभी सही समय है अपने जीवनसाथी से क्षमा मांगने का अगर आप भी उस पर बात बात गुस्सा करते हैं, गले लगिए और मांग लीजिए अपनी हर गलती के लिए उससे माफी उसके जीते जी उसे बता दीजिए आप उससे कितना प्यार करते हैं,क्योंकि बो भी आपसे असीम प्रेम करती है😢😢#hindistorytelling #beautifullife
दो भाई समुद्र के किनारे टहल रहे थे. दोनो में किसी बात को लेकर बहस हो रही थी, अचानक बड़े भाई ने छोटे भाई को थप्पड़ मार दिया, छोटे भाई ने कुछ नही कहा, सिर्फ रेत पे लिखा " आज मेरे भाई ने मुझे मारा" अगले दिन दोनों फिर समुद्र के किनारे घूमने निकले छोटा भाई समुद्र मे नहाने लगा, अचानक वो डूबने लगा, बड़े भाई ने उसे बचाया। छोटे भाई ने पत्थर पे लिखा " आज मेरे बड़े भाई ने मुझे बचाया " बड़े भाई ने पूछा- जब मैने तुम्हे मारा तो तुमने रेत पे लिखा, और जब मैने तुमको बचाया तो पत्थर पे लिखा. ऐसा क्यों ? विवेकशील छोटे भाई ने जवाब दिया जब हमे कोई दुःख दे तो रेत पे लिखना चाहिए ताकि वो जल्दी मिट जाए, परन्तु जो हमारे लिए अच्छा करता है तो हमें पत्थर पे लिखना चाहिए, जो मिट न पाए और हमेशा के लिए यादगार बन जाए।#beautifullie #hindishortstory #bhai #brother
Friday, 2 June 2023
Thursday, 1 June 2023
Tuesday, 30 May 2023
Monday, 22 May 2023
Sunday, 14 May 2023
Friday, 12 May 2023
Tuesday, 9 May 2023
Monday, 8 May 2023
Sunday, 7 May 2023
*अनजान से आत्मिक स्नेह*"अम्मा!.आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।"डाकिया बाबू ने अम्मा को देखते अपनी साईकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंखों में अचानक एक चमक सी आ गई.."बेटा!.पहले जरा बात करवा दो।"अम्मा ने उम्मीद भरी निगाहों से उसकी ओर देखा लेकिन उसने अम्मा को टालना चाहा.."अम्मा!. इतना टाइम नहीं रहता है मेरे पास कि,. हर बार आपके बेटे से आपकी बात करवा सकूं।"डाकिए ने अम्मा को अपनी जल्दबाजी बताना चाहा लेकिन अम्मा उससे चिरौरी करने लगी.."बेटा!.बस थोड़ी देर की ही तो बात है।""अम्मा आप मुझसे हर बार बात करवाने की जिद ना किया करो!"यह कहते हुए वह डाकिया रुपए अम्मा के हाथ में रखने से पहले अपने मोबाइल पर कोई नंबर डायल करने लगा.."लो अम्मा!.बात कर लो लेकिन ज्यादा बात मत करना,.पैसे कटते हैं।"उसने अपना मोबाइल अम्मा के हाथ में थमा दिया उसके हाथ से मोबाइल ले फोन पर बेटे से हाल-चाल लेती अम्मा मिनट भर बात कर ही संतुष्ट हो गई। उनके झुर्रीदार चेहरे पर मुस्कान छा गई।"पूरे हजार रुपए हैं अम्मा!"यह कहते हुए उस डाकिया ने सौ-सौ के दस नोट अम्मा की ओर बढ़ा दिए।रुपए हाथ में ले गिनती करती अम्मा ने उसे ठहरने का इशारा किया.."अब क्या हुआ अम्मा?""यह सौ रुपए रख लो बेटा!" "क्यों अम्मा?" उसे आश्चर्य हुआ।"हर महीने रुपए पहुंचाने के साथ-साथ तुम मेरे बेटे से मेरी बात भी करवा देते हो,.कुछ तो खर्चा होता होगा ना!""अरे नहीं अम्मा!.रहने दीजिए।"वह लाख मना करता रहा लेकिन अम्मा ने जबरदस्ती उसकी मुट्ठी में सौ रुपए थमा दिए और वह वहां से वापस जाने को मुड़ गया। अपने घर में अकेली रहने वाली अम्मा भी उसे ढेरों आशीर्वाद देती अपनी देहरी के भीतर चली गई।वह डाकिया अभी कुछ कदम ही वहां से आगे बढ़ा था कि किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा..उसने पीछे मुड़कर देखा तो उस कस्बे में उसके जान पहचान का एक चेहरा सामने खड़ा था।मोबाइल फोन की दुकान चलाने वाले रामप्रवेश को सामने पाकर वह हैरान हुआ.. "भाई साहब आप यहां कैसे?. आप तो अभी अपनी दुकान पर होते हैं ना?""मैं यहां किसी से मिलने आया था!.लेकिन मुझे आपसे कुछ पूछना है।" रामप्रवेश की निगाहें उस डाकिए के चेहरे पर टिक गई.."जी पूछिए भाई साहब!""भाई!.आप हर महीने ऐसा क्यों करते हैं?""मैंने क्या किया है भाई साहब?" रामप्रवेश के सवालिया निगाहों का सामना करता वह डाकिया तनिक घबरा गया।"हर महीने आप इस अम्मा को भी अपनी जेब से रुपए भी देते हैं और मुझे फोन पर इनसे इनका बेटा बन कर बात करने के लिए भी रुपए देते हैं!.ऐसा क्यों?"रामप्रवेश का सवाल सुनकर डाकिया थोड़ी देर के लिए सकपका गया!. मानो अचानक उसका कोई बहुत बड़ा झूठ पकड़ा गया हो लेकिन अगले ही पल उसने सफाई दी.."मैं रुपए इन्हें नहीं!.अपनी अम्मा को देता हूंँ।""मैं समझा नहीं?"उस डाकिया की बात सुनकर रामप्रवेश हैरान हुआ लेकिन डाकिया आगे बताने लगा..."इनका बेटा कहीं बाहर कमाने गया था और हर महीने अपनी अम्मा के लिए हजार रुपए का मनी ऑर्डर भेजता था लेकिन एक दिन मनी ऑर्डर की जगह इनके बेटे के एक दोस्त की चिट्ठी अम्मा के नाम आई थी।"उस डाकिए की बात सुनते रामप्रवेश को जिज्ञासा हुई.."कैसे चिट्ठी?.क्या लिखा था उस चिट्ठी में?""संक्रमण की वजह से उनके बेटे की जान चली गई!. अब वह नहीं रहा।""फिर क्या हुआ भाई?" रामप्रवेश की जिज्ञासा दुगनी हो गई लेकिन डाकिए ने अपनी बात पूरी की.."हर महीने चंद रुपयों का इंतजार और बेटे की कुशलता की उम्मीद करने वाली इस अम्मा को यह बताने की मेरी हिम्मत नहीं हुई!.मैं हर महीने अपनी तरफ से इनका मनीआर्डर ले आता हूंँ।""लेकिन यह तो आपकी अम्मा नहीं है ना?""मैं भी हर महीने हजार रुपए भेजता था अपनी अम्मा को!. लेकिन अब मेरी अम्मा भी कहां रही।" यह कहते हुए उस डाकिया की आंखें भर आई।हर महीने उससे रुपए ले अम्मा से उनका बेटा बनकर बात करने वाला रामप्रवेश उस डाकिया का एक अजनबी अम्मा के प्रति आत्मिक स्नेह देख नि:शब्द रह गया ।आज मानव के पास अति आधुनिक जीवन जीने की हजारों कल्पनायें है, पर जीने के लिए उसकी यह कल्पनायें क्या उसे कोई सुख का अनुभव दे रही है ? मानव, वर्तमान के सुख से अनजान होकर, अपने अनिश्चित भविष्य की तलाश में प्राप्त सुख की गरिमा भूल जाता है, और दुखी जीवन व्यतीत करने लगता है। यद्यपि भारतीय जीवन दर्शन में अर्थ को तीसरा सुख जरुर माना, परन्तु ह्रदय से नहीं, मजबूरी से, क्योंकि साधनों से जीवन को गति मिलती है, और नियमित जीवन को लय मे रखने से ही जीवन अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर हो सकता है, इसे हम इस युग की जरुरत कह सकते है। ऐसे ही स्नेह, वात्सल्य की भावना है, किसी स्त्री का अपने पुत्र के प्रति जो लगाव या प्यार है, उसे स्नेह शब्द से निरूपित कर सकते है। मेरा मानना है कि अनजान व्यक्ति से आत्मीयता दर्शाने से अनदेखे,अनकहे सुख की अनुभूति होती है। एक बार आप भी प्रयास करके देखिए..!! सुप्रभात दोस्तों. 🙂🙂जय श्री राधेश्याम 🌹🙏🌹#beautifullife #Hindistory
Saturday, 6 May 2023
Friday, 5 May 2023
Thursday, 4 May 2023
वृद्धाश्रम के दरवाजे पर रोज एक कार आकर लगती थी। उस कार में से एक नौजवान उतरता और एक बुढ़ी महिला के पास जाकर बैठ जाता। एक आध घंटे तक दोनों के बीच कुछ वार्तालाप चलती फिर वह उठकर चला जाता। यह प्रक्रिया अनवरत चल रही थी। धीरे-धीरे सबको पता चल गया कि बुढ़ी महिला उस नौजवान की माँ हैं। आज फिर वह सुबह से आकर बैठा था और बार -बार माँ के पैर पकड़ माफ़ी मांग रहा था। दूर बैठे वृद्धाश्रम के गेट कीपर को रहा नहीं गया वह एक बुजुर्ग से बोला-" लोग कहते हैं कि औलाद की नीयत बदल जाती है पर यहाँ का दृश्य तो कुछ और ही कह रहा है। "बुजुर्ग ने कहा-" ऐसा नहीं है भाई कि जो तुम्हारी आँखें देख रही हो वह सही हो। कोई बात तो जरूर होगी तभी लोग वृद्धाश्रम के दरवाजे तक आते हैं। " जब वह चला गया तो दरबान उस बुजुर्ग महिला के पास पहुंचा। हाल- चाल पूछने के क्रम में वह पूछ बैठा- -"ताई आपसे मिलने जो लड़का आता है वह आपका बेटा है न!"बुढ़ी थोड़ी सकुचाते हुए हाँ में सिर हिलाकर चुप हो गईं। दरबान आगे बात बढ़ाते हुए बोला -"ताई बड़ा भला है आपका बेटा। कितनी मिन्नतें करता है। क्या आपको यहां से ले जाना चाहता है?"बुढ़ी महिला ने एक बार फिर हाँ में सिर हिलाया। तब तक कुछ और बुजुर्ग महिला पुरुष उन दोनों के इर्द-गिर्द आकर खड़े हो गए। एक बुजुर्ग ने अपने को अनुभवी साबित करते हुए कहा-" कहते हैं कि औरत वसुधा की तरह धैर्यवान होती है। लेकिन आपको देखकर ऐसा नहीं लगता है। " बुजुर्ग महिला सबकी बातें सुन रही थी पर किसी को कोई जबाव नहीं दिया । एक ने कहा-" अब जमाना बदल गया है भाई सहनशीलता बीते दिनों की बात हो गई अब महिला और पुरुष में कोई अन्तर नहीं है। सबको आजादी चाहिए। किसी को माँ बाप से और किसी को अपने बच्चों से! "पुरुष की अंतिम वाक्य सुनकर बुजुर्ग महिला की आँखें भर आईं। फिर भी कुछ नहीं बोला उन्होंने। अगले दिन फिर कार आकर खड़ी हो गई वृद्धाश्रम के दरवाजे पर। इस बार उस नौजवान के साथ एक महिला अपने गोद में एक छोटे बच्चे को लेकर खड़ी थी। दोनों एक साथ सामने मिन्नतें करने लगे। महिला ने अपने बच्चे को उनकी गोद में रख दिया और पांव पकड़ कर गिड़गिड़ाते हुए बोली-" माँजी हम दोनों को माफ कर दीजिये और अपने घर चलिये। आपको अपने पोते की कसम!" दरबान को रहा नहीं गया बोला-" बेटा तुम्हारी माँ नहीं जाना चाहती तो क्यूँ जबरदस्ती ले जाना चाहते हो। तुम लोग जैसे औलाद भगवान सबको दे। वर्ना आजकल के बच्चे जानबूझकर माँ बाप को वृद्धाश्रम में छोड़ जाते हैं। " इस बार बुजुर्ग महिला का धर्य टूट गया आंखों से आंसुओं की धारा बह चली। अपने आंचल से आंसुओं को रोकते हुए बोलीं-" आप शायद नहीं जानते दरबान जी! पति के दुनिया से जाते ही मेरा सारा जमा पूंजी इनलोगों ने ले लिया। रोज एक रोटी के लिए मुझे घन्टों इंतजार करना पड़ता था। खड़ी खोटी सुनाकर रात -रात भर खून के आंसू रुलाया है इनलोगों ने। अंत में मुझे घर से चले जाने को कहा। आप सब बताईये की मैं कहां जाती। आज भी कोई माफी मांगने🌹🌹🌹🌹🌹 नहीं आये हैं ये लोग दरअसल इन्हें बच्चे को सम्भालने के लिए एक आया चाहिए इसीलिए यह नाटक आपके सामने दिखा रहे हैं। #sanskar
Tuesday, 2 May 2023
दर्द जो कहना अभी बाकी हैं,बहुत सहा पर और सहना अभी बाकी है,करते रहे खिदमत सभी की, पर खुद की खिदमत करना अभी बाकी है,जिये तो बहुत सबके लिए,पर अपने लिए जीना अभी बाकी है,तोहमत है कि खुदगर्ज है हम,पर खुदगर्ज बनाने अभी बाकी है,अधूरे जो ख्वाब रह गए,उन्हें पूरा करना अभी बाकी है,टूट के बिखरने लगे थे हम,फिर से उठने की चाहत अभी बाकी है,कहने को तो जिंदा है अभी,पर जिंदगी जीना अभी बाकी है,कहते हैं कि अपनी भी एक दुनिया है,पर इसमें खुद को ढूंढना अभी बाकी है,
Monday, 1 May 2023
Saturday, 29 April 2023
आपके अंतिम संस्कार के बाद क्या होगा❓कुछ ही घंटों में रोने की आवाज पूरी तरह से बंद हो जाएगीरिश्तेदारों के लिए खाना बनवाने या मंगवाने में जुटे जायेगा परिवार,कुछ पुरुष सोने से पहले चाय की दुकान पर टहलने निकल जाएंगे।कोई रिश्तेदार आपके बेटे या बेटी से फोन पर बात करेगा कि आपात स्थिति के कारण वह व्यक्तिगत रूप से नहीं आ पा रहा है।और तो और इधर आपका मृत शरीर चिता पर जल रहा होगा, उधर आपको अंतिम विदाई देने आए लोगों में से कोई फोन पर किसी से बतिया रहा होगा, कोई वाट्स एप, फेसबुक पर व्यस्त होगा तो दूर झुंड बनाकर बैठे कुछ लोग घर परिवार, व्यवसाय, खेल आदि अन्य विषयों पर चर्चा कर रहे होंगे।अगले दिन रात के खाने के बाद, कुछ रिश्तेदार कम हो जाएंगे, और कुछ लोग सब्जी में पर्याप्त नमक नहीं होने की शिकायत करते होंगे।भीड़ धीरे धीरे छंटने लगेगी ,आपका कार्यालय या आपकी दुकान आपकी जगह लेने के लिए किसी ओर को ढूंढने में जल्दबाजी करेगा।महीने के अंत तक आपका जीवनसाथी कोई कॉमेडी शो देख कर हंसने लगेगा।सबका जीवन सामान्य हो जाएगा। आपको इस दुनिया में आश्चर्यजनक गति से भुला दिया जाएगा। इस बीच आपकी प्रथम वर्ष पुण्यतिथि भव्य तरीके से मनाई जाएगी। पलक झपकते ही साल बीत गए और आपके बारे में बात करने वाला कोई नहीं है।एक दिन बस पुरानी तस्वीरों को देखकर आपका कोई बेहद करीबी आपको याद कर सकता है।लोग आपको आसानी से भूलने का इंतजार कर रहे हैं, फिर आप किसके लिए दौड़ रहे हो? और आप किसके लिए चिंतित हैं?क्या आप अपने घर, परिवार, रिश्तेदार को संतुष्ट करने के लिए जीवन जी रहे हैं? जिंदगी एक बार ही होती है, बस इसे जी भर के जी लो… और जितना हो सके इसके परम उद्देश्य के जितना निकट पहुंच सको, पहुंचने का कोशिश करें ।सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया .... 🌹सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत् ....🌹#death
Friday, 28 April 2023
ਕੰਧ ਵਿੱਚ ਉਗਿਆ ਰੁੱਖ🪴🌴ਨਿੱਕਾ ਸਾਂ ਜਦ ਪਿਤਾ ਜੀ ਮੋਏਚਾਚਿਆਂ ਤਾਇਆਂ ਬੂਹੇ ਢੋਏਮਰ ਮਰਕੇ ਝੱਲੀ ਭੁੱਖ ਯਾਰੋਮੇਰੇ ਤੇ ਜਵਾਨੀ ਕੀ ਆਉਂਦੀਮੈਂ ਕੰਧੀ ਉਗਿਆ ਰੁੱਖ ਯਾਰੋਮੇਰੇ ਤੇ ਜਵਾਨੀ ਕੀ ਆਉਂਦੀਅੰਨੇ ਬੈਲ ਦੇ ਖੂਹ ਨੂੰ ਗੇੜੇਦਿਨ ਬਚਪਨ ਦੇ ਲੰਘ ਗਏ ਮੇਰੇਲੂੰਏਂ ਪਿੰਡੇ ਧੁੱਪਾਂ ਝੱਲੀਆਂਮੇਹਨਤ ਕੀਤੀ ਸ਼ਾਮ ਸਵੇਰੇਇਕ ਪਲ ਨਾ ਮਿਲਿਆ ਸੁੱਖ ਯਾਰੋਮੇਰੇ ਤੇ ਜਵਾਨੀ ਕੀ ਆਉਂਦੀਮੈਂ ਕੰਧੀ ਉਗਿਆ ਰੁੱਖ ਯਾਰੋਕਮਲਾ ਪੀਤਾਂ ਦੀਪਾਂ ਪਿਆਰੀਤਿੰਨ ਭੈਣਾਂ ਦੀ ਜੁਮੇਵਾਰੀਮਾੜੇ ਘਰ ਕੋਈ ਸ਼ਾਕ ਨਾ ਜੋੜੇਮਾਂ ਲਈ ਚਿੰਤਾ ਬਣੀ ਬਿਮਾਰੀਹੱਡਾਂ ਚ ਬਹਿ ਗਏ ਦੁੱਖ ਯਾਰੋਮੇਰੇ ਤ ਜਵਾਨੀ ਕੀ ਆਉਂਦੀਮੈਂ ਕੰਧੀ ਉਗਿਆ ਰੁੱਖ ਯਾਰੋਲੋਕ ਦਿਵਾਲੀ ਨੂੰ ਮੌਜਾਂ ਕਰਦੇਸਾਡੀ ਲੰਘਦੀ ਤਲੀਆਂ ਮਲਦੇਵੇਖਕੇ ਚਿੱਤ ਪਰਚਾ ਲੈਂਦੇ ਸਾਂਸ਼ਾਹਾਂ ਕੋਠੀ ਦੀਵੇ ਬਲਦੇਕਦੇ ਹਵਾ ਨਾ ਬਦਲੀ ਰੁਖ ਯਾਰੋਮੇਰੇ ਤੇ ਜਵਾਨੀ ਕੀ ਆਉਂਦੀਮੈਂ ਕੰਧੀ ਉਗਿਆ ਰੁੱਖ ਯਾਰੋ #punjabistatus #hearttouching #punjabiSTORY #beautifullife
Thursday, 27 April 2023
Tuesday, 25 April 2023
*मृत्यु*जब कोई इंसान इस दुनिया से विदा हो जाता है तो उसके कपड़े, उसका बिस्तर, उसके द्वारा इस्तेमाल किया हुआ सभी सामान उसी के साथ तुरन्त घर से निकाल दिये जाते है।पर कभी कोई उसके द्वारा कमाया गया धन-दौलत. प्रोपर्टी, उसका घर, उसका पैसा, उसके जवाहरात आदि, इन सबको क्यों नही छोड़ते?बल्कि उन चीजों को तो ढूंढते है, मरे हुए के हाथ, पैर, गले से खोज-खोजकर, खींच-खींचकर निकालकर चुपके से जेब मे डाल लेते है, वसीयत की तो मरने वाले से ज्यादा चिंता करते है।इससे पता चलता है कि आखिर रिश्ता किन चीजों से था।इसलिए पुण्य परोपकार ओर नाम की कमाई करो।इसे कोई ले नही सकता, चुरा नही सकता। ये कमाई तो ऐसी है, जो जाने वाले के साथ ही जाती है।हाड़ जले ज्यूँ लाकड़ी, केस जले ज्यूँ घास।कंचन जैसी काया जल गई, कोई न आयो पास।जगत में कैसा नाता रे। #hindistory
Monday, 24 April 2023
"सहारा...... #hindistoryमम्मी आप यहां...... ऐसे कयुं बैठी है ....चाय बना लाऊं आपके लिए ...... नही कुछ नही सुधा .....बस यूहीं ....नींद नहीं आ रही थी .....सुषमा जी बोली मम्मी .....तबीयत तो ठीक है ना आपकी ....दिखाइए..... बदन को हाथ लगाते हुए सुधा बोली..... ठीक है बहु .....बेकार चिंता मत कर .....अब मुझ बुढिया की उम्र में .....खैर ....जा बिटिया मोहन जाग गया होगा तुम्हें उसके पास जाना चाहिए...... सुधा कुछ परेशान सी होकर पति मोहन के पास पहुंची.... सुनिए .....मोहनजी...... हां.... कया है सुधा ....उठता हूं अभी थोड़ी देर में ...... आप यहां सो रहे है बेफिक्र से वहां मां.... मां....कया हुआ मां को .....कया हुआ ..... मोहनजी पिछले कुछ दिनों से देख रही हूं वह ना तो ठीक से खाती है और ना ठीक से सो पाती है ....अभी भी बालकनी मे बैठी है गुमसुम सी .....मुझे उनकी चिंता हो रही है ......पापा के अचानक चले जाने से शायद वह ..... सुधा .....पापा का अचानक चले जाना हमसब के लिए बडी क्षति पहुंचाने वाला है एक छाया जो अबतक हमें अपने अनुभवों के पतों से बचाती थी अब वो छाया .....कहकर सुबकने लगा..... मोहनजी ....जो चला गया उसे तो वापस हम नही ला सकते मगर जो है उसे भी खोना .....मोहनजी मां का यूं अकेला रहना नींद ना लेना अच्छे से खाना नही खाना ...उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही है..... ठीक कहती हो सुधा ....मे आज ब्लकी अभी उन्हें डाक्टर के पास..... मोहनजी .....उनका इलाज डाक्टर के पास नहीं ब्लकी हमारे ही पास है ..... कया मतलब..... हमारे पास.... मोहनजी ....जब बचपन में आप डर जाते थे तो और अकेलेपन से घबराते थे तो आप कया करते थे... मां के पास......ओह......समझ गया ...... हां .....अबसे मां के साथ आप उनके कमरे में रहेंगे .....दिन मे मे और आराध्या उनके आसपास रहेंगे उनसे बातचीत करेंगे वैसे ही आप रात मे उनसे बचपने की बातें वो नादानियों से उनकी डांटने वाली समझाने वाली घटनाओं को स्मरण कराएंगे ...... सुधा ......मे आजरात से मां के पास ही सोऊंगा .... हूं..... यही अच्छा होगा...... रात को मां के कमरे में......कौन..... कौन है..... मां....मे हूं मोहन..... मोहन......तू यहां ......बेटा काफी रात हो गई है तू सोया नही ....कुछ काम था .... हां.....आज मे आपके पास सोऊंगा यहां..... कया...... मगर बहु ....और आराध्या .....बेटा तुम्हें उनके पास होना चाहिए ..... नही मां...... मां .....कहा ना मे आपके पास सोऊंगा..... कया सुधा से झगडकर आया है .....देख वो बडी प्यारी बच्ची है उससे झगड़ा मत किया कर ....जा अभी ....और मना ले उसे..... नही मां .....ऐसा कुछ नहीं है .....सुधा सचमुच बहुत अच्छी है .....मां याद है बचपन में जब मे डर जाता था तो आपके पास आकर सोता था .... हां....याद है .....कयोंकि तू उसवक्त बच्चा था .....कमजोर था ......डरता था घबराता था .....इसलिए तू मेरे पास आकार लिपटकर सो जाता था..... मां .......जैसे हम बच्चे बचपन में कमजोर घबराकर डरकर अपने बडे मां के आंचल मे बेखौफ होकर सो जाते थे वैसे ही जब बडे बुजुर्ग अकेले में घबराहट महसूस करने लगे तो कया उन बच्चों का जो अब जवान हो चुके हैं उन बुजुर्गों का सहारा नही बनना चाहिए......मां .....मुझे पता है आप पापा के अचानक चले जाने से अकेला महसूस करने लगी है.......मां ....आप अकेली नही हो ....आपका मजबूत कंधा आपके पास है आपका बेटा ......मां .....कहकर मोहन एकबारगी फिर से मां से बचपने की तरह लिपट गया .....दोनों की आँँखे भीगी हुई थी .....कुछ देर मे बेखौफ बेखबर मां सचमुच बडी अच्छी नींद में सो रही थी .....एक प्ररेणास्त्रोत रचना...🙏🙏🙏
"प्रतिष्ठा...अपनी पत्नी को खो देने के बाद ना चाहते हुए भी मनोहर बाबू को उनके बेटे बहु शहर ले आएं शायद बिरादरी का दबाव था या समाज में अपनी छवि का .... यहां आकर मनोहर बाबू को अक्सर तानों से सामना करना पड़ता था... क्या पापाजी आप ठीक से खाना भी नहीं खा सकते देखिए कितना गिरा दिया टेबल पर....क्या पापा कम से कम बाथरूम में पानी तो ठीक से डाल दिया करो कितनी गंदगी छोड़ दी....मनोहर बाबू भरसक कोशिश करते की बेटा बहु को शिकायत का कोई मौका नहीं दें मगर साठ पार की उम्र में कंपकंपाते हाथ कम दिखाई देती नजरें अक्सर धोखा दे जाती थी वह चुपचाप रह जाते थे कभी कभी तो मन करता इससे अच्छा तो गांव में अकेले रहकर भूखे या घुटघुटकर मर जाता मगर फिर अपने बेटे की प्रतिष्ठा का ख्याल आता तो सिसककर रह जाते पहले जैसे तैसे उनकी पत्नी के साथ कट जाती थी कुछ वो तो कुछ मनोहर बाबू साथ देते हुए गुजर बसर कर लेते थे मगर अब वो भी उन्हें अकेला छोड़कर चली गई थी.....यहां रुकने की एक वजह और भी थी उनका पोता....वो कहते है ना मूल से ब्याज ज्यादा प्यारी लगती है तो बस उन्हें अपने पोते से प्यार और उसके साथ सुबह शाम पार्क में समय व्यतीत करना अच्छा लगता था आज भी सुबह सुबह बहु ने जोरदार लताड़ लगाई थी नाश्ते पर बेचारे ठीक से नाश्ता भी नहीं कर पाए थे पार्क की बैंच पर बैठें हुए अपने दादाजी को भीगी हुई पलकों को साफ करते हुए देखकर नन्हे केशव ने उनके आंसुओं को पोंछते हुए पूछा.... दादाजी.... हम इंसान बूढ़े क्युं हो जाते है... पोते केशव की बात सुनकर मनोहर बाबू कुछ देर उसे निहारते रहे फिर अपने आसपास नजरें घुमाने लगे आसपास बच्चों से लेकर जवान बुजुर्ग सभी नजर आ रहे थे उनकी आँखों में उनके बचपन से लेकर उनके बुढ़ापे तक का पूरा सफर तैर गया अपनी भीगी आँखे और कंपकंपाती जुबान से इतना ही बोल पाएं.....ताकि.. हमारे मरने पर..किसी को कोई अफसोस ना हो...."दोस्तों जब से लोग बुज़ुर्गों की इज्जत कम करने लगे,तब से लोग दामन में दुयाएं कम, दवाएं ज्यादा भरने लगे..." #copied #hindistory
Saturday, 22 April 2023
Thursday, 20 April 2023
Tuesday, 18 April 2023
Monday, 17 April 2023
साभार मायका और माँ ( कितनी खूबसूरत सच्ची कहानी है ). माँ थीं तो मोहल्ले भर को मेरे आने का पता होता था माँ थीं तो बने होते थे राजमाह चावल पुदीने की चटनी माँ थीं तो बिलकुल बुरा नहीं लगता था बिस्तर में लेटे रहना , सुस्ताना , टी वी देखना , चाय पीना माँ थीं तो अपने साथ साथ मेरे लिए भी डाल लेती थीं आम का अचार साल भर के लिए ले लेती साल भर के लिए देसी चावल जब छोटे छोटे बच्चों के साथ जाती तो कहती भूल जाओ सब , आनंद करो , मस्ती करो सब मैं संभाल लूँगी मेरे घर आती तो सब बनेरों पे पड़े होते धुले हुए चादर खेस लिहाफ़ सारे मोहल्ले को पता होता माँ आईं हैं निहायत बुरे वक्तों में सीने में मेरा मुँह छुपा लेती और कहती मैं हूँ न बुरा सपना आता तो सुबह बस पकड़ आती देखती मैं ठीक हूँ तो शाम को लौट जातींहाँ , काफ़ी छुपाती थी मैं अपने दर्द उन से पर माँ की आँखें तो तस्वीर में भी भाँप जाती है दर्द गईं तो मेरा मायका भी साथ ले गईंएक बार गई मैं तो बाहर वाले कमरे में बैठ घंटों रोती रहीकिसी को ख़बर तक न पड़ी मेरे आने की फिर सालों साल उस शहर में क़दम पड़े ही नहीं वो रास्ते यूँ जैसे नाग फ़न फैलाए बैठे हों सोचा था , अब धुँधला पड़ने लगा है सब अब जाने लगी हूँ उस शहर ख़रीदारी भी कर लेती हूँ वहाँ माँ थीं तो ज़रूरी होता था शॉपिंग पे जाना नहीं तो पूछतींकोई बात है उदास हो क्या पैसे मुझ से ले लो कुछ बचा कर रखे हैं तुम्हारे बाबू जी से परे नहीं , पर कुछ भी धुँधला नहीं पड़ा है पालती मार कर बैठा था कहीं ज़िंदगी की व्यस्तता में कहीं एक शब्द पढ़ा तो ज़ार ज़ार फूट पड़ा सब कोई भी दर्द क्या मर पाता है कभी पूरी तरह यूँ तो सब ठीक है पर काश माँ को कोई दर्द न देती काश उनका दर्द बाँट लेती काश उनके लिए ढेरों सूट गहने ख़रीद पाती काश उन्हें घुमाने ले जा पाती काश उन्होंने कभी जो देखे थे ख़्वाब पूरे कर पाती पर यह काश भी तो ख़ुद माँ बन कर ही समझ आता है इतनी देर से क्यों समझ आता है ?
Sunday, 16 April 2023
Friday, 14 April 2023
अपनी #मृत्यु और अपनों की मृत्यु #डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...मौत के स्वाद का #चटखारे लेता मनुष्य ...थोड़ा #कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा #स्वाद है।---बकरे का,गाय का,भेंस का,ऊँट का,सुअर का,हिरण का,तीतर का, मुर्गे का,हलाल का,बिना हलाल का, ताजा बकरे का,भुना हुआ बकरे का,छोटी मछली, #बड़ी मछली, हल्की आंच पर सिका हुआ #मछली।न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....स्वाद से कारोबार बन गई #मौत। मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"❗ #स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी #ऑफिशियल। गली गली में खुले नये बिरयानी #रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है। जो हमारी तरह बोल नही सकते, #अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं, उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ? कैसे मान लिया कि उनमें #भावनाएं नहीं होतीं ?या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?#डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की #आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए ! बच्चों में झुठे #संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक #आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??जिसे काटा गया होगा ? जो कराहा होगा ? जो तड़पा होगा ? जिसकी आहें निकली होंगी ? जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर #अत्याचार बढ़ेंगे तोभगवान सिर्फ तुम इंसानों की #रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓क्या मूक #जानवर उस परमपिता #परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की #चिंता नहीं है .. ❓धर्म की आड़ में उस #परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की #बली चढ़ाते हो।कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो। पर मरा कटा एक बेजुबान ही 😌कभी सोचा ...??क्या ईश्वर का #स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?किसे ठग रहे हो ?भगवान को ? वाहेगुरु को ? अल्लाह को ? जीसस को ? या स्वयं को ?#मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!अभी रोज़े चल रहे हैं ....!#नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!झूठ पर झूठ......झूठ पर झूठ..झूठ पर झूठ ..हमारे बच्चों को अगर कोई ऐसे खाए तो हमें कैसा लगेगा ?? #कर्म का #फल मिल कर रहता है ये याद रखना ।ईश्वर ने #विवेक सिर्फ तुम्हे दी । ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम #जन्म_मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको। लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को #भगवान समझ लिया।प्रकृति के साथ रहो।प्रकृति के होकर रहो।
Saturday, 8 April 2023
Monday, 3 April 2023
Sunday, 2 April 2023
Saturday, 1 April 2023
जब वो मांग में सिंदूर आते ही लड़की से औरत बन जाती है।जब वो शादी के तुरंत बाद दीदी से आंटी बन जाती है जबकि उसका पति दो बच्चों के बाद भी भैया ही बना रहता है।जब शादी की अगली सुबह बेटे को आराम करने दिया जाता है और उसे रसोई में प्रवेश मिल जाता है। सबकी पसंद का खाना बना के खिलाओ ,अपनी पसंद का कोई पूछेने वाला नही जब उसकी हर ग़लती भी उसकी और उसके पति की हर ग़लती भी उसी की ग़लती कहलाती है।जब उसका शादी से बाहर का आकर्षण उसको धोखे बाज़ बना देता है और उसके पति का आकर्षण उसके प्यार की कमी कहलाता है।जब मायके आने के लिए किसी की इजाजत जरूरी हो जाती है।जब मायके की यादों की उदासी को उसके काम ना करने का बहाना करार दिया जाता है।जब जरूरत पड़ने पर ना वो पति से पैसे मांग पाती है और ना ही पिता से।जब उसकी माँ उसे समझौता करने को कहती रहती है। और अपनी सफल शादी की दुहाई देती रहती हैजब ऑफिस से थक कर आने के बाद कोई पानी तक नहीं पूछता है।जब रात को पति के बाद सोती है और सुबह पति से पहले उठती है।जब अपने सपने/ख्वाहिशें भूल जाती है और कोई पुरानी सहेली उसको याद दिलाती है।शादी सभी के लिए उतनी मीठी नहीं होती जितनी नज़र आती है। महिलाओं के लिए आज भी जीवन मुश्किल है।वो जो महिला को आप रोज़ देखते है और उससे उसकी आँखों के नीचे काले घेरे होने का कारण पूछते है, मत पूछिए। वो कभी नहीं बताएगी। और अगर बताती भी है तो आप कभी नहीं समझेंगे।अरे भई! जिसे उसकी माँ ने नहीं समझा, आप क्या खाक समझेंगे?और भी जाने क्या-क्या बकवास दलीलों के रूप में सुनने को मिलती है।महिलाओं के शांत चेहरों और फूल से हँसी के पीछे कौन-कौन से तूफ़ान गुज़र रहे होते है, आप कभी नहीं समझोगे। स्त्री को समझने के लिए सात जन्म कम पड़ जायेंगे ।एक दिन स्त्री की जगह लेकर तो देखो दिन में तारे नज़र आयेंगे ।🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Friday, 31 March 2023
जीवन मे सबकुछ अच्छा चल रहा हो तब भी जरा सावधान रहिए। क्योंकि सड़क पर "गड्ढे" और जिंदगी में "रगड़े" कभी भी आ सकते हैं। अपने बच्चों को भी अचानक आई परेशानी को झेलने के लिए तैयार कीजिए। उन्हें गमले का पौधा मत बनाइये जो वक़्त पर पानी न मिले तो मुरझा जाए ।उन्हें जंगल का झाड़ बनाइये जो आंधी-तुफान और सूखे से संघर्ष कर के अपने वजूद को बचा सके।#beautifullife
Thursday, 30 March 2023
Wednesday, 29 March 2023
Tuesday, 28 March 2023
ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त ज़रुर होना चाहिए, जिससे आप जब चाहें कॉल कर सकें, मैसेज कर सकें, सलाह-मशवरा ले सकें, सुख-दुःख बाँट सकें, डांट सकें, लड़ सकें, कंधे पर सिर रख कर रो सकें, खुलकर हँस सकें, घूम सकें, जब चाहें मिल सकें, बेझिझक होकर निःसंकोच सब कुछ उसे बता सकें बिना इस बात की परवाह किये कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोचेगा...? अगर ऐसा दोस्त आपके पास है तो वाकई आप दुनिया के सबसे खुशनसीब इंसान हैं..हो सके तो किसी के अच्छे दोस्त बनिए, किसी को सुनने का प्रयास करिए, क्योंकि अधिकांश लोग अकेलेपन के अवसाद से ग्रसित हैं, आये दिन आत्महत्याएँ होती हैं, कभी सोचा है क्यों?? क्योंकि इनके पास सुनाने वाले तो बहुत हैं पर सुनने वाला कोई नहीं...!♥️♥️ #friend #dost #beautifullife #hindimotivationalquotes
#Rishtey रिश्ते कोई भी हो शर्तों पर नहीं चलतेसमझ से चलते है, अगर किसी से रिश्ता निभाना हो तो बस उसके साथ खड़े रहो उसकी कमज़ोरियों का इस्तेमाल मत करो...!! नाम ज़रूरी नहीं किसी भी रिश्ते का , निभाना हो तो बस साथ निभाओ ..वादों में ना बांधों इन रिश्तों को इज़्ज़त दोगे तो ही इज़्ज़त मिलेगी...!! ज़िन्दगी में सिर्फ रिश्ते बनाना ज़रूरी नहींउनकी इज़्ज़त करना, उन्हें निभाना और सहेज कर रखना ज़्यादा ज़रूरी है..!! निभाओगे, साथ दोगे , तभी आपके बुरे वक़्त मेंयही रिश्ते काम आएंगे...!! अहम् में रहोगे तो अकेले हीं रह जाओगेकद्र करो... बसइन रिश्तों को इसी की ज़रूरत है...
Monday, 27 March 2023
*मृत्यु*जब कोई इंसान इस दुनिया से विदा हो जाता है तो उसके कपड़े, उसका बिस्तर, उसके द्वारा इस्तेमाल किया हुआ सभी सामान उसी के साथ तुरन्त घर से निकाल दिये जाते है।पर कभी कोई उसके द्वारा कमाया गया धन-दौलत. प्रोपर्टी, उसका घर, उसका पैसा, उसके जवाहरात आदि, इन सबको क्यों नही छोड़ते?बल्कि उन चीजों को तो ढूंढते है, मरे हुए के हाथ, पैर, गले से खोज-खोजकर, खींच-खींचकर निकालकर चुपके से जेब मे डाल लेते है, वसीयत की तो मरने वाले से ज्यादा चिंता करते है।इससे पता चलता है कि आखिर रिश्ता किन चीजों से था।इसलिए पुण्य परोपकार ओर नाम की कमाई करो।इसे कोई ले नही सकता, चुरा नही सकता। ये कमाई तो ऐसी है, जो जाने वाले के साथ ही जाती है।हाड़ जले ज्यूँ लाकड़ी, केस जले ज्यूँ घास।कंचन जैसी काया जल गई, कोई न आयो पास।जगत में कैसा नाता रे।#beautifullife
Sunday, 26 March 2023
#CORONAਰੋਕ ਕੇ ਰੱਖ ਦਿੱਤਾ ਕਿਸੇ ਗਾਹ ਨੂੰ ਵੱਧਦਾ ਹੋਇਆ ਕਦਮ ਮੇਰਾਬਿਨਾਂ ਕੋਈ ਗੱਲ ਕੀਤਿਆਂ ਕਾਤੋ ਪਾ ਲਿਆ ਮੈਨੂੰ ਘੇਰਾਆਪਣੇ ਘਰੋਂ ਬਾਹਰ ਜਾਣਾ ਏਹੇ ਕਿਥੋਂ ਦਾ ਗੁਨਾਹ ਹੋ ਗਿਆ ਇਕ ਪੁਲਿਸ ਮੁਲਾਜ਼ਮ ਐਵੇਂ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਖਫ਼ਾ ਹੋ ਗਿਆਕਹਿੰਦਾ ਹੁਣ ਨਾ ਥੋਡੇ ਚੋਬਾਹਰ ਨੂੰ ਕੋਈ ਝਾਕੇਚੁਪ ਚੁਪੀਤੇ ਲੱਗ ਜਾਓ ਆਖੇਨਈ ਤਾਂ ਸਮਝਾਉਂਗਾ ਡੰਡਾ ਲਾਕੇਸਮਝ ਰਤਾਂ ਨਾ ਆਇਆ ਮੈਨੂੰਸਮਝਾਉਣਾ ਕੀ ਏ ਚਾਉਂਦਾ ਹੋਕਾ ਜੇਹਾ ਇਕ ਦੇਈ ਜਾਏਗੇਟ ਹਰ ਇਕ ਦਾ ਟੌਹਦਾ ਟੌਹਦਾਕਹਿੰਦਾ ਬਿਮਾਰੀ ਆਈ ਲੋਕੋਬਹੁਤੀ ਜਾਦੀ ਘਾਤਕਗਲਾ ਫੜਦੀ ਛਾਤੀ ਫੜਦੀ ਰੋਕੇ ਸਾਡੇ ਸਾਹ ਤੱਕਗੱਲ ਸੁਣਕੇ ਅਜੀਬ ਜਿਹੀ ਯਕੀਨ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕੀਤਾਡੰਡਾ ਚੁੱਕ ਕੇ ਗੁੱਸੇ ਦੇ ਨਾਲ ਮੁਲਾਜਮ ਬੋਲਿਆ ਭਰਿਆ ਪੀਤਾਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਨਾ ਹੁਣ ਮੈਨੂੰਦੱਸਣਾ ਪਵੇ ਦੁਬਾਰੇ ਬਾਹਰ ਦੇ ਲੋਕ ਮਰਦੇ ਜਾਂਦੇਡਾਕਟਰ ਕਈ ਨੇ ਹਾਰੇਇਕ ਹੀ ਇਸ ਦੀ ਰੋਕ ਹੈਆਪਣਿਆਂ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ ਘਟਾਓਨਮਸਤੇ ਦੇ ਨਾਲ ਯਾਰੀ ਲਾਕੇਹੱਥ ਮਿਲਾਉਣ ਤੋਂ ਘਬਰਾਓਮੂੰਹ ਦੇ ਉੱਤੇ ਕੱਪੜਾ ਰੱਖ ਕੇ ਛਿਕੋ ਅਤੇ ਖੰਗੋਰੱਬ ਤੋਂ ਉੱਤੇ ਕੁਝ ਹੋਰ ਨਈਘਰ ਰਹਿ ਕੇ ਸਰਬਤ ਦਾ ਭਲਾ ਮੰਗੋ ਜਤਿੰਦਰ ਪਾਲ #corona
Wednesday, 22 March 2023
Tuesday, 21 March 2023
•❁ धन, बहुत ज़रूरी है ❁• 👇 लेकिन 👇 ❥❥═══════♡♡ किसी गाँव में ... एक धनी सेठ रहता था. उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी.उस मोची की एक खास आदत थी, कि वो जब भी जूते सिलता, तो भगवान के भजन गुनगुनाता रहता था, लेकिन ... सेठ ने कभी उसके भजनों की तरफ ध्यान नहीं दिया. एक दिन सेठ की तबीयत बहुत ख़राब हो गयी, लेकिन पैसे की कोई कमी तो थी नहीं, सो शहर से डॉक्टर, वैद्य, हकीमों को बुलाया गया. लेकिन कोई भी सेठ की बीमारी का इलाज नहीं कर सका. अब सेठ की तबीयत दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही थी. वह चल फिर भी नहीं पाता था. एक दिन वह घर में लेटा था. अचानक उसके कान में मोची के भजन गाने की आवाज सुनाई दी, आज मोची के भजन, सेठ को कुछ अच्छे लग लग रहे थे. कुछ ही देर में सेठ इतना मंत्रमुग्ध हो गया, कि उसे ऐसा लगा जैसे वो साक्षात परमात्मा से मिलन कर रहा हो. मोची के भजन सेठ को उसकी बीमारी से दूर ले जा रहे थे. कुछ देर के लिए सेठ भूल गया, कि ★ वह बीमार है. ★ उसे अपार आनंद की प्राप्ति हुई. कुछ दिन यही सिलसिला चलता रहा. अब धीरे-धीरे सेठ के स्वास्थ्य में सुधार आने लगा. एक दिन उसने मोची को बुलाया, और कहा ~ मेरी बीमारी का इलाज बड़े-बड़े डॉक्टर नहीं कर पाये, लेकिन .... तुम्हारे भजन ने मेरा स्वास्थ्य सुधार दिया. ये लो 1000 रुपये इनाम. मोची खुशी-खुशी पैसे लेकर चला गया. लेकिन ... उस रात मोची को बिल्कुल नींद नहीं आई. वो सारी रात यही सोचता रहा, कि इतने सारे पैसों को कहाँ छुपा कर रखूँ, और ... इनसे क्या-क्या खरीदना है ? इसी सोच की वजह से वो इतना परेशान हुआ, कि अगले दिन काम पर भी नहीं जा पाया. अब भजन गाना तो जैसे ◆ वो भूल ही गया था. ◆ मन में खुशी जो थी ... पैसे की. अब तो उसने काम पर जाना ही बंद कर दिया, और धीरे-धीरे उसकी दुकानदारी भी चौपट होने लगी. इधर सेठ की बीमारी ... फिर से बढ़ती जा रही थी. एक दिन मोची सेठ के बंगले में आया, और बोला ~ सेठ जी .. आप अपने ★ ये पैसे वापस रख लीजिये. ★ इस धन की वजह से मेरा धंधा चौपट हो गया, मैं भजन गाना ही भूल गया. इस धन ने तो मेरा परमात्मा से नाता ही तुड़वा दिया. मोची पैसे वापस करके फिर से अपने काम में लग गया. ♾️♾️♾️♾️ मित्रों ! ये एक कहानी मात्र नहीं है, ये एक सीख है, कि ~ किस तरह पैसों का लालच हमको अपनों से दूर ले जाता है. हम भूल जाते हैं , कि ... कोई ऐसी शक्ति भी है जिसने हमें बनाया है. आज के माहौल में ये सब कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है. ❗ लोग 24 घंटे सिर्फ ❗ जॉब की बात करते हैं, बिज़नेस की बात करते हैं, पैसों की बात करते हैं. ❗ हालांकि ❗ धन, जीवन यापन के लिए बहुत जरुरी है. लेकिन ... उसके लिए अपने अस्तित्व को भूल जाना मूर्खता ही है.#beautifullife #Hindistory
गाय का बछडा मां से उठकर दुध पीने की आशा से कहता है हे मां उठ मुझै भूख लगी है मुझे दुध पीला और घर चलते है निराश मां कहती है जबतक मे दूध दैती थी घर वालो को प्यारी लगती थी मेरी उम्र ढल चुकी हैं घर वालो ने हमे बैघर कर दिया तू जा बेटा घास खाकर गुजारा कर मेरे पांवो मे वो ताकत नहीं है .जो खडी हो सकु इतना कहकर उस गाय ने इस स्वार्थी मानव को दुआ दैकर संसार से विदाई लेली 😭😭
Sunday, 19 March 2023
Thursday, 16 March 2023
एक कहानी दृष्टिहीनों कीपुरातन समय की बात है एक बस्ती में एक अजीब बीमारी फैलने लगी लोगो की नजर कमजोर होने लगी , कई लोग अंधे हो गए इसका कारण समझ नहीं आ रहा था ।हर घर में यह बीमारी फैल रही थी।उस बस्ती के गणमान्य व्यक्ति इक्ठे हुए और उन्होंने कुछ फैसले लिए ।लोगो की सुरक्षा अहम मुद्दा था ।किसी को भी पता नहीं था कब वो बस्ती सिर्फ अंधे लोगो की बस्ती बन जाए इस लिए फैसला लिया गया की बस्ती के चारो और दीवार बना दी जाए ताकि कोई बस्ती में रहने वाले को नुकसान न पहुंचा सके ,कोई भी बस्ती में रहने वाला भटक कर दूर न चला जाए की वापसी न हो पाएं ।धीरे धीरे सब बस्ती के लोग अंधे हो गए ।समय बदलता गया नए जन्म हुए वंशावली बदल गई उनकी आंखों पर एक झिल्ली आ गई नजर बिल्कुल खत्म हो गई,अगर गलती से भी लोग आपस में टकरा जाते तो लड़ाई हो जाती अब लोगो ने गुट बना लिए यह सोचकर की हम दूसरों से सुरक्षा रहेंगे जबकि दूसरा कोई था ही नहीं सब उसी बस्ती के लोग ही थे और सब दृष्टिविहीन थे।अब उन लोगो का भाग्य कहे या दुर्भाग्य एक डॉक्टर वहां पहुंच गया वो उस बीमारी से ग्रसित नहीं था और देख सकता था गणमान्य नागरिकों को पता चला कोई बाहर से उनकी बस्ती में आया है तो वो उस चिकिसक का स्वागत करने आए । Us डॉक्टर को बोलने का समय दिया गया ।इस डॉक्टर ने आंखों का ज़िक्र किया ,रोशनी का ,सूर्य का सूर्य के प्रकाश का , पेडों का , घास का जिसे सुनकर वो सारे लोग आपस मे विरोधी बातें करने लगे ,उन्हे डर लगने लगा की यह डॉक्टर उन्हे मिटाने आया है वो डॉक्टर को झूठा कहने लगे,आंख जैसी कोई चीज नहीं होती।अब डॉक्टर भी अड़ गया और उसने कुछ लोगो को अपने प्रभाव में लिया और कुछ लोगो की चिकित्सा कर डाली ।वो लोग भी डॉक्टर की बातों के समर्थक बन गए । शहर के विद्वानों को लगा की यह हमे खतम करे की तैयारी है ,हमारी सभ्यता नष्ट हो जाएगी वो भी प्रचार करने लगे यह डाक्टर झूठ बोल रहा है ,इसे यहां से निकालो यह हमारे शहर को खतम कर देगा। जबकि डॉक्टर तो उन्हे आंखें दे रहा था ,उन्हे जीवन की खूबसूरती दिखाना चाहता था।उनका जीवन भयमुक्त करना चाहता था ।लोगों ने डॉक्टर पर भी हमले किए और उसे वहां से जाने को मजबूर कर दिया ।जरा सोचिए वो डॉक्टर उन्हे अंधेरे से निकालना चाहता था उसे कोई स्वार्थ नहीं था पर उसे जाने को मजबूर कर दिया गया ।ऐसे ही जब अज्ञानता का अंधकार छा जाता है और हमारी देखने और सोचने की शक्ति का विनाश हो जाता है,तब दुनिया में इंसानों को इस अज्ञानता की बीमारी से बचाने ईश्वर सतगुरु बनकर आ जाता है पर हम सुनने को तैयार नहीं ,हमे अंधेरा पसंद हो गया,हम सतगुरु (ईश्वर)का विरोध करते हैं ,हम इस गफलत की नींद से जागना नहीं चाहते ।हमारी धारणाओं हमारी रुढ़ियों ने हमे इस कदर पकड़ रखा है की हम कुछ सुनना नहीं चाहते ,कुछ देखना नहीं चाहते ,मौका नहीं देना चाहते की वो हमे हमारी असली दुनिया दिखा सके । पूछिए अपने आप से कहीं आप भी उन दृष्टिहीन व्यक्तियों में शामिल तो नहीं । जागिए अभी वक्त है ,कहीं ऐसा न हो वक्त हाथों से निकल जाए और बाद में हमारे पास सिर्फ पश्चताप के अलावा कुछ हाथ न आए ।कृपा मेरा प्रेम पूर्ण अभिवादन स्वीकार करे और मुझे कृतार्थ करें । धन्यवाद #story #kahani
Wednesday, 15 March 2023
🙏 सच्चाआनन्द 🙏 एक किसान की स्त्री ने चने की रोटी बनाई. किसान आया, उसने अपने बच्चों का मुख चूमा, स्त्री ने उनके हाथ पैर धुलाये, वह रोटी खाने बैठ गया. तभी एक भिखारी किसान के घर भीख माँगने आया. स्त्री ने एक मुट्ठी चना भिखारी को डाल दिया, भिखारी चना लेकर चल दिया. रास्ते में वह सोचने लगा ~ हमारा भी कोई जीवन है ? दिन भर कुत्ते की तरह माँगते फिरते हैं, फिर स्वयं बनाना पड़ता है. इस किसान को देखो, कैसा सुन्दर घर है, घर में स्त्री है, बच्चे हैं. स्वयं के खेत में अन्न पैदा करता है, बच्चों के साथ प्रेम से भोजन करता है. वास्तव में सुखी तो यह किसान है. 📍📍📍📍 इधर वह किसान ... रोटी खाते-खाते अपनी स्त्री से कहने लगा ~ नीला बैल बहुत बुड्ढा हो गया है, अब वह किसी तरह काम नहीं देता. यदि कही से कुछ रुपयों का इन्तजाम हो जाये, तो इस साल काम चले. महाजन के पास जाऊँगा, वह ब्याज पर दे देगा. भोजन करके वह महाजन के पास गया, बहुत देर चिरौरी विनती करने पर 1रु. सैकड़ा सूद पर महाजन ने रुपये देना स्वीकार किया.एक लोहे की तिजोरी में से महाजन ने एक थैली निकाली और गिनकर रुपये किसान को दे दिये. रुपये लेकर किसान अपने घर को चला, वह रास्ते में सोचने लगा ~ हम भी कोई आदमी हैं, घर में 5 रु. भी नकद नहीं. कितनी चिरौरी विनती करने पर उसने रुपये दिये. महाजन कितना धनी है, उसके पास सैकड़ों रुपये हैं. वास्तव में सुखी तो यह महाजन ही है. 📍📍📍📍 महाजन छोटी सी दुकान करता था, वह एक बड़ी दुकान से कपड़े लाकर गाँव में बेचता था. दूसरे दिन महाजन कपड़े लेने गया. वहाँ सेठ पृथ्वीचन्द की दुकान से कपड़ा लिया. जितनी देर वह वहाँ बैठा, उतनी देर में कई तार आए. कोई बम्बई का था, कोई कलकत्ते का, किसी में लिखा था ~ 5 लाख मुनाफा हुआ, किसी में एक लाख का. महाजन यह सब देखता रहा. कपड़ा लेकर वह वापस चला. महाजन रास्ते में सोचने लगा ~ हम भी कोई आदमी हैं, सौ दो सौ जुड़ गये, और महाजन कहलाने लगे. पृथ्वीचन्द को देखो. एक दिन में लाखों का फायदा वास्तव में सुखी तो यह सेठ है. 📍📍📍📍 उधर पृथ्वीचन्द बैठे थे कि इतने में एक तार आया कि ~ 5 लाख का घाटा हुआ. वे चिन्ता में थे कि नौकर ने कहा ~ आज लाट साहब की रायबहादुर सेठ के यहाँ दावत है. आपको भी जाना है. पृथ्वीचन्द मोटर पर चढ़ कर रायबहादुर की कोठी पर गया. वहाँ सोने चाँदी की कुर्सियाँ थीं. रायबहादुर जी से कलेक्टर, कमिश्नर हाथ मिला रहे थे, जहाँ बड़े-बड़े सेठ खड़े थे. वहाँ सेठ पृथ्वीचन्द को कौन पूछता. वे भी एक कुर्सी पर जाकर बैठ गये. लाट साहब आये, रायबहादुर से हाथ मिलाया, उनके साथ चाय पी और चले गये. पृथ्वीचन्द अपनी मोटर में लौट रहे थे. रास्ते में सोचने लगे ~ हम भी कोई सेठ हैं, 5 लाख के घाटे से ही घबड़ा गये. रायबहादुर का कैसा ठाठ है. लाट साहब उनसे हाथ मिलाते हैं. वास्तव में सुखी तो ये ही हैं. 📍📍📍📍 अब इधर लाट साहब के चले जाने पर रायबहदुर के सिर में दर्द हो गया. घाटे के कई तार एक साथ आ गये थे, उनकी भी चिन्ता थी, कारोबार की भी बात याद आ गई, वे चिन्ता में पड़े थे. खिड़की से उन्होंने झाँक कर देखा ~ एक भिखारी हाथ में डंडा लिये अपनी मस्ती में जा रहा था. रायबहदुर ने उसे देखा और बोले ~ वास्तव में तो सुखी यही है, इसे न तो घाटे की चिन्ता ... न मुनाफे की खुशी. ─⊱━━━━⊱⊰━━━━━⊰─इस कहानी का मतलब इतना ही है, कि हम एक दूसरे को सुखी समझते हैं. वास्तव में सुखी कौन है, इसे तो वही जानता है, जिसे आन्तरिक शाँन्ति है.एक विरक्त साधु ने एक राजा से कहा थाराजन आप इतने बड़े राज्य के स्वामी हैं और मैं अपने फटे कपड़ों का स्वामी हूँ. यानि ... हम दोनों ही के पास स्वामित्व तो है ही. अब हम में दरिद्र वही है, जिसकी ... तृष्णा बढ़ी हुई हो. मैं तो इन फटे कपड़ों से ही सन्तुष्ट हूँ. तुम इतने बड़े राज्य से भी संतुष्ट नहीं. संतुष्टि राज्य वैभव में नहीं, वह तो मन का धर्म है, यदि मन सन्तुष्ट हुआ तो फिर चाहे लाख रुपये हों, या ... एक पैसा भी न हो, दोनों ही हालत में आनन्द है. केवल रुपये पैसे में आनन्द खोजना ... यह हमारी भूल है. #सच्चाआनंद, #सच्चासुख तो ... #भगवान् की प्राप्ति में ही है.🙏🙌#सच #story
🙏 सच्चाआनन्द 🙏 एक किसान की स्त्री ने चने की रोटी बनाई. किसान आया, उसने अपने बच्चों का मुख चूमा, स्त्री ने उनके हाथ पैर धुलाये, वह रोटी खाने बैठ गया. तभी एक भिखारी किसान के घर भीख माँगने आया. स्त्री ने एक मुट्ठी चना भिखारी को डाल दिया, भिखारी चना लेकर चल दिया. रास्ते में वह सोचने लगा ~ हमारा भी कोई जीवन है ? दिन भर कुत्ते की तरह माँगते फिरते हैं, फिर स्वयं बनाना पड़ता है. इस किसान को देखो, कैसा सुन्दर घर है, घर में स्त्री है, बच्चे हैं. स्वयं के खेत में अन्न पैदा करता है, बच्चों के साथ प्रेम से भोजन करता है. वास्तव में सुखी तो यह किसान है. 📍📍📍📍 इधर वह किसान ... रोटी खाते-खाते अपनी स्त्री से कहने लगा ~ नीला बैल बहुत बुड्ढा हो गया है, अब वह किसी तरह काम नहीं देता. यदि कही से कुछ रुपयों का इन्तजाम हो जाये, तो इस साल काम चले. महाजन के पास जाऊँगा, वह ब्याज पर दे देगा. भोजन करके वह महाजन के पास गया, बहुत देर चिरौरी विनती करने पर 1रु. सैकड़ा सूद पर महाजन ने रुपये देना स्वीकार किया.एक लोहे की तिजोरी में से महाजन ने एक थैली निकाली और गिनकर रुपये किसान को दे दिये. रुपये लेकर किसान अपने घर को चला, वह रास्ते में सोचने लगा ~ हम भी कोई आदमी हैं, घर में 5 रु. भी नकद नहीं. कितनी चिरौरी विनती करने पर उसने रुपये दिये. महाजन कितना धनी है, उसके पास सैकड़ों रुपये हैं. वास्तव में सुखी तो यह महाजन ही है. 📍📍📍📍 महाजन छोटी सी दुकान करता था, वह एक बड़ी दुकान से कपड़े लाकर गाँव में बेचता था. दूसरे दिन महाजन कपड़े लेने गया. वहाँ सेठ पृथ्वीचन्द की दुकान से कपड़ा लिया. जितनी देर वह वहाँ बैठा, उतनी देर में कई तार आए. कोई बम्बई का था, कोई कलकत्ते का, किसी में लिखा था ~ 5 लाख मुनाफा हुआ, किसी में एक लाख का. महाजन यह सब देखता रहा. कपड़ा लेकर वह वापस चला. महाजन रास्ते में सोचने लगा ~ हम भी कोई आदमी हैं, सौ दो सौ जुड़ गये, और महाजन कहलाने लगे. पृथ्वीचन्द को देखो. एक दिन में लाखों का फायदा वास्तव में सुखी तो यह सेठ है. 📍📍📍📍 उधर पृथ्वीचन्द बैठे थे कि इतने में एक तार आया कि ~ 5 लाख का घाटा हुआ. वे चिन्ता में थे कि नौकर ने कहा ~ आज लाट साहब की रायबहादुर सेठ के यहाँ दावत है. आपको भी जाना है. पृथ्वीचन्द मोटर पर चढ़ कर रायबहादुर की कोठी पर गया. वहाँ सोने चाँदी की कुर्सियाँ थीं. रायबहादुर जी से कलेक्टर, कमिश्नर हाथ मिला रहे थे, जहाँ बड़े-बड़े सेठ खड़े थे. वहाँ सेठ पृथ्वीचन्द को कौन पूछता. वे भी एक कुर्सी पर जाकर बैठ गये. लाट साहब आये, रायबहादुर से हाथ मिलाया, उनके साथ चाय पी और चले गये. पृथ्वीचन्द अपनी मोटर में लौट रहे थे. रास्ते में सोचने लगे ~ हम भी कोई सेठ हैं, 5 लाख के घाटे से ही घबड़ा गये. रायबहादुर का कैसा ठाठ है. लाट साहब उनसे हाथ मिलाते हैं. वास्तव में सुखी तो ये ही हैं. 📍📍📍📍 अब इधर लाट साहब के चले जाने पर रायबहदुर के सिर में दर्द हो गया. घाटे के कई तार एक साथ आ गये थे, उनकी भी चिन्ता थी, कारोबार की भी बात याद आ गई, वे चिन्ता में पड़े थे. खिड़की से उन्होंने झाँक कर देखा ~ एक भिखारी हाथ में डंडा लिये अपनी मस्ती में जा रहा था. रायबहदुर ने उसे देखा और बोले ~ वास्तव में तो सुखी यही है, इसे न तो घाटे की चिन्ता ... न मुनाफे की खुशी. ─⊱━━━━⊱⊰━━━━━⊰─इस कहानी का मतलब इतना ही है, कि हम एक दूसरे को सुखी समझते हैं. वास्तव में सुखी कौन है, इसे तो वही जानता है, जिसे आन्तरिक शाँन्ति है.एक विरक्त साधु ने एक राजा से कहा थाराजन आप इतने बड़े राज्य के स्वामी हैं और मैं अपने फटे कपड़ों का स्वामी हूँ. यानि ... हम दोनों ही के पास स्वामित्व तो है ही. अब हम में दरिद्र वही है, जिसकी ... तृष्णा बढ़ी हुई हो. मैं तो इन फटे कपड़ों से ही सन्तुष्ट हूँ. तुम इतने बड़े राज्य से भी संतुष्ट नहीं. संतुष्टि राज्य वैभव में नहीं, वह तो मन का धर्म है, यदि मन सन्तुष्ट हुआ तो फिर चाहे लाख रुपये हों, या ... एक पैसा भी न हो, दोनों ही हालत में आनन्द है. केवल रुपये पैसे में आनन्द खोजना ... यह हमारी भूल है. #सच्चाआनंद, #सच्चासुख तो ... #भगवान् की प्राप्ति में ही है.🙏🙌#सच #story
Tuesday, 14 March 2023
🥀🥀🥀🥀सबसे बड़ा धन🥀🥀🥀🥀 बहादुर सिंह गाँव के संपन्न किसान थे. भरा पूरा घर परिवार था, किसी चीज़ की कमी न थी. कमी थी, तो बस एक चीज़ की ... भगवान ने जितना दिया उससे कभी खुश नहीं रहते थे. बहादुर सिंह को हमेशा, भगवान से यही शिकायत रहती थी, कि भगवान ने मेरे लिए ❌ कुछ नहीं किया. ❌ मैंने अपनी मेहनत से हवेली बनायी है, लेकिन भगवान ने मेरे कामों को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. मैंने तो जीवन में जो पाया है ... खुद ही करके पाया है.समय का पहिया तेजी से घूमता गया, बचपन गुजरा, जवानी गयी, अब बहादुर सिंह 80 वर्ष के एक वृद्ध थे, लेकिन अकड़ आज भी वही पुरानी. पैसा था तो ... अकड़ तो होनी ही थी. उम्र के साथ शरीर में कमियाँ आने लगीं. बहादुर सिंह को अब अपने कान से बहुत कम सुनाई पड़ता था. बोलो कुछ ~ वो सुनते कुछ और. नाती, पोते हंसी उड़ाते थे, कि बाबा को सुनाई नहीं देता.कहो कुछ और, ये सुनते कुछ और हैं.बहादुर सिंह गुस्से में भरे हुए एक दिन डॉक्टर के यहाँ पहुँचे, और बोले ~ डॉक्टर बाबू ! कान से सुनाई - बहुत कम पड़ता है, आप जल्द से जल्द मेरा इलाज कर दीजिये. डॉक्टर ने बहादुर सिंह के कुछ मेडिकल चेकअप कराये, और ... दो दिन बाद उनसे रिपोर्ट ले जाने को कहा. 2 दिन बाद बहादुर सिंह फिर से डॉक्टर के पास अपनी रिपोर्ट लेने गए. डॉक्टर ने एक रिपोर्ट और एक बिल उनको दिया. बिल में करीब 50 हजार रुपये की रकम लिखी थी. उन दिनों 50 हजार बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी. बहादुर सिंह ने डॉक्टर से बिल के बारे में पूछा, तो डॉक्टर ने बताया ~ महाशय, आपकी रिपोर्ट के अनुसार, आपके कान में गंभीर समस्या है, और इसके इलाज में 50 हजार रुपये लगेंगे. आप जल्दी ही बिल भर दें तो मैं ऑप्रेशन कर दूँगा.🎯 बस इतना सुनते ही बहादुर सिंह की आँखों से आँसू निकल पड़े. डॉक्टर .. बहादुर सिंह जैसे कड़क इंसान की आँखों में आँसू देख के बोले ~ क्या हुआ बिल की रकम बहुत ज्यादा है क्या ? बहादुर सिंह करूणा भरे स्वर में बोले ~ आज मेरी उम्र 80 साल है, और मेरा जीवन ज्यादा नहीं बचा है, फिर भी कान ठीक कराने के लिए मुझे 50 हजार रुपयों की जरुरत पड़ी. लेकिन ... उस ईश्वर ने 80 साल में मुझसे कुछ नहीं माँगा, मैं 80 सालों से इन कानों से सुनता आया हूँ , लेकिन ईश्वर ने तो कभी मुझसे कुछ माँगा ही नहीं, और थोड़े से बचे जीवन के लिए मुझे 50 हजार रुपये देने होंगे.🎯 ★ ... कैसी विडंबना है ... ★ इस अमूल्य शरीर को पाकर भी हम ईश्वर को ताना देते हैं कि मुझे कुछ नहीं दिया. लेकिन ईश्वर कहता है, कि ~ मैंने सबको बराबर दिया है, लोग अपने कर्मों से, अपनी बुद्धि से आगे बढ़ते हैं.. ♾️♾️♾️♾️ मित्रों, आपका शरीर दुनिया का सबसे बड़ा धन है. ईश्वर ने आपको जन्म से इस शरीर को देकर धनी बनाया है, लेकिन हम हमेशा ईश्वर को कोसते रहते हैं , कि हमें ये नहीं मिला या वो नहीं मिला.★ आँखों की कीमत ❗ उस इंसान से पूछो ... जिसको दिखाई न देता हो.★ कान की कीमत उससे पूछो ❗ जिसने आज तक कोई शब्द सुना ही न ह़ो.★ हाथों की कीमत उससे पूछो ❗ जो बेचारा हाथ ना होने के कारण ठीक से खा भी नहीं पाता.★ पैरों की कीमत उससे पूछो ❗ जो बेचारा वैसाखियों पर चलता है. सोचिये ... क्या बीतती होगी, ऐसे लोगों पर ? कितना आत्मविश्वास डगमगाता होगा ऐसे लोगों का ? कितनी बार वो खुद को असहाय महसूस करते होंगे ? ❗ और एक हम हैं ❗ शरीर से धनी होने के बावजूद जीवन भर कुछ नहीं कर पाते बस ... उस ईश्वर को ... कोसने में लगे रहते हैं.🎯 आज इस कहानी को पढ़ते हुए ... आपको मेरे साथ प्रण करना होगा, कि आज से कभी भगवान को नहीं कोसेंगे. या तो आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे , नहीं तो, जो मिला है उसी में खुश रहेंगे. 😍😍💐
Monday, 13 March 2023
#beautifulladies 💗दुख कहा बताती है स्त्री खुद को कहा बाटती है स्त्री उसके पल्लू से पूछोउसके आंसुओ कोकितनी बार पोछा है उसके तकिए से पूछोउसके दिल का दर्द रात भर रोकर भी हर सुबह उठकर मुस्कुराती है स्त्री ।उसकी आंखों से पूछो कितनी रात जाग कर काटी है उसको लब से पूछो कितनी बार कुछ कहने से पहले थम जाती है कितनी बाते दिल के अंदर छुपा कर रह जाती है स्त्री ।कितनी थक चुकी है वो रिश्तों का भोज ढोते ढोतेजाने अंजाने में कितनी बार उसको झुकना पड़ा ना चाहकर भी उसको ही रुकना पड़ा बस रिश्तों को बचाने के लिए खुद झुक जाती है स्त्री ।एक पल भी उसका अपना कहा है सबवक्त तो उसने दूसरोके नाम कर दिया फिर भी जवाब देना पड़ता है कि तुमने किया क्याकिसको कहे दुख कैसे बयां करे खुद के अंदर के तूफान को छुपा कर हर दर्द सीने में कितना कुछ सह जाती है स्त्री खुद से ही कितना कुछ छुपा जाती है स्त्री ।। #Happywomen'sday to all beautiful ladies 💗
Sunday, 12 March 2023
मन की बात.. 🖤एक स्त्री जब दुल्हन बनती है..अपने घूंघट के पीछे हजारों सपने लिए..अपने पति के घर जाने को तैयार हो जाती है..सपने कुछ उसकी खुशहाली के..कुछ अपनो के खुशहाली के होते..थोड़ा डर होता के क्या वो अपने सपने सच कर पाएगी??क्या अपने ससुराल वालों की आंखों का तारा बन पाएगी??कुछ अधूरे सपने अधूरे जवाब लिए मंडप पर बैठ जाती है..फिर मां से हौसला समेटे..अपने सपनों और हजारों सवाल के साथ ससुराल को आ जाती..घर में कभी कोई लाड प्यार से उसे संवारता है..तो कभी कोई खरी खोटी कह दुत्कारता है..वो डरती है सहमती है,, पर कुछ कह नहीं पाती..मां का फोन आता है..भरी सहमी अपनी बच्ची की आवाज को समझ,,मां पूछती है,, बेटा तू ठीक नहीं लग रही..एक बेटी तो अपनी मां से सब कह देना चाहती है..पर एक बहू और पत्नी के दर्जे से कुछ बयां नही कर पाती..और हंसकर कह जाती,, नहीं मां सब ठीक है..अक्सर एक स्त्री जब बेटी होती..उसमे जज़्बा होता अपने और अपनो के सपनों को सच कर दिखाने का..पर जैसे ही वह स्त्री एक बहू और पत्नी बनती है..उसके जीवन का पर्याय ही बदल जाता है..वो जिम्मेदारियो के बीच इतनी घिर चुकी होती है..के फिर ना उसके सपनों का कोई मोल होता है और ना सपने सच करने की उम्मीद..🖤🖤🖤
यह जिस्म तो किराये का घर है.. एक दिन खाली करना पड़ेगा..॥सांसे हो जाएंगी जब पूरी यहाँ..रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा.. मौत कोई रिश्वत लेती नहीं कभी..सारी दौलत को छोड़ के जाना पड़ेगा..| ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू..एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा.. मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त..तेरा क्या है... क्या साथ लेके जाना पड़ेगा.. इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहां खाली हाथ आया खाली जाना पड़ेगा..॥ना भर यूँ जेबे अपनी बेईमानी की दौलत से कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा.. ॥यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नही होगा यहां..रोज यहां किसी को "आना " तो किसी को " जाना " पड़ेगा..|| #maut #jisam #beautifullife
Tuesday, 7 March 2023
#दो बूँद #पानी तेरी #बादशाहत !!#बादशाह हारून रशीद के शाही तख्त पर एक फ़कीर आकर बैठ गया नाम बहलोल दाना है , इस जुर्म में उसे बहुत मारा गया !और #बादशाह बोला तुमने इस तख्त पर बैठने की जूर्रत कैसे की फ़कीर बोला एे वक्त के बादशाह मुझको तुझे कुछ बताना मक्सूद था ! मैं दो सवाल करूँगा बस इसका जवाब दे दो ?ए बादशाह ये बता अगर जंगल में तुझे शिद्धत की प्यास लगी हो और पानी बिल्कुल न हो और तेरी जान पर बन आये तो मैं तुझे एक बूंद जीने के लिये पिला दूँ तब क्या इसके बदले तुम अपनी आधी हुकुमत देन्गे , बादशाह बोला हाँ जान बचाने के लिये दे सकता हूँ ! बिना रुके फ़कीर फिर दुसरा सवाल करता है बोला एे बादशाह मुझे बता अगर तुझे पेशाब रुकने की बीमारी हो और एक बार ऐसा हो कि इसकी वजह से तुम्हारी जान निकलने वाली हो और मैं तेरा पेशाब बाहर करने की तदबीर जानता हूँ मेरे अलावा कोई एलाज न कर सके तब इसके बदले तुम आधी हुकुमत दे दोगे ?बादशाह बोला क्यों नहीं जान के बदले मैं ऐसा कर दूँगा !!अब क्या था फ़कीर ज़ोर से हंसा और बोला मैं तेरी हुकुमत तेरी सल्तनत की औकात बताना चाहता था देखा न तेरी पूरी बादशाहत की कीमत बस दो बूंद पानी यही है इस फानी दुनिया की हकीकत !!
... ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ ✧ शराफ़त का चोला ✧ ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ एक कबूतर और क़बूतरी पेड़ की डाल पर बैठे थे. उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया. कबूतरी के मन में कुछ शंका हुई, औऱ उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चलें , नहीं तो ये आदमी हमें मार डालेगा. क़बूतर ने लंबी सांस लेते हुए इत्मीनान के साथ क़बूतरी से कहा ~ उसे ग़ौर से देखो तो सही, उसकी अदा देखो, लिबास देखो, चेहरे से शराफत टपक रही है, ये हमें क्या मारेगा. बिल्कुल सज्जन पुरुष लग रहा है. क़बूतर की बात सुनकर क़बूतरी चुप हो गई. जब वह आदमी उनके क़रीब आया, तो अचानक उसने अपने वस्त्र के अंदर से तीर कमान निकाला औऱ झट से क़बूतर को तीर मार दिया. औऱ बेचारे उस क़बूतर के वहीं प्राण पखेरू उड़ गए.असहाय क़बूतरी ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई औऱ बिलखने लगी. उसके दुःख का कोई ठिकाना न रहा औऱ पल भर में ही उसका सारा संसार उजड़ गया. उसके बाद वह क़बूतरी रोती हुई अपनी फरियाद लेकर राजा के पास गई औऱ राजा को उसने पूरी घटना बताई. राजा बहुत दयालु इंसान था. राजा ने तुरंत अपने सैनिकों को उस शिकारी को पकड़कर लाने का आदेश दिया. तुरंत शिकारी को पकड़ कर दरबार में लाया गया. शिकारी ने डर के कारण अपना जुर्म कुबूल कर लिया. उसके बाद राजा ने क़बूतरी को ही उस शिकारी को सज़ा देने का अधिकार दे दिया औऱ उससे कहा कि तुम जो भी सज़ा इस शिकारी को देना चाहो , दे सकती हो औऱ तुरंत उस पर अमल किया जाएगा.★ क़बूतरी ने बहुत दुःखी मन से कहा कि हे राजन, मेरा जीवन साथी तो इस दुनिया से चला गया, जो फ़िर क़भी भी लौटकर नहीं आएगा, इसलिए मेरे विचार से इस क्रूर शिकारी को बस इतनी ही सज़ा दी जानी चाहिए , कि अगर वो शिकारी है, तो उसेहर वक़्त शिकारी का ही लिबास पहनना चाहिए. ये शराफत का लिबास वह उतार दे, ❗ क्योंकि ❗ शराफ़त का लिबास ओढ़कर धोखे से घिनौने कर्म करने वाले सबसे बड़े नीच होते हैं. आप भी अपने आसपास शराफ़त का ढोंग करने वाले बहुरूपियों से हमेशा सावधान रहें , सतर्क रहें औऱ अपना बहुत ख़याल रखें. #story #kabootar #pigeon
Saturday, 4 March 2023
Friday, 3 March 2023
जरा ध्यान से पढ़ें जीवन की यही सच्चाई है 🙏🙏🙏*मत परेशान हो, क्योंकि आमतौर पर...* *1. चालीस साल की अवस्था में* "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं। (क्योंकि अब कहीं इंटरव्यू नहीं देना, डिग्री नहीं दिखानी).*2. पचास साल की अवस्था में* "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते).*3. साठ साल की अवस्था में* "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं। (चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है).*4. सत्तर साल की अवस्था में* "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (बीमारियाँ और खालीपन आपको एक जगह बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, और आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं).*5. अस्सी साल की अवस्था में* आपके पास धन का "कम होना" या "ज्यादा होना" एक जैसे ही होते हैं। (अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है).*6. नब्बे साल की अवस्था में* "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें.*आगे चल कर एक दिन सब की यही स्थिति होनी है, यही जीवन की सच्चाई है...*चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं... पर ,बेचैनी से जीने के लिए चार गाड़ी, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!*जीवन की सच्चाई!*🙏🙏🙏🙏🙏🙏#zindagi #jeevankisachai #beautifullife
Thursday, 2 March 2023
...💐 ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ 💐 ✧ ~ भाँति-भाँति के लोग ~ ✧ ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ जिस तरह हम सबके हालात और समस्याओं के आकार-प्रकार एक दूजे से अलग होते हैं, वैसे ही हम सभी इंसानों की सोच काम करने की शैली व समस्या से निपटने की क्षमता भी एक दूसरे से बिल्कुल अलग होती हैं. सोच व शैली के अनुसार इंसानों को 3 श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं.1- कर्मठ इंसान --> जो अपने दम पर जीवन को चलाने की क्षमता रखते हैं, अनचाहे हालात को बदलने के लिए, दृढ़तापूर्वक संघर्ष-रथ पर सवार रहते, हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं. पूरे जोश और जुनून से अपना शत-प्रतिशत देकर, मनचाहे परिणाम पाकर 'मनमर्जी का जीवन' जीते हैं.2- सरल व संतुष्ट इंसान --> जो भले-बुरे कैसे भी हालात हों, उनमें खुश रह लेते हैं. इन्हें ज्यादा की चाह नहीं, इनकी इच्छाएं सीमित रहती, जो ईश्वर ने दिया, उसे प्रसाद समझकर, जो भी..जैसा भी..मिला उसमें खुश व मस्त रहते हैं. 'कंफर्टेबल ज़ोन' (आरामदायक स्थिति) में रहना उनको अधिक भाता है. नया करने से कतराते हैं. खुद में मगन , दोषारोपण और शिकवे-शिकायतों से दूर रहकर 'खुशी से जीवन जीते' हैं.3- नाखुश इंसान --> जिनकी इच्छाएं बहुत ज्यादा होती हैं. दूसरों की संपन्नता देख खुद हीनभावना से ग्रस्त हो जाते, तुलना के तराजू पर अक्सर बैठ जाते हैं , इसलिए असंतोष से भरे रहते हैं. इनकी इच्छाओं का घड़ा कभी नहीं भरता. चाहते तो बहुत कुछ हैं , लेकिन टालू प्रवृत्ति के कारण मेहनत करने से कतराते हैं. इन्हें खुद से ,अपनी किस्मत से, ईश्वर से व दुनिया से ,यानी सभी से बहुत शिकायतें होती हैं. जबकि सच यह है कि ... सिर्फ़ सोचने मात्र से कभी स्वप्न साकार नहीं होते. कोशिश करके , दृढ़ता से प्रयास करके ही जीवन में बेहतर परिणाम मिलते है.★ अब हमें तय करना है कि हम किस श्रेणी में आते हैं ? अपने स्वभाव को पहचानिए. अपने हालत व सोच के अनुसार अपनी उपस्थिति को महसूस कीजिए. अगर बदलाव की जरूरत है तो मनचाही दिशा में चलकर भी देख लीजिए.#BeautifulLife #hindisuvichar
Tuesday, 28 February 2023
#story "मदद... #help अरे मोहन भैया ....आइए आइए .... जैसे ही आकाश ने मोहन को देखा तो उसका स्वागत करते हुए बोलाक्या बात है आकाश भाई ...नये कपड़े पहने कहीं जाने की तैयारी कर रहे हो लगता है में गलत समय पर आ गया फिर कभी आऊंगा अरे नहीं ....में तो बस मंदिर जा रहा था वो ...नया टैंडर होनेवाला है तो भगवान से प्रार्थना करने की ये टेंडर मुझे मिल जाएमंदिर ... अरे तो चलो में भी साथ चलता हूं भाई वाह ...एक और एक ग्यारह तो चलो मोहन ने बाइक स्टार्ट की और आकाश पीछे बैठ गया दोनों पास के मंदिर में भगवान जी के दर्शन करने पहुंचे दोनों ने मंदिर में भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया और बाहर निकल आए मोहन जहां बाइक पार्किंग से लेने चला गया तो आकाश वहीं बाहर उसका इंतजार करने लगा तभी ... बाबूजी ... बाबूजी भगवान के नाम पर कुछ दीजिए भगवान आपका भला करेंगे...एक बुजुर्ग आकाश की और आते हुए बोला उसके कपड़े लगभग मैले कुचैले से थे अबे चल... दूर हट...बाबूजी .... भूखा हूं कुछ ...सुना नहीं चल हट ... जाकर कमा कर खाओ ...आ जाते हो मुंह उठाकर बेशर्म कही के मांगने के लिए...ये देखकर मोहन ने बाइक स्टैंड पर खड़ी की और बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा ...आप कुछ खाएंगे भूख लगी है आपको बाबाहां बेटा ....मोहन तुरंत पास की दुकान से पूड़ी सब्जी लेकर आया और बुजुर्ग व्यक्ति को देते हुए बोला ...वो बाबा खा लों ...बुजुर्ग बड़े चाव से खाने लगा तब तक बाइक में रखी पानी की बोतल निकालकर मोहन ने उस बुजुर्ग व्यक्ति को देते हुए कहा ... साफ पानी है बाबा ... पी लीजिएगाये सब देख रहे आकाश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था क्योंकि उसकी तरह मोहन भी भीख देना अच्छा नहीं मानता था मगर आज ...इससे पहले वो मोहन को कुछ कहता मोहन उससे बोला क्या यार आकाश .... देखकर तो बोला कर बुजुर्ग आदमी है पता नहीं किस मजबूरी में...और अगर तुम्हें कुछ भी नहीं देना था तो कोई बात नहीं मगर इतना डांटना तो नहीं था मोहन ...मेरी बात सुन... ये लोग ऐसे मानने वाले नहीं है और तू कबसे इनका हिमायती बनने लगा तू भी भीख देने के खिलाफ रहता है नाहां ...में भी किसी को भीख देने के खिलाफ रहता हूं मगर उन बुजुर्ग व्यक्ति ने पैसे नहीं भूख का हवाला देकर कहा था कि वह भूखे हैं और भूखे को खाना खिलाना भीख नहीं होती में तो तुझे बस ये कह रहा था कि भाई अगर तुम्हें उसे कुछ नहीं भी देना था तो कम से कम प्यार से मना कर देता ....अच्छा .... उससे क्या हो जाता और क्यों मना करता प्यार से वो मुझसे मांग रहा था समझा कोई कर्जा नहीं ले रखा मैंने उससे ये होते ही बेशर्म लोग हैं एकबार दे दो तो मुंह उठाए चले आते हैं मांगने को सही कहा मेरे भाई तुमने ... बेशर्म लोग....अब एकबार यही बात खुदपर भी लागू करते हुए सोचकर देख तो क्या मतलब ...मतलब ये हम भी तो आए दिन भगवान जी से कुछ ना कुछ मांगते रहते हैं अगर भगवान जी ने भी इसी तरह से हमें डांटना शुरू कर दिया कि जा मेहनत कर बेशर्म कही के आ जाता है बार बार मांगने के लिए तो ...तो फिर कैसा रहेगा...अब आकाश शर्मिंदगी से सिर झुकाए खड़ा हुआ थामेरे भाई ....में नहीं कहता कि तुम किसी को भीख दो मगर किसी जरूरतमंद की मदद तो कर सकते हो तो करो ना इसी का नाम तो दुनियादारी है जैसे हमें उम्मीद होती हैं किसी से की वो हमारे लिए ये काम कर दे तो आसानी होगी काम बन जाएगा वैसे ही हम जैसे लोगों से भी कुछ लोग उम्मीद बांधे देखते हैं तो उन जरुरतमंद लोगों की मदद करने में हिचकिचाहट कैसी ....चल अब घर चले कहते हुए मोहन ने बाइक स्टार्ट की और आकाश पीछे मुस्कुरा कर बैठ गयाएक सुंदर रचना...#दीप...🙏🙏🙏
#saas#bahu #rishta. मंजू ने लम्बी साँस लेते हुए मन में सोचा -''आज सासू माँ की तेरहवीं भी निपट गयी .माँ ने तो केवल इक्कीस साल संभाल कर रखा मुझे पर सासू माँ ने अपने मरते दम तक मेरे सम्मान, मेरी गरिमा और सबसेबढ़कर मेरी इस देह की पवित्रता की रक्षा की .ससुराल आते ही जब ससुर जी के पांव छूने को झुकीतब आशीर्वाद देते हुए सिर पर से ससुर जी का हाथपीछे पीठ पर पहुँचते ही सासू माँ ने टोका था उन्हें .......'' बिटिया ही समझो ...बहू नहीं हम बिटियाही लाये हैं जी !''सासू माँ की कड़कती चेतावनी सुनते ही घूंघट में से ही ससुर जी का खिसियायाहुआ चेहरा दिख गया था मुझे . .उस दिन के बाद से जब भी ससुर जी के पांव छुए दूर से ही आशीर्वादमिलता रहा मुझे .पतिदेव के खानदानी बड़े भाई जब किसी काम से आकर कुछ दिन हमारे घर में रहे थे तब एक बेटे की माँबन चुकी थी थी मैं ...पर उस पापी पुरुष की निगाहें मेरी पूरी देह पर ही सरकती रहती .एक दिन सासू माँ ने आखिर चाय का कप पकड़ाते समय मेरी मेरी उँगलियों को छूने का कुप्रयास करते उस पापी को देख ही लिया और आगे बढ़ चाय का कप उससे लेते हुए कहा था ......''लल्ला अब चाय खुद के घर जाकर ही पीना ...मेरी बहू सीता है द्रौपदी नहीं जिसे भाई आपस में बाँट लें .'' सासू माँ की फटकार सुन वो पापी पुरुष बोरिया-बिस्तर बांधकर ऐसा भागा कि ससुर जी की तेरहवी तक में नहीं आया और न अब सासू माँ की .चचेरी ननद का ऑपरेशन हुआ तो तीमारदारी कोउसके ससुराल जाकर रहना पड़ा कुछ दिन ...अच्छी तरह याद है वहाँ सासू माँ के निर्देश कान में गूंजतेरहे -'' ...बचकर रहना बहू ..यूँ तेरा ननदोई संयम वाला है पर है तो मर्द ना ऊपर से उनके अब तक कोई बाल-बच्चा नहीं ...''आखिरी दिनों में जब सासू माँ ने बिस्तर पकड़ लिया था तब एक दिन बोली थी हौले से .......'' बहू जैसे मैंने सहेजा है तुझे तू भी अपनी बहू की छायाबनकर रक्षा करना ..जो मेरी सास मेरी फिकर रखती तो मेरा जेठ मुझे कलंक न लगा पाता .जब मैंने अपनी सास से इस ज्यादती के बारे में कहा था तब वे हाथ जोड़कर बोली थी मेरे आगे कि इज्जत रख लेघर की ..बहू ..चुप रह जा बहू ...तेरी गृहस्थी के साथ साथ जेठ की भी उजड़ जावेगी ..पी जा बहू जहर ....भाई को भाई का दुश्मन न बना ....और मैं पी गयी थी वो जहर ..आज उगला है तेरे सामने बहू !!'' ये कहकर चुप हो गयी थी वे और मैंने उनकी हथेली कसकर पकड़ ली थीमानों वचन दे रही थी उन्हें''चिंता न करो सासू माँ आपके पोते की बहू मेरे संरक्षण में रहेगी .'' सासू माँ तो आज इस दुनिया में न रही पर सोचती हूँ कि शादी से पहले जो सहेलियां रिश्ता पक्का होने पर मुझे चिढ़ायाकरती थी कि -'' जा सासू माँ की सेवा कर ..तेरे पिता जी से ऐसा घर न ढूँढा गया जहाँ सास न हो '' ....उन्हें जाकर बताउंगी कि ''सासू माँ तो मेरी देह के लिबास जैसी थी जिसने मेरी देह को ढ़ककर मुझे शर्मिंदा होने से बचाये रखा न केवल दुनिया के सामने बल्कि मेरी खुद की नज़रों में भी .'
Monday, 27 February 2023
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌟🔱 *सुविचार मंथन*🔱🌟परिवर्तन 🔆 चाहे कैसा भी हो...सरलता से नहीं होता...चाहे आप अपनी उन्नति, प्रगति अथवा अपने अच्छे जीवन, अच्छे भविष्य 🌠 के लिए ही क्यों न कर रहे हों..!! जैसे दिन के पश्चात रात्रि आती है..अंधेरे का आगमन होता है तो उसे समाप्त करने के लिए प्रकाश 💡 की व्यवस्था करनी पड़ती है, फिर सुबह भोर में उसी कृत्रिम प्रकाश को बंद कर दिया जाता है। स्पष्ट संकेत 💫 है कि परिवर्तन यदि हो रहा है या आप परिवर्तन की इच्छा रख रहे हैं तो उसके अनुरूप ही प्रयास ✊🏻 भी आपको करने ही होंगे। परिवर्तन के अनुसार निर्णय लेना कष्टदायी अवश्य हो सकता है, किन्तु बिना किन्हीं ठोस प्रयासों के केवल परिवर्तन की चाह 💗 बनाये रखना कदाचित अधिक कष्ट ही देता है...!! स्मरण रखें, एक सूखा पत्ता भी बिना किसी कारण अपने स्थान से हिलता 🍂 तक नहीं है..यदि हिलता है तो उसका कारण भी पहले ही उत्पन्न होगा..!! *प्रसन्न रहें 😊!! एक बार प्रेम से अवश्य कहें/लिखें, जय जय श्रीराधेकृष्णा, जय जय सियाराम*!!!🙌🏻💐 🕉 *ईश्वर सदैव हमारे संग हैं* 🕉 *"परिस्थितियाँ" हमारे "नियंत्रण" से बाहर हो सकती है लेकिन....हमारा "आचरण" नियंत्रण से बाहर नहीं होना चाहिए।**एक चाहत होती है... अपनों के साथ जीने की, वरना पता तो हमें भी है ...कि मरना अकेले ही है!*”*मित्रता एवं रिश्तेदारी "सम्मान" की नही "भाव" की भूखी होती है...बशर्तें लगाव "दिल" से होना चाहिए "दिमाग" से नही। कहा जाता है की एक "प्रणाम" कई “परिणाम” बदल देता है!**तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है, जो भी कमाया यही रह जाना है ! कर ले कुछ अच्छे कर्म, साथ यही तेरे जाना है !रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं, लेकिन मुस्कुराने से पराये भी अपने हो जाते हैं !* *मुझे वो रिश्ते पसंद है, जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !! इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही, उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही।**आप कितने भी अच्छे इंसान हो फिर भी आप किसी न किसी के लिए बुरे होगे क्योंकि.….लोग हमेशा अपने हित के अनुसार आपका मूल्यांकन करते है।**विस्तार की इच्छा मनुष्य में जन्मजात गुण धर्म है, कोई भी कमजोर या अविकसित रहने की इच्छा नहीं रखता, "सभी अपने मानसिक क्षैत्र का विस्तार करना चाहते हैं, विस्तार की इस प्यास को बुझाने के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से प्रयास करते रहना चाहिए!"* *गलतियां सुधार लेना ही आख़िरी विकल्प है, क्योंकि चिंता कभी परिणाम को बदल नही सकती।।* *मैं आपके सफल सुखद और स्वास्थ्य से भरपूर मंगल दिवस की कामना करता हूं।💐आपका दिन शुभ हो।🙏💐*
Saturday, 25 February 2023
#patipatni #hindistory Great Lesson for Generations🙏पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गया।मामला रफा-दफा हो भी जाता, लेकिन पति ने इसे अपनी तौहीन समझी, रिश्तेदारों ने मामला और पेचीदा बना दिया, न सिर्फ़ पेचीदा बल्कि संगीन, सब रिश्तेदारों ने इसे खानदान की नाक कटना कहा, यह भी कहा कि पति को सैडिल मारने वाली औरत न वफादार होती है न पतिव्रता।लड़के ने लड़की के बारे में और लड़की ने लड़के के बारे में कई असुविधाजनक बातें कही।मुकदमा दर्ज कराया गया। पति ने पत्नी की चरित्रहीनता का तो पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। छह साल तक शादीशुदा जीवन बीताने और एक बच्ची के माता-पिता होने के बाद आज दोनों में तलाक हो गया।पति-पत्नी के हाथ में तलाक के कागज़ों की प्रति थी।दोनों चुप थे, दोनों शांत, दोनों निर्विकार।मुकदमा दो साल तक चला था। अंत में वही हुआ जो सब चाहते थे यानी तलाक ................यह महज़ इत्तेफाक ही था कि दोनों पक्षों के रिश्तेदार एक ही टी-स्टॉल पर बैठे , कोल्ड ड्रिंक्स लिया।यह भी महज़ इत्तेफाक ही था कि तलाकशुदा पति-पत्नी एक ही मेज़ के आमने-सामने जा बैठे।लकड़ी की बेंच और वो दोनों .''कांग्रेच्यूलेशन .... आप जो चाहते थे वही हुआ ....'' स्त्री ने कहा।''तुम्हें भी बधाई ..... तुमने भी तो तलाक दे कर जीत हासिल की ....'' पुरुष बोला।''तलाक क्या जीत का प्रतीक होता है????'' स्त्री ने पूछा।''तुम बताओ?''पुरुष के पूछने पर स्त्री ने जवाब नहीं दिया, वो चुपचाप बैठी रही, फिर बोली, ''तुमने मुझे चरित्रहीन कहा था....अच्छा हुआ.... अब तुम्हारा चरित्रहीन स्त्री से पीछा छूटा।''''वो मेरी गलती थी, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था'' पुरुष बोला।''मैंने बहुत मानसिक तनाव झेली है'', स्त्री की आवाज़ सपाट थी न दुःख, न गुस्सा।''जानता हूँ पुरुष इसी हथियार से स्त्री पर वार करता है, जो स्त्री के मन और आत्मा को लहू-लुहान कर देता है... तुम बहुत उज्ज्वल हो। मुझे तुम्हारे बारे में ऐसी गंदी बात नहीं करनी चाहिए थी। मुझे बेहद अफ़सोस है, '' पुरुष ने कहा।स्त्री चुप रही, उसने एक बार पुरुष को देखा।कुछ पल चुप रहने के बाद पुरुष ने गहरी साँस ली और कहा, ''तुमने भी तो मुझे दहेज का लोभी कहा था।''''गलत कहा था''.... पुरुष की ओऱ देखती हुई स्त्री बोली।कुछ देर चुप रही फिर बोली, ''मैं कोई और आरोप लगाती लेकिन मैं नहीं...''प्लास्टिक के कप में चाय आ गई।स्त्री ने चाय उठाई, चाय ज़रा-सी छलकी। गर्म चाय स्त्री के हाथ पर गिरी।स्सी... की आवाज़ निकली।पुरुष के गले में उसी क्षण 'ओह' की आवाज़ निकली। स्त्री ने पुरुष को देखा। पुरुष स्त्री को देखे जा रहा था।''तुम्हारा कमर दर्द कैसा है?''''ऐसा ही है कभी वोवरॉन तो कभी काम्बीफ्लेम,'' स्त्री ने बात खत्म करनी चाही।''तुम एक्सरसाइज भी तो नहीं करती।'' पुरुष ने कहा तो स्त्री फीकी हँसी हँस दी।''तुम्हारे अस्थमा की क्या कंडीशन है... फिर अटैक तो नहीं पड़े????'' स्त्री ने पूछा।''अस्थमा।डॉक्टर सूरी ने स्ट्रेन... मेंटल स्ट्रेस कम करने को कहा है, '' पुरुष ने जानकारी दी।स्त्री ने पुरुष को देखा, देखती रही एकटक। जैसे पुरुष के चेहरे पर छपे तनाव को पढ़ रही हो।''इनहेलर तो लेते रहते हो न?'' स्त्री ने पुरुष के चेहरे से नज़रें हटाईं और पूछा।''हाँ, लेता रहता हूँ। आज लाना याद नहीं रहा, '' पुरुष ने कहा।''तभी आज तुम्हारी साँस उखड़ी-उखड़ी-सी है, '' स्त्री ने हमदर्द लहजे में कहा।''हाँ, कुछ इस वजह से और कुछ...'' पुरुष कहते-कहते रुक गया।''कुछ... कुछ तनाव के कारण,'' स्त्री ने बात पूरी की।पुरुष कुछ सोचता रहा, फिर बोला, ''तुम्हें चार लाख रुपए देने हैं और छह हज़ार रुपए महीना भी।''''हाँ... फिर?'' स्त्री ने पूछा।''वसुंधरा वाले फ्लैट की कीमत तो बीस लाख रुपए होगी??? मुझे सिर्फ चार लाख रुपए चाहिए....'' स्त्री ने स्पष्ट किया।''बिटिया बड़ी होगी... सौ खर्च होते हैं....'' पुरुष ने कहा।''वो तो तुम छह हज़ार रुपए महीना मुझे देते रहोगे,'' स्त्री बोली।''हाँ, ज़रूर दूँगा।''''चार लाख अगर तुम्हारे पास नहीं है तो मुझे मत देना,'' स्त्री ने कहा।उसके स्वर में पुराने संबंधों की गर्द थी।पुरुष उसका चेहरा देखता रहा....कितनी सह्रदय और कितनी सुंदर लग रही थी सामने बैठी स्त्री जो कभी उसकी पत्नी हुआ करती थी।स्त्री पुरुष को देख रही थी और सोच रही थी, ''कितना सरल स्वभाव का है यह पुरुष, जो कभी उसका पति हुआ करता था। कितना प्यार करता था उससे...एक बार हरिद्वार में जब वह गंगा में स्नान कर रही थी तो उसके हाथ से जंजीर छूट गई। फिर पागलों की तरह वह बचाने चला आया था उसे। खुद तैरना नहीं आता था लाट साहब को और मुझे बचाने की कोशिशें करता रहा था... कितना अच्छा है... मैं ही खोट निकालती रही...''पुरुष एकटक स्त्री को देख रहा था और सोच रहा था, ''कितना ध्यान रखती थी, स्टीम के लिए पानी उबाल कर जग में डाल देती। उसके लिए हमेशा इनहेलर खरीद कर लाती, सेरेटाइड आक्यूहेलर बहुत महँगा था। हर महीने कंजूसी करती, पैसे बचाती, और आक्यूहेलर खरीद लाती। दूसरों की बीमारी की कौन परवाह करता है? ये करती थी परवाह! कभी जाहिर भी नहीं होने देती थी। कितनी संवेदना थी इसमें। मैं अपनी मर्दानगी के नशे में रहा। काश, जो मैं इसके जज़्बे को समझ पाता।''दोनों चुप थे, बेहद चुप।दुनिया भर की आवाज़ों से मुक्त हो कर, खामोश।दोनों भीगी आँखों से एक दूसरे को देखते रहे....''मुझे एक बात कहनी है, '' आवाज़ में झिझक थी।''कहो, '' स्त्री नजल आँखों से उसे देखा।''डरता हूँ,'' पुरुष ने कहा।''डरो मत। हो सकता है तुम्हारी बात मेरे मन की बात हो,'' स्त्री ने कहा।''तुम बहुत याद आती रही,'' पुरुष बोला।''तुम भी,'' स्त्री ने कहा।''मैं तुम्हें अब भी प्रेम करता हूँ।''''मैं भी.'' स्त्री ने कहा।दोनों की आँखें कुछ ज़्यादा ही सजल हो गई थीं।दोनों की आवाज़ जज़्बाती और चेहरे मासूम।''क्या हम दोनों जीवन को नया मोड़ नहीं दे सकते?'' पुरुष ने पूछा।''कौन-सा मोड़?''''हम फिर से साथ-साथ रहने लगें... एक साथ... पति-पत्नी बन कर... बहुत अच्छे दोस्त बन कर।''''ये पेपर?'' स्त्री ने पूछा।''फाड़ देते हैं।'' पुरुष ने कहा औऱ अपने हाथ से तलाक के कागजात फाड़ दिए। फिर स्त्री ने भी वही किया। दोनों उठ खड़े हुए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर मुस्कराए। दोनों पक्षों के रिश्तेदार हैरान-परेशान थे। दोनों पति-पत्नी हाथ में हाथ डाले घर की तरफ चले गए। घर जो सिर्फ और सिर्फ पति-पत्नी का था ।।पति पत्नी में प्यार और तकरार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जरा सी बात पर कोई ऐसा फैसला न लें कि आपको जिंदगी भर अफसोस हो ।।
Friday, 24 February 2023
... ︵︷︵︷︵︷︵︷︵︷︵ •❁ मेरी कोई ज़ायदाद नहीं ❁• ︶︸︶︸︶︸︶︸︶︸︶ एक दिन मैं तन्हा बैठा था अपने मकान में, चिड़िया बना रही थी घोंसला रोशनदान में. पल भर में आती .. पल भर में जाती थी वो, छोटे-छोटे तिनके ... चोंच में भर लाती थी वो. बना रही थी वो अपना घर .. एक न्यारा, एक तिनका ही था, उसकी ईंट और गारा. कड़ी मेहनत से घर जब उसका बन गया, आए खुशी के आँसू और सीना तन गया. कुछ दिन बाद मौसम बदला और ... हवा के झोंके आने लगे, नन्हे से प्यारे-प्यारे दो बच्चे, घोंसले में चहचहाने लगे. पाल पोसकर चिड़िया ... कर रही थी बड़ा उन्हे, पंख निकल रहे थे दोनों के ... पैरों पर करती थी खड़ा उन्हे. इच्छुक है हर इंसान ... जमीन आसमान के लिए, कोशिश थी जारी उन दोनों की ... एक ऊँची उड़ान के लिए. देखता था मैं हर रोज उन्हें ... जज्बात मेरे उनसे कुछ जुड़ गए, पंख निकलते ही दोनों बच्चे ... माँ को छोड़ अकेला .. उड़ गए. चिड़िया से पूछा मैंने कि .. तेरे बच्चे तुझे अकेला क्यों छोड़ गए ? तू तो थी माँ उनकी ... फिर ये रिश्ता क्यों तोड़ गए ? इंसान के बच्चे अपने माँ-बाप का ... घर नहीं छोड़ते, जब तक मिले न हिस्सा अपना ... रिश्ता नहीं तोड़ते. चिड़िया बोली ~ परिन्दे और इंसान के बच्चे में ... यही तो फर्क है. आज के इंसान का बच्चा ... मोह-माया के दरिया में गर्क है. इंसान का बच्चा .. पैदा होते ही ... हर चीज पर अपना हक जमाता है. न मिलने पर वो माँ-बाप को ... कोर्ट कचहरी तक ले जाता है. मैंने बच्चों को जन्म दिया, पर ... करता कोई मुझको याद नहीं. मेरे बच्चे .. क्यों रहेंगे साथ मेरे, क्योंकि ... ★ मेरी कोई #जायदाद नहीं. ★
👉बेटे के जन्मदिन पर .....रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है:- "जन्म दिन मुबारक लल्ला"बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है: - सुबह फोन करती। इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है।थोडी देर बाद पिता का फोन आता है। बेटा पिता पर गुस्सा नहीं करता बल्कि कहता है:- सुबह फोन करते।फिर पिता ने कहा: - मैनें तुम्हे इसलिए फोन किया है कि तुम्हारी माँ पागल है जो तुम्हे इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 25 साल पहले ही पागल हो गई थी। जब उसे डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा और उसने मना किया था। वो मरने के लिए तैयार हो गई पर ऑपरेशन नहीं करवाया। रात के 1:30 को तुम्हारा जन्म हुआ। शाम 6 बजे से रात 1:30 तक वो प्रसव पीड़ा से परेशान थी । लेकिन तुम्हारा जन्म होते ही वो सारी पीड़ा भूल गयी ।उसके ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । तुम्हारे जन्म से पहले डॉक्टर ने दस्तखत करवाये थे कि अगर कुछ हो जाये तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। तुम्हे साल में एक दिन फोन किया तो तुम्हारी नींद खराब हो गई......मुझे तो रोज रात को 25 साल से रात के 1:30 बजे उठाती है और कहती है देखो हमारे लल्ला का जन्म इसी वक्त हुआ था। बस यही कहने के लिए तुम्हे फोन किया था। इतना कहके पिता फोनरख देते हैं।बेटा सुन्न हो जाता है। सुबह माँ के घर जा कर माँ के पैर पकड़करमाफी मांगता है....तब माँ कहती है, देखो जी मेरा लाल आ गया।फिर पिता से माफी मांगता है तब पिता कहते हैं:- आज तक ये कहती थी कि हमे कोई चिन्ता नहीं हमारी चिन्ता करने वाला हमारा लाल है। पर अब तुम चले जाओ मैं तुम्हारी माँ से कहूंगा कि चिन्ता मत करो। मैं तुम्हारा हमेशा की तरह आगे भी ध्यान रखुंगा।तब माँ कहती है:- माफ कर दोबेटा है।सब जानते हैं दुनियाँ में एक माँ ही है जिसे जैसा चाहे कहो फिर भी वो गाल पर प्यार से हाथ फेरेगी।पिता अगर तमाचा न मारे तो बेटा सर पर बैठ जाये। इसलिए पिता का सख्त होना भी जरुरी है।माता पिता को आपकी दौलत नही बल्कि आपका प्यार औरवक्त चाहिए। उन्हें प्यार दीजिए। माँ की ममता तो अनमोल है।निवेदन:- इसको पढ़ कर अगर आँखों में आंसू बहने लगें तो रोकिये मत, बह जाने दीजिये। मन हल्का हो जायेगा!* भगवान से बढ़कर माता पिता होते है #maa #BAAP #mother ❣❤
Thursday, 23 February 2023
एक राजा को जब पता चला कि मेरे राज्य मे एक ऐसा व्यक्ति है जिसका सुबह-सुबह मुख देखने से दिन भर भोजन नही मिलता है। सच्चाई जानने के इच्छा से उस व्यक्ति को राजा ने अपने साथ सुलाया। दुसरे दिन राजा की ब्यस्तता ऐसी बढ़ी कि राजा शाम तक भोजन नही कर सका, इस बात से क्रुद्ध होकर राजा ने उसे तत्काल फॉसी की सज़ा का ऐलान कर दिया। आखिरी इच्छा के अंतर्गत उस व्यक्ति ने कहा " राजन मेरा मुँह देखने से आप को शाम तक भोजन नही मिला, किंतु आप का मुँह देखने से मुझे मौत मिलने वाली है।" इतना सुनते ही लज्जित राजाको संत वाणी याद आ गई ।।।।बुरो जो देखण मै चल्यो, बुरो न मिल्यो कोय जो दिल ढूढ्यो आपणो, मुझ सो बुरो न कोय।
Wednesday, 22 February 2023
Tuesday, 21 February 2023
घर की नई नवेली इकलौती बहू एक प्राइवेट बैंक में बड़े ओहदे पर थी । उसकी सास तकरीबन एक साल पहले ही गुज़र चुकी थी । घर में बुज़ुर्ग ससुर औऱ उसके पति के अलावे कोई न था । पति का अपना कारोबार था ।पिछले कुछ दिनों से बहू के साथ एक विचित्र बात होती ।बहू जब जल्दी जल्दी घर का काम निपटा कर ऑफिस के लिए निकलती ठीक उसी वक़्त ससुर उसे आवाज़ देते औऱ कहते बहू ,मेरा चश्मा साफ कर मुझें देती जा। लगातार ऑफिस के लिए निकलते समय बहू के साथ यही होता । काम के दबाव औऱ देर होने के कारण क़भी कभी बहू मन ही मन झल्ला जाती लेकिन फ़िरभी अपने ससुर को कुछ बोल नहीं पाती ।जब बहू अपने ससुर के इस आदत से पूरी तरह ऊब गई तो उसने पूरे माजरे को अपने पति के साथ साझा किया ।पति को भी अपने पिता के इस व्यवहार पर बड़ा ताज्जुब हुआ लेकिन उसने अपने पिता से कुछ नहीं कहा। पति ने अपनी पत्नी को सलाह दी कि तुम सुबह उठते के साथ ही पिताजी का चश्मा साफ करके उनके कमरे में रख दिया करो ,फिर ये झमेला समाप्त हो जाएगा ।अगले दिन बहू ने ऐसा ही किया औऱ अपने ससुर के चश्मे को सुबह ही अच्छी तरह साफ करके उनके कमरे में रख आई।लेकिन फ़िरभी उस दिन वही घटना पुनः हुई औऱ ऑफिस के लिए निकलने से ठीक पहले ससुर ने अपनी बहू को बुलाकर उसे चश्मा साफ़ करने के लिए कहा। बहू गुस्से में लाल हो गई लेकिन उसके पास कोई चारा नहीं था। बहू के लाख उपायों के बावजूद ससुर ने उसे सुबह ऑफिस जाते समय आवाज़ देना नहीं छोड़ा ।धीरे धीरे समय बीतता गया औऱ ऐसे ही कुछ वर्ष निकल गए। अब बहू पहले से कुछ बदल चुकी थी। धीरे धीरे उसने अपने ससुर की बातों को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और फ़िर ऐसा भी वक़्त चला आया जब बहू अपने ससुर को बिलकुल अनसुना करने लगी । ससुर के कुछ बोलने पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देती औऱ बिलकुल ख़ामोशी से अपने काम में मस्त रहती। गुज़रते वक़्त के साथ ही एक दिन बेचारे बुज़ुर्ग ससुर भी गुज़र गए।समय का पहिया कहाँ रुकने वाला था,वो घूमता रहा घूमता रहा। छुट्टी का एक दिन था। अचानक बहू के मन में घर की साफ़ सफाई का ख़याल आया। वो अपने घर की सफ़ाई में जुट गई। तभी सफाई के दौरान मृत ससुर की डायरी उसके हाथ लग गई।बहू ने जब अपने ससुर की डायरी को पलटना शुरू किया तो उसके एक पन्ने पर लिखा था-"दिनांक 26.10.2019.... आज के इस भागदौड़ औऱ बेहद तनाव व संघर्ष भरी ज़िंदगी में, घर से निकलते समय, बच्चे अक्सर बड़ों का आशीर्वाद लेना भूल जाते हैं जबकि बुजुर्गों का यही आशीर्वाद मुश्किल समय में उनके लिए ढाल का काम करता है। बस इसीलिए, जब तुम चश्मा साफ कर मुझे देने के लिए झुकती थी तो मैं मन ही मन, अपना हाथ तुम्हारे सिर पर रख देता था क्योंकि मरने से पहले तुम्हारी सास ने मुझें कहा था कि बहू को अपनी बेटी की तरह प्यार से रखना औऱ उसे ये कभी भी मत महसूस होने देना कि वो अपने ससुराल में है औऱ हम उसके माँ बाप नहीं हैं। उसकी छोटी मोटी गलतियों को उसकी नादानी समझकर माफ़ कर देना । वैसे मेरा आशीष सदा तुम्हारे साथ है बेटा!! डायरी पढ़कर बहू फूटफूटकर रोने लगी। आज उसके ससुर को गुजरे ठीक 2 साल से ज़्यादा समय बीत चुके हैं लेकिन फ़िर भी वो रोज़ घर से बाहर निकलते समय अपने ससुर का चश्मा साफ़ कर, उनके टेबल पर रख दिया करती है, उनके अनदेखे हाथ से मिले आशीष की लालसा में।जीवन में हम रिश्तों का महत्व महसूस नहीं करते हैं, चाहे वो किसी से भी हो, कैसे भी हो और जब तक महसूस करते हैं तब तक वह हमसे बहुत दूर जा चुके होते हैं। रिश्तों के महत्व को समझें और उनको सहेज कर रखें।
“The wife looked at herself in the mirror and asked her husband: Do you still love me.? The man replied: Oh yes! But is my body not the same as when we first met?No, I did not notice, the man replied.She put her hand on her stomach andsaid, look my belly is much bigger and heavier, My legs are not smooth anymore. She came to him with tears in her eyes and asked, "Why do youlove me like this?" The man replied:Look, when I touch your body, I feelyour love, I see your kind heart, I see your beautiful figure, I know it's a perfect shape, I love you. Don't be mad at the way you look, enjoy the way I see you, And the way I still feel you. I fell in love with the sensualityand kindness of your soul, not withthe bustle of your body, and throughtears I drew a smile on her face,which shines again. That's how it should be in life and love, becauseyou love not with your eyes, but withyour heart.”Unknown author ✍️
Monday, 20 February 2023
Sunday, 19 February 2023
Saturday, 18 February 2023
*कृपया बिना रोए पढ़ें। यह मेसेज मेरे दिल को छू गया है* #patipatni #story 💐जीवन संगिनी - धर्म पत्नी की विदाई! अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह जीने और आज दुनिया में अपना सिर ऊंचा रखने के लिए अपनी पत्नी का शुक्रिया कीजिए। आपकी सुविधा - असुविधा, आपके बिना कारण के क्रोध को संभालती है। तुम्हारे सुख से सुखी है और तुम्हारे दुःख से दुःखी है। आप रविवार को देर से बिस्तर पर रहते हैं लेकिन इसका कोई रविवार या त्योहार नहीं होता है। चाय लाओ, पानी लाओ, खाना लाओ। ये ऐसा है और वो ऐसा है। कब अक्कल आएगी तुम्हे? ऐसे ताने मारते हैं। उसके पास बुद्धि है और केवल उसी के कारण तो आप जीवित है। वरना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा। अब जरा इस स्थिति की सिर्फ कल्पना करें:एक दिन *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही है। पत्नी का *अंतिम दर्शन* चल रहा था।उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका वर्णन:में अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे।तो मैं जा रही हूँ।जिस दिन शादी के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जीयेंगे ऐसा वचन दिया था पर अचानक अकेले जाना पड़ेगा ये मुझको पता नहीं था।मुझे जाने दो।अपने आंगन में अपना शरीर छोड़ कर जा रही हूँ। बहुत दर्द हो रहा है मुझे।लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ। मेरा मन नही मान रहा पर अब मैं कुछ नहीं कर सकती।मुझे जाने दोबेटा और बहू रो रहे हैं देखो। मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नही दे सकती हूँ। पोता बा बा बा कर रहा है उसे शांत करो, बिल्कुल ध्यान नही दे रहे है। हाँ और आप भी मन मजबूत रखना और बिल्कुल ढीले न हों।मुझे जाने दोअभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोएगी तब उसे संभालना और शांत करना। और आपभी बिल्कुल नही रोना।मुझे जाने दोजिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से ऊपर गया है। धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे बहुत याद नही करना। और इस जीवन में फिर से काम में डूब जाना। अब मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल लेना।मुझे जाने दोआपने इस जीवन में मेरा कहा कभी नही माना है। अब जिद्द छोड़कर व्यवहार में विनम्र रहना। आपको अकेला छोड़ कर जाते मुझे बहुत चिंता हो रही है। लेकिन मैं मजबूर हूं।मुझे जाने दोआपको BP और डायबिटीज है। गलती से भी मीठा नहीं खाना अन्यथा परेशानी होगी। सुबह उठते ही दवा लेना न भूलना। चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहू पर गुस्सा न करना। अब मैं नहीं हूं यह समझ कर जीना सीख लेना।मुझे जाने दोबेटा और बहू कुछ बोले तोचुपचाप सब सुन लेना। कभी गुस्सा नही करना। हमेशा मुस्कुराते रहना कभी उदास नहीं होना। मुझे जाने दोअपने बेटे के बेटे के साथ खेलना। अपने दोस्तों के साथ समय बिताना। अब थोड़ा धार्मिक जीवन जिएं ताकि जीवन को संयमित किया जा सके। अगर मेरी याद आये तो चुपचाप रो लेना लेकिन कभी कमजोर नही होना।मुझे जाने दोमेरा रूमाल कहां है, मेरी चाबी कहां है अब ऐसे चिल्लाना नहीं। सब कुछ ध्यान से रखने और याद रखने की आदत डालना। सुबह और शाम नियमित रूप से दवा ले लेना। अगर बहू भूल जाये तो सामने से याद कर लेना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नही करना।मेरी अनुपस्थिति खलेगी पर कमजोर नहीं होना।मुझे जाने दोबुढ़ापे की छड़ी भूलना नही और धीरे धीरे से चलना।यदि बीमार हो गए और बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा।मुझे जाने दोशाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी माँग लेना। प्यास लगे तभी पानी पी लेना।अगर आपको रात को उठना पड़े तो अंधेरे में कुछ लगे नहीं उसका ध्यान रखना।मुझे जाने दोशादी के बाद हम बहुत प्यार से साथ रहे। परिवार में फूल जैसे बच्चे दिए। अब उस फूलों की सुगंध मुझे नहीं मिलेगी।मुझे जाने दोउठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा। अब अपने आप उठने की आदत डाल देना किसी की प्रतीक्षा नही करना।मुझे जाने दोऔर हाँ .... एक बात तुमसे छिपाई है मुझे माफ कर देना।आपको बिना बताए बाजू की पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर 14 लाख रुपये जमा किये हैं। मेरी दादी ने सिखाया था। एक - एक रुपया जमा करके कोने में रख दिया। इसमें से पाँच - पाँच लाख बहू और बेटी को देना और अपने खाते में चार लाख रखना अपने लिए।मुझे जाने दोभगवान की भक्ति और पूजा करना भूलना नही। अब फिर कभी नहीं मिलेंगे !!मुझसे कोईभी गलती हुई हो तो मुझे माफ कर देना। *मुझे जाने दो* *मुझे जाने दो*🙏🙏❣❣
Thursday, 16 February 2023
Wednesday, 15 February 2023
एक औरत जब शादी के बाद अपने सारे फर्ज निभाती है ओर उसे फिर भी वो हक नही मिलते ओर हर बार उसे ताने दिये जाते हैं ना समय पर खाने को ना सेहत को ले कर किसी उसका ध्यान करना जिनके लिये वो नौकरों जैसे काम करे।ओर पती शराब का आदी है ओर लाख समझाने पर भी एक ना सुने दिन भर शराब में डुबा हो जिसे इस बात का ज्ञान ना हो घर में क्या माहोल हो रहा है ओर जरुरत क्या है घर में बस अपनी शराब में डुबा रहे किसी की कोई परवाह ना हो सिरफ शराब सुबह शाम रात में उस औरत को क्या कदम उठाना चाहिए। जो हर तरफ से मजबूर है मां बाप को बता ना सके इस डर से के दुख होगा उन्हें जब बेटी को इस हाल में देखेंगे जहां एक बाप की तीन बेटियां हो ओर जिसने बड़े नाजों से पाला है उसके साथ मायके में ये हालात हो जिस बाप की सिर्फ तीन बेटियां हो ओर बेटा ना हो उन बेटियों को ही बेटा समझा हो जिसने जो खुद अपनी सेहत से ठिक ना हो क्या करे वो बेटी।।औरत होना जुर्म नही है फिर भी सजा भुगत ती है कुछ एक बार औरत ही अपने हर फर्ज को निभा कर भी कुछ हिस्से नही आता।।बाताऐं क्या करना चाहिये उस औरत को।।❤️🥰❤️
तू अपनी खूबियां ढूंढ,कमियां निकालने के लिए लोग हैं...अगर रखना ही है कदम तो आगे रख,पीछे खींचने के लिए लोग हैं...सपने देखने ही है तो ऊंचे देख,नीचा दिखाने के लिए लोग हैैं...अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का,जलने के लिए लोग हैैं...अगर बनानी है तो यादें बना,बातें बनाने के लिए लोग हैं...प्यार करना है तो गोकू से कर,दुश्मनी करने के लिए लोग हैं...रहना है तो बच्चा बनकर रह,समझदार बनाने के लिए लोग हैं...भरोसा रखना है तो ख़ुद पर रख,शक करने के लिए लोग हैैं...तू बस सवार ले ख़ुद को,आईना दिखाने के लिए लोग हैं...ख़ुद की अलग पहचान बना,भीड़ में चलने के लिए लोग हैं...तू कुछ करके दिखा दुनिया को,तालियां बजाने के लिए लोग हैैं..जो भी करना हैं तू आज करकल कहने के लिए लोग हैं.......सभी शुभचिंतकों को समर्पित 😃💐🌺🌷
Tuesday, 14 February 2023
एक औरत जब शादी के बाद अपने सारे फर्ज निभाती है ओर उसे फिर भी वो हक नही मिलते ओर हर बार उसे ताने दिये जाते हैं ना समय पर खाने को ना सेहत को ले कर किसी उसका ध्यान करना जिनके लिये वो नौकरों जैसे काम करे।ओर पती शराब का आदी है ओर लाख समझाने पर भी एक ना सुने दिन भर शराब में डुबा हो जिसे इस बात का ज्ञान ना हो घर में क्या माहोल हो रहा है ओर जरुरत क्या है घर में बस अपनी शराब में डुबा रहे किसी की कोई परवाह ना हो सिरफ शराब सुबह शाम रात में उस औरत को क्या कदम उठाना चाहिए। जो हर तरफ से मजबूर है मां बाप को बता ना सके इस डर से के दुख होगा उन्हें जब बेटी को इस हाल में देखेंगे जहां एक बाप की तीन बेटियां हो ओर जिसने बड़े नाजों से पाला है उसके साथ मायके में ये हालात हो जिस बाप की सिर्फ तीन बेटियां हो ओर बेटा ना हो उन बेटियों को ही बेटा समझा हो जिसने जो खुद अपनी सेहत से ठिक ना हो क्या करे वो बेटी।।औरत होना जुर्म नही है फिर भी सजा भुगत ती है कुछ एक बार औरत ही अपने हर फर्ज को निभा कर भी कुछ हिस्से नही आता।।बाताऐं क्या करना चाहिये उस औरत को।।❤️🥰❤️
*👉👉 पत्नी के हाथों का गर्म गर्म खाना खाने के बाद पति का चेहरा जब संतुष्ट होकर गुलाब की तरह खिल जाता है, बस!!!! यही है Rose day* 🌹🌹🌹🌹🌹❤️ *👉👉 जब पति-पत्नी एक दूसरे को जिंदगी भर सुख दुख में साथ देने की बात करते हैं, तो बस!!! यही है Propose day ❤️* *👉👉 रास्ते पर किसी अनाथ बच्चे को चोकलेट खिलाओ और उसके हंसते चेहरे पर खुशी देखो बस!!! यही है chocolate🍫🍫🍫🍫🍫 day ❤️* *👉👉 बच्चों के लिए टेडी क्यों खरीदें, बल्कि खुद उनके साथ उनके दोस्त बनकर खेले, बस!!! यही है Teddy 🧸🧸🧸🧸🧸 day ❤️* *👉👉 माता पिता और सास ससुर को कभी वृद्धाश्रम में नहीं जाने देगें, यह वचन ही तो है🤝🤝🤝 Promise day ❤️* *❤️ परिवार में सभी सदस्य एक दूसरे के काम को सराहे, और एक दूसरे को गले लगा कर प्रोत्साहित करें!!!! बस यही है Hug day* *❤️ जिस परिवार में यह सब कुछ मिल जाए, यही तो है Velentine day ❤️*#valentinesday2023 #valentinesdayspecial
Monday, 13 February 2023
एक औरत जब शादी के बाद अपने सारे फर्ज निभाती है ओर उसे फिर भी वो हक नही मिलते ओर हर बार उसे ताने दिये जाते हैं ना समय पर खाने को ना सेहत को ले कर किसी उसका ध्यान करना जिनके लिये वो नौकरों जैसे काम करे।ओर पती शराब का आदी है ओर लाख समझाने पर भी एक ना सुने दिन भर शराब में डुबा हो जिसे इस बात का ज्ञान ना हो घर में क्या माहोल हो रहा है ओर जरुरत क्या है घर में बस अपनी शराब में डुबा रहे किसी की कोई परवाह ना हो सिरफ शराब सुबह शाम रात में उस औरत को क्या कदम उठाना चाहिए। जो हर तरफ से मजबूर है मां बाप को बता ना सके इस डर से के दुख होगा उन्हें जब बेटी को इस हाल में देखेंगे जहां एक बाप की तीन बेटियां हो ओर जिसने बड़े नाजों से पाला है उसके साथ मायके में ये हालात हो जिस बाप की सिर्फ तीन बेटियां हो ओर बेटा ना हो उन बेटियों को ही बेटा समझा हो जिसने जो खुद अपनी सेहत से ठिक ना हो क्या करे वो बेटी।।औरत होना जुर्म नही है फिर भी सजा भुगत ती है कुछ एक बार औरत ही अपने हर फर्ज को निभा कर भी कुछ हिस्से नही आता।।बाताऐं क्या करना चाहिये उस औरत को।।❤️🥰❤️
Sunday, 12 February 2023
" पुत्र की निगाह मे एक पिता "जब मैं 3 वर्ष का था तब मैं यह सोचता था की मेरे पिता दुनिया के सबसे मजबूत और ताकतवर इंसान हैं ।जब मैं 6 वर्ष का हुआ तब मैंने महसूस किया की मेरे पिता दुनिया के सबसे ताकतवर ही नहीं सबसे समझदार इंसान भी हैं ।जब मैं 9 वर्ष का हुआ तब मैंने यह महसूस किया की मेरे पिता को दुनिया की हर चीज़ के बारे में ज्ञान है ।जब मैं 12 वर्ष का हुआ तब मैंने यह महसूस करने लगा की मेरे दोस्तों के पिता मेरे पिता से ज्यादा समझदार हैं ।जब मैं 15 वर्ष का हुआ तब मैंने यह महसूस किया की मेरे पिता को दुनिया के साथ चलने के लिए कुछ और ज्ञान की ज़रूरत है ।जब मैं 20 वर्ष का हुआ तब मुझे यह महसूस हुआ की मेरे पिता किसी दूसरी दुनिया के हैं और यह मेरी सोच के साथ नहीं चल सकते ।जब मैं 25 वर्ष का हुआ तब मैंने यह महसूस किया की मुझे किसी भी काम के बारे में अपने पिता से सलाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्हें हर काम में कमी निकलने की आदत सी पड़ गयी है ।जब मैं 30 वर्ष का हुआ तब मैं यह महसूस करने लगा की मेरे पिता को मेरी नक़ल करने से कुछ समझ आ गयी है ।जब मैं 35 वर्ष का हुआ तब मुझे लगा की छोटी मोती बातों में उनसे सलाह ली जा सकती है ।जब मैं 40 वर्ष का हुआ तब मैंने यह महसूस किया की कुछ ज़रूरी बातों में सलाह लेनी चाहिए ।जब मैं 50 वर्ष का हुआ तब मैंने यह फैसला किया की अपने पिता की सलाह के बिना कुछ नहीं करना चाहिए क्योंकि मुझे यह ज्ञान हो चूका है की मेरे पिता दुनिया के सबसे समझदार व्यक्ति हैं पर इससे पहले मैं यह समझ पाता और अपने फैसले पर अमल कर पाता मेरे पिता जी इस संसार को अलविदा कह गए और मैं अपने पिता की हर सलाह और तजुरबे से वंचित रह गया..!!दोस्तों दुनिया में पिता का साया क्या होता हे ये शायद पिता के जाने के उपरांत ही समझ आता हे जब तक पिता जीवित होते हे हम जहाँ थोड़े से समझदार होते ही उनकी अवहेलना करने लगते हे परंतु उनके जाते ही हमें सब कुछ अहसास हो जाता हे । अतः आप सभी के करबद्ध निवेदन हे आप ऐसा न होने दे । अपने पिता का पूर्ण मान सम्मान करे उनकी बात को पूरा महत्व दे । आप खुद ही जीवन में अंतर पायेंगे । दुनिया के सभी पिता को समर्पित 💓💓💓💓💓
Foreign में एक newspaper में बड़ा अजीब सा advertisement था - एक old couple चाहिए, जो साथ में रहे। एक old couple ने फोन किया - हमें job चाहिए पर काम क्या करना होगा।वहाँ से आवाज आई हम दोनों doctors है, हमारी माँ तीन महिने पहले चल बसी।काम करने के लिए हमारे पास servants है, पर हमें कोई पुछने वाला नहीं है कि बेटा late क्यूं हो गये,खाना खाया या नहीं,हम काम से आए तो कोई प्रेम देकर सहला दे।उनकी आँखों में आँसू आ गए।जगत की विडम्बना है कि जिनके घर में माता-पिता है उनको value नहीं है और जिनके नहीं है उनको लगता है माता-पिता होते तो अच्छा रहता। अपनों का ख़्याल रखें।स्वस्थ रहें व्यस्त रहें मस्त रहें 🥰
12 फरवरी - 30 माघ - जनम दिवस साहिबज़ादा बाबा अजीत सिंघ जी, श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी के बड़े पु़त्र साहिबज़ादा अजीत सिंह छोटी उम्र में बड़ी कुर्बानी के कारण सिख इतिहास में उनका नाम बहूत सन्मान से लिया जाता है ।जब बाबा अजीत सिंघ 5 महीनों के हुए तो उस समय दसवें पातशाह श्री गुरू गोबिंद सिंघ की पहाड़ी राजाओं से भंगानी के मैदान में घमासान की लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई में गुरू के साथीयों ने महान जीत हासिल की थी जिस की ख़ुशी के कारण साहिबजादे का नाम अजीत सिंघ रखा गया।छोटी आयु में ही अजीत सिंघ काफ़ी बुद्धिमान थे। जहां उन्होने गुरबाणी का गहन ज्ञान हासिल किया, वही सिख योद्धायों व गुरू पिता से युद्ध कलाओं में भी मुहारत हासिल की। साहिबज़ादा अजीत सिंघ ने अपनी आयु का अधिक समय गुरू गोबिंद सिंह जी की छत्र छाया तले श्री आनंदपुर साहिब में ही व्यतीत किया।लुटेरों को सबक सिखानाएक बार मई 1699 ई0 श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी के दर्शनों के लिया संगत पोठोहार से आ रही थी मगर रास्ते में ही संगत के सामान को लुटेरों ने लूट लिया, जब इस बात की खबर गुरु जी को मिली तो गुरु जी ने अपने बड़े पुत्र को उन लुटेरों को सबक सीखने के लिए भेजा, साहिबज़ादा अजीत सिंह उस वक़्त केवल १२ वर्ष के थे तो साहिबज़ादा अजीत सिंघ सौ सिक्खों के जत्थे का नेतृत्व करते हुए आनंदपुर साहिब के नजदीक गांव नूर पहुंच गए ,जहां उन्होने ने वहां के रंगड़ों को अच्छा सबक सिखाया जिन्होने पोठोहार की संगत को श्री आन्नदपुर साहिब आते समय लुट लिया था।किला तारागढ़ निरमोहगढ़ को संभालाअगस्त 1700 ई0 को जब पहाड़ी राजाओं ने तारागढ़ किले पर हमला क्यिा तो अजीत सिंघ ने बड़ी बहादुरता के साथ उनका सामना किया। अक्टूबर के आरम्भिक दिनों में जब पहाड़ी राजाओं ने निरमोहगढ़ पर धावा बोला तो उस वक़्त भी साहिबज़ादा अजीत सिंह ने दशम पिता का पूरा साथ दिया था।ब्राह्मण की पत्नी को छुड़वा कर लानाएक दिन कलगीधर पातशाह का दरबार सजा हुआ था।एक गरीब ब्राह्मण रोता हुआ आकर कहने लगा “मैं ज़िला होशियारपुर के गांव बस्सी का रहनंे वाला हूं गांव के पठानों ने मेरे साथ धक्केशाही की है। मेरी पिटाई करके मेरी र्धम-पत्नी भी मेरे से छीन ली है।अन्य किसी ने मेरे अनुरोघ पर कोई ध्यान नहीं दिया।गुरू नानक का दर सदैव ही निमाने कामान बनता रहा है।कृपा मेरी इज्ज़त मुझे वापिस दिला दो।मै हमेशा के लिए गुरू नानक के घर का कृतज्ञ रहूंगा।“ गुरू गोबिंद सिंह जी ने साहिबज़ादा अजीत सिंघ को कहा कि “बेटा! जी कुछ सिखों को साथ लेकर जाओ तथा जाबर खां से इस मज़लूम की जोरू छुडवा कर लै आओ।” साहिबज़ादा अजीत सिंह ने 100 घुडसवार सिक्खें का जत्था साथ लेकर बस्सी गांव पर धावा बोल दिया। जाबर खां की हवेली को घेर लिया तथा गरीब ब्राह्मण की पहचान पर उसकी अबला पत्नी को ज़ालिम के कब्ज़े से छुड़ा लिया।गांव पर हमले के समय दोषी के अतिरिक्त किसी ओर का कोई नुकसान नहीं होने दिया।अपने लक्ष्य को हासिल कर जब वह श्री आनंदपुर साहिब आए तो गुरू पिता ने उनका बहुत सम्मान किया।ब्राह्मण की पत्नी उस को सौंप दी गई तथा कुकर्मी ज़ाबर खां को सजा दी गई। श्री आनंदपुर साहिब में हुए मुगलों तथा पहाड़ीयों के हमले का साहिबज़ादा अजीत सिंह ने बड़े ही दलेराना तथा सूझपूर्वक ढंग से सामना किया।चमकौर का युद्धश्री आनंदपुर साहिब की घमासान लड़ाई के समय पहाड़ी राजाओं तथा मुगलों की फौजों ने श्री आनंदपुर साहिब को आधे साल से ज्यादा समय तक घेरा डाली रखा । पहाड़ी राजाओं और मुगलों की कसमों और सिखों के कहने पर गुरु महाराज जी ने आनंदपुर का किला छोड़ागुरू परिवार तथा ख़ालसा फौज़ अभी सरसा नदी के नजदीक पहुंचे ही थे कि दुश्मन की फ़ौज ने हमला कर दिया।इस संकट के समय साहिबज़ादा अजीत सिंघ ने कुछ शेरदिल सिक्खों को साथ लेकर दुश्मन दल के सैनिकों को तब तक रोके रखा जब तक गुरू पिता तथा उनके सहयोगीयों ने सरसा नदी को पार न कर लिया।बाद में स्वंय भी अपने साथीयों के साथ नदी पार कर गए।नदी पार करने के बाद गुरू साहिब तथा ख़ालसा फ़ौज के कुछ सिक्खां ने चमकौर साहिब में चैधरी बुद्धी राम की एक गढ़ीनुमा कच्ची हवेली में पुहंचे। इस गढ़ी के आसरे ही श्री गुरू गोबिंद सिंह जी ने दुश्मनों की फ़ौज के साथ ”लोहा लेने का मन बना लिया।सुबह पांच-पांच सिक्खों के जत्थे बारी-बारी दुश्मनों से युद्ध करके शहीदी प्राप्त करने लगे। सिक्खों को युद्ध करते देख कर साहिबज़ादे ने भी गुरू जी से युद्ध मे जाने का मन बनाया । जब उन्होनें गुरू साहिब से मैदान-ए- जंग में जाने की आज्ञा मंगी तों कलगीधर पातशाह ने पुत्र को सीने से लगा लिया तथा कहा,“लाल जीओ! जब मैं अपने पिता (गुरू तेग बहादुर) जी को शहीद होने के लिए भेजा था तो उस समय मैने धर्मी पुत्र होने का फर्ज़ अदा किया था। उसी तर्ज पर आज मैं तुम्हें रणभूमि में भेज कर धर्मी पिता का फर्ज निभाना जा रहा हूँ, लगता है परमात्मा ने मुझे यहां भेजा ही इस लिए है।”श्री गुरू गोबिंद सिंह जी ने इतनी ख़ुशी व उत्साह से साहिबज़ादा अजीत सिंघ को जंग की और भेजा जितने चाव के साथ बारात में भेजा जाता है। शीश पर सुंदर कलगी शोभ रही थी। जब वह बाहर निकले तो मुगलों की फौज को प्रतीत हुआ कि हजूर स्वंय ही गढ़ी से बाहर आ गए है। भारी (बडी़) संख्या में विरोद्धियों को सदा की नींद सुला के बाबा अजीत सिंघ आप भी शहादत प्राप्त कर गए। सारा जिस्म तीरों व तलवारों से छलनी हुआ पड़ा था,परन्तु आत्मा परमात्मा में लीन हो चुकी थी। अपने फ़र्ज़न्द की बहादुरी को देख कर दश्मेश पिता जी कह रहे थे, ”बेटा अजीत! तेरी शहादत ने सही अर्थ में मुझे अकाल पुरख की ओर से सुरखरू कर दिया है।ऐसे सुरवीर योद्धा को मेरा बार बार प्रणाम है
Saturday, 11 February 2023
.. «❥❥ एक गृहिणी का 💖 अनोखा वैलंटाइन 💖 🔅🔅🔅🔅 पति की बाहों में गुजरे ... मेरा हर पल ऐसे ~ जैसे ... वो मेरे गुलशन, अौर मैं उनकी गुलाब. बस ... यही है मेरा 🌸 --> ROSE DAY <-- 🌸 💘 जब पति को जिंदगी भर सुख-दुःख में साथ देने की बात करती हूँ, बस ...वही है मेरा 🔘 --> PROPOSE DAY <-- 🔘 💘 रास्ते पर किसी अनाथ बच्चे को चॉकलेट खिलाऊँ, और उसके हँसते चेहरे पर ख़ुशी देखूँ, बस ... वही है मेरा --> CHOCOLATE DAY <-- 💘 बच्चों के लिये ... खरीदा हुआ टेडी क्यूँ ? मैं खुद उन्हें पीठ पर बैठाऊँ, बस ... वही है मेरा 🎀 --> TEDDY DAY <-- 🎀 💘 माता-पिता को कभी ... वृद्धाश्रम में नहीं रखूँगी. यह वचन देती हूँ. बस ... यही है मेरा --> PROMISE DAY <-- 👍 💘 मैं चाहे ज़ितना थक जाऊँ, और बच्चे दौड़कर गले लगाते हैं, बस ... वही है मेरा 💠 --> HUG DAY <-- 💠 💘 छुट्टी के दिन ~ परिवार के साथ हँसते-खेलते दिन बिताऊँ, बस ... वही है हमारा ALL FAMILY 👉 VALENTINE DAY 👈 💘
*इस कथा को जो पढ़ेगा उसे 84 लाख योनियों से मुक्ति मिल जायेगी* एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ीं। जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे।भागते- भागते श्री कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था। लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। कुम्हार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं। तब प्रभु ने कुम्हार से कहा कि 'कुम्हारजी, आज मेरी मैया मुझ पर बहुत क्रोधित हैं। मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही हैं। भैया, मुझे कहीं छुपा लो।' तब कुम्हार ने श्री कृष्ण को एक बड़े से मटके के नीचे छिपा दिया। कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयीं और कुम्हार से पूछने लगीं- 'क्यूँ रे, कुम्हार ! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, क्या ?' कुम्भार ने कह दिया- 'नहीं, मैया ! मैंने कन्हैया को नहीं देखा।' श्री कृष्ण ये सब बातें बड़े से घड़े के नीचे छुपकर सुन रहे थे। मैया तो वहाँ से चली गयीं। अब प्रभु श्री कृष्ण कुम्हार से कहते हैं- 'कुम्हारजी, यदि मैया चली गयी हो तो मुझे इस घड़े से बाहर निकालो।' कुम्भार बोला- 'ऐसे नहीं, प्रभु जी ! पहले मुझे चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।' भगवान मुस्कुराये और कहा- 'ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ। अब तो मुझे बाहर निकाल दो।' कुम्हार कहने लगा- 'मुझे अकेले नहीं, प्रभु जी ! मेरे परिवार के सभी लोगों को भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दोगे तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकालूँगा।' प्रभु जी कहते हैं- 'चलो ठीक है, उनको भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त होने का मैं वचन देता हूँ। अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।' अब कुम्हार कहता है- 'बस, प्रभु जी ! एक विनती और है। उसे भी पूरा करने का वचन दे दो तो मैं आपको घड़े से बाहर निकाल दूँगा।' भगवान बोले- 'वो भी बता दे, क्या कहना चाहते हो ?' कुम्भार कहने लगा- 'प्रभु जी ! जिस घड़े के नीचे आप छुपे हो, उसकी मिट्टी मेरे बैलों के ऊपर लाद के लायी गयी है। मेरे इन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।' भगवान ने कुम्हार के प्रेम पर प्रसन्न होकर उन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त होने का वचन दिया।' प्रभु बोले- 'अब तो तुम्हारी सब इच्छा पूरी हो गयीं, अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।' तब कुम्हार कहता है- 'अभी नहीं, भगवन ! बस, एक अन्तिम इच्छा और है। उसे भी पूरा कर दीजिये और वो ये है- जो भी प्राणी हम दोनों के बीच के इस संवाद को सुनेगा, उसे भी आप चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करोगे। बस, यह वचन दे दो तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकाल दूँगा।' कुम्भार की प्रेम भरी बातों को सुन कर प्रभु श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और कुम्हार की इस इच्छा को भी पूरा करने का वचन दिया। फिर कुम्हार ने बाल श्री कृष्ण को घड़े से बाहर निकाल दिया। उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम किया। प्रभु जी के चरण धोये और चरणामृत पीया। अपनी पूरी झोंपड़ी में चरणामृत का छिड़काव किया और प्रभु जी के गले लगाकर इतना रोये कि प्रभु में ही विलीन हो गये। जरा सोच करके देखिये, जो बाल श्री कृष्ण सात कोस लम्बे-चौड़े गोवर्धन पर्वत को अपनी इक्क्नी अंगुली पर उठा सकते हैं, तो क्या वो एक घड़ा नहीं उठा सकते थे। लेकिन बिना प्रेम रीझे नहीं नटवर नन्द किशोर। कोई कितने भी यज्ञ करे, अनुष्ठान करे, कितना भी दान करे, चाहे कितनी भी भक्ति करे, लेकिन जब तक मन में प्राणी मात्र के लिए प्रेम नहीं होगा, प्रभु श्री कृष्ण मिल नहीं सकते। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधे राधे।*एक सुंदर कथा भेजी है, विश्वास और मनन कीजिये। अच्छी लगे तो दूसरों को भी भेजिए!* प्रार्थना नष्ट नहीं होती। उपयुक्त समय पर क्रियान्वित होती हैं। ईश्वर सदैव आप सभी को स्वस्थ व सुखी रखें। जय श्री राधेकृष्ण 🙏🏻🙏🏻💐💐राधे राधे
Friday, 10 February 2023
Thursday, 9 February 2023
विवाह के बाद पहली बार मायके आयी बेटी का स्वागत सप्ताह भर चला।सप्ताह भर बेटी को जो पसन्द है, वो सब किया गया।वापस ससुराल जाते समय पिता ने बेटी को एक अति सुगंधित अगरबत्ती का पुडा दिया और कहा कि पुत्री तुम जब ससुराल में पूजा करोगी तब यह अगरबत्ती जरूर जलाना...माँ ने मन्द स्वर में कहा-बिटिया प्रथम बार मायके से ससुराल जा रही है, तो भला कोई अगरबत्ती जैसी चीज देता है?पिता ने झट से जेब मे हाथ डाला और जेब मे जितने भी रुपये थे, वो सब बेटी को दे दिए...ससुराल में पहुंचते ही सासु माँ ने बहु का बैग टटोला और पूछा कि तुम्हारे माँ बाप ने बिदाई में क्या दिया, कुछ विशेष न मिलने पर उनकी नजर अगरबत्ती का पुडे पर पड़ी । क्रोधवश सासु माँ ने मुंह बना कर बहु को बोला कि कल पूजा में यह अगरबत्ती लगा लेना...सुबह जब बेटी पूजा करने बैठी, अगरबत्ती का पुडा खोला तो उसमे से एक चिट्ठी निकली-लिखा था...बेटी यह अगरबत्ती स्वतः जलती है, मगर संपूर्ण घर को सुगंधित कर देती है। इतना ही नही, आजू-बाजू के पूरे वातावरण को भी अपनी महक से सुगंधित एवं प्रफुल्लित कर देती है...!!हो सकता है की तुम कभी पति से कुछ समय के लिए रुठ जाओगी या कभी अपने सास-ससुरजी से नाराज हो जाओगी, कभी देवर या ननद से भी रूठोगी, कभी तुम्हे किसी से बाते सुननी भी पड़ जाए, या फिर कभी अडोस-पड़ोसियों के बर्ताव पर तुम्हारा दिल खट्टा हो जाये, तब तुम मेरी यह भेंट ध्यान में रखना -अगरबत्ती की तरह जलना, जैसे अगरबत्ती स्वयं जलते हुए पूरे घर और सम्पूर्ण परिसर को सुगंधित और प्रफुल्लित कर ऊर्जा से भरती है, ठीक उसी तरह तुम स्वतः सहन करते हुए ससुराल को अपना मायका समझ कर सब को अपने व्यवहार और कर्म से सुगंधित और प्रफुल्लित करना...बेटी चिट्ठी पढ़कर फफक-2 कर रोने लगी, सासू माँ दौड़कर आयी, पति और ससुरजी भी पूजा घर मे पहुंचे जहां बहु रो रही थी।"अरे हाथ को चटका लग गया क्या? -पति ने पूछा"क्या हुआ यह तो बताओ- ससुरजी बोले।सासु माँ आजू बाजू के सामान में कुछ है क्या- यह देखने लगी तो उन्हें पिता द्वारा सुंदर अक्षरों में लिखी हुई चिठ्ठी नजर आयी, चिट्ठी पढ़ते ही उन्होंने बहु को गले से लगा लिया और चिट्ठी ससुरजी के हाथों में दी।चश्मा ना पहने होने की वजह से चिट्ठी बेटे को देकर पढ़ने के लिए कहा...सारी बात समझते ही संपूर्ण घर स्तब्ध हो गया।"सासु माँ उच्च स्वर में बोली अरे यह चिठ्ठी फ्रेम करानी है, यह मेरी बहू को मिली हुई सबसे अनमोल भेंट है, पूजा घर के बाजू में ही इसकी फ्रेम होनी चाहिए ।और फिर सदैव वह फ्रेम अपने शब्दों से सम्पूर्ण घर, और अगल-बगल के वातावरण को अपने अर्थ से महकाती रही, और अन्ततः अगरबत्ती का पुडा खत्म होने के बावजूद भी...क्या आप भी ऐसे संस्कार अपनी बेटी को देना चाहेंगे ... " बेटियां दो कुलों को महकाती है*❤
Wednesday, 8 February 2023
कल रोज़-डे था , आज प्रोपोज़-डे है ।सोच रहीं हूँ आज प्रोपोज़-डे को मैं भी प्रोपोज़ कर दूं ।प्रोपोज़ल मायने प्रस्ताव रखना, विचार करना .....अब वक्त आ गया है ,प्यार से आगे भी बढ़ा जाए ।जिन हसीं चेहरों पे आ के दिल ठहर गया था,वहां से आगे भी चला जाए ।कुछ और भी चेहरे हैं इस जहां में..बदसूरत...शून्य....सूखी आंखो वाले ।रूखे हाथों वाले....भूखे पेट वाले ।इन बर्फीली सर्द रातों में भी जो फुटपाथ तले सोते हैं । हम छोड़ देते हैं जूठन प्लेटों में,वो दो टुकडों के लिए रोते हैं...!इक प्रस्तावना इनके उत्थान की ।इक मानवता के नाम की ।कुछ भूखी विलकती बच्चिओं कामंडियों में भाव भी सुना लगता है ....उदर की आग बुझाने का,सब्जबाग दिखाया जाता है...फिर मक्कारी से हवस की आग को बुझाया जाता है...भ्रूण हत्या का तो सुना था...यहां तो जिन्दा दफनाया जाता है ।एक और प्रस्ताव भी रखना है ।एक और विचार भी करना है ,उन बूढों का...उन बुज़ुर्गों का.......जो जिन्दगी के सफर के बाद भी..लाचार हैं..मजबूर हैं ।कुछ बृद्धाश्रम में सड़ रहे, कुछ घर में भी रह मज़बूर हैं ।मंजिल तक पहुंचाई औलाद जिन्होंने ....उसी के हाथों दर्द मिला....आंखे भावशून्य...न चेहरे पे नूर है ।आओ उठें...चलें ।हाथ लें मिला ।करें आज के दिन कोई नयी प्रस्तावना...क्योंकि गालिब़ ने कहा था-"और भी हैं काम ज़माने में...मोहब्बत के सिवा....."स्वस्थ रहें व्यस्त रहें मस्त रहें 🥰
Tuesday, 7 February 2023
वैलंटाइन डे मनाओ...मगर अपना तरीका बदलकर. . .*ツ किसी रोते हुये बच्चे को चॉकलेट दे कर तो देखो**ツ किसी अनाथ बच्चे को टेडी दे कर तो देखो**ツ सारे दिन काम करती माँ के हाथो को चूम करतो देखो**ツ जिसको पैदा होते ही फेँक दिया उस मासूम सी बच्ची को Hug कर तो देखो**ツ उस बच्चे को Rose दे कर देखो जो तुम्हारे जागने से पहले तुम्हारे घर मेँ अखबार रखकर चला जाता है**ツ अरे उसे प्रपोज कर देखो, जिनको कभी प्यार ना मिला हो।**ツ यह सब करने का प्रॉमिस करो तो हर दिन वेलेन्टाइन डे है।**_तरीका बदलो सोच बदलेंगी_*...प्रभु श्री राम जी का आशीर्वाद चाइये बस•••जय श्री राम
सभी मर्द एक जैसे होते हैं।कौन मर्द ?जो बाप बनकर ताउम्र तुम्हारी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी ख्वाहिशों को पूरी करता है,जिसे अपने फटे हुए जूते सिलवाने याद रहे ना रहे लेकिन अपनी बिटिया के लिए स्कूल ड्रेस खरीदना कभी नहीं भूलता है जो महज तुम्हारी छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक गुड़िया और एक तुम्हारी पहली स्कूटी और साइकिल के लिए रोज 4 घंटे ओवरटाइम के नाम पर घर लेट आया करता है तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना?सभी मर्द एक जैसे होते हैं।कौन मर्द ?वही मर्द ना ,जो भाई बनकर ताउम्र अपनी ख्वाहिशों को मार कर अपने सारे खिलौने तुम्हे दे दिया करता है, तुम्हें डांट ना पड़े इसलिए अपने बाप से मार भी खा लिया करता है, लाख लापरवाह रहे हो वो, लेकिन तुम्हारे एक तरफ उठने वाली हर एक नजर को वह फोड़ दिया करता है वही मर्द ना जो जिंदगी भर पागलों की तरह हंसता रहता है लेकिन तुम्हारी विदाई में फूट फूट कर रोया करता है वही मर्द ना जो जिंदगी के भाग दौड़ में सबसे दूर भाग कर तुम्हारे एक फोन कॉल का इंतजार करता है तुम उसे मर्द की बात कर रही हो ना?सभी मर्द एक जैसे होते हैं।कौन मर्द ?वही मर्द ना जो पति बनकर अपने लड़कपन को एक ही झटके में खत्म कर देता है 80 की रफ्तार से चलाने वाला बाइक अचानक से 40 की रफ्तार में अपने जिम्मेदारियों को थाम लेता है मंगलसूत्र का पहचान वह मर मर्द ता उमर तुम्हारी छोटी छोटी ख्वाहिशों के लिए अपने हर बड़े बड़े अरमानों को मार दिया करता है तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना जो पति बनकर हर उम्र में एक दोस्त की तरह तुम्हारा साथ दिया करता है बोलो ना तुम उसी की बात कर रही हो ना?सभी मर्द एक जैसे होते हैंकौन मर्द ?वही मर्द ना जो प्रेमी बनकर पूरी दुनिया को भूलाकर बस तुमसे मोहब्बत करता है तुम्हारे हर झूठे तुम्हारे हर कहानी की बातों को सच मानकर तुमसे बेइंतेहा इश्क करता है वह तुम्हारी झूठ में भी खुद के लिए सच खोज लिया करता है तुम्हारी एक मुस्कान के लिए अपना सब कुछ निछावर कर दिया करता है तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना जो प्रेमी बनकर अपनी प्रेमिका के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाया करता है अरे बोलो ना, अरे चुप क्यों हो, बताओ ना की बात कर रही हो ना?सभी मर्द एक जैसे होते हैं । कौन मर्द ??वही मर्द ना जो दोस्ती के रिश्ते में एक दोस्त बनकर तुम्हें परिवार का हिस्सा मान लेता है जो तुम्हें पिज़्ज़ा खिलाने के लिए खुद के लिए बल्ला खरीदने का पैसा निकाल कर तुम्हें पिज्जा खिला देता है, वही मर्द ना जो मात्र दोस्ती का रिश्ता होने के बावजूद भी पूरी दुनिया से तुम्हारे लिए लड़ जाया करता है तुम्हें सब से बचाता है तुमसे हमेशा गाली खाता है लेकिन तुम्हारी आंखों में कभी आंसू नहीं आने देता वही मर्द ना जो तुमसे लड़ता है झगड़ते है तुम्हें रुलाता है और फिर तुम्हें हंसाने के लिए खुद जोकर बन जाया करता है बताओ ना तुम उसी मर्द की बात कर रही हो ना?सभी मर्द एक जैसे ही होते है कौन मर्द ??वही मर्द जो एक बेटा बन कर हमेशा अपनी मां का ढाल बन कर खड़ा रहता है वही मर्द जिसकी हर तम्माना को पूरी करने के लिए मां रात भर जागती है और मां के बुढ़ापे में वही लड़का एक ढाल बन कर मां की सेवा करता है मां के लिए उसका बेटा ही सबसे बेहतर होता है मां के लिए उसका बेटा ही हीरो है , हां ये बात सही है कि शादी होने के बाद वही कुछ बेटे अपनी मां को घर से निकाल कर वृद्ध आश्रम में भेज देते है लेकिन उनके इस कुकर्म के लिए क्या सिर्फ मर्द ही जिमेद्दार होते है लेकिन इन सब से दूर हिंदुस्तान के आज भी हर घर में श्रवण कुमार जैसे बेटे रहते है जिनके लिए उनकी मां ही उनकी दुनिया है ,बताओ ना क्या तुम उसी मर्द की बात कर रहीं हो जो अपनी मां के लिए जान भी देते है 🙏
Monday, 6 February 2023
कुछ पंडितों ने एक औरत को कहा - घर में तू विष्णु जी की फोटो रख ले और रोटी खाने से पहले उनके आगे रोटी की थाली रखना कर कहना है विष्णु अर्पण,अगर पानी पीना है तो पहले भी विष्णु जी के आगे रखकर कहना है विष्णु अर्पणउस औरत की आदत हो गई कि जो भी काम करती पहले मन में यह कहती कि विष्णु अर्पण, फिर वह काम करती थी।आदत इतनी पक्की हो गई कि 1 दिन घर का कूड़ा इकट्ठा किया और फेंकते हुए कहा विष्णु अर्पणवही पास से नारद मुनि जा रहे थे। उन्होंने जब यह सुना तो उस औरत को थप्पड़ मार कर कहा - विष्णु जी को कूड़ा अर्पण कर रही है।विष्णु जी के प्रेम में रंगी औरत थप्पड़ पड़ते ही बोली विष्णु अर्पण अब तो नारद जी ने दूसरे गाल पर थप्पड़ मारते हुए कहा कि थप्पड़ भी विष्णु अर्पण कह रही है लेकिन वह औरत यही कहती रही विष्णु अर्पण।नारद मुनि क्रोध करते हुए विष्णुपुरी में चले गए, वहाँ देखते है कि विष्णु जी के दोनों गालों पर उंगलियों के निशान बने हुए है,पूछने लगे - भगवान यह क्या हो गया। आपके चेहरे पर यह निशान कैसे पढ़े?विष्णु जी बोले - नारद थप्पड़ मारो भी तुम और पूछो भी तुम!नारद जी बोले - प्रभु मैं आपको थप्पड़ कैसे मार सकता हूँ?विष्णु जी बोले - नारद जिस औरत ने कूड़ा फेंकते हुए यह कहा था कि विष्णु अर्पण और तुमने उसे थप्पड़ मारा तो वह थप्पड़ उसने मुझे अर्पण कर दिया था। उसी अर्पित थप्पड़ के निशान है जो आपने उसे मारे थे।श्री हरि हर का नाम ले, कार्य कीजिये नेक।भगवन जिनके हिय बसें, उनके शुद्ध विवेक।।🙏💐
Sunday, 5 February 2023
Saturday, 4 February 2023
शादी शुदा स्त्री अक्सर कर बैठती हैं #इश्क़मांग में सिंदूर होने के बावजूदजुड़ जाती हैं किसी के अहसासों सेकह देती है उससे कुछ अनकही बातेंऐसा नहीं की वो बदचलन हैंया उसके चरित्र पर कोई दाग़ हैंतो फिर क्या हैं जो वो खोजती हैंसोचा कभी, स्त्री क्या सोचती हैंतन से वो हो जाती हैं शादीशुदापर मन कुंवारा ही रह जाता हैंकिसी ने मन को छुआ ही नहींकोई मन तक पहुंचा ही नहीबस वो रीती सी रह जाती हैंऔर जब कोई मिलता हैं उसके जैसाजो उसके मन को पढ़ने लगता हैंतो वो खुली किताब बन जाती हैंखोल देती है अपनी सारी गिरहेंऔर नतमस्तक हो जाती हैं सम्मुखस्त्री अपना सबकुछ न्योछावर कर देती हैंजहां वो बोल सके खुद की बोलीजी सके खुद के दो पलबता सकें बिना रोक टोक अपनी बातेंहंस सके एक बेख़ौफ़ सी हसींहां लोग इसे इश्क ही कहते हैपर स्त्री तो बस दूर करती हैंअपने मन का कुंवारापन❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
Friday, 3 February 2023
उधार धन लेकर वापस ना करने वाले लोग इतने बड़े बेशर्म होते हैं कि...आपके कई बार तकादा करने पर भी आपके सामने फकीर बन जाएंगे मगर इनकी मौज मस्ती में कोई कमी नहीं आएगी, परिवार के साथ घूमने जाएंगे, हर शादी मे व्यवहार देंगे दावत उड़ाएंगे, खुद की नशा पत्ती बीयर या दारू में कोई कटौती नही करेंगेपैसे वापस मांगों तो फिर फकीर बन जाएंगे यदि कोई आपके बुरे वक्त में आपकी आर्थिक मदद करता है तो आप का भी फर्ज बनता है कि उसके टोकने से पहले पैसे वापस कर दें ..#udhar #,karan.#beautifullife
उधार धन लेकर वापस ना करने वाले लोग इतने बड़े बेशर्म होते हैं कि...आपके कई बार तकादा करने पर भी आपके सामने फकीर बन जाएंगे। मगर इनकी मौज मस्ती में कोई कमी नहीं आएगी, परिवार के साथ घूमने जाएंगे, हर शादी में व्यवहार देंगे दावत उड़ाएंगे, खुद की नशा पत्ती बीयर या दारू में कोई कटौती नही करेंगे।पैसे वापस मांगों तो फिर फकीर बन जाएंगे । यदि कोई आपके बुरे वक्त में आपकी आर्थिक मदद करता है, तो आप का भी फर्ज बनता है कि उसके टोकने से पहले पैसे वापस कर दें ..।#beautifullife
Tuesday, 31 January 2023
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गवास हो गया था। लोगों ने दूसरी शादी की सलाह दी परन्तु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि पुत्र के रूप में पत्नी की दी हुई भेंट मेरे पास हैं, इसी के साथ पूरी जिन्दगी अच्छे से कट जाएगी।पुत्र जब वयस्क हुआ तो पूरा कारोबार पुत्र के हवाले कर दिया। स्वयं कभी अपने तो कभी दोस्तों के आॅफिस में बैठकर समय व्यतीत करने लगे।पुत्र की शादी के बाद वह ओर अधिक निश्चित हो गये। पूरा घर बहू को सुपुर्द कर दिया।पुत्र की शादी के लगभग एक वर्ष बाद दोहपर में खाना खा रहे थे, पुत्र भी लंच करने ऑफिस से आ गया था और हाथ–मुँह धोकर खाना खाने की तैयारी कर रहा था।उसने सुना कि पिता जी ने बहू से खाने के साथ दही माँगा और बहू ने जवाब दिया कि आज घर में दही उपलब्ध नहीं है। खाना खाकर पिताजी ऑफिस चले गये।थोडी देर बाद पुत्र अपनी पत्नी के साथ खाना खाने बैठा। खाने में प्याला भरा हुआ दही भी था। पुत्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और खाना खाकर स्वयं भी ऑफिस चला गया।कुछ दिन बाद पुत्र ने अपने पिताजी से कहा- ‘‘पापा आज आपको कोर्ट चलना है, आज आपका विवाह होने जा रहा है।’’पिता ने आश्चर्य से पुत्र की तरफ देखा और कहा-‘‘बेटा मुझे पत्नी की आवश्यकता नही है और मैं तुझे इतना स्नेह देता हूँ कि शायद तुझे भी माँ की जरूरत नहीं है, फिर दूसरा विवाह क्यों?’’पुत्र ने कहा ‘‘ पिता जी, न तो मै अपने लिए माँ ला रहा हूँ न आपके लिए पत्नी,*मैं तो केवल आपके लिये दही का इन्तजाम कर रहा हूँ।*कल से मै किराए के मकान मे आपकी बहू के साथ रहूँगा तथा आपके ऑफिस मे एक कर्मचारी की तरह वेतन लूँगा ताकि *आपकी बहू को दही की कीमत का पता चले।’’**👌Best message👌* *-माँ-बाप हमारे लिये* *ATM कार्ड बन सकते है,* *तो ,हम उनके लिए* *Aadhar Card तो बन ही सकते है.
Saturday, 28 January 2023
घर से भागी हुई बेटियों का पिता इस दुनिया का सबसे अधिक टूटा हुआ व्यक्ति होता है, पहले तो वो महीनों तक घर से निकलता ही नही और फिर जब निकलता है तो हमेशा सिर झुका कर चलता है, आस पास के मुस्कुराते चेहरों को देख उसे लगता है जैसे लोग उसी को देख कर हँस रहे हों, जीवन भर किसी से तेज स्वर में बात नहीं करता, डरता है कहीं कोई उसकी भागी हुई बेटी का नाम न ले ले, जीवन भर डरा रहता है, अंतिम सांस तक घुट घुट के जीता है, और अंदर ही अंदर रोता रहता है।जानते हैं भारतीय समाज अपनी बेटियों को लेकर इतना संवेदन शील क्यों है,भारतीय इतिहास में हर्षवर्धन के बाद तक अर्थात सातवीं आठवीं शताब्दी तक बसन्तोत्सव मनाए जाने के प्रमाण मौजूद हैं, बसन्तोत्सव बसन्त के दिनों में एक महीने का उत्सव था जिसमें विवाह योग्य युवक युवतियाँ अपनी इच्छा से जीवनसाथी चुनती थीं और समाज उसे पूरी प्रतिष्ठा के साथ मान्यता देता था, आश्चर्यजनक है ना आज उसी देश में कुछ गांवों की पंचायतें जो प्रेम करने पर कथित रूप से मृत्यु दण्ड तक दे देती थी, पता है क्यों? इस क्यों का उत्तर भी उसी इतिहास में है, वो ये कि भारत पर आक्रमण करने आया मोहम्मद बिन कासिम भारत से धन के साथ और क्या लूट कर ले गया था जानते हैं, सिंधु नरेश दाहिर की दो बेटियां... उसके बाद से आज तक प्रत्येक आक्रमणकारी यही करता रहा है.. गोरी, गजनवी, तैमूर सबने एक साथ हजारों लाखों बेटियों का अपहरण किया, प्रेम के लिए...? नहीं... बिल्कुल नही... उन्होंने अपहरण किया सिर्फ और सिर्फ बलात्कार व यौन दासी बनाने के लिए,जबकि भारत ने किसी भी देश की बेटियों को नहीं लूटा, भारत की बेटियाँ सब से अधिक लूटी गई हैं, कासिम से ले कर गोरी तक, खिलजी से ले कर मुगलों तक, अंग्रेजों से ले राँची के उस रकीबुल हसन ने राष्ट्रीय निशानेबाज तारा सहदेव को, आफताब ने श्रद्धा को, सबने भारत की बेटियों को लूटा;भारत का एक सामान्य पिता अपनी बेटी के प्रेम से नहीं डरता, वह डरता है अपनी बेटी के लूटे जाने से!भागी हुई लड़कियों के समर्थन में खड़े होने वालों का गैंग अपने हजार विमर्शों में एक बार भी इस मुद्दे पर बोलना नहीं चाहता कि भागने के साल भर बाद ही उसका कथित प्रेमी अपने दोस्तों से उसके साथ दुष्कर्म क्यों करवाता है, उसे कोठे पर क्यों बेंच देता है या उसे अरब देशों में लड़की सप्लाई करने वालों के हाथ क्यों बेंच देता है, आश्चर्य हो रहा है न, पर सच्चाई यही है..!!देश के हर रेडलाइट एरिया में सड़ रही प्रत्येक बेटी जिहादियों द्वारा प्रेम के नाम पर फँसा के यहां लाई जाती है,उन बेटियों पर, उस "धूर्त प्रेम" पर कभी कोई चर्चा नहीं होती, उनके लिए कोई मानवाधिकार वादी, कोई स्त्री वादी विमर्श नहीं छेड़ता।यही एक पिता की आज्ञा ना मान कर कसाई के साथ भागी हुई बेटियों का सच है,प्रेम के नाम पर "पट" जाने वाली मासूम बेटियां नहीं जानती कि वे अपने व अपने पिता के लिए कैसा अथाह दुःख का सागर खरीद रही हैं जानता और समझता है तो बस उनका बेबस निरीह पिता।साभार....#हर_बेटी_मेरी #beti
Friday, 27 January 2023
*Beautiful Message. Not to be missed!!**YOUNG 😎 and OLD* 😸*When YOUNG,* *I was WORRIED about MY PIMPLES.**When I am OLD,**I am WORRIED about MY WRINKLES.**When I was YOUNG,**I was WAITING to HOLD HER HAND.**When OLD,**I am WAITING for SOMEONE to HOLD MY HAND.**When YOUNG,* *I wanted my parents to leave me alone**When I AM OLD**I am worried to be left alone**When I was YOUNG,**I HATED being ADVISED.**When OLD,**there is NO ONE around to TALK or ADVISE.**When YOUNG,* *I ADMIRED BEAUTIFUL THINGS.**When I am OLD,* *I see BEAUTY in THINGS around ME.**When I was YOUNG,**I felt I was ETERNAL.**When I am OLD,**I know SOON it will be MY TURN.**When I was YOUNG,**I CELEBRATED the MOMENTS.**When I am OLD,**I am CHERISHING MY MEMORIES.**When I was YOUNG,**I found it DIFFICULT to WAKE UP.**When OLD,**I find it DIFFICULT to SLEEP.**When I was YOUNG,**I WANTED to be a HEART - THROB.**When OLD,* *I am WORRIED when will MY HEART STOP.**At EXTREME STAGES of OUR LIFE,**WE WORRY but WE DON'T REALIZE,**LIFE NEEDS to BE EXPERIENCED.**It DOESN'T MATTER whether YOUNG or OLD. LIFE needs to be LIVED and LIVED WITH LOVE & LOVED ONES.**A Wonderful Message and a Fact too*.
Wednesday, 25 January 2023
Monday, 23 January 2023
Sunday, 22 January 2023
"A young man asked his grandfather, "Grandpa, how did you live in the past without technology . . .without computers,without Internet connection,without TVs,without air conditioners,without cars,no cell phones?"Grandpa answered:"As your generation lives today . . .there are no prayers,there is no compassion,there is no respect,no real education,there is no personality,there is no shame at all,there is no modesty,there is no honesty.(Of course, marami pa naman ang matitino ngayon)We, the people born between the years 1940-1980, were the blessed ones. Our lives are living proof."• While playing and riding a bike, we have never worn a helmet.• Before school we played, and again after school, until dusk and hardly ever watched television.• We played with real friends, not virtual friends.• If we were thirsty, we would drink tap water, or water from the hose, not mineral water.• We never worried even as we shared the same cup of juice with four friends.• We never gained weight by eating plates of pasta every day.• Nothing happened to our feet despite roaming barefoot.• We never used food supplements to stay healthy.• We used to make our own toys and play with them.• Our parents were not rich. They gave love, not stuff.• We never had a cell phone, DVD, game console, Xbox, video game, PC, internet, chat . . . but we had true friends.• We VISITED FRIENDS WITHOUT BEING INVITED and shared and enjoyed the food with them.• Parents lived nearby to take advantage of family time.• We may have had black and white photos, but you can find colorful memories in them.• We are a unique and the most understanding generation, because we are the LAST GENERATION THAT LISTENED TO THEIR PARENTS.And we are also the FIRST ONES WHO LISTEN TO THEIR CHILDREN.• We are a limited edition!Take advantage of us. LEARN FROM US. We are a treasure destined to disappear soon."ANONYMOUS
Saturday, 21 January 2023
औरतें कभी रीती नहीं रहतीअक्सर देखा होगा तुमने औरतों कोएक उम्र के बाद बहुत कुछ करते हुएकिसी को ब्यूटी प्रोडक्ट बेचते हुएकिसी को सलवार कमीज रखते हुए कोई इंसोरेंस की एजेंट बन जातीतो कोई बच्चों के स्कूल में पढ़ाती कोई कुकिंग कर सब को खिलातीतो कोई डांस क्लास हैं चलातीपैसे की तंगी से नहीं करती ये सबना किसी अपने सपने को ये बुनतीतो सोचा कभी, क्या वज़ह रही होगीजो इस उम्र में ये राह चुनी होगीक्योंकि औरतो को कभी भी खुद के लिए जीना ही नहीं आतासदा से वो देती ही आई हैं प्यार, समय,हुनर, समर्पण.... अचानक जब देना बंद हो जातातो अक्सर खालीपन उन्हें डराताइसलिए चल पड़ती हैं फिर सेअपने पकवानों को देनेअपनी काबिलियत को बेचनेऔरते कभी खुद के लिए नहीं जीतीइसलिए वो कभी रीती नहीं रहतीAuthor: Unknown #aurat #women
दहेज़मुझे दहेज़ चाहिएतुम लाना तीन चार ब्रीफ़केसजिसमें भरे होतुम्हारे बचपन के खिलौनेबचपन के कपड़ेबचपने की यादेंमुझे तुम्हें जानना हैबहुत प्रारंभ से..तुम लाना श्रृंगार के डिब्बे में बंद करअपनी स्वर्ण जैसी आभाअपनी चांदी जैसी मुस्कुराहटअपनी हीरे जैसी दृढ़ता..तुम लाना अपने साथछोटे बड़े कई डिब्बेजिसमें बंद होतुम्हारी नादानियाँतुम्हारी खामियांतुम्हारा चुलबुलापनतुम्हारा बेबाकपनतुम्हारा अल्हड़पन..तुम लाना एक बहुत बड़ा बक्साजिसमें भरी हो तुम्हारी खुशियांसाथ ही उसके समकक्ष वो पुराना बक्साजिसमें तुमने छुपा रखा हैअपना दुःखअपने ख़्वाबअपना डरअपने सारे राज़अब से सब के सब मेरे होगे..मत भूलना लानावो सारे बंद लिफ़ाफेजिसमें बंद है स्मृतियांजिसे दिया हैतुम्हारे मां और बाबू जी नेभाई-बहनों नेसखा-सहेलियों नेकुछ रिश्तेदारों ने..न लाना टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीनलेकिन लाना तुमकिस्सेकहानियांऔर कहावतें अपने शहर के..कार,मोटरकार हम ख़ुद खरीदेंगेतुम लाना अपने तितली वाले पंखजिसे लगाउड़ जाएंगे अपने सपनों के आसमान में..Author: Unknown #dahej #daaz
एक पार्क मे दो बुजुर्ग बातें कर रहे थे....पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है... BE किया है, नौकरी करती है, कद - 5"2 इंच है.. सुंदर हैकोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा..दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए...??पहला :- कुछ खास नही.. बस लडका ME /M.TECH किया हो, अपना घर हो, कार हो, घर मे एसी हो, अपने बाग बगीचा हो, अच्छा job, अच्छी सैलरी, कोई लाख रू. तक हो...दूसरा :- और कुछ...पहला :- हाँ सबसे जरूरी बात.. अकेला होना चाहिए..मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए..वो क्या है लडाई झगड़े होते है...दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई फिर आँसू पोछते हुए बोला - मेरे एक दोस्त का पोता है उसके भाई-बहन नही है, मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर है..पहला :- तो करवाओ ना रिश्ता पक्का..दूसरा :- मगर उस लड़के की भी यही शर्त है की लडकी के भी मां-बाप,भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो...कहते कहते उनका गला भर आया..फिर बोले :- अगर आपका परिवार आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है.. आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी और वो बहुत सुखी रहेगी....पहला :- ये क्या बकवास है, हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या.. कल को उसकी खुशियों मे, दुःख मे कौन उसके साथ व उसके पास होगा...दूसरा :- वाह मेरे दोस्त, खुद का परिवार, परिवार है और दूसरे का कुछ नही... मेरे दोस्त अपने बच्चो को परिवार का महत्व समझाओ, घर के बडे ,घर के छोटे सभी अपनो के लिए जरूरी होते है... वरना इंसान खुशियों का और गम का महत्व ही भूल जाएगा, जिंदगी नीरस बन जाएगी...पहले वाले बुजुर्ग बेहद शर्मिंदगी के कारण कुछ नही बोल पाए...दोस्तों परिवार है तो जीवन मे हर खुशी, खुशी लगती है अगर परिवार नही तो किससे अपनी खुशियाँ और गम बांटोगे. #parivaar #family
सुनो स्त्रियोंजब रहना मुश्किल हो जाए समाज मेंजब हर रिश्ता काटने को दौड़ेजब हर रिश्ता बेवजह तोहमत लगाए जब ससुराल पक्ष के लोग दुश्मन नजर आएजब मन घुटने लगेऔर दुनिया छोड़ जाने का मन करनें लगेखुद को खत्म करने के अनेक विचार आयेंतब एक पल को ठहरनाऔर सोचना जरूर.. कि खुद को खत्म करकेमिलना क्या हैसाबित कर दी जाओगीसमाज के द्वारा उद्दंडसाबित कर दी जाओगी जिद्दीसाबित कर दी जाओगी बदचलन.तुम्हारी चिता की राख ठंडी होने से पहले हीलोग ढूंढने लगेंगे तुम्हारा ऑप्शनहो सकता है तुम्हारे पति को तुम से बेहतर पत्नी मिल जाएतुम्हारी सास और नंद को तुमसे अच्छी बहू और भाभी मिल जाएऐसा सदियों से होता आया हैइसलिएतुम शक्ति बटोरनाऔर जीने के लिएलड़ाई करनाजीवन को भरपूर जीनाजीवन छोड़ना कोई ऑप्शन नहींजीवन बिताना ही दरियादिली हैऔर एक स्त्री में होती है इतनी शक्तिवह पार कर सकती है सभीदुर्गम रास्तों को.....Author: Unknown #women #girl
एक पार्क मे दो बुजुर्ग बातें कर रहे थे....पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है... BE किया है, नौकरी करती है, कद - 5"2 इंच है.. सुंदर हैकोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा..दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए...??पहला :- कुछ खास नही.. बस लडका ME /M.TECH किया हो, अपना घर हो, कार हो, घर मे एसी हो, अपने बाग बगीचा हो, अच्छा job, अच्छी सैलरी, कोई लाख रू. तक हो...दूसरा :- और कुछ...पहला :- हाँ सबसे जरूरी बात.. अकेला होना चाहिए..मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए..वो क्या है लडाई झगड़े होते है...दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई फिर आँसू पोछते हुए बोला - मेरे एक दोस्त का पोता है उसके भाई-बहन नही है, मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर है..पहला :- तो करवाओ ना रिश्ता पक्का..दूसरा :- मगर उस लड़के की भी यही शर्त है की लडकी के भी मां-बाप,भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो...कहते कहते उनका गला भर आया..फिर बोले :- अगर आपका परिवार आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है.. आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी और वो बहुत सुखी रहेगी....पहला :- ये क्या बकवास है, हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या.. कल को उसकी खुशियों मे, दुःख मे कौन उसके साथ व उसके पास होगा...दूसरा :- वाह मेरे दोस्त, खुद का परिवार, परिवार है और दूसरे का कुछ नही... मेरे दोस्त अपने बच्चो को परिवार का महत्व समझाओ, घर के बडे ,घर के छोटे सभी अपनो के लिए जरूरी होते है... वरना इंसान खुशियों का और गम का महत्व ही भूल जाएगा, जिंदगी नीरस बन जाएगी...पहले वाले बुजुर्ग बेहद शर्मिंदगी के कारण कुछ नही बोल पाए...दोस्तों परिवार है तो जीवन मे हर खुशी, खुशी लगती है अगर परिवार नही तो किससे अपनी खुशियाँ और गम बांटोगे. #parivaar #family
Friday, 20 January 2023
एक औरत को आखिरक्या चाहिए होता है?एक बार जरुर पढ़े ये छोटी सी कहानी:राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए।हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा...यदि तुम एक प्रश्न का जवाब हमें लाकर दे दोगे तो हम तुम्हारा राज्य लौटा देंगे, अन्यथा उम्र कैद के लिए तैयार रहें।प्रश्न है.. एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ?इसके लिए तुम्हारे पास एक महीने का समय है हर्षवर्धन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया..वे जगह जगह जाकर विदुषियों, विद्वानों और तमाम घरेलू स्त्रियों से लेकर नृत्यांगनाओं, वेश्याओं, दासियों और रानियों, साध्वी सब से मिले और जानना चाहा कि एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? किसी ने सोना, किसी ने चाँदी, किसी ने हीरे जवाहरात, किसी ने प्रेम-प्यार, किसी ने बेटा-पति-पिता और परिवार तो किसी ने राजपाट और संन्यास की बातें कीं, मगर हर्षवर्धन को सन्तोष न हुआ।महीना बीतने को आया और हर्षवर्धन को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला..किसी ने सुझाया कि दूर देश में एक जादूगरनी रहती है, उसके पास हर चीज का जवाब होता है शायद उसके पास इस प्रश्न का भी जवाब हो..हर्षवर्धन अपने मित्र सिद्धराज के साथ जादूगरनी के पास गए और अपना प्रश्न दोहराया।जादूगरनी ने हर्षवर्धन के मित्र की ओर देखते हुए कहा.. मैं आपको सही उत्तर बताऊंगी परंतु इसके एवज में आपके मित्र को मुझसे शादी करनी होगी ।जादूगरनी बुढ़िया तो थी ही, बेहद बदसूरत थी, उसके बदबूदार पोपले मुंह से एक सड़ा दाँत झलका जब उसने अपनी कुटिल मुस्कुराहट हर्षवर्धन की ओर फेंकी ।हर्षवर्धन ने अपने मित्र को परेशानी में नहीं डालने की खातिर मना कर दिया, सिद्धराज ने एक बात नहीं सुनी और अपने मित्र के जीवन की खातिर जादूगरनी से विवाह को तैयार हो गयातब जादूगरनी ने उत्तर बताया.."स्त्रियाँ, स्वयं निर्णय लेने में आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं | "यह उत्तर हर्षवर्धन को कुछ जमा, पड़ोसी राज्य के राजा ने भी इसे स्वीकार कर लिया और उसने हर्षवर्धन को उसका राज्य लौटा दियाइधर जादूगरनी से सिद्धराज का विवाह हो गया, जादूगरनी ने मधुरात्रि को अपने पति से कहा..चूंकि तुम्हारा हृदय पवित्र है और अपने मित्र के लिए तुमने कुरबानी दी है अतः मैं चौबीस घंटों में बारह घंटे तो रूपसी के रूप में रहूंगी और बाकी के बारह घंटे अपने सही रूप में, बताओ तुम्हें क्या पसंद है ?सिद्धराज ने कहा.. प्रिये, यह निर्णय तुम्हें ही करना है, मैंने तुम्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया है, और तुम्हारा हर रूप मुझे पसंद है ।जादूगरनी यह सुनते ही रूपसी बन गई, उसने कहा.. चूंकि तुमने निर्णय मुझ पर छोड़ दिया है तो मैं अब हमेशा इसी रूप में रहूंगी, दरअसल मेरा असली रूप ही यही है।बदसूरत बुढ़िया का रूप तो मैंने अपने आसपास से दुनिया के कुटिल लोगों को दूर करने के लिए धरा हुआ था ।अर्थात, सामाजिक व्यवस्था ने औरत को परतंत्र बना दिया है, पर मानसिक रूप से कोई भी महिला परतंत्र नहीं है।इसीलिए जो लोग पत्नी को घर की मालकिन बना देते हैं, वे अक्सर सुखी देखे जाते हैं। आप उसे मालकिन भले ही न बनाएं, पर उसकी ज़िन्दगी के एक हिस्से को मुक्त कर दें। उसे उस हिस्से से जुड़े निर्णय स्वयं लेने दें। #aurat #women
एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया। खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया। रेस्टॉरेंट में बैठे दूसरे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे लेकिन वृद्ध का बेटा शांत था। खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा, वृद्ध को वॉश रूम ले गया।उनके कपड़े साफ़ किये, उनका चेहरा साफ़ किया, उनके बालों में कंघी की,चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया।सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे।बेटे ने बिल पे किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा।तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को आवाज दी और उससे पूछा " क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँअपने पीछे तुम कुछ छोड़ कर जा रहे हो ?? "बेटे ने जवाब दिया" नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़ करनहीं जा रहा। "वृद्ध ने कहा " बेटे, तुम यहाँ छोड़ कर जा रहे हो,प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक) और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद(आशा)। "आमतौर पर हम लोग अपने बुजुर्ग माता पिता को अपने साथ बाहर ले जाना पसंद नहीँ करतेऔर कहते हैं क्या करोगे आप से चला तो जातानहीं ठीक से खाया भी नहीं जाता आप तो घर पर ही रहो वही अच्छा होगा.क्या आप भूल गये जब आप छोटे थे और आप के माता पिता आप को अपनी गोद मे उठा कर ले जाया करते थे,आप जब ठीक से खा नही पाते थे तो माँ आपको अपने हाथ से खाना खिलाती थी और खाना गिर जाने पर डाँट नही प्यार जताती थीफिर वही माँ बाप बुढापे मे बोझ क्यो लगने लगते हैं???माँ बाप भगवान का रूप होते है उनकी सेवा कीजिये और प्यार दीजिये...क्योंकि एक दिन आप भी बूढ़े होगें।Respect our Parents.. #maabaap #Mata #pita #father
एक औरत को आखिरक्या चाहिए होता है?एक बार जरुर पढ़े ये छोटी सी कहानी:राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए।हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन के सम्मुख एक प्रस्ताव रखा...यदि तुम एक प्रश्न का जवाब हमें लाकर दे दोगे तो हम तुम्हारा राज्य लौटा देंगे, अन्यथा उम्र कैद के लिए तैयार रहें।प्रश्न है.. एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ?इसके लिए तुम्हारे पास एक महीने का समय है हर्षवर्धन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया..वे जगह जगह जाकर विदुषियों, विद्वानों और तमाम घरेलू स्त्रियों से लेकर नृत्यांगनाओं, वेश्याओं, दासियों और रानियों, साध्वी सब से मिले और जानना चाहा कि एक स्त्री को सचमुच क्या चाहिए होता है ? किसी ने सोना, किसी ने चाँदी, किसी ने हीरे जवाहरात, किसी ने प्रेम-प्यार, किसी ने बेटा-पति-पिता और परिवार तो किसी ने राजपाट और संन्यास की बातें कीं, मगर हर्षवर्धन को सन्तोष न हुआ।महीना बीतने को आया और हर्षवर्धन को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला..किसी ने सुझाया कि दूर देश में एक जादूगरनी रहती है, उसके पास हर चीज का जवाब होता है शायद उसके पास इस प्रश्न का भी जवाब हो..हर्षवर्धन अपने मित्र सिद्धराज के साथ जादूगरनी के पास गए और अपना प्रश्न दोहराया।जादूगरनी ने हर्षवर्धन के मित्र की ओर देखते हुए कहा.. मैं आपको सही उत्तर बताऊंगी परंतु इसके एवज में आपके मित्र को मुझसे शादी करनी होगी ।जादूगरनी बुढ़िया तो थी ही, बेहद बदसूरत थी, उसके बदबूदार पोपले मुंह से एक सड़ा दाँत झलका जब उसने अपनी कुटिल मुस्कुराहट हर्षवर्धन की ओर फेंकी ।हर्षवर्धन ने अपने मित्र को परेशानी में नहीं डालने की खातिर मना कर दिया, सिद्धराज ने एक बात नहीं सुनी और अपने मित्र के जीवन की खातिर जादूगरनी से विवाह को तैयार हो गयातब जादूगरनी ने उत्तर बताया.."स्त्रियाँ, स्वयं निर्णय लेने में आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं | "यह उत्तर हर्षवर्धन को कुछ जमा, पड़ोसी राज्य के राजा ने भी इसे स्वीकार कर लिया और उसने हर्षवर्धन को उसका राज्य लौटा दियाइधर जादूगरनी से सिद्धराज का विवाह हो गया, जादूगरनी ने मधुरात्रि को अपने पति से कहा..चूंकि तुम्हारा हृदय पवित्र है और अपने मित्र के लिए तुमने कुरबानी दी है अतः मैं चौबीस घंटों में बारह घंटे तो रूपसी के रूप में रहूंगी और बाकी के बारह घंटे अपने सही रूप में, बताओ तुम्हें क्या पसंद है ?सिद्धराज ने कहा.. प्रिये, यह निर्णय तुम्हें ही करना है, मैंने तुम्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया है, और तुम्हारा हर रूप मुझे पसंद है ।जादूगरनी यह सुनते ही रूपसी बन गई, उसने कहा.. चूंकि तुमने निर्णय मुझ पर छोड़ दिया है तो मैं अब हमेशा इसी रूप में रहूंगी, दरअसल मेरा असली रूप ही यही है।बदसूरत बुढ़िया का रूप तो मैंने अपने आसपास से दुनिया के कुटिल लोगों को दूर करने के लिए धरा हुआ था ।अर्थात, सामाजिक व्यवस्था ने औरत को परतंत्र बना दिया है, पर मानसिक रूप से कोई भी महिला परतंत्र नहीं है।इसीलिए जो लोग पत्नी को घर की मालकिन बना देते हैं, वे अक्सर सुखी देखे जाते हैं। आप उसे मालकिन भले ही न बनाएं, पर उसकी ज़िन्दगी के एक हिस्से को मुक्त कर दें। उसे उस हिस्से से जुड़े निर्णय स्वयं लेने दें। #aurat #women
Wednesday, 18 January 2023
Tuesday, 17 January 2023
एक मछली छोटे तालाब में अपने परिवार के साथ रहती थी, तालाब में पानी कभी सूख भी जाता था तो उस परमपिता परमेश्वर को याद करती थी पूजा तप आदि खूब किया करती थी! एक दिन तेज़ तूफ़ान और बारिश आयी जिससे मछली का परिवार बहकर नदी में बहने लगा, मछली ने व् उसके परिवार ने नदी के विपरीत दिशा में बहने की काफी कोशिश् की पर उनकी एक न चली! थक हारकर नदी के प्रवाह में ही बहकर ईश्वर को खूब कोसा और भला बुरा कहा और कुछ दिन में ही समुन्दर में पहुच गये और वहाँ जाकर उनको अहसास हुआ क़ि ईश्वर ने हमको दरिया से निकाल कर विशालता में ला दिया उसने हमारे जीवन में तूफ़ान लाकर अपने विशाल स्वरुप से जोड़ दियामित्रो हर पल उसकी रजा में राजी रहो, वो पूरा समुन्दर दे रहा है और हम एक चम्मच लेकर खड़े है! हम उसके हर कार्य के लिए कोसते रहते है negative सोचते रहते है, अपनी सोच बदलो हर पल positive सोचो! एक माँ अपने बच्चे का एक पल के लिए भी बुरा नहीं सोच सकती तो फिर वो पालनहार कैसे बुरा कर सकता है
Monday, 16 January 2023
Sunday, 15 January 2023
जिसने सुमिरन नही किया उसने कुछभी नही किया !चाहे उसने लाखो दान पुण्य किये हो चाहे रोज सत्संग सुनता हो पर सुमिरन केबिना व्यर्थ है ।उदाहरण के तौर पर एक किसान है उसने खेत मे हल जोता , खादडाली, पर फसल नही हुई और कोई समझदारआदमी उसके पास जाये और पूछे कि खेत को हल से जोता औरकिसान कहे 'हाँ बहुत अच्छी तरह से'क्या खादडाली ?किसान - हाँ अच्छी गुणवता वाली और फिर समझदारआदमी ने पूछा के बीज किस प्रकार का उपयोग किया ?और किसान ने कहा कि बीज तो मैनेडाला ही नहीँ ?यही बात रुहानियत की है इसमे बिना सुमिरन केसतगुरु रुपी फसल के दर्शनकभी नहीँ हो सकते ।सच्ची तडप से15 मिनट भी की गयी भकित कुछदिनो तक की जाने वाली भकित सेभी ज्यादा बेहतर है ।
Saturday, 14 January 2023
"Grandma, what do you think is our prime purpose in this life?" asked the curious child."Well, my dear, I believe that our prime purpose in this life is to help others," replied the grandmother. "To lend a helping hand, to offer a kind word, to be there for those who need us. It's important to remember that we are all connected, and by helping others, we are ultimately helping ourselves and our communities.""But what if we can't help them?" asked the child. "What if we don't know how to help or don't have the resources to do so?""That's a good question," said the grandmother. "It's true that there will be times when we may not know how to help or may not have the resources to do so. But that doesn't mean we should give up. We can still offer a listening ear, a comforting presence, or a simple act of kindness. And most importantly, we can make sure that we don't hurt others. We can choose to be understanding and compassionate, rather than judgmental or unkind.""That makes sense," said the child. "I want to make a difference in the world and help others, just like you do, Grandma.""I'm so proud of you, my dear," said the grandmother with a warm smile. "Remember, every small act of kindness can make a big difference in the world. And as long as we keep that spirit of helping others in our hearts, we will always find ways to make a positive impact."
Wednesday, 11 January 2023
*कौन हो तुम ? क्या है तुम्हारा नाम ? कहां से आते हो ? कहां को जाते हो ?*कोई को हम कहते हैं राम, किसी को कृष्ण, किसी को कुछ, किसी को कुछ। यह तो पुकारू नाम है। तुम जब आये थे, तो कोई नाम लेकर न आये थे। तुम जब आये थे, तब खाली, अनाम आये थे। तुम जब आये थे, तब कोई लेबिल तुम पर लगा न था। न हिंदू थे, न मुसलमान थे, न जैन थे, न ईसाई थे। तुम जब आये थे, तब न सुंदर थे, न कुरूप थे। तुम जब आये थे, न बुद्धू थे, न बुद्धिमान थे। तुम जब आये थे, तब कोई विशेषण न लगा था। विशेषण-शून्य। तुम कौन थे तब ?ध्यान में उसकी फिर से खोज करनी है। ध्यान में फिर उस जगह को छूना है, जहां से संसार शुरू हुआ है, जहां से समाज शुरू हुआ ; जहां तुम्हें नाम दिया गया, विशेषण दिये गये ; शिक्षा दी गयी, संस्कार दिये गये; तुम्हें एक रूप, ढांचा दिया गया ; उस ढांचे के पार कौन थे तुम ? एक दिन मृत्यु आयेगी, यह देह छिन जाएगी। जब तुम्हारी चिता पर जलेगी यह देह, तो अग्नि इसकी फिकिर न करेगी–हिंदू हो, मुसलमान हो, जैन हो, सिक्ख, ईसाई, कौन हो ? सुंदर हो, कुरूप स्त्री हो, पुरुष धनी हो, गरीब हो, अग्नि कोई चिंता न करेगी, बस भस्मीभूत ही कर देगी। मिट्टी तुम्हें अपने में मिला लेगी। तब तुम कौन बचोगे? जो तुमने इस संसार में जाना और माना था, वह सब तो फिर छिन जाएगा। उस सबके छिन जाने के बाद भी जो बच जाता है, वही हो तुम।ध्यान में हम उसी की खोज करते हैं, जो जन्म के पहले था और मृत्यु के बाद भी होगा। तो ध्यान का अर्थ हुआ–किसी भांति इन सारी समाज के द्वारा दी गयी संस्कार की पर्तों को पार कर के अपने स्वभाव को पहचानना है। स्वभाव को पहचान लेना ध्यान है। इसलिए महावीर ने तो धर्म की परिभाषा ही स्वभाव की है। वत्थू सहावो धम्मं। वस्तु के स्वभाव को जान लेना धर्म है। तुम्हारा जो स्वभाव है, उसको जान लेना तुम्हारा धर्म है। जैन और हिंदू और मुसलमान नहीं, तुम कौन हो इसे पहचान लेना धर्म है।तुम जवानी होकि शैशवआप अपना पाठ फिर दोहरा रहा है?जिंदगी हो,या सुनहला रूप धर करमृत्यु विचरण कर रही है?कौन हो तुम ? क्या है तुम्हारा नाम ? कहां से आते हो ? कहां को जाते हो ? तो एक तो हमारे ऊपर पड़ी हुई पर्तें हैं, कंडीशनिंग, संस्कार। इन पर्तों की गहरी गहराई में कहीं हमारा स्वरूप दब गया है। जैसे हीरे पर मिट्टी चढ़ गयी हो। मिट्टी पर मिट्टी चढ़ती चली गयी हो। हीरा बिलकुल खो गया हो। फिर भी खो तो नहीं जाता, मिट्टी हीरे को मिटा तो नहीं सकती, दब जाता है।महावीर कहते हैं, वो दिव्य ऊर्जा सिर्फ दब गयी है। ध्यान से उस दबे तक कुआं खोदना है। अपने भीतर सारी पर्तों को तोड़कर उस जगह पहुंचना है जहां तोड़ने को कुछ भी न रह जाए.......
*कौन सा पति खरीदूँ...?*शहर के बाज़ार में एक बड़ी दुकान खुली जिस पर लिखा था - *“यहाँ आप पतियों को ख़रीद सकती है |”*देखते ही देखते औरतों का एक हुजूम वहां जमा होने लगा. सभी दुकान में दाख़िल होने के लिए बेचैन थी, लंबी क़तारें लग गयी.दुकान के मैन गेट पर लिखा था -*“पति ख़रीदने के लिए निम्न शर्ते लागू”* 👇👇👇✡ *इस दुकान में कोई भी औरत सिर्फ एक बार ही दाख़िल हो सकती है, आधार कार्ड लाना आवश्यक है ...*✡ *दुकान की 6 मंज़िले है, और प्रत्येक मंजिल पर पतियों के प्रकार के बारे में लिखा है....*✡ *ख़रीदार औरत किसी भी मंजिल से अपना पति चुन सकती है....*✡ *लेकिन एक बार ऊपर जाने के बाद दोबारा नीचे नहीं आ सकती, सिवाय बाहर जाने के...*एक खुबसूरत लड़की को दूकान में दाख़िल होने का मौक़ा मिला...*पहली मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है और नेक है."*लड़की आगे बढ़ी ..दूसरी मंजिल* पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है और बच्चों को पसंद करते है.”*लड़की फिर आगे बढ़ी ...*तीसरी मंजिल* के दरवाजे पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है और खुबसूरत भी है.”*यह पढ़कर लड़की कुछ देर के लिए रुक गयी मगर यह सोचकर कि चलो ऊपर की मंजिल पर भी जाकर देखते है, वह आगे बढ़ी...*चौथी मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है, खुबसूरत भी है और घर के कामों में मदद भी करते है.”*यह पढ़कर लड़की को चक्कर आने लगे और सोचने लगी *“क्या ऐसे पति अब भी इस दुनिया में होते है ?*यहीं से एक पति ख़रीद लेती हूँ...लेकिन दिल ना माना तो एक और मंजिल ऊपर चली गयी...*पांचवीं मंजिल* पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है , नेक है और खुबसूरत है , घर के कामों में मदद करते है और अपनी बीबियों से प्यार करते है.”*अब इसकी अक़ल जवाब देने लगी वो सोचने लगी *इससे बेहतर और भला क्या हो सकता है ?* मगर फिर भी उसका दिल नहीं माना और आखरी मंजिल की तरफ क़दम बढाने लगी...*आखरी मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“आप इस मंजिल पर आने वाली 3339 वीं औरत है , इस मंजिल पर कोई भी पति नहीं है , ये मंजिल सिर्फ इसलिए बनाई गयी है ताकि इस बात का सबूत सुप्रीम कोर्ट को दिया जा सके कि महिलाओं को पूर्णत संतुष्ट करना नामुमकिन है.*हमारे स्टोर पर आने का धन्यवाद ! बांयी ओर 8सीढियाँ है जो बाहर की तरफ जाती है !!🙏🙏 *सांराश - आज समाज की सभी कन्याओं और वर पक्ष के माता पिता यह सब कर रहे है एवं 'अच्छा' और "अच्छा" ... के चक्कर में शादी की सही उम्र तो खत्म ही हो रही है.*
*मृत्यु*जब कोई इंसान इस दुनिया से विदा हो जाता है तो उसके कपड़े, उसका बिस्तर, उसके द्वारा इस्तेमाल किया हुआ सभी सामान उसी के साथ तुरन्त घर से निकाल दिये जाते है।पर कभी कोई उसके द्वारा कमाया गया धन-दौलत. प्रोपर्टी, उसका घर, उसका पैसा, उसके जवाहरात आदि, इन सबको क्यों नही छोड़ते?बल्कि उन चीजों को तो ढूंढते है, मरे हुए के हाथ, पैर, गले से खोज-खोजकर, खींच-खींचकर निकालकर चुपके से जेब मे डाल लेते है, वसीयत की तो मरने वाले से ज्यादा चिंता करते है।इससे पता चलता है कि आखिर रिश्ता किन चीजों से था।इसलिए पुण्य परोपकार ओर नाम की कमाई करो।इसे कोई ले नही सकता, चुरा नही सकता। ये कमाई तो ऐसी है, जो जाने वाले के साथ ही जाती है।हाड़ जले ज्यूँ लाकड़ी, केस जले ज्यूँ घास।कंचन जैसी काया जल गई, कोई न आयो पास।जगत में कैसा नाता रे।
Tuesday, 10 January 2023
*कौन सा पति खरीदूँ...?*शहर के बाज़ार में एक बड़ी दुकान खुली जिस पर लिखा था - *“यहाँ आप पतियों को ख़रीद सकती है |”*देखते ही देखते औरतों का एक हुजूम वहां जमा होने लगा. सभी दुकान में दाख़िल होने के लिए बेचैन थी, लंबी क़तारें लग गयी.दुकान के मैन गेट पर लिखा था -*“पति ख़रीदने के लिए निम्न शर्ते लागू”* 👇👇👇✡ *इस दुकान में कोई भी औरत सिर्फ एक बार ही दाख़िल हो सकती है, आधार कार्ड लाना आवश्यक है ...*✡ *दुकान की 6 मंज़िले है, और प्रत्येक मंजिल पर पतियों के प्रकार के बारे में लिखा है....*✡ *ख़रीदार औरत किसी भी मंजिल से अपना पति चुन सकती है....*✡ *लेकिन एक बार ऊपर जाने के बाद दोबारा नीचे नहीं आ सकती, सिवाय बाहर जाने के...*एक खुबसूरत लड़की को दूकान में दाख़िल होने का मौक़ा मिला...*पहली मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है और नेक है."*लड़की आगे बढ़ी ..दूसरी मंजिल* पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है और बच्चों को पसंद करते है.”*लड़की फिर आगे बढ़ी ...*तीसरी मंजिल* के दरवाजे पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है और खुबसूरत भी है.”*यह पढ़कर लड़की कुछ देर के लिए रुक गयी मगर यह सोचकर कि चलो ऊपर की मंजिल पर भी जाकर देखते है, वह आगे बढ़ी...*चौथी मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है, नेक है, खुबसूरत भी है और घर के कामों में मदद भी करते है.”*यह पढ़कर लड़की को चक्कर आने लगे और सोचने लगी *“क्या ऐसे पति अब भी इस दुनिया में होते है ?*यहीं से एक पति ख़रीद लेती हूँ...लेकिन दिल ना माना तो एक और मंजिल ऊपर चली गयी...*पांचवीं मंजिल* पर लिखा था - *“इस मंजिल के पति अच्छे रोज़गार वाले है , नेक है और खुबसूरत है , घर के कामों में मदद करते है और अपनी बीबियों से प्यार करते है.”*अब इसकी अक़ल जवाब देने लगी वो सोचने लगी *इससे बेहतर और भला क्या हो सकता है ?* मगर फिर भी उसका दिल नहीं माना और आखरी मंजिल की तरफ क़दम बढाने लगी...*आखरी मंजिल* के दरवाज़े पर लिखा था - *“आप इस मंजिल पर आने वाली 3339 वीं औरत है , इस मंजिल पर कोई भी पति नहीं है , ये मंजिल सिर्फ इसलिए बनाई गयी है ताकि इस बात का सबूत सुप्रीम कोर्ट को दिया जा सके कि महिलाओं को पूर्णत संतुष्ट करना नामुमकिन है.*हमारे स्टोर पर आने का धन्यवाद ! बांयी ओर 8सीढियाँ है जो बाहर की तरफ जाती है !!🙏🙏 *सांराश - आज समाज की सभी कन्याओं और वर पक्ष के माता पिता यह सब कर रहे है एवं 'अच्छा' और "अच्छा" ... के चक्कर में शादी की सही उम्र तो खत्म ही हो रही है.*
Monday, 9 January 2023
मायका और माँ ( कितनी खूबसूरत सच्ची कहानी है ). माँ थीं तो मोहल्ले भर को मेरे आने का पता होता था माँ थीं तो बने होते थे राजमाह चावल पुदीने की चटनी माँ थीं तो बिलकुल बुरा नहीं लगता था बिस्तर में लेटे रहना , सुस्ताना , टी वी देखना , चाय पीना माँ थीं तो अपने साथ साथ मेरे लिए भी डाल लेती थीं आम का अचार साल भर के लिए ले लेती साल भर के लिए देसी चावल जब छोटे छोटे बच्चों के साथ जाती तो कहती भूल जाओ सब , आनंद करो , मस्ती करो सब मैं संभाल लूँगी मेरे घर आती तो सब बनेरों पे पड़े होते धुले हुए चादर खेस लिहाफ़ सारे मोहल्ले को पता होता माँ आईं हैं निहायत बुरे वक्तों में सीने में मेरा मुँह छुपा लेती और कहती मैं हूँ न बुरा सपना आता तो सुबह बस पकड़ आती देखती मैं ठीक हूँ तो शाम को लौट जातींहाँ , काफ़ी छुपाती थी मैं अपने दर्द उन से पर माँ की आँखें तो तस्वीर में भी भाँप जाती है दर्द गईं तो मेरा मायका भी साथ ले गईंएक बार गई मैं तो बाहर वाले कमरे में बैठ घंटों रोती रहीकिसी को ख़बर तक न पड़ी मेरे आने की फिर सालों साल उस शहर में क़दम पड़े ही नहीं वो रास्ते यूँ जैसे नाग फ़न फैलाए बैठे हों सोचा था , अब धुँधला पड़ने लगा है सब अब जाने लगी हूँ उस शहर ख़रीदारी भी कर लेती हूँ वहाँ माँ थीं तो ज़रूरी होता था शॉपिंग पे जाना नहीं तो पूछतींकोई बात है उदास हो क्या पैसे मुझ से ले लो कुछ बचा कर रखे हैं तुम्हारे बाबू जी से परे नहीं , पर कुछ भी धुँधला नहीं पड़ा है पालती मार कर बैठा था कहीं ज़िंदगी की व्यस्तता में कहीं एक शब्द पढ़ा तो ज़ार ज़ार फूट पड़ा सब कोई भी दर्द क्या मर पाता है कभी पूरी तरह यूँ तो सब ठीक है पर काश माँ को कोई दर्द न देती काश उनका दर्द बाँट लेती काश उनके लिए ढेरों सूट गहने ख़रीद पाती काश उन्हें घुमाने ले जा पाती काश उन्होंने कभी जो देखे थे ख़्वाब पूरे कर पाती पर यह काश भी तो ख़ुद माँ बन कर ही समझ आता है इतनी देर से क्यों समझ आता है ? #maa
Sunday, 8 January 2023
Saturday, 7 January 2023
Wednesday, 4 January 2023
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